27-03-2025, 02:37 PM
शीतल जल्दी से खड़ी हुई, फूलों के बचे हुए हिस्से को इकट्ठा किया और फूलदान को वापस शेल्फ पर रख दिया। फिर उसने सफाई रोक दी, और अपने हाथों को अपनी पैंट पर रख लिया। मैं देख सकता था कि वह उस जगह की ओर इशारा कर रही थी, जहाँ उसकी जाँघों और नितंबों पर गंदगी थी।
उसने कुछ कहा और जवाब के लिए माथुर की ओर देखा। कुछ ही देर बाद मैं विस्मय में देख रहा था क्योंकि उसने अपनी चड्डी की लास्टिक में अपने अंगूठे डाले और चड्डी को नीचे खींच लिया। उसने अपनी गांड चाड की ओर घुमाई और अपनी गांड के गालों से गीली चड्डी के कपड़े को अलग करने के लिए ऊपर-नीचे कूदी। जब वह कूद रही थी तो गांड अनियंत्रित रूप से उछल रही थी
, मुझे अपनी लड़की पर गर्व था कि वह जो दिखावा कर रही थी। हालाँकि वह गणित में बहुत कमज़ोर थी, लेकिन वह एक आदमी को पटाने में बहुत प्रतिभाशाली थी।
शीतल सफ़ेद लेस वाली पैंटी पहनी हुई थी, और एक भीगा हुआ ट्यूब टॉप था जो इस समय पूरी तरह से पारदर्शी था। पानी की बूँदें उसके नंगे पेट से बहकर उसके नंगे नितंबों और जाँघों पर आ रही थीं।
उसने एक सफाई का कपड़ा पकड़ा और अब वह काम करते हुए उसकी मेज़ साफ करने लगी। अब माथुर ने काम करने का दिखावा करने की कोई कोशिश नहीं की। वह बस उसे ऊपर से नीचे तक देख रहा था
वह टेबल के दूसरी तरफ़ खड़ी होकर उसके सामने झुक गई। उसने अपनी अब पूरी तरह से दिखाई देने वाली चूचियों को उसके सामने उजागर कर दिया, क्योंकि उसके स्तन कपड़े से की गई हर हरकत के साथ उछल रहे थे।
जैसे ही शीतल ने महसूस किया कि माथुर उसकी हरकतों से और अधिक उत्तेजित हो रहा है, वह उठ गई और घूम गई। कि सर मेरे कपडे गंदे हो गए है क्या मै इन्हे साफ़ कर लूँ
" पर शीतल यहाँ कहाँ साफ़ करोगी " माथुर ने कहा
" सर मैं आपकी चेयर कि पीछे साफ़ कर लुंगी आप पीछे मत देखना " शीतल ने कहा
" ठीक है शीतल " माथुर बोलै
पर माथुर की चेयर सामने एक शीशा लगा था जिसमे से उसे पीछे का सब कुछ दीखता था
शीतल ने सबसे पहले अपना टॉप उतरा उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी अब वो ऊपर से पूरी नंगी थी। देखकर माथुर का अपने लंड पैर चला गया और वो अपने लंड को ऊपर से सहलाने लगा फिर शीतल ने अपनी पेंट उतरी। अब वो केवल अपनी पैंटी में में थी थोड़ी देर शीतल अपना टॉप पहनने लगी तभी टॉप उसके सर में फास गया
वो चलाई " चिल्लाई सर प्लीज हेल्प मी मै फस गयी हूँ
माथुर खड़ा होकर शीतल के पास गया और रुको शीतल मै इसे उतरता हूँ और फिर माथुर ने शीतल टॉप उतर दिया उसकी आँखे फटी फटी की फटी रह गयी जब उसने शीतल बूब्स को देखा जो उसके बिकुल सामने थे
वह आदमी इससे ज़्यादा बर्दाश्त नहीं कर सका, उसने अपना हाथ शीतल के नंगे कंधे पर रख दिया। जैसे ही वह उसकी कमर को सहलाने लगा धीरे धीरे उसका हाथ उसके स्तनों पर चला गया। सका, जब वह इस युवा किशोरी के सुंदर स्तन को सहला रहा था। मैं हँसा कि अब उसकी पत्नी क्या करेगी अगर उसने अपने हंक पति को एक किशोर छात्रा के स्तनों को सहलाते हुए देखा। उसकी पत्नी क्लासिक हॉट गोरी बम थी। लेकिन सच में, अब वो इतनी जवनन नहीं थी , जितनी को जो अब उसके सामने थी
अपने दूसरे हाथ से उसने अपनी पैंट की ज़िप खोली और अपने मोटे और लंबे लंड को बाहर आने दिया। उसने अब सावधानी को पूरी तरह से हवा में लहराने लगा । अब वह इस टीन लड़की के साथ मौज-मस्ती करने के लिए अपने पूरे करियर को जोखिम में डालने के लिए तैयार था। मैं बता सकता था कि शीतल ने चौंक कर उसकी तरफ देखा और बोली " सर आप ये सर आप ये क्या कर रहे हो मै आपकी स्टूडेंट हूँ और अभी एक बच्ची हूँ "
' कुतिया तेरे इतने बड़े बड़े चुचे है जो किसी को भी पागल कर दे और कह रही है की अभी बच्ची है माथुर चिल्लाकर बोला
क्क्योकि उसने अपना पेपर टॉवल गिरा दिया था। लेकिन उसने बस अपना हाथ उसके सिर पर घुमाया और उसे अपने लंड पर दबा दिया।
उसने दोनों हाथ उसके सिर पर रखे हुए थे और उसके मुँह को अपने लंड पर ऊपर-नीचे हिला रहा था। उसने एक हाथ उसके कंधे पर रखा और दूसरा हाथ उसके स्तनों पर और उसे उसकी कमर से नीचे गिरा दिया। उसने उसके अब नंगे गोल स्तनों को आश्चर्य से देखा।
माथुर शीतल नंगा देख कर मुस्काराया और बोला, मेरी जान तुम अब पहले से भी ज़्यादा खूबसूरत लग रही हो. शीतल ने डर से उसकी तरफ देखा मगर कुछ नही बोली. फिर माथुर अपनी पॅंट के उपर से ही अपना लंड सहलाता होवा बोला, मेरी जान मुझे तुम्हारा ये खूबसूरत और सेक्सी बदन बोहत बेचैन कर रहा है तुम क्यूँ ना मुझे से दोस्ती कर्लो. अगर तुम ने आज मुझे खुश किया तो मैं तुम्हे फुल मार्क्स दूँगा.
बस तुम मुझे खुश करो और यकीन करो इस मे तुम्हे भी बोहत मज़ा आय गा. माथुर ने ये कह कर अपने कपड़े उतार दिए. मैं ने देखा के उसका 9 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड फुल आकड़ा होवा था और बुरी तरहा से झटके खा रहा था.
शीतल का मैं तो छोड़ने का कर रहा था पर उसका इतना मोटा लंड देखकर दिल ही दिल मे डर रही थी की लंड तो मेरी चुत फाड़ डालेगा . शीतल ने एक बार फिर कहा सर आप मुझसे बहुत बड़े हैं आप शादी शुदा है
अरे तो मैं तुझे शादी थोड़ी कर रहा हूँ बस इस लंड को खुश कर दे मै तुजे खुस कर दूंगा
.. उसने शीतल का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा तो मैं खुद को छुड़ाने लगी. माथुर की गिरफ़्त काफ़ी मज़बूत थी और शीतल अपना हाथ नही छुड़ा सकी उसने दूसरा हाथ शीतल कमर मे डाल दिया और मुझे खुद से लिपटा लिया और अपने होंटो को शीतल होंटो से मिला कर मुझे किस करने लगा. शीतल बुरी तरहा से अपने हाथ पैर चला रही थी मगर खुद को माथुर से छुड़ा नही पा रही थी. पर माथुर वासना से पागल हो गया था वो किसी भी हाल में शीतल को चोदना था
शीतल बुरी तरह मचल रही थी फिर अचानक शीतल के दिमाग मे आया और मैं ने पूरी ताक़त से माथुर धक्का मर के के नीचे मार दिया. अब शीतल खुद भी डर गयी क्योकि उसे पता था की अगर वो बिना चुदे बहार आयी मै उसे नहीं छोडंगा और माथुर तो प्रिंसिपल था उसे कॉलेज से भी निकल सकता था अब माथुर गुस्से से खड़ा होगया, तकलीफ़ और गुस्से से उसका चेहरा काफ़ी भयानक होगया था. वो गुस्से से घुर्रा के बोला, साली कुतिया तो ऐसे नही माने गी. ये कह कर उसने शीतल को बालों से पकड़ कर उठा लिया. तकलीफ़ के की वजह से उसकी चीख निकल गई. माथुर ने शीतल को अपनी तरफ घूमाया और ऐक ज़ोर का थप्पड़ शीतल के मुँह पर मारा. उसका थप्पड़ इतना ज़ोरदार था की शीतल काँप गयी .
तुम्हारी खूबसूरती को देख कर मैं पागल होगया हूँ. अगर तुम खुशी से मेरा साथ देती तो तुम्हे भी मज़ा आएगा मगर अब मुझे ये सब ज़बरदस्ती करना पड़े गा. माथुर ने शीतल सीधा जमीन लिटा दिया और कर उसके बूब्स को चूमने और चाटने लगा. वो वहशी पने से उसके दोनो बूब्स को चूस और काट रहा था जिस से शीतल को तकलीफ़ हो रही थी. वो कुछ बोल तो नही सकती थी मगर उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे. वो बार बार मेरे बूब्स के निपल को काट रहा था और मैं बुरी तरहा से सिसक रही थी. काफ़ी देर तक मेरे बूब्स को चूसने और काटने के बाद उसने उसकी चूत पर हमला कर दिया.
वो कुत्टो की तरहा बड़ी बेसब्री से उसकी चूत को नोच और खसोट रहा था. फिर उसने ऐक दम से अपनी 3 उंगलियाँ मेरी कुँवारी चूत मे घुस्सा दी. तकलीफ़ की वजा से तड़प गई. माथुर तेज़ी से अपनी उंगलियाँ मेरी चूत मे आगे पीछे कर रहा था. अचानक से शीतल बदन मे गर्मी पैदा पैदा होई और मेरे पूरे बदन की ताक़त जेसे मेरी चूत मे समा गई. उसकी साँसे ऐक दम से तेज़ हो गई थी और फिर उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. और फिर उसके पूरे बदन मे ऐक सरूर सा दौड़ गया और उसकी तेज़ साँसे बहाल हो गई. उसने अपनी आँखे बंद कर ली. फिर जब माथुर ने शीतल टाँगे उठाई तो मैं ने आँखे खोल कर देखा. माथुर घुटनो के बल बैठा हुआ था और उसका आकड़ा हुआ पाइप जेसा लंड शीतल की चूत से टकरा रहा थाशीतल भी समझ गयी थी कि अब वो अपना लंड उसकी चूत मे डाल कर उसकी चूत को फाड़ना चाहता है. आने वाली तकलीफ़ का सोच कर शीतल के जिस्म से जेसे जान निकल गई. माथुर ने अपने हाथ से अपने लंड की टोपी शीतल चूत के छेद पर रखी और ऐक ज़ोरदार झटका मारा. तेज दर्द की वजह से शीतल बुरी तरहा चीख उठी . माथुर ने उसका मुँह अपने हाथ बंद क्र दिया जिससे उसकी चीख बहा नहीं जा सकी व मुँह से चीख की जगह सिर्फ़ ग्घूऊऊऊ की आवाज़ निकली. शीतल जिस्म ज़ोर से तडपा. माथुर का लंड 2 इंच तक शीतल चूत मे घुस्स चुक्का था. माथुर ने शीतल के जिस्म को कस कर पकड़ा और ऐक ज़ोरदार झटका और मारा. अब उसका लंड 4 इंच तक उसकी चूत मे घुस्स गया था. शीतल को ऐसा लग ऐसा लग रहा था जेसे माथुर ने कोई तेज़ धार तलवार मेरी चूत मे घुसा दी हो. उसका जिस्म बुरी तरहा से तड़प रहा था. शीतल के दर्द के कारण से मेरी आँखों से आँसू निकल रहे थे. उसकी ये हालत देख कर माथुर बोला, मेरी जान अभी तो मेरा सिर्फ़ 4 इंच लंड अंदर गया है ये दर्द सेहती रहो इस दर्द के बाद ही मजा
है . ये कह कर माथुर ने ऐक तेज़ झटका मारा. अब की बार उसका 9 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड शीतल की चूत को बुरी तरहा से फाड़ता हुआ जड़ तक अंदर घुस्स गया . दर्द के मारे जेसे शीतल की साँस ही रुक गयी और उसकी आँखों के सामने अंधेरा छा गया . . माथुर ने शीतल को कस कर पकड़ा हुआ था और वो ज़ोरदार झटके मारने लगा. माथुर के हर झटके पर शीतल दर्द के मारे उछल पड़ती. उसने लेटे लेटे ही खूब ज़ोर-ओ-शोर से झटके मारने लगा.शीतल की चूत फिर दर्द करने लगी और वो बुरी तरहा से चीखने लगी. माथुर ने शीतल चीखने की बिल्कुल भी परवाह नही करी. थोड़ी देर बाद शीतल का दर्द गायब हो गया था क्योकि शीतल भी अब उछल उछल कर चुदाई का मज़ा लेने लगी माथुर भी अब झड़ने वाला था उसने भी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी अब शैताल की चुत फचक फच्च की आवाज के साथ लंड अपने अन्दर ले रही थी और शीतल जन्नत की सैर कर रही थी। माथुर सर .......। आह माथुर सर ........। मजा आ रहा है........। हाय क्या कर ........दिया.......। हाय मजा.......। आह...........। सर .......। पेलो ......। पेल....। पेलो......। न.......। आह......। सी सी स........स्स्स्स.....। हाय.........।
....। हाय क्या मजा था......। शीतल बके जा रही थी....। हाय रहने दो न इसे आज अन्दर ही.......। मत निकालो......। पेलो न पेलो न...........। हाय...... अह्ह्ह्ह मै झाड़ गयी
माथुर को चोदने की आदत थी और वो एक खिलाडी की तरह रुक रुक के धक्के लगा रहा था । .। पर शीतल तो एक बार में ही पूरा खा जाना चाहती थी......। शीतल माथुर से चिपक गई और अपनी गांड हिलाते हुए लंड को लेने लगी...।
मास्टरजी ने मुझे पटक के मेरी गर्दन दबाई और बोले ....रुक रुक के कर रांड ....।
पर शीतल कहाँ मानने वाली थी.। उसने गांड उछालना जारी रखा....।
मस्ती सातवें आस्मां में थी......। अचानक मुझे कुछ होने लगा.....। माथुर ने भी आँखे बंद कर के आह आह करने लगे..........
तभी झटके के साथ शीतल दोबारा झड़ने लगी। लंड की गर्मी, फौलाद जैसा कड़ापन। तभी माथुर के लंड ने भी पिचकारी छोड़ दी। शीतल की चुत में डबल गर्मी..। क्या बताऊँ मजा ही आ गया.....।
फिर माथुर ने उठ कर कपड़े पहने, पर शीतल से उठा नहीं जा रहा था। माथुर ने उसे सहारा दे कर बाथरूम तक पहुँचाया और शीतल की सफाई की। उसे कपड़े पहना के वो बोले- क्यों कैसा लगा...मज़ा आया न ?
शीतल शरमा के मुस्कुराने लगी.....।
मैंने शीतल के वापस ऑफिस आने पर ताली बजाई। उसने अपना सिर नीचे झुका लिया था और शर्म से देखा था।
"गुड गर्ल , अब बताओ की ऑफिस में क्या हुआ क्योकि उसे नहीं पता था मैंने ऑफिस में कमरे लगा रखे थे
बताओ शीतल क्या तुमने माथुर को छेड़ा उसका लंड खड़ा हुआ मैंने तुमसे कहा था की उसका लंड करवाना है
" हाँ लंड खड़ा हो गया था माथुर ने मुझे किस भी किया और मेरे बूब्स भी दबाये "।
" गुड गर्ल फिर क्या हुआ "।
" तभी मै टेबल से गिर गयी और अब गांड के पास दर्द हो रहा है।"
कोई नहीं मेरे पास पैन किलर है ले लेना
उसने कुछ कहा और जवाब के लिए माथुर की ओर देखा। कुछ ही देर बाद मैं विस्मय में देख रहा था क्योंकि उसने अपनी चड्डी की लास्टिक में अपने अंगूठे डाले और चड्डी को नीचे खींच लिया। उसने अपनी गांड चाड की ओर घुमाई और अपनी गांड के गालों से गीली चड्डी के कपड़े को अलग करने के लिए ऊपर-नीचे कूदी। जब वह कूद रही थी तो गांड अनियंत्रित रूप से उछल रही थी
, मुझे अपनी लड़की पर गर्व था कि वह जो दिखावा कर रही थी। हालाँकि वह गणित में बहुत कमज़ोर थी, लेकिन वह एक आदमी को पटाने में बहुत प्रतिभाशाली थी।
शीतल सफ़ेद लेस वाली पैंटी पहनी हुई थी, और एक भीगा हुआ ट्यूब टॉप था जो इस समय पूरी तरह से पारदर्शी था। पानी की बूँदें उसके नंगे पेट से बहकर उसके नंगे नितंबों और जाँघों पर आ रही थीं।
उसने एक सफाई का कपड़ा पकड़ा और अब वह काम करते हुए उसकी मेज़ साफ करने लगी। अब माथुर ने काम करने का दिखावा करने की कोई कोशिश नहीं की। वह बस उसे ऊपर से नीचे तक देख रहा था
वह टेबल के दूसरी तरफ़ खड़ी होकर उसके सामने झुक गई। उसने अपनी अब पूरी तरह से दिखाई देने वाली चूचियों को उसके सामने उजागर कर दिया, क्योंकि उसके स्तन कपड़े से की गई हर हरकत के साथ उछल रहे थे।
जैसे ही शीतल ने महसूस किया कि माथुर उसकी हरकतों से और अधिक उत्तेजित हो रहा है, वह उठ गई और घूम गई। कि सर मेरे कपडे गंदे हो गए है क्या मै इन्हे साफ़ कर लूँ
" पर शीतल यहाँ कहाँ साफ़ करोगी " माथुर ने कहा
" सर मैं आपकी चेयर कि पीछे साफ़ कर लुंगी आप पीछे मत देखना " शीतल ने कहा
" ठीक है शीतल " माथुर बोलै
पर माथुर की चेयर सामने एक शीशा लगा था जिसमे से उसे पीछे का सब कुछ दीखता था
शीतल ने सबसे पहले अपना टॉप उतरा उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी अब वो ऊपर से पूरी नंगी थी। देखकर माथुर का अपने लंड पैर चला गया और वो अपने लंड को ऊपर से सहलाने लगा फिर शीतल ने अपनी पेंट उतरी। अब वो केवल अपनी पैंटी में में थी थोड़ी देर शीतल अपना टॉप पहनने लगी तभी टॉप उसके सर में फास गया
वो चलाई " चिल्लाई सर प्लीज हेल्प मी मै फस गयी हूँ
माथुर खड़ा होकर शीतल के पास गया और रुको शीतल मै इसे उतरता हूँ और फिर माथुर ने शीतल टॉप उतर दिया उसकी आँखे फटी फटी की फटी रह गयी जब उसने शीतल बूब्स को देखा जो उसके बिकुल सामने थे
वह आदमी इससे ज़्यादा बर्दाश्त नहीं कर सका, उसने अपना हाथ शीतल के नंगे कंधे पर रख दिया। जैसे ही वह उसकी कमर को सहलाने लगा धीरे धीरे उसका हाथ उसके स्तनों पर चला गया। सका, जब वह इस युवा किशोरी के सुंदर स्तन को सहला रहा था। मैं हँसा कि अब उसकी पत्नी क्या करेगी अगर उसने अपने हंक पति को एक किशोर छात्रा के स्तनों को सहलाते हुए देखा। उसकी पत्नी क्लासिक हॉट गोरी बम थी। लेकिन सच में, अब वो इतनी जवनन नहीं थी , जितनी को जो अब उसके सामने थी
अपने दूसरे हाथ से उसने अपनी पैंट की ज़िप खोली और अपने मोटे और लंबे लंड को बाहर आने दिया। उसने अब सावधानी को पूरी तरह से हवा में लहराने लगा । अब वह इस टीन लड़की के साथ मौज-मस्ती करने के लिए अपने पूरे करियर को जोखिम में डालने के लिए तैयार था। मैं बता सकता था कि शीतल ने चौंक कर उसकी तरफ देखा और बोली " सर आप ये सर आप ये क्या कर रहे हो मै आपकी स्टूडेंट हूँ और अभी एक बच्ची हूँ "
' कुतिया तेरे इतने बड़े बड़े चुचे है जो किसी को भी पागल कर दे और कह रही है की अभी बच्ची है माथुर चिल्लाकर बोला
क्क्योकि उसने अपना पेपर टॉवल गिरा दिया था। लेकिन उसने बस अपना हाथ उसके सिर पर घुमाया और उसे अपने लंड पर दबा दिया।
उसने दोनों हाथ उसके सिर पर रखे हुए थे और उसके मुँह को अपने लंड पर ऊपर-नीचे हिला रहा था। उसने एक हाथ उसके कंधे पर रखा और दूसरा हाथ उसके स्तनों पर और उसे उसकी कमर से नीचे गिरा दिया। उसने उसके अब नंगे गोल स्तनों को आश्चर्य से देखा।
माथुर शीतल नंगा देख कर मुस्काराया और बोला, मेरी जान तुम अब पहले से भी ज़्यादा खूबसूरत लग रही हो. शीतल ने डर से उसकी तरफ देखा मगर कुछ नही बोली. फिर माथुर अपनी पॅंट के उपर से ही अपना लंड सहलाता होवा बोला, मेरी जान मुझे तुम्हारा ये खूबसूरत और सेक्सी बदन बोहत बेचैन कर रहा है तुम क्यूँ ना मुझे से दोस्ती कर्लो. अगर तुम ने आज मुझे खुश किया तो मैं तुम्हे फुल मार्क्स दूँगा.
बस तुम मुझे खुश करो और यकीन करो इस मे तुम्हे भी बोहत मज़ा आय गा. माथुर ने ये कह कर अपने कपड़े उतार दिए. मैं ने देखा के उसका 9 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड फुल आकड़ा होवा था और बुरी तरहा से झटके खा रहा था.
शीतल का मैं तो छोड़ने का कर रहा था पर उसका इतना मोटा लंड देखकर दिल ही दिल मे डर रही थी की लंड तो मेरी चुत फाड़ डालेगा . शीतल ने एक बार फिर कहा सर आप मुझसे बहुत बड़े हैं आप शादी शुदा है
अरे तो मैं तुझे शादी थोड़ी कर रहा हूँ बस इस लंड को खुश कर दे मै तुजे खुस कर दूंगा
.. उसने शीतल का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा तो मैं खुद को छुड़ाने लगी. माथुर की गिरफ़्त काफ़ी मज़बूत थी और शीतल अपना हाथ नही छुड़ा सकी उसने दूसरा हाथ शीतल कमर मे डाल दिया और मुझे खुद से लिपटा लिया और अपने होंटो को शीतल होंटो से मिला कर मुझे किस करने लगा. शीतल बुरी तरहा से अपने हाथ पैर चला रही थी मगर खुद को माथुर से छुड़ा नही पा रही थी. पर माथुर वासना से पागल हो गया था वो किसी भी हाल में शीतल को चोदना था
शीतल बुरी तरह मचल रही थी फिर अचानक शीतल के दिमाग मे आया और मैं ने पूरी ताक़त से माथुर धक्का मर के के नीचे मार दिया. अब शीतल खुद भी डर गयी क्योकि उसे पता था की अगर वो बिना चुदे बहार आयी मै उसे नहीं छोडंगा और माथुर तो प्रिंसिपल था उसे कॉलेज से भी निकल सकता था अब माथुर गुस्से से खड़ा होगया, तकलीफ़ और गुस्से से उसका चेहरा काफ़ी भयानक होगया था. वो गुस्से से घुर्रा के बोला, साली कुतिया तो ऐसे नही माने गी. ये कह कर उसने शीतल को बालों से पकड़ कर उठा लिया. तकलीफ़ के की वजह से उसकी चीख निकल गई. माथुर ने शीतल को अपनी तरफ घूमाया और ऐक ज़ोर का थप्पड़ शीतल के मुँह पर मारा. उसका थप्पड़ इतना ज़ोरदार था की शीतल काँप गयी .
तुम्हारी खूबसूरती को देख कर मैं पागल होगया हूँ. अगर तुम खुशी से मेरा साथ देती तो तुम्हे भी मज़ा आएगा मगर अब मुझे ये सब ज़बरदस्ती करना पड़े गा. माथुर ने शीतल सीधा जमीन लिटा दिया और कर उसके बूब्स को चूमने और चाटने लगा. वो वहशी पने से उसके दोनो बूब्स को चूस और काट रहा था जिस से शीतल को तकलीफ़ हो रही थी. वो कुछ बोल तो नही सकती थी मगर उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे. वो बार बार मेरे बूब्स के निपल को काट रहा था और मैं बुरी तरहा से सिसक रही थी. काफ़ी देर तक मेरे बूब्स को चूसने और काटने के बाद उसने उसकी चूत पर हमला कर दिया.
वो कुत्टो की तरहा बड़ी बेसब्री से उसकी चूत को नोच और खसोट रहा था. फिर उसने ऐक दम से अपनी 3 उंगलियाँ मेरी कुँवारी चूत मे घुस्सा दी. तकलीफ़ की वजा से तड़प गई. माथुर तेज़ी से अपनी उंगलियाँ मेरी चूत मे आगे पीछे कर रहा था. अचानक से शीतल बदन मे गर्मी पैदा पैदा होई और मेरे पूरे बदन की ताक़त जेसे मेरी चूत मे समा गई. उसकी साँसे ऐक दम से तेज़ हो गई थी और फिर उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. और फिर उसके पूरे बदन मे ऐक सरूर सा दौड़ गया और उसकी तेज़ साँसे बहाल हो गई. उसने अपनी आँखे बंद कर ली. फिर जब माथुर ने शीतल टाँगे उठाई तो मैं ने आँखे खोल कर देखा. माथुर घुटनो के बल बैठा हुआ था और उसका आकड़ा हुआ पाइप जेसा लंड शीतल की चूत से टकरा रहा थाशीतल भी समझ गयी थी कि अब वो अपना लंड उसकी चूत मे डाल कर उसकी चूत को फाड़ना चाहता है. आने वाली तकलीफ़ का सोच कर शीतल के जिस्म से जेसे जान निकल गई. माथुर ने अपने हाथ से अपने लंड की टोपी शीतल चूत के छेद पर रखी और ऐक ज़ोरदार झटका मारा. तेज दर्द की वजह से शीतल बुरी तरहा चीख उठी . माथुर ने उसका मुँह अपने हाथ बंद क्र दिया जिससे उसकी चीख बहा नहीं जा सकी व मुँह से चीख की जगह सिर्फ़ ग्घूऊऊऊ की आवाज़ निकली. शीतल जिस्म ज़ोर से तडपा. माथुर का लंड 2 इंच तक शीतल चूत मे घुस्स चुक्का था. माथुर ने शीतल के जिस्म को कस कर पकड़ा और ऐक ज़ोरदार झटका और मारा. अब उसका लंड 4 इंच तक उसकी चूत मे घुस्स गया था. शीतल को ऐसा लग ऐसा लग रहा था जेसे माथुर ने कोई तेज़ धार तलवार मेरी चूत मे घुसा दी हो. उसका जिस्म बुरी तरहा से तड़प रहा था. शीतल के दर्द के कारण से मेरी आँखों से आँसू निकल रहे थे. उसकी ये हालत देख कर माथुर बोला, मेरी जान अभी तो मेरा सिर्फ़ 4 इंच लंड अंदर गया है ये दर्द सेहती रहो इस दर्द के बाद ही मजा
है . ये कह कर माथुर ने ऐक तेज़ झटका मारा. अब की बार उसका 9 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड शीतल की चूत को बुरी तरहा से फाड़ता हुआ जड़ तक अंदर घुस्स गया . दर्द के मारे जेसे शीतल की साँस ही रुक गयी और उसकी आँखों के सामने अंधेरा छा गया . . माथुर ने शीतल को कस कर पकड़ा हुआ था और वो ज़ोरदार झटके मारने लगा. माथुर के हर झटके पर शीतल दर्द के मारे उछल पड़ती. उसने लेटे लेटे ही खूब ज़ोर-ओ-शोर से झटके मारने लगा.शीतल की चूत फिर दर्द करने लगी और वो बुरी तरहा से चीखने लगी. माथुर ने शीतल चीखने की बिल्कुल भी परवाह नही करी. थोड़ी देर बाद शीतल का दर्द गायब हो गया था क्योकि शीतल भी अब उछल उछल कर चुदाई का मज़ा लेने लगी माथुर भी अब झड़ने वाला था उसने भी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी अब शैताल की चुत फचक फच्च की आवाज के साथ लंड अपने अन्दर ले रही थी और शीतल जन्नत की सैर कर रही थी। माथुर सर .......। आह माथुर सर ........। मजा आ रहा है........। हाय क्या कर ........दिया.......। हाय मजा.......। आह...........। सर .......। पेलो ......। पेल....। पेलो......। न.......। आह......। सी सी स........स्स्स्स.....। हाय.........।
....। हाय क्या मजा था......। शीतल बके जा रही थी....। हाय रहने दो न इसे आज अन्दर ही.......। मत निकालो......। पेलो न पेलो न...........। हाय...... अह्ह्ह्ह मै झाड़ गयी
माथुर को चोदने की आदत थी और वो एक खिलाडी की तरह रुक रुक के धक्के लगा रहा था । .। पर शीतल तो एक बार में ही पूरा खा जाना चाहती थी......। शीतल माथुर से चिपक गई और अपनी गांड हिलाते हुए लंड को लेने लगी...।
मास्टरजी ने मुझे पटक के मेरी गर्दन दबाई और बोले ....रुक रुक के कर रांड ....।
पर शीतल कहाँ मानने वाली थी.। उसने गांड उछालना जारी रखा....।
मस्ती सातवें आस्मां में थी......। अचानक मुझे कुछ होने लगा.....। माथुर ने भी आँखे बंद कर के आह आह करने लगे..........
तभी झटके के साथ शीतल दोबारा झड़ने लगी। लंड की गर्मी, फौलाद जैसा कड़ापन। तभी माथुर के लंड ने भी पिचकारी छोड़ दी। शीतल की चुत में डबल गर्मी..। क्या बताऊँ मजा ही आ गया.....।
फिर माथुर ने उठ कर कपड़े पहने, पर शीतल से उठा नहीं जा रहा था। माथुर ने उसे सहारा दे कर बाथरूम तक पहुँचाया और शीतल की सफाई की। उसे कपड़े पहना के वो बोले- क्यों कैसा लगा...मज़ा आया न ?
शीतल शरमा के मुस्कुराने लगी.....।
मैंने शीतल के वापस ऑफिस आने पर ताली बजाई। उसने अपना सिर नीचे झुका लिया था और शर्म से देखा था।
"गुड गर्ल , अब बताओ की ऑफिस में क्या हुआ क्योकि उसे नहीं पता था मैंने ऑफिस में कमरे लगा रखे थे
बताओ शीतल क्या तुमने माथुर को छेड़ा उसका लंड खड़ा हुआ मैंने तुमसे कहा था की उसका लंड करवाना है
" हाँ लंड खड़ा हो गया था माथुर ने मुझे किस भी किया और मेरे बूब्स भी दबाये "।
" गुड गर्ल फिर क्या हुआ "।
" तभी मै टेबल से गिर गयी और अब गांड के पास दर्द हो रहा है।"
कोई नहीं मेरे पास पैन किलर है ले लेना


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