21-04-2025, 09:50 PM
नमस्ते। मैने ये वेबसाइट अभी जॉइन की है, और मै यह देखना चाहता हूं कि कितने लोग मेरे इस थ्रेड को देख पा रहे हैं। मै इस थ्रेड पर एक बहुत ही लंबी और कामुक कहानी शुरू करने वाला हूं, धीरे धीरे उसके अप्डेट्स आएंगे।
और हां, एक desclaimer है, मेरी कहानियों में किसी भी चीज़ की कोई सीमा नहीं होती। इसमें बहुत गंदी गंदी बातें हो सकती हैं जो शायद कुछ लोगों को नैतिक तौर पर अच्छी न लगें, तो ऐसे लोग कृपया आगे ना पढ़ें मेरी कहानी। मैं कहानी को कहानी की तरह से लिखता हूँ केवल मनोरंजन के लिए, इसका किसी भी वास्तविक घटना या जीवन से कोई संबंध नहीं होता है, वास्तविक जीवन बहुत अलग होता है, तो इससे ना कुछ सीखना है और न किसी भी तरह की प्रेरणा लेनी है, केवल enjoy करना है और भूल जाना है। चलिए काफी ज्ञान हो गया।
अभी अपनी कहानी में लिखी एक कविता मै पोस्ट कर रहा हूँ। बताइये की आपको यह कैसी लगी। और ज़्यादा से ज़्यादा कमेंट्स कीजिये, जितने ज्यादा कमैंट्स आएंगे, उतनी ही जल्दी हम अपनी कहानी शुरू कर देंगे।
कविता..
नाचेगी रे नाचेगी, मेरी घरवाली नाचेगी।
थिरक थिरक, और ठुमक ठुमक, मेरी जानम नंगी नाचेगी।
बलखाती, इठलाती छमिया। सुंदर, कोमल, प्यारी छमिया।
किसी की बहना, किसी की बिटिया। किसी की रंडी, किसी की कुतिया।
सुंदर चूची, प्यारे चूतड़। मस्त कटीली चूत।
इसकी मस्त जवानी के, देखो सभी सुबूत।
खोते सब मर्यादा, जब ये गोरी मर्यादा खोती है।
मन्त्र मुग्ध होते साधू भी, जब ये नंगी होती है।
नंगी होकर दिखा तू ऐसी मस्त अदाएं आज।
इन सब प्यासे मर्दों की, तू प्यास मिटा दे आज।
कभी कमर हिला, कभी झूम ज़रा, कभी ज़ोर से ठुमका मार।
अपने नंगे मस्त बदन का, उन्हें करा दीदार।
कभी बैठ मर्द की गोदी में, दे उसे तू थोड़ा प्यार।
तू चूम उसे, और प्रेम से अपना, दूध पिला इक बार।
अब आंख मिलाकर इश्क लड़ा, नैनों के तीर चला,
फिर आंख मारकर, मस्ती में, होंठों से दे पुचकार।
कभी शर्माती, सकुचाती, अपनी चूत में उंगली डाल।
कभी यूं ही मस्ती में अपने, कूल्हे पर चांटा मार।
कभी बांह उठाकर, कांख दिखा। कभी ज़ुल्फ़ें तू लहरा।
कभी खोल कर अपने चूतड़ तू, चूतड़ का छेद दिखा।
मर्दों के सीने में जलती, हवस मिटाने नाचेगी।
सबकी प्यारी, राज दुलारी, दिलरुबा हमारी नाचेगी।
मेरी लैला, आप सभी की, प्यास बुझाने नाचेगी।
शर्माती, घबराती, ये किस्मत की मारी नाचेगी।
गाँड़ हिलाकर। थन मटकाकर। अबला बेचारी नाचेगी।
थिरक थिरक, और ठुमक ठुमक, मेरी मेहबूबा नाचेगी।
थिरक थिरक, और ठुमक ठुमक, मेरी घरवाली नाचेगी।
मचल मचल कर, मटक मटक कर, नंगी होकर नाचेगी।
मचल मचल कर, मटक मटक कर, नंगी पुंगी नाचेगी।
धन्यवाद।
और हां, एक desclaimer है, मेरी कहानियों में किसी भी चीज़ की कोई सीमा नहीं होती। इसमें बहुत गंदी गंदी बातें हो सकती हैं जो शायद कुछ लोगों को नैतिक तौर पर अच्छी न लगें, तो ऐसे लोग कृपया आगे ना पढ़ें मेरी कहानी। मैं कहानी को कहानी की तरह से लिखता हूँ केवल मनोरंजन के लिए, इसका किसी भी वास्तविक घटना या जीवन से कोई संबंध नहीं होता है, वास्तविक जीवन बहुत अलग होता है, तो इससे ना कुछ सीखना है और न किसी भी तरह की प्रेरणा लेनी है, केवल enjoy करना है और भूल जाना है। चलिए काफी ज्ञान हो गया।
अभी अपनी कहानी में लिखी एक कविता मै पोस्ट कर रहा हूँ। बताइये की आपको यह कैसी लगी। और ज़्यादा से ज़्यादा कमेंट्स कीजिये, जितने ज्यादा कमैंट्स आएंगे, उतनी ही जल्दी हम अपनी कहानी शुरू कर देंगे।
कविता..
नाचेगी रे नाचेगी, मेरी घरवाली नाचेगी।
थिरक थिरक, और ठुमक ठुमक, मेरी जानम नंगी नाचेगी।
बलखाती, इठलाती छमिया। सुंदर, कोमल, प्यारी छमिया।
किसी की बहना, किसी की बिटिया। किसी की रंडी, किसी की कुतिया।
सुंदर चूची, प्यारे चूतड़। मस्त कटीली चूत।
इसकी मस्त जवानी के, देखो सभी सुबूत।
खोते सब मर्यादा, जब ये गोरी मर्यादा खोती है।
मन्त्र मुग्ध होते साधू भी, जब ये नंगी होती है।
नंगी होकर दिखा तू ऐसी मस्त अदाएं आज।
इन सब प्यासे मर्दों की, तू प्यास मिटा दे आज।
कभी कमर हिला, कभी झूम ज़रा, कभी ज़ोर से ठुमका मार।
अपने नंगे मस्त बदन का, उन्हें करा दीदार।
कभी बैठ मर्द की गोदी में, दे उसे तू थोड़ा प्यार।
तू चूम उसे, और प्रेम से अपना, दूध पिला इक बार।
अब आंख मिलाकर इश्क लड़ा, नैनों के तीर चला,
फिर आंख मारकर, मस्ती में, होंठों से दे पुचकार।
कभी शर्माती, सकुचाती, अपनी चूत में उंगली डाल।
कभी यूं ही मस्ती में अपने, कूल्हे पर चांटा मार।
कभी बांह उठाकर, कांख दिखा। कभी ज़ुल्फ़ें तू लहरा।
कभी खोल कर अपने चूतड़ तू, चूतड़ का छेद दिखा।
मर्दों के सीने में जलती, हवस मिटाने नाचेगी।
सबकी प्यारी, राज दुलारी, दिलरुबा हमारी नाचेगी।
मेरी लैला, आप सभी की, प्यास बुझाने नाचेगी।
शर्माती, घबराती, ये किस्मत की मारी नाचेगी।
गाँड़ हिलाकर। थन मटकाकर। अबला बेचारी नाचेगी।
थिरक थिरक, और ठुमक ठुमक, मेरी मेहबूबा नाचेगी।
थिरक थिरक, और ठुमक ठुमक, मेरी घरवाली नाचेगी।
मचल मचल कर, मटक मटक कर, नंगी होकर नाचेगी।
मचल मचल कर, मटक मटक कर, नंगी पुंगी नाचेगी।
धन्यवाद।