Part - 7
पूरी रात और सुबह की चुदाई क बाद मैं सुबह 5 छत के रस्ते अपने कमरे में आ गया,
२ सवाल अभी भी मेरे दिमाग में घूम रहे थे
पहला कि सुमन आंटी के पति का क्या हुवा और दूसरा ये कि नेहा भाभी कहा थी,
थोड़ी देर सोने के बाद उठ कर जब मैं नीचे आया तो देखा की राज मेरा दोस्त आया हुवा है,
राज " खुल गयी नींद साहब की "
मैं " अबे साले तू सुबह सुबह "
राज " क्यों नहीं आ सकता क्या?" देखलो भाभी खुद तो ये आता नहीं , मिलता है नहीं और कोई मिलने आये तो बोलता है के सुबह सुबह
मैं ये अच्छे से जानता था की राज की नजर मेरी भाभी पर रहती है
मैं " वो यार काम में बिजी था"
राज " काम में बिजी था ता काम क्रीड़ा में "
मैं " साले सुबह सुबह फालतू बात मत कर, किसलिए आया वो बोल"
राज " यार तू तो जानता है की मेरे बिज़नेस की हालत थोड़ी टाइट है और काम भी ज्यादा है त्यौहार की सीजन की वजह से,
दरअसल राज का गारमेंट्स की ट्रेडिंग का बिज़नेस है और वो उसे घर से ही चलाता है,
मैं " हाँ तो बोल क्या करना है ?"
राज " तू यार मेरे बहिन नीतू के ससुराल चला जा और उससे कुछ दिन के लिए उसको यहाँ ले आ, क्यूंकि रजनी उसकी बीवी को मायके जाना है"
मैं " ये तो कोई बात नहीं, कब जाना बता ?"
राज " अभी चला जा " मेरी गाड़ी लेजा
मैं " गाड़ी तो ले हे जाऊँगा लेकिन अभी नहीं , अभी काम है ऑफिस में " दोपहर के बाद चला जाऊंगा, मेरी ऑफिस की ब्रांच भी है उसी शहर में तो कोई बात करके ऑफिसियल टूर बनाने कोशिश करता हु " रात को वही रह के सुबह नीतू को ले भी आऊंगा,
राज " फिर ठीक है मैं नीतू को बोल देता हु की तू आज रात को उसके घर पर रुकेगा,
मैं " नहीं रे, मेरी कंपनी का गेस्ट हाउस है वही रह जाऊंगा ,
राज " वो नीतू जान ले लेगी तेरी अगर वह गया और उसके घर नहीं रुका तो, याद है पिछली बार का हंगामा"
मैं " ठीक है बोलदे "
फिर बाय बोलके राज चला गया, मैंने भी अपनी माँ को आज शाम का प्लान बता के ऑफिस के लिए निकल गया, ऑफिस में बात करके लंच में वापिस आके राज की गाड़ी लेके नीतू को लेने के लिए दूसरे शहर चला गया,
जब मैं नीतू के घर पहुंचा मुझे देख के नीतू बहुत खुश हुई और मुझे गले लगा लिया , जिस तरह से पिछले सप्ताह में मैंने चुदाई की है मुझे नीतू में भी राज की बहन कम एक चुड़क्कड़ और दिखाई दे रही थी,
जब मेरे राकेश जी को पता चला की नीतू पूरे 2 महीने के लिए मायके जाने वाली है तो चुदासे हो गयी। अगले दिन सुबह 9 बजे तक हमे निकलना था ।
अब जीजा जी के पास सिर्फ एक रात का वक़्त था।
जो भी करना था इसी में करना था।
रात हो गयी तो सब लोग साथ में खाना खाने लगे। फिर सोने का टाइम हो गया।
उनके पास सिर्फ 1 रात का वक्त था सेक्सी नीतू को चोदने के लिए।
नीतू मुझे छोटू पुकारती थी। ठण्ड बहुत जादा थी । नीतू जानती थी की मुझे नयी जगह इतनी आसानी से नींद नही आएगी।
मैं जाके दूसरे कमरे में सो गया,
यहाँ भी दो बाते थी, पहली की नयी जगह नींद नहीं आएगी और दूसरी की आज रात को नीतू की चुदाई जबरदस्त होगी,
काफी देर तक बिस्तर पर करवटे बदलने के बाद भी जब नींद नहीं आई तो मैं सिगरेट ले के सीढ़ियों की तरफ जाने लगा, देखा तो नीतू के कमरे में हल्की लाइट जल रही है, वापस भाग के में मेरे कमरे में आया क्यूंकि उनके और मेरे की दिवार एक ही थी और दोनों कमरों के बीच में आने जाने के लिए एक दरवाजा भी था, और जैसा सब कहानियो में होता है मुझे भी उस दरवाजे के पास से एक झिरि मिल गयी जिस से उनका पलंग पूरा का पूरा दिखाई दे रहा था,
अंदर मैंने देखा
राकेश जी नीतू के करीब आ गये। कमरे में सिर्फ एक छोटा नाईट बल्ब जल रहा था इसलिए हल्का सा अँधेरा था। पर कमरे में क्या चल रहा है ये तो आराम से समझ आ रहा था।
नीतू की जाने की खबर सुन कर राकेश जी ज्यादा ही रोमानटिक हो गये। उन्होंने नीतू को पकड़ लिया और सीने से लगा लिया।
आपको बता दूँ की नीतू बहुत जबरदस्त माल थी। नीतू बिलकुल दीपिका दिखती थी।
36” की बड़ी बड़ी मचलती चूचियों को देखकर राकेश जी पागल हो गये थे और फौरन ही शादी कर ली थी।
नीतू की शादी से पहले उनके बॉयफ्रेंड ने उनको खूब चोदा था। कई मर्दों से नीतू चुद चुकी थी। उनको सेक्स करने में विशेष आनंद आता था। लंड चूस चूसकर चुदना उनको बेहद अच्छा लगता था। गांड मराने का भी बहुत शौक था नीतू को। वो देखने में मस्त माल थी और साड़ी बब्लाउस में तो एक सम्पूर्ण भारतीय नारी दिखती थी। ऐसी थी नीतू ।
राकेश जी ने उनको बिस्तर पर पास खीच लिया और गालों पर चुम्मा देने लगे। राकेश जी बहुत आवाज करके नीतू के होठो का चुम्मा ले रहे थे।
राकेश जी बोले “जान !! चूत दो ना। देखो मेरे पास सिर्फ आज का वक़्त है। कल तो तुम 2 महीनो के लिए मायके जा रही हो”
नीतू बोली “दूर हटो। और थोड़ा सब्र करो, देखो छोटू पास वाले कमरे में ही सो रहा है। और तुमको मेरी चूत चोदने की पड़ी है”
राकेश जी को दूर भगाने लगी
राकेश जी बोले " वो सो गया होगा और नहीं भी सोया होगा तो वो भी देख सुन लेगा की उसकी दीदी कितनी सेक्सी है" ये कह के एक चुम्मा ले लिया, और अपने कमरे से बाहर आने लगे, मुझे समझते देर न लगी की वो मुझे ही देखने आ रहे की मैं सोया के नहीं'
मैंने तुरंत बिस्तर पर लेटते हुवे अपने चेहरे पर एक चादर डाल ली।
वे मेरे कमरे में आये और बोले " सो गए क्या साले साहब "'
मैं वैसा ही लेटा रहा कोई जवाब नहीं दिया,
वो वापस चले गए और मैं उठ कर वापस उसी झिरि पर आँखे गड़ा ली
राकेश जी वापस जाके बोले " छोटू तो खर्राटे लेकर सो रहा है। उसे तो पता भी नही चलेगा"
आज नीतू मेरे सामने ही चुदने जा रही थी।
नीतू फिर भी ना नुकुर कर रही थी
राकेश जी बोले “नीतू !! देखो ये सरासर गलत बात है। आज मुझे तुमको रात में जी भरकर चोद लेना है। फिर 2 महीने तो हाथ से काम चलाना होगा” और मनाने लगी।
फिर नीतू भी चुदने को राजी हो गयी क्यूंकि आग तो उधर भी लगी थी,
राकेश जी ने उनके ब्लाउस के बटन खोल दिए। ब्लाउस उतार दिया। फिर ब्रा भी निकाल दी। राकेश जी नीतू के यौवन पर टूट पड़े और जल्दी जल्दी उनके 36” के मम्मो हर हाथ घुमाने लगे।
नीतू “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” करने लगी।
राकेश जी कमरे में नाईट बल्ब की हल्की रौशनी में रासलीला कर रहे थे।
मैं भी सब नजारा देख रहा था।
नीतू नंगी होकर कितनी टॉप क्लास माल दिख रही थी। कितनी बड़ी बड़ी पामेला एंडरसन की तरह बेताब चूचियां थी उसकी की।
राकेश जी ने अपना चेहरे ही दोनों दूध के बिच में रख दिया और गुलगुली चूचियों से खेलने लगे। वो पागल हो गये थे। आज रात ऐश करने के मूड में थे।
हाथ से नीतू के दोनों बूब्स को जोर जोर से दबा रहे थे।
नीतू “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….”की सेक्सी आवाजे निकाल रही थी।
फिर राकेश जी ने नीतू के बाए मम्मे को मुंह में ले लिया और दबा दबाकर चूसने लगे।
दोस्तों जब मैंने ये नजारा देखा तो मेरा लंड उसी वक़्त खड़ा हो गया। मन हुआ की अभी आजकर मैं भी नीतू को चोद लूँ।
राकेश जी पूरे जोश में आ गये थे और जल्दी जल्दी बूब्स को चूस रहे थे।
नीतू के बूब्स मलाई जैसे तिकोने और नुकीले दिख रहे थे। सफ़ेद चिकनी और तराशी हुई चूचियां थी। निपल्स को बहुत नुकीली थी और पेन की नोंक की तरह दिख रही थी। निपल्स के चारो तरह काले काले सेक्सी चन्द्रमा की तरह गोले थे जो बेहद सेक्सी दिख रहे थे।
राकेश जी नीतू के बूब्स को मुंह में लेकर ऐसे चूस रहे थे जैसे आज पहली बार मजा ले रहे हो। मैं सब नजारा देख रहा था। मेरा लंड भी खड़ा हो गया था। मेरी नींद तो छू मन्तर हो गयी थी।
“आराम से पीजिये जी!! लग रही है” नीतू ने कहा पर राकेश जी अपने फूल मूड में रहे।
वो तो बूब्स को बदल बदलकर चूस रहे थे। फिर वो थक गये और लेट गये।
नीतू अब बिस्तर पर बैठ गयी। राकेश जी ने नीचे लोअर पहना हुआ था। नीतू ने अपने हाथ से उनका लोअर उतार दिया।
फिर उनकी अंडरवियर उतार दी। नीतू राकेश जी के लंड को जल्दी जल्दी मुठ मारने लगी।
जब मैंने अपनी आँखों से देखा तो विश्वास ही नही हो रहा था। नीतू लंड भी चूसती होंगी ये तो मैंने सपने में नही सोचा था नीतू जल्दी जल्दी राकेश जी का लंड को मुठ मर रही थी।
6” लम्बा और 2” मोटा लंड। नीतू किसी रंडी की तरह जल्दी जल्दी लौड़े को मुठ मारने लगी। उससे खेलने लगी। लौड़ा उसके चेहरे जितना लम्बा था।
फिर नीतू झुक गयी और लंड के टोपे पर अपनी जीभ लगाने लगी।
राकेश जी “…..ही ही ही……अ अ अ अ .अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” करने लगे।
उनको बड़ा मजा आ रहा था। फिर नीतू ने लौड़े को मुंह में ले लिया और चूसने लगी। दोनों ऐश करने लगे।
जब मैंने देखा तो मन ही मन सोच रहा था की साली बड़ी मस्त हो गयी इससे तो मैं भी जरूर चोदूंगा है।
कुछ देर में नीतू किसी देसी छिनाल की तरह जीजा का लंड चूस रही थी। जल्दी जल्दी अपने सिर को उपर नीचे कर रही थी। खूब चूसने की आवाज हो रही थी। राकेश जी उनके बूब्स की निपल्स को ऊँगली से घुमा रहे थे। नीतू भी सिसक रही थी। इस तरह आधे घंटे से जादा लंड चुसव्वल हुआ। अब नीतू राकेश जी की गोलियों को हाथ से दबाने लगी। फिर टॉफी की तरह मुंह में लेकर चूसने लगी। गोलियों को खूब चूसा उन्होंने।
नीतू से अपनी साड़ी उतारी और बेड पर ही किनारे रख दी। अपने पेटीकोट का नारा उन्होंने खोल दिया और निकाल दिया। फिर चड्डी उतार दी। नीतू नंगी होकर दोनों पैर खोलकर लेट गयी।
राकेश जी उनके उपर आ गये और उनके टांग और खूबसूरत चिकनी जांघो पर किस करने लगे। चुम्मी की चूं चूं की आवाज मैं साफ़ सुन सकता था।
आज तो मुझे लाइव ब्लू फिल्म देखने को मिल गयी थी।
राकेश जी जल्दी जल्दी नीतू की चूत चाटने लगे,
नीतू “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” की सेक्सी आवाजे निकालने लगी।
खूब चूत को चूसा उसने ने।
नीतू बोली " बस अब डाल दो "
राकेश जी ने अपना लंड चूत में डाल दिया और जल्दी जल्दी नीतू को चोदने लगे।
नीतू दोनों टांगो को उठाकर चुदवा रही थी। बेड चर चर की आवाज कर रहा था। राकेश जी अपने 6” के ताकतवर लंड से नीतू की चुद्दी फाड़ रहे थे। जल्दी जल्दी पेल रहे थे,
नीतू की चूत में जीजा का लंड जल्दी जल्दी सर्कश का कमाल दिखा रहा था। अंदर बाहर दौड़ लगा रहा था। दोनों खूब मजा में सिसकिया मार रहे थे।
नीतू बोले जा रही थी “ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… चोदो चोदो…. आज मेरी चूत फाड़ फाड़कर इसका भरता बना डालो जाननननन….जान!!”
वो भी भरपूर जोश में आ गयी थी।
नीतू की बात सुनकर राकेश जी और कर्रे कर्रे धक्के मारने लगे। नीतू ने कामोत्तेजना में राकेश जी के सिर के बालो को पकड़ लिया और नोचने लगे।
राकेश जी कमर उठा उठाकर नीतू के भोसड़े का कचूमर बना रहे थे। उनकी चूत से पानी बह रहा था। बार बार सफ़ेद क्रीम बाहर आ जाती थी और लौड़े पर लग जाती थी। इससे राकेश जी को अधिक चिकनाहट चूत के अंदर मिल रही थी। चूत मारने में मदद कर रही थी।
एक बार फिर से राकेश जी ने अपने होठ नीतू के होठो पर रख दिए और उनको अपनी बाहों में समेट लिया। और चूसते चूसते उनको पेलने लगे। ऐसा गरमा गर्म सीन जब मैंने देखा तो मेरा तो माल ही झड़ गया। मेरे लंड से माल अपने आप छूट गया। पर मैं कुछ नही कर सका। । तेज धक्के मारते मारते राकेश जी ने चूत को वीर्य से भर दिया और नीतू के उपर ही लेट गये। नीतू उनके गाल और चेहरे पर हाथ से सहलाने लगी।
ठण्ड ज्यादा थी मैं भी मुठ मार के रज़ाई में घुस गया और नीदं आ गयी,
सुबह 4 बजे मेरी आँख थोड़ी आवाज से खुल गयी। फटाफट उसी झिरी में से देखा देखा तो राकेश जी नीतू को कुतिया बनाए हुए थे और जल्दी जल्दी गांड चोद रहे थे। मुझे ऐसा लगा जैसे ये लोग पुरी रात सोये ही नहीं,
एक बार फिर से मेरा लंड मेरे पजामे में खड़ा हो गया, और वही खड़ा मैं मुठ मारने लगा,
राकेश जी ने आधे घंटे नीतू की गांड चोदी। फिर गांड में ही माल छोड़ दिया।
पूरी रात और सुबह की चुदाई क बाद मैं सुबह 5 छत के रस्ते अपने कमरे में आ गया,
२ सवाल अभी भी मेरे दिमाग में घूम रहे थे
पहला कि सुमन आंटी के पति का क्या हुवा और दूसरा ये कि नेहा भाभी कहा थी,
थोड़ी देर सोने के बाद उठ कर जब मैं नीचे आया तो देखा की राज मेरा दोस्त आया हुवा है,
राज " खुल गयी नींद साहब की "
मैं " अबे साले तू सुबह सुबह "
राज " क्यों नहीं आ सकता क्या?" देखलो भाभी खुद तो ये आता नहीं , मिलता है नहीं और कोई मिलने आये तो बोलता है के सुबह सुबह
मैं ये अच्छे से जानता था की राज की नजर मेरी भाभी पर रहती है
मैं " वो यार काम में बिजी था"
राज " काम में बिजी था ता काम क्रीड़ा में "
मैं " साले सुबह सुबह फालतू बात मत कर, किसलिए आया वो बोल"
राज " यार तू तो जानता है की मेरे बिज़नेस की हालत थोड़ी टाइट है और काम भी ज्यादा है त्यौहार की सीजन की वजह से,
दरअसल राज का गारमेंट्स की ट्रेडिंग का बिज़नेस है और वो उसे घर से ही चलाता है,
मैं " हाँ तो बोल क्या करना है ?"
राज " तू यार मेरे बहिन नीतू के ससुराल चला जा और उससे कुछ दिन के लिए उसको यहाँ ले आ, क्यूंकि रजनी उसकी बीवी को मायके जाना है"
मैं " ये तो कोई बात नहीं, कब जाना बता ?"
राज " अभी चला जा " मेरी गाड़ी लेजा
मैं " गाड़ी तो ले हे जाऊँगा लेकिन अभी नहीं , अभी काम है ऑफिस में " दोपहर के बाद चला जाऊंगा, मेरी ऑफिस की ब्रांच भी है उसी शहर में तो कोई बात करके ऑफिसियल टूर बनाने कोशिश करता हु " रात को वही रह के सुबह नीतू को ले भी आऊंगा,
राज " फिर ठीक है मैं नीतू को बोल देता हु की तू आज रात को उसके घर पर रुकेगा,
मैं " नहीं रे, मेरी कंपनी का गेस्ट हाउस है वही रह जाऊंगा ,
राज " वो नीतू जान ले लेगी तेरी अगर वह गया और उसके घर नहीं रुका तो, याद है पिछली बार का हंगामा"
मैं " ठीक है बोलदे "
फिर बाय बोलके राज चला गया, मैंने भी अपनी माँ को आज शाम का प्लान बता के ऑफिस के लिए निकल गया, ऑफिस में बात करके लंच में वापिस आके राज की गाड़ी लेके नीतू को लेने के लिए दूसरे शहर चला गया,
जब मैं नीतू के घर पहुंचा मुझे देख के नीतू बहुत खुश हुई और मुझे गले लगा लिया , जिस तरह से पिछले सप्ताह में मैंने चुदाई की है मुझे नीतू में भी राज की बहन कम एक चुड़क्कड़ और दिखाई दे रही थी,
जब मेरे राकेश जी को पता चला की नीतू पूरे 2 महीने के लिए मायके जाने वाली है तो चुदासे हो गयी। अगले दिन सुबह 9 बजे तक हमे निकलना था ।
अब जीजा जी के पास सिर्फ एक रात का वक़्त था।
जो भी करना था इसी में करना था।
रात हो गयी तो सब लोग साथ में खाना खाने लगे। फिर सोने का टाइम हो गया।
उनके पास सिर्फ 1 रात का वक्त था सेक्सी नीतू को चोदने के लिए।
नीतू मुझे छोटू पुकारती थी। ठण्ड बहुत जादा थी । नीतू जानती थी की मुझे नयी जगह इतनी आसानी से नींद नही आएगी।
मैं जाके दूसरे कमरे में सो गया,
यहाँ भी दो बाते थी, पहली की नयी जगह नींद नहीं आएगी और दूसरी की आज रात को नीतू की चुदाई जबरदस्त होगी,
काफी देर तक बिस्तर पर करवटे बदलने के बाद भी जब नींद नहीं आई तो मैं सिगरेट ले के सीढ़ियों की तरफ जाने लगा, देखा तो नीतू के कमरे में हल्की लाइट जल रही है, वापस भाग के में मेरे कमरे में आया क्यूंकि उनके और मेरे की दिवार एक ही थी और दोनों कमरों के बीच में आने जाने के लिए एक दरवाजा भी था, और जैसा सब कहानियो में होता है मुझे भी उस दरवाजे के पास से एक झिरि मिल गयी जिस से उनका पलंग पूरा का पूरा दिखाई दे रहा था,
अंदर मैंने देखा
राकेश जी नीतू के करीब आ गये। कमरे में सिर्फ एक छोटा नाईट बल्ब जल रहा था इसलिए हल्का सा अँधेरा था। पर कमरे में क्या चल रहा है ये तो आराम से समझ आ रहा था।
नीतू की जाने की खबर सुन कर राकेश जी ज्यादा ही रोमानटिक हो गये। उन्होंने नीतू को पकड़ लिया और सीने से लगा लिया।
आपको बता दूँ की नीतू बहुत जबरदस्त माल थी। नीतू बिलकुल दीपिका दिखती थी।
36” की बड़ी बड़ी मचलती चूचियों को देखकर राकेश जी पागल हो गये थे और फौरन ही शादी कर ली थी।
नीतू की शादी से पहले उनके बॉयफ्रेंड ने उनको खूब चोदा था। कई मर्दों से नीतू चुद चुकी थी। उनको सेक्स करने में विशेष आनंद आता था। लंड चूस चूसकर चुदना उनको बेहद अच्छा लगता था। गांड मराने का भी बहुत शौक था नीतू को। वो देखने में मस्त माल थी और साड़ी बब्लाउस में तो एक सम्पूर्ण भारतीय नारी दिखती थी। ऐसी थी नीतू ।
राकेश जी ने उनको बिस्तर पर पास खीच लिया और गालों पर चुम्मा देने लगे। राकेश जी बहुत आवाज करके नीतू के होठो का चुम्मा ले रहे थे।
राकेश जी बोले “जान !! चूत दो ना। देखो मेरे पास सिर्फ आज का वक़्त है। कल तो तुम 2 महीनो के लिए मायके जा रही हो”
नीतू बोली “दूर हटो। और थोड़ा सब्र करो, देखो छोटू पास वाले कमरे में ही सो रहा है। और तुमको मेरी चूत चोदने की पड़ी है”
राकेश जी को दूर भगाने लगी
राकेश जी बोले " वो सो गया होगा और नहीं भी सोया होगा तो वो भी देख सुन लेगा की उसकी दीदी कितनी सेक्सी है" ये कह के एक चुम्मा ले लिया, और अपने कमरे से बाहर आने लगे, मुझे समझते देर न लगी की वो मुझे ही देखने आ रहे की मैं सोया के नहीं'
मैंने तुरंत बिस्तर पर लेटते हुवे अपने चेहरे पर एक चादर डाल ली।
वे मेरे कमरे में आये और बोले " सो गए क्या साले साहब "'
मैं वैसा ही लेटा रहा कोई जवाब नहीं दिया,
वो वापस चले गए और मैं उठ कर वापस उसी झिरि पर आँखे गड़ा ली
राकेश जी वापस जाके बोले " छोटू तो खर्राटे लेकर सो रहा है। उसे तो पता भी नही चलेगा"
आज नीतू मेरे सामने ही चुदने जा रही थी।
नीतू फिर भी ना नुकुर कर रही थी
राकेश जी बोले “नीतू !! देखो ये सरासर गलत बात है। आज मुझे तुमको रात में जी भरकर चोद लेना है। फिर 2 महीने तो हाथ से काम चलाना होगा” और मनाने लगी।
फिर नीतू भी चुदने को राजी हो गयी क्यूंकि आग तो उधर भी लगी थी,
राकेश जी ने उनके ब्लाउस के बटन खोल दिए। ब्लाउस उतार दिया। फिर ब्रा भी निकाल दी। राकेश जी नीतू के यौवन पर टूट पड़े और जल्दी जल्दी उनके 36” के मम्मो हर हाथ घुमाने लगे।
नीतू “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” करने लगी।
राकेश जी कमरे में नाईट बल्ब की हल्की रौशनी में रासलीला कर रहे थे।
मैं भी सब नजारा देख रहा था।
नीतू नंगी होकर कितनी टॉप क्लास माल दिख रही थी। कितनी बड़ी बड़ी पामेला एंडरसन की तरह बेताब चूचियां थी उसकी की।
राकेश जी ने अपना चेहरे ही दोनों दूध के बिच में रख दिया और गुलगुली चूचियों से खेलने लगे। वो पागल हो गये थे। आज रात ऐश करने के मूड में थे।
हाथ से नीतू के दोनों बूब्स को जोर जोर से दबा रहे थे।
नीतू “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….”की सेक्सी आवाजे निकाल रही थी।
फिर राकेश जी ने नीतू के बाए मम्मे को मुंह में ले लिया और दबा दबाकर चूसने लगे।
दोस्तों जब मैंने ये नजारा देखा तो मेरा लंड उसी वक़्त खड़ा हो गया। मन हुआ की अभी आजकर मैं भी नीतू को चोद लूँ।
राकेश जी पूरे जोश में आ गये थे और जल्दी जल्दी बूब्स को चूस रहे थे।
नीतू के बूब्स मलाई जैसे तिकोने और नुकीले दिख रहे थे। सफ़ेद चिकनी और तराशी हुई चूचियां थी। निपल्स को बहुत नुकीली थी और पेन की नोंक की तरह दिख रही थी। निपल्स के चारो तरह काले काले सेक्सी चन्द्रमा की तरह गोले थे जो बेहद सेक्सी दिख रहे थे।
राकेश जी नीतू के बूब्स को मुंह में लेकर ऐसे चूस रहे थे जैसे आज पहली बार मजा ले रहे हो। मैं सब नजारा देख रहा था। मेरा लंड भी खड़ा हो गया था। मेरी नींद तो छू मन्तर हो गयी थी।
“आराम से पीजिये जी!! लग रही है” नीतू ने कहा पर राकेश जी अपने फूल मूड में रहे।
वो तो बूब्स को बदल बदलकर चूस रहे थे। फिर वो थक गये और लेट गये।
नीतू अब बिस्तर पर बैठ गयी। राकेश जी ने नीचे लोअर पहना हुआ था। नीतू ने अपने हाथ से उनका लोअर उतार दिया।
फिर उनकी अंडरवियर उतार दी। नीतू राकेश जी के लंड को जल्दी जल्दी मुठ मारने लगी।
जब मैंने अपनी आँखों से देखा तो विश्वास ही नही हो रहा था। नीतू लंड भी चूसती होंगी ये तो मैंने सपने में नही सोचा था नीतू जल्दी जल्दी राकेश जी का लंड को मुठ मर रही थी।
6” लम्बा और 2” मोटा लंड। नीतू किसी रंडी की तरह जल्दी जल्दी लौड़े को मुठ मारने लगी। उससे खेलने लगी। लौड़ा उसके चेहरे जितना लम्बा था।
फिर नीतू झुक गयी और लंड के टोपे पर अपनी जीभ लगाने लगी।
राकेश जी “…..ही ही ही……अ अ अ अ .अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” करने लगे।
उनको बड़ा मजा आ रहा था। फिर नीतू ने लौड़े को मुंह में ले लिया और चूसने लगी। दोनों ऐश करने लगे।
जब मैंने देखा तो मन ही मन सोच रहा था की साली बड़ी मस्त हो गयी इससे तो मैं भी जरूर चोदूंगा है।
कुछ देर में नीतू किसी देसी छिनाल की तरह जीजा का लंड चूस रही थी। जल्दी जल्दी अपने सिर को उपर नीचे कर रही थी। खूब चूसने की आवाज हो रही थी। राकेश जी उनके बूब्स की निपल्स को ऊँगली से घुमा रहे थे। नीतू भी सिसक रही थी। इस तरह आधे घंटे से जादा लंड चुसव्वल हुआ। अब नीतू राकेश जी की गोलियों को हाथ से दबाने लगी। फिर टॉफी की तरह मुंह में लेकर चूसने लगी। गोलियों को खूब चूसा उन्होंने।
नीतू से अपनी साड़ी उतारी और बेड पर ही किनारे रख दी। अपने पेटीकोट का नारा उन्होंने खोल दिया और निकाल दिया। फिर चड्डी उतार दी। नीतू नंगी होकर दोनों पैर खोलकर लेट गयी।
राकेश जी उनके उपर आ गये और उनके टांग और खूबसूरत चिकनी जांघो पर किस करने लगे। चुम्मी की चूं चूं की आवाज मैं साफ़ सुन सकता था।
आज तो मुझे लाइव ब्लू फिल्म देखने को मिल गयी थी।
राकेश जी जल्दी जल्दी नीतू की चूत चाटने लगे,
नीतू “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” की सेक्सी आवाजे निकालने लगी।
खूब चूत को चूसा उसने ने।
नीतू बोली " बस अब डाल दो "
राकेश जी ने अपना लंड चूत में डाल दिया और जल्दी जल्दी नीतू को चोदने लगे।
नीतू दोनों टांगो को उठाकर चुदवा रही थी। बेड चर चर की आवाज कर रहा था। राकेश जी अपने 6” के ताकतवर लंड से नीतू की चुद्दी फाड़ रहे थे। जल्दी जल्दी पेल रहे थे,
नीतू की चूत में जीजा का लंड जल्दी जल्दी सर्कश का कमाल दिखा रहा था। अंदर बाहर दौड़ लगा रहा था। दोनों खूब मजा में सिसकिया मार रहे थे।
नीतू बोले जा रही थी “ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… चोदो चोदो…. आज मेरी चूत फाड़ फाड़कर इसका भरता बना डालो जाननननन….जान!!”
वो भी भरपूर जोश में आ गयी थी।
नीतू की बात सुनकर राकेश जी और कर्रे कर्रे धक्के मारने लगे। नीतू ने कामोत्तेजना में राकेश जी के सिर के बालो को पकड़ लिया और नोचने लगे।
राकेश जी कमर उठा उठाकर नीतू के भोसड़े का कचूमर बना रहे थे। उनकी चूत से पानी बह रहा था। बार बार सफ़ेद क्रीम बाहर आ जाती थी और लौड़े पर लग जाती थी। इससे राकेश जी को अधिक चिकनाहट चूत के अंदर मिल रही थी। चूत मारने में मदद कर रही थी।
एक बार फिर से राकेश जी ने अपने होठ नीतू के होठो पर रख दिए और उनको अपनी बाहों में समेट लिया। और चूसते चूसते उनको पेलने लगे। ऐसा गरमा गर्म सीन जब मैंने देखा तो मेरा तो माल ही झड़ गया। मेरे लंड से माल अपने आप छूट गया। पर मैं कुछ नही कर सका। । तेज धक्के मारते मारते राकेश जी ने चूत को वीर्य से भर दिया और नीतू के उपर ही लेट गये। नीतू उनके गाल और चेहरे पर हाथ से सहलाने लगी।
ठण्ड ज्यादा थी मैं भी मुठ मार के रज़ाई में घुस गया और नीदं आ गयी,
सुबह 4 बजे मेरी आँख थोड़ी आवाज से खुल गयी। फटाफट उसी झिरी में से देखा देखा तो राकेश जी नीतू को कुतिया बनाए हुए थे और जल्दी जल्दी गांड चोद रहे थे। मुझे ऐसा लगा जैसे ये लोग पुरी रात सोये ही नहीं,
एक बार फिर से मेरा लंड मेरे पजामे में खड़ा हो गया, और वही खड़ा मैं मुठ मारने लगा,
राकेश जी ने आधे घंटे नीतू की गांड चोदी। फिर गांड में ही माल छोड़ दिया।