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लंड की लालसा
#6
भाभी और कुणाल एकदम नग्न अवस्था में एक दूसरे के जिस्म से चिपके हुए थे।
पहली बार तो मेरी चीख ही निकल गयी- अरे भाभी, ये सब क्या है? ये क्या कर रही हो आप?
भाभी एकदम से उठी और कुणाल से अलग होकर खुद को चादर से लपेट लिया।

उधर कुणाल ने भी खुद को चादर से लपेट लिया।

भाभी मुझे समझाने की कोशिश करते हुए बोलने लगी- देख, जैसा तू सोच रही है वैसा कुछ भी नहीं है, तू मेरी बात सुन।

अब तक मेरा पारा सातवें आसमान पर था क्योंकि भाभी का भांडा फूट चुका था।
मैं बोली- तो क्या कर रही हो यहाँ नंगी हो के कुणाल के साथ? आप मेरे भैया को धोखा दे के यहाँ मजे कर रही हो। मैं अभी भैया को बताती हूँ सब फोन कर के।

मैंने अपना फोन निकाला पर तुरंत ही पीछे से किसी ने मेरा फोन छीन लिया।
तो मैंने मुड़ के देखा.

अजय मेरा फोन हाथ में ले के खड़ा था।
मैंने चिल्ला के कहा- मेरा फोन दो यार अजय प्लीज।
अजय बोला- नहीं, पहले तुम इनकी बात सुन लो. वरना फोन नहीं मिलेगा।

मुझे अब और ज्यादा गुस्सा आ गया तो मैं पैर पटकते हुए बाहर जाने लगी.

जैसे ही मैं बाहर निकली तो और हैरान हो गयी क्योंकि बहार चारों तरफ जंगल था.
मैं भाग के वापिस अंदर आ गयी।

भाभी, कुणाल और अजय सब हाल में आ चुके थे और उन दोनों ने कपड़े भी पहन लिए थे।

अब मेरे पास कोई चारा नहीं था इसलिए मैं भी वहीं बैठ गयी और बोली- बताओ, क्या बताना है?

भाभी ने बताया कि भाभी और कुणाल कॉलेज के टाइम से ही गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड थे.
पर भाभी के माँ बाप ने उनकी मर्ज़ी के खिलाफ उनकी शादी मेरे भाई से करा दी.
भाभी अब भी कुणाल से ही प्यार करती थी।

आगे भाभी ने बताया कि वो अपनी सहेली की शादी में अकेले ही आना चाहती थी. पर मैंने ज़िद की साथ चलने की इसलिए मजबूरन मुझे भी लाना पड़ा।
फिर मेरे साथ लगाने के लिए अजय को बुलाया ताकि भाभी और कुणाल को अलग टाइम मिल सके और अजय मेरे साथ लगा रहे।

भाभी बताती गयी- पर जब तुम अपना फोन चार्जिंग पे लगाने आयी तो मैं बाल बाल बची पकड़े जाने से … क्योंकि कुणाल भी बाथरूम के अंदर ही था।

अब मुझे समझ आया कि अंदर से अजीब अजीब आवाजें क्यूँ आ रही थी।
आगे भाभी प्रार्थना करते हुए बोली- प्लीज नेहा, अपने भैया को ये सब मत बताना, वरन बहुत गड़बड़ हो जाएगी।

मैंने कहा- नहीं भाभी, जो गलत है वो गलत है. मैं भैया से इतनी बड़ी बात नहीं छुपा सकती।
भाभी थोड़ा रो सी के बोलने लगी पर मैं अपनी ज़िद पे अड़ी रही।

अब भाभी बोली- देख यार नेहा, तू क्यूँ ज़िद कर रही है? चल मैं तुझे आज मौका देती हूँ अपनी दबी इच्छाओं को खुल के जीने का।

मैंने थोड़ा शक भरे लहजे में पूछा- कौनसी इच्छा?
भाभी बोली- मुझसे कुछ नहीं छुपा है नेहा! मैं जानती हूँ कि तेरा भी बहुत मन करता है कि तेरा भी बॉयफ्रेंड हो, तू भी घूमे फिरे, मस्ती करे, अय्याशी करे। पर अपने भाइयों के डर से नहीं कर पाती है।

मैंने अंजान बनने का नाटक करते हुए कहा- नहीं भाभी, ऐसा नहीं है, मुझे ये सब पसंद नहीं है।
भाभी बोली- मेरे सामने मत बन! मुझे सब पता है. ये भी पता है कि तू छुप छुप के कभी कभी गंदी फिल्में देखती है. और ऐसे ही चुत को रगड़ के खुद को शांत कर लेती है। आज मौका है, तू भी मजे कर और मैं भी! जी भर के … कोई नहीं है यहाँ, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।

अब तक मैं भी भाभी की हालत को समझ पा रही थी इसलिए मेरा गुस्सा कम हो गया था.
क्योंकि वो मेरी भाभी होने के साथ ही मेरी बहुत अच्छी दोस्त भी बन गयी थी.
और वासना की तड़प को मेरे से ज्यादा कौन जानता होगा, जो इतनी बड़ी होने के बावजूद किसी लड़के ने मेरी जिस्म को नहीं छुआ था।

मैंने थोड़ा नर्म आवाज में कहा- नहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं है. मुझे नहीं करना ये सब! आपको करना है तो कर लो, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगी।
भाभी बोली- देख ले … फिर ऐसा मौका नहीं मिलेगा।
मैंने कहा- नहीं, मैं सोने जा रही हूँ.
और मैं उठ के चल दी, अपने कमरे में और बेड पे लेट के सोने की कोशिश करने लगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: लंड की लालसा - by neerathemall - 26-03-2025, 01:04 PM



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