दुबई के चाचाजी का ईमोल - १
( नुनि ओर मुहसल मे अंतर )
मेरा नाम अमित है, कहानी को पीछलो भाग मे आपने पढा होगा की कोसे मैने ईंटरनेट ग्रुप का मॆंबर बन को एक अन्जान अदमि जो दुबई मे काम करता था जीसे मै मोहन चाचा कहने लगा ऊसे देस्ती की ओर ऊसे ईंडीया बुलाके ऊससे अपनी बीवी नेहा की सेटिंग कराको ऊससे अपनि बीविको चुदवाया। और जब नेहा प्रॆग्नेंट हुई ओर मैने ये बात चाचाजी को बताई तो वे बहुत खुश हुए ओर मुझे मुबारक बात दी। ओर कहा की ए खुशखबरी दोने के लीए ओ मुझे एक गीफ्ट दोंगे मगर वो गीफ्ट सीर्फ मेरे लीएही होगी, ओर ईस पात का पता नेहाको क्या कीसी ओर को भी नही लगना चाहीये। तो मैने भी चाचाजी से वादा कीया की ये बात मै कीसीसे नही शेर करुंगा। तब चाचाजी ने कहा की वे मुझे हर हफ्ते शुक्रवार को ईमोलस भेजोंगे ओर ऊन्होने मुझे वो ईमोलस अकोलोमे पढ्नोकोलीए कहा, तो मैने भी हाः कर दी। ओर मै चाचाजी को ईमोलस का ईंतजार करनो लगा। ईस भाग मे चाचाजी को ईमोल को बारोमे बतऊंगा की ऊसमे क्या था.....।
आज शुक्रवार था तो मै आफीस से आनो के बाद नेहा से काम का बहाना बनाके खाना खा कर मेरा ल्यापटाप लोके दुसरे कमरेमे चला गया, ओर नेहा हमारे कमरेमे सोने चली गयी। शुक्रवार क दीन हम दोने के लीए सही था, क्युकी शुक्रवार को चाचाजी को दुबई मे छुटी होति है ओर शनीवार, रवीवार को मुझे छुटी होति है तो चाचाजी भी आराम से ईमोलस भोज सकतोथे ओर मै भी आराम से ऊन ईमोलस को रात को पढ सकताथा। मै ल्यापटाप लोके दुसरे कमरेमे आया ओर ऊसे ईंटरनेट ओर बडे एक्सटर्नल स्क्रीन से जोड कर चाचाजी का ईमोल खोल कर पढने लगा। ऊसमे पहलो तो चाचाजी नो ऊसे हमारे घर मे एक महीना रुकने दीया इसका आभार जतायाथा, ओर मुझे बाप बन्नो को बघ्घायि दी थी। ओर आहे मुझसे माफी भी मागीथी, क्यू की ऊन्होने मुझे ऊनके ओर नेहाके बीच हुई चुदाई देखने नही दी थी। हालाकी मै चाचाजी ओर नेहाके बीच हुई चुदाई देखनी थी, ओर ए बात मैने चाचाजीसे भी कही थी, पर ऊन्होने तब मना कर दीया था। ताकी मै ऊन्हे नेहाके साथ सेक्स करते दोख कर बाद मे ऊनके सामने गील्टी फील ना करु ओर ओ भी घर मे रहते हुए असहज महसुस ना कर सके, ओर मुझे ऊनकी यह बात सहीभी लगीथी। मगर अब स्थीतिया अलग थी चाचाजी वापससे दुबई जा चुको थे ओर मै भी ऊनके ओर नेहाके बीच हुई सेक्स को अपना चुका था। तो ईमोल मै इन सब को बाद आखीर मे लीखा था, "अमित बेटा अब मै जो तुम्हे दीखाने जा रहा हु वे दोखनेके बाद तुम मुझसे वादा करे की तुम बहुसे वैसेही ओर ऊतना ही प्यार करोगे जैसे मेरे तुम्हासे घर आनेसे पहले ओर अबभी करते हो। ए सब मै तुम्हे इस लीए दीखा रहाहु की तुमने मुझसे मेरे ओर नेहाके बीच हुई चुदाई देखने की जीद्द की थी, ओर ऐ सब दोखनेके बाद तुम मुझसे या बहुसे घ्रीणा या द्वोश नही करेगे, क्यु की ऊस एक महीने तुम्हारे घर मे रुकने बाद मै तुम्हे ओर बहुको अपना परीवार माननो लगा हू। ऎ सब सीर्फ तुम्हारी वझेसेही मुंमकीन हो पाया है तो ये मेरा फर्जं बनता है की मै तुम्हारी ईछा पुरी करु। तुम्हारा एक महीने का अन्जाना मोहन चाचा..."। ओर ईमोल को नीचे आखीर मे नोट लीखाथा, "ऎंजाय दी शो...." ओर चाचाजी ने एक लींक भैजा था। जब मैने ऊसपर क्लीक कीया तो वे मुझे चाचाजी को पर्सनल क्लैड ड्रैव पर लो गया जहा मुझे बहुत से वीडियेस अपलोडेड दीखे, ओ सारे HD व्कालीटिके वीडियेस थे, तो मै ऊन वीडियेस को फ्ले करको देखने लगा।
( नुनि ओर मुहसल मे अंतर )
मेरा नाम अमित है, कहानी को पीछलो भाग मे आपने पढा होगा की कोसे मैने ईंटरनेट ग्रुप का मॆंबर बन को एक अन्जान अदमि जो दुबई मे काम करता था जीसे मै मोहन चाचा कहने लगा ऊसे देस्ती की ओर ऊसे ईंडीया बुलाके ऊससे अपनी बीवी नेहा की सेटिंग कराको ऊससे अपनि बीविको चुदवाया। और जब नेहा प्रॆग्नेंट हुई ओर मैने ये बात चाचाजी को बताई तो वे बहुत खुश हुए ओर मुझे मुबारक बात दी। ओर कहा की ए खुशखबरी दोने के लीए ओ मुझे एक गीफ्ट दोंगे मगर वो गीफ्ट सीर्फ मेरे लीएही होगी, ओर ईस पात का पता नेहाको क्या कीसी ओर को भी नही लगना चाहीये। तो मैने भी चाचाजी से वादा कीया की ये बात मै कीसीसे नही शेर करुंगा। तब चाचाजी ने कहा की वे मुझे हर हफ्ते शुक्रवार को ईमोलस भेजोंगे ओर ऊन्होने मुझे वो ईमोलस अकोलोमे पढ्नोकोलीए कहा, तो मैने भी हाः कर दी। ओर मै चाचाजी को ईमोलस का ईंतजार करनो लगा। ईस भाग मे चाचाजी को ईमोल को बारोमे बतऊंगा की ऊसमे क्या था.....।
आज शुक्रवार था तो मै आफीस से आनो के बाद नेहा से काम का बहाना बनाके खाना खा कर मेरा ल्यापटाप लोके दुसरे कमरेमे चला गया, ओर नेहा हमारे कमरेमे सोने चली गयी। शुक्रवार क दीन हम दोने के लीए सही था, क्युकी शुक्रवार को चाचाजी को दुबई मे छुटी होति है ओर शनीवार, रवीवार को मुझे छुटी होति है तो चाचाजी भी आराम से ईमोलस भोज सकतोथे ओर मै भी आराम से ऊन ईमोलस को रात को पढ सकताथा। मै ल्यापटाप लोके दुसरे कमरेमे आया ओर ऊसे ईंटरनेट ओर बडे एक्सटर्नल स्क्रीन से जोड कर चाचाजी का ईमोल खोल कर पढने लगा। ऊसमे पहलो तो चाचाजी नो ऊसे हमारे घर मे एक महीना रुकने दीया इसका आभार जतायाथा, ओर मुझे बाप बन्नो को बघ्घायि दी थी। ओर आहे मुझसे माफी भी मागीथी, क्यू की ऊन्होने मुझे ऊनके ओर नेहाके बीच हुई चुदाई देखने नही दी थी। हालाकी मै चाचाजी ओर नेहाके बीच हुई चुदाई देखनी थी, ओर ए बात मैने चाचाजीसे भी कही थी, पर ऊन्होने तब मना कर दीया था। ताकी मै ऊन्हे नेहाके साथ सेक्स करते दोख कर बाद मे ऊनके सामने गील्टी फील ना करु ओर ओ भी घर मे रहते हुए असहज महसुस ना कर सके, ओर मुझे ऊनकी यह बात सहीभी लगीथी। मगर अब स्थीतिया अलग थी चाचाजी वापससे दुबई जा चुको थे ओर मै भी ऊनके ओर नेहाके बीच हुई सेक्स को अपना चुका था। तो ईमोल मै इन सब को बाद आखीर मे लीखा था, "अमित बेटा अब मै जो तुम्हे दीखाने जा रहा हु वे दोखनेके बाद तुम मुझसे वादा करे की तुम बहुसे वैसेही ओर ऊतना ही प्यार करोगे जैसे मेरे तुम्हासे घर आनेसे पहले ओर अबभी करते हो। ए सब मै तुम्हे इस लीए दीखा रहाहु की तुमने मुझसे मेरे ओर नेहाके बीच हुई चुदाई देखने की जीद्द की थी, ओर ऐ सब दोखनेके बाद तुम मुझसे या बहुसे घ्रीणा या द्वोश नही करेगे, क्यु की ऊस एक महीने तुम्हारे घर मे रुकने बाद मै तुम्हे ओर बहुको अपना परीवार माननो लगा हू। ऎ सब सीर्फ तुम्हारी वझेसेही मुंमकीन हो पाया है तो ये मेरा फर्जं बनता है की मै तुम्हारी ईछा पुरी करु। तुम्हारा एक महीने का अन्जाना मोहन चाचा..."। ओर ईमोल को नीचे आखीर मे नोट लीखाथा, "ऎंजाय दी शो...." ओर चाचाजी ने एक लींक भैजा था। जब मैने ऊसपर क्लीक कीया तो वे मुझे चाचाजी को पर्सनल क्लैड ड्रैव पर लो गया जहा मुझे बहुत से वीडियेस अपलोडेड दीखे, ओ सारे HD व्कालीटिके वीडियेस थे, तो मै ऊन वीडियेस को फ्ले करको देखने लगा।
ಇ೦ತಿ ನಿಮ್ಮ,
ಕಾಮರಾಜ
ಕಾಮರಾಜ