10-03-2025, 01:20 PM
UPDATE 10
मैं और माया उसे रेलवे स्टेशन पर जा कर ट्रेन में बिठा कर आये। घर आ कर दोनों बातें करने लगे। माया का शरारती रुप फिर प्रगट से हो गया और वह बोली कि तुम्हारी कोई दबी हुई इच्छा है तो बताओ मैं उसे पुरी करुँगी।
मैंने शरारत से कहा कि है तो लेकिन सुन कर भाग मत जाना। वह बोली कि भाग कर तो तुम्हारें पास आयी हूँ अब और कहाँ जाऊँगी? उस की बात सुन कर मैंने उसे बताया कि गुदा मैथुन की पुरानी चाहत है लेकिन तेरी दीदी ने कभी पुरी नहीं होने दी।
मैंने इस के बारे में सोचना ही छोड़ दिया है। मेरी बात सुन कर वह बोली कि अब इस इच्छा को पुरी कर सकते है। मैं कितना भी दर्द से कराहु, मेरी आवाज से कोई परेशान नहीं होगा। उस की बात से मुझे लगा कि कोई तो तरीका होना चाहिये कि इस काम में दर्द अधिक ना हो।
दिमाग में आया कि आज कल तो सेक्स टॉय आते है पहले उन का उपयोग करके तैयारी की जा सकती है। लेकिन यह टॉय कहाँ मिलेगे यह पता करना था। बाजार में तो ऐसे ही नहीं मिल सकते थे। नेट पर खोज करी तो एक साइट पर मिल गये।
अपने काम का टॉय ऑडर कर दिया। उस के साथ एक जैल भी ऑडर किया जो इस तरह के टॉय के साथ इस्तेमाल किया जाता है ताकि ज्यादा घर्षण ना हो। अगले ही दिन ऑडर आ गया। इस सब के बारे में माया को कुछ भी नहीं बताया था। दूसरे दिन शनिवार की छुट्टी थी। सोचा कि रात को या दिन में इसे प्रयोग कर के देखेगे। इस बारें में माया से भी बात करनी थी।
रात को माया ने पैकेट के बारे में पुछा तो मैंने उसे बताया कि कोई सामान है कल खोलेगे। वह इस के बाद कुछ नहीं बोली। रात को सोते में वह बोली कि ऑफर चल रहा है तुम कुछ कर नहीं रहे हो। मैंने कहा कि मैडम हमें अभी आप से प्यार करना है ऑफर की कल सोचेगे।
वह बोली कि कोई बदमाशी तो नहीं सोच रहे हो। मैंने कहा कि तुम से बदमाशी कर के मैं कहाँ जाऊँगा तो वह हँस दी और बोली कि हम दोनों से बच नहीं सकते। फिर हम प्यार करने लग गये। जो हमेशा की तरह जोरदार रहा।
सुबह नाश्ता कर के मैं बैठा ही था कि माया पैकिट ले कर आ गयी और बोली कि मैं इस के बारे में जानने के लिये मरी जा रही हूँ लेकिन तुम कुछ छिपा रहे हो? मैंने उसे हाथ से पकड़ कर बिठाया और कहा कि लाओ आज इस राज का भी पर्दाफाश करते है।
मैंने पैकेट खोला और उस के अंदर से सेक्स टॉय और जैल निकाल कर बाहर रख दिया। टॉय को देख कर माया को कुछ समझ तो आया लेकिन वह मुझे देख कर बोली कि यह क्या है। मैंने कहा कि तुम्हें सब कुछ समझ में आ जायेगा। वह मेरे पास बैठ गयी।
टॉय आठ इंच लंबा ठोस सिलिकॉन का बना लिंग था जिस में दो-दो इंच पर गांठे सी बनी थी। माया उसे उत्सुकता से देख रही थी। मैंने भी किसी ऐसी चीज को पहली बार हाथ में लिया था। फिल्मों में इस चीज को बहुत बार इस्तेमाल करते हुये देखा था लेकिन हाथ में ले कर बड़ा अजीब सा लग रहा था। उस के साथ आये कागज को पढ़ने बैठ गया।
उस में टॉय के देखभाल के बारे में बताया था। मैंने माया को थोड़ा गरम पानी करने को कहा। वह किचन में पानी गर्म करने चली गयी। कुछ देर बाद मैं उस के पीछे किचन में आ गया। उस से गर्म पानी लेकर कर उसे टॉय पर डाल कर उसे साफ किया और बेडरुम में आ गया। माया भी मेरे साथ ही बेडरुम में आ गयी।
मैंने माया को पास में बिठा कर कहा कि मेडम यह सेक्स टॉय है जो हमें गुदा मैथुन करने में सहायता करेगा। उस ने मेरी तरफ अचरज से देखा तो मैंने कहा कि मेरे करने से पहले इस के द्वारा तुम्हें तैयार करेगे ताकि असल में करते समय तुम्हें अधिक दर्द ना हो।
मेरी बात से उस के चेहरे के भाव नहीं बदले। अब मैं परेशान था कि माया को कैसे तैयार करुँ कि वह इसे इस्तेमाल करें। मैंने माया को देखा और उस से पुछा कि उसे मुझ पर विश्वास है या नहीं तो वह बोली कि यह कैसा सवाल है?
मैंने कहा कि अभी इस्तेमाल कर के देखे या रात को तो वह बोली कि अभी कर के देखते है रात को जल्दी रहती है। मैं उस की इस बात से सहमत था। लेकिन इस के लिये पहले उसे तैयार करना था, बिना उसे उत्तेजित किये यह काम किया नहीं जा सकता था।
मैंने उसे अपनी बाँहों में जकड़ा और चुमना शुरु कर दिया। वह भी मुझे चुमने लगी। बीवी के घर में ना होने के कारण हम दोनों आगे-बगाहे एक-दूसरे को चुमते रहते थे। पत्नी के सामने यह करने में शर्म लगती थी।
कुछ देर बाद जब मुझे लगा कि माया उत्तेजित हो गयी है तो मैंने उस के सारे कपड़ें उतार दिये और उसे बेड पर लिटा लिया। मेरे कपड़ें भी उतर गये। हम दोनों एक दूसरे को सहलाने और उकसाने में लग गये। मेरा लिंग उस के मुँह में आ गया और वह उसे चुसने लगी।
मैं उस की योनि को चुम रहा था। कुछ देर ऐसा ही होता रहा फिर मैंने उसे पेट के बल लिटा दिया और उस के चुतड़ों को सहलाया और उनकी दरार में अपनी जीभ फिराई। माया इस से चिहुकी लेकिन फिर शान्त हो गयी। मुझे अब लगा कि माया अब टॉय को युज करने के लिये तैयार है।
मैंने उसे बताया कि यह उस की गुदा में डालना है। उस ने हाँ में सर हिलाया। मैंने टॉय पर जैल लगाया और उस की गुदा के मुँह पर लगा कर धीरे से ऊपर नीचे किया ताकि वह इस को फिल कर सके। फिर धीरे से उसे उस की गुदा में धकेलने की कोशिश की जैल लगा होने के कारण उस ने कोई घर्षण नहीं किया और उस का मुँह गुदा में प्रवेश कर गया।
मैंने अपना हाथ रोक लिया। माया से पुछा कि दर्द हो रहा है तो वह बोली कि ज्यादा नहीं हो रहा है। यह सुन कर मैंने हाथ पर दबाव डाला और टॉय को कुछ और अंदर कर दिया। माया चुपचाप पड़ी रही। मैंने हाथ से उस के चुतड़ों को सहलाया और टॉय को आधा उस की गुदा में धुसेड़ दिया। अब माया अपने कुल्हों को हिलाने लगी। मैंने उस की पीठ को सहलाया और उस के मुँह को चुम लिया।
माया को करवट दिला कर अपनी तरफ किया और उस का चुम्बन लेने लग गया और हाथ से उस के स्तन को दबाया। वह बोली कि जलन सी हो रही हो। मुझे पता था कि जितना टॉय अंदर गुदा में गया है वह काफी है इतना ही मेरा लिंग अंदर जा पायेगा। मैंने हाथ बढ़ा कर उसे माया की गुदा से निकाल लिया।
माया ने राहत की साँस ली। उस ने अपना सर मेरी छाती में छुपा लिया। हम दोनों फिर से गहरे चुम्बन में लीन हो गये। माया मेरे कान में बोली कि अब दुबारा डालो शायद अच्छा लगे पहले तो बहुत दर्द हो रहा था।
बताया क्यों नहीं
पता था कि ऐसा होगा
लेकिन मैं नहीं चाहता कि तुम्हें कोई परेशानी हो
कुछ भी नया करेगें तो ऐसा होना ही है लेकिन तुम तो इतनी सावधानी बरत रहे हो
वो सब सही है लेकिन तुम्हें दर्द हो यह मैं नहीं चाहता
ऐसा सोचगों तो रात को प्यार कैसे करोगों?
तुम्हारी माया तुम ही जानों
वैसा करो जैसा मैं कह रही हूँ
अच्छा
मैंने इस बार उसे पीठ के बल लिटा कर उस के पाँव ऊँचे कर के टॉय को गुदा में डाला। इस बार माया ने कुछ नहीं करा। धीरे-धीरे मैंने पुरा टॉय अंदर डाल दिया। फिर उसे अंदर बाहर करने लगा। माया को इस में मजा आ रहा था। उस के चेहरे से पता चल रहा था। कई बार अंदर बाहर करने के बाद मैंने उसे निकाल कर रख दिया। माया से पुछा कि अब मैं करुँ तो उस ने सर हिला दिया।
मैंने उसे डोगी स्टाइल में करा और उस के पीछे बैठ कर अपने लिंग पर जैल लगा लिया और उसकी गुदा पर भी जैल लगा दिया। इस के बाद लिंग को हाथ से पकड़ कर माया की गुदा पर रख कर दबाया। लिंग का सुपाड़ा उस की गुदा में घुस गया। माया की चीख निकली। मैं इसे सुन कर रुक गया। माया से पुछा तो वह बोली कि रुकों मत।
मैंने जोर लगाया और मेरा आधा लिंग माया की गुदा में समा गया। माया दर्द से कराह रही थी। मैं रुकना चाहता था लेकिन पता था कि इस बार रुक गया तो मेरे मन की कामना, कामना ही रह जायेगी। इस लिये मन कड़ा करके तीसरी बार जोर लगा कर पुरा 6 इंच का लिंग माया की कसी गुदा में उतार दिया।
माया आहहहह उहहहहह कर रही थी। मैंने उस पर झुक कर उस के उरोजों को सहलाया ताकि उस को आराम पड़े। ऐसा ही हुआ वह शान्त हो गयी। इस के बाद मैंने अपने लिंग को गुदा के अंदर बाहर करना शुरु किया।
पहले तो कसाब काफी था फिर वह कम सा हो गया। मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरा लिंग किसी कुँवारी योनि का स्वाद ले रहा है। कुछ देर बाद मुझे लगा कि मैं स्खलित होने वाला हूँ तो मैंने अपना लिंग माया की गुदा से बाहर निकाल लिया।
माया को लिटाया और उस के योनि में लिंग डाल दिया। अब हम दोनों कुल्हों को उठा दबा कर लिंग को समाने का प्रयास कर रहे थे। कुछ देर के बाद मैं स्खलित हो कर माया के ऊपर लेट गया। कुछ देर बाद माया के ऊपर से उठ कर उस की बगल में लेट गया।
उस ने अपना चेहरा मेरी छाती में छुपा लिया। कुछ देर तक हम ऐसे ही पड़े रहे। मेरे लिंग पर भी घर्षण की वजह से दर्द हो रहा था। शायद पहली बार होने के कारण ऐसा हो रहा था।
कुछ देर दोनों ऐसे ही लेटे रहे। मैं उठ कर बैठ गया तो माया भी उठ कर बैठ गयी। मैंने उस से पुछा कि कैसा अनुभव रहा? तो वह कुछ बोली नहीं, मुझे पता लग गया कि वह खुश नहीं है लेकिन कह कुछ नही रही है।
माया उठ कर कपड़ें पहन कर बेडरुम से बाहर निकल गयी। दोपहर हो रही थी। उसे खाना बनाना था। मैं बेड पर लेटा सोच रहा था कि आज जो कुछ मैंने किया वह सही था या नहीं। मााया का चेहरा बता रहा था कि वह इस सब से खुश नहीं थी। मुझे टॉय युज करने से पहले उस से पुछना चाहिये था।
खाना खाने के समय हम दोनों चुपचाप खाना खाते रहे। फिर जब वह मेरे पास लेटने आयी तो मैंने उसे अपने से चिपका कर पुछा कि माया मुझ से नाराज हो? इस पर वह बोली कि हाँ नाराज हूँ, मुझे किसी टॉय की जरुरत नहीं है, मेरे पास तुम हो मैं किसी नकली चीज को अपने शरीर में क्यों डालुँ?
उस की यह बात सुन कर मुझे समझ आया कि क्या गलत हुआ है। वह बोली कि इस टॉय को अभी तोड़ कर फैंक दो। इस बारे में दीदी को कुछ नहीं बताना। मुझ से एक बार पुछना तो था। तुम मेरे साथ कुछ भी करो लेकिन कोई नकली चीज मैं इस्तेमाल करुँ यह मुझे बर्दाश्त नहीं है।
तुम ने मना क्यों नहीं करा था
तुम बुरा ना मान जाओ
अब नहीं बुरा मानुँगा
मैं मना लुँगी, उस समय कहती तो तुम बुरा मान जाते
यह तो कोई बात नहीं हुई
बस मैंने मना कर दिया ना, मुझे नहीं युज करना
ओके मैं समझ गया अभी उसे तोड़ कर फैंक देता हूँ
हाँ यही सही है, आगे से कुछ करने से पहले मुझ से पुछ लेना
अच्छा अब माफ कर दो
तुम्हें तो सजा मिलेगी
चलो सजा ही दे दो लेकिन नाराज तो मत हो
मुझे मनाना सीखो
यही तो मुझे अब तक नहीं आया है
सब कहते है कि तुम बातों के उस्ताद हो
अपनों से क्या बात करुँ
अपने ही तो सबसे ज्यादा नाराज होते है, मुझे खुश करो जैसे पहले करते थे
जैसी आज्ञा
ऐसा करोगे तो माफी नहीं मिलेगी
माफी तो चाहिये
मैंने अपने कानों को हाथ लगाया तो माया हँस पड़ी और मेरे चेहरे को पकड़ कर चुमने लग गयी। मेरे कान में बोली कि तुम इतने बदमाश हो कि तुम्हें सजा देने की बजाय प्यार करने का मन करता है।
तो फिर प्यार करो
जो पीछे दर्द हो रहा है उसका क्या
तुम्हें बताया तो था, पहली बार में ऐसा होना ही था
लेटा नहीं जा रहा है
तुम आराम करो
मैं ऐसा कह कर उठ गया और टॉय को ले कर बेडरुम से बाहर निकल गया। बाहर आ कर चाकु से टॉय के छोटे छोटे टुकड़ें करे और उसे कुड़ेदान में डाल दिया। मेरे पहले सेक्स ऐडवेंचर का यह हाल हुआ। लेकिन मैं मन में खुश था कि माया कि बात सही है हम क्यों नकली चीज इस्तेमाल करे जब कि हमारे पास असली हथियार है।
माया के गुस्से को खत्म करने के लिये उसे इतना प्यार करना पड़ेगा कि वह इस दर्द को भुल जाये। यही सोच कर मैं ड्राइग रुम में बैठ कर टीवी दिखने लगा। कुछ देर बाद माया आई और मुझ हाथ पकड़ कर बेडरुम में ले गयी।
बेडरुम में आ कर वह बोली कि आपको माफी अभी नहीं मिलगी। मुझे समझ आया कि माया को ऑर्गाज्म दिलाना पड़ेगा तभी उस का गुस्सा शांत होगा। यही सोच कर मैंने उसे बेड पर घसीट लिया और हम दोनों प्यार करने में डुब गये। मैने उस की योनि चाटी उस के जी स्पाट को रगड़ा तब जा कर उसे ऑर्गाज्म हुआ उस का सारा शरीर कांपने लगा।
योनि से निकला पानी मेरे चेहरे को भिगाने लगा। मैं जब भी उस की योनि में उँगली करता उस का शरीर अकड़ता। मैंने उस के होंठ चुम लिये और धीरे से अपना लिंग उस की योनि में डाल दिया। माया का शरीर अभी भी अकड़ रहा था। उस की योनि मेरे लिंग को कस कर मथ रही थी। हम दोनों संभोग में लगे रहे। माया कराहती रही मैं धक्कें लगाता रहा। उस के पाँव मेरी कमर पर बुरी तरह से कस गये।
मेरे हर धक्कें पर उस के मुँह से कराह निकल रही थी। उस के शरीर में तरगें सी उठ रही थी मैं उन्हें महसुस कर रहा था। कुछ देर बाद मैं भी स्खलित हो गया और निढाल हो कर उस की बगल में लेट गया। मेरा लिंग वीर्य और योनि द्रवों से लिथड़ा हुआ था। माया कि योनि पर हाथ लगाया तो वह भी पानी निकाल रही थी। उस ने मेरा हाथ दबा कर योनि से चुपका दिया। हम दोनों थक कर ऐसे ही सो गये।
शाम को जब नींद खुली तो माया मेरे से लिपटी सोई पड़ी थी। उसे हिलाया तो वह कराही और बोली कि मुझे मार क्यों नहीं देते। मैंने उसे चुमा तो उसे होश आया और आँख खोलकर बोली कि तुम्हारी सजा माफ हो गयी। मैं उस की बात सुन कर हँस गया। मेरी हँसी को सुन कर वह उठ कर बैठ गयी और बोली कि सारी बदमाशी माफ है तुम्हारे इस तरह प्यार करने पर।
मैंने उसे पकड़ा तो वह बोली कि अब मैं सारे दिन के लिये तुम्हारे लिये बेकार हूँ, तुम ने पीछे से आगे से सब जगह से मुझे भोग कर तृप्त कर दिया है लेकिन मुझे बैठने में दर्द हो रहा है। मैंने कहा रानी जी आनंद ऐसे ही थोड़ी ना मिलता है मूल्य चुकाना पड़ता है। वह बोली कि मैंने जो कहा था वह आप ने किया?
तुम्हारें हुक्म को पुरा कर दिया
बढ़िया, लेकिन यह आइडिया आया कहाँ से
ब्लु फिल्म से
आज से तुम्हारा ब्लु फिल्म देखना बंद
तुम से मिलने के बाद मैंने फिल्म देखना बंद कर दिया है
मैं तुम्हारी फिल्म हूँ
नहीं लेकिन तुम मेरी इच्छा पूर्ति हो जिसे में ब्लु फिल्म देख कर किया करता था
मुझे तो आज ही पता चला
अच्छा है
यह बदमाश बच्चा और क्या इच्छा रखता है?
अब कोई इच्छा नहीं है
साधु बन गये हो
साधु क्यों बनुँ
हाँ दो बीवीयों का पति साधु क्यों बनेगा
तुम्ही कह रही थी
मैं तो बदमाशी छोडने की बात कर रही थी
बदमाशी तो हम नहीं छोड़ सकते वो भी तुम्हारे साथ
हमने कब मना किया है लेकिन बदमाशी करो गलत काम नहीं
आगे से नहीं करेगें, गल्ती की माफी मिलनी चाहिये
माफी मिल गयी है लेकिन कान पकड़ों
पकड़ तो लिये थे
मैंने देखा नही था
मैंने अपने कान पकड़ें, तो माया पेट पकड़ कर हँसने लगी। जब चुप हुई तो बोली कि आज चाय आप बना कर पिला दो। मैं तो आराम कर रही हूँ। पीछे दर्द है। मुझे कुछ याद आया तो उसे कहा कि लायो इस का भी इलाज करते है तो वह बोली कि हाथ मत लगायो। आग सी लगी है।
मैंने उँगली में जैल लगा कर माया के विरोध के बावजूद उस की गुदा में उसे लगा दिया। जैल के कारण उसकी गुदा में ठंडक पड़ गयी। इस से माया को आराम मिला। वह बोली कि यह पहले क्यों नहीं लगाई थी। मैंने उसे बताया कि इसे लगा कर ही उस से गुदा मैथुन किया था। वह बोली कि मुझे कुछ पता नहीं चला।
मैं किचन में चाय बनाने चला गया। चाय पी कर हम दोनों बेड पर ही बातें करते रहे। तभी पत्नी का फोन आया, वह जानना चाहती थी कि सब कुछ सही है या नहीं माया ने उसे बताया कि सब कुछ सही है फिर दोनों समारोह की बातें करने लगी। महिलाओं की बातें तो वैसे भी लम्बी चलती है। जब बातें खत्म हुई तो माया ने मुझे बताया कि दीदी कह रही है कि वह दो और दिन रह कर आयेगी।
मैंने माया को आँख मारी तो वह बोली कि रात के खाने का इंतजाम करो। मैंने उसे बताया कि ऑनलाइन ऑडर कर देते है वह बोली कि मुझे पहले दिखायो क्या मँगा रहे हो? मैंने उसे मीनू दिखाया और उस की पसन्द की डिश ऑडर कर दी। एक घंटें बाद खाना आ गया। रात को आठ बजे हम दोनों ने खाना खाया और पैग भी लगाये।
माया को वाइन पसन्द है तो वह वाइन पीती रही और मैं वोदका का मजा लेता रहा। जब सोने गये तो दोनों नशें में धुत्त थे। कुछ करने का दम नहीं थी। एक दूसरे की बाँहों में लेट गये। माया मेरा गाल चुम कर बोली
अब नाराज तो नहीं हो।
किसी बात से
मैंने जो कहा था
नहीं
मुझे लगा कि तुम्हारी मन की बात नहीं मानी इस लिये
मेरे मन का तो सब कुछ तुम ने करा ही था
लेकिन बाद में अपनी बात भी तो कही थी
वह सही थी जो चीज तुम्हें सही नहीं लगी तुमने कही और मैंने मान ली
खुश हो
हाँ
झुठ तो नहीं बोल रहे?
तुम बताओ
सच बोल रहे हो
माया तुम मेरी प्रेमिका हो मेरा कहा तुम ने माना और तुम्हारा कहा मैंने माना। यही तो सही अर्थों में प्यार है
तुम से बातों में कोई नहीं जीत सकता
जीतना कौन चाहता है हम तो हार कर ही खुश है
शयर कब से बन गये है आप
जब से आप के प्यार में डुबे है
मेरा सनम तो हर रोज मुझे चौकाता है
सो तो है किसी ऐरी गैरी का सनम थोड़े ना हूँ
सुनो पीछे से करने से मुझे कोई गुरेज नही है मुझे केवल टॉय से आपत्ति थी सो वह तुम ने दूर कर दी। अब हम इसे भी करा करेगे, जब हमारे पास समय होगा। एक बार करने के बाद ऐसा दर्द होगा तो काम नहीं चलेगा।
छोड़ों मन में कामना थी वह आज पुरी हो गयी। अब दूबारा करने की कोई इच्छा नहीं है
सच कह रहे हो
हाँ
मेरी बात सुन कर माया ने मेरी छाती में अपना सर छुपा लिया और हम दोनों नींद में डुब गये। आज का दिन बहुत थकान भरा था। मेरी किया काम एक बहुत बड़ी घटना की वजह बन सकता था लेकिन माया कि समझदारी ने उसे खत्म कर दिया।
सुबह रविवार था, इस लिये दोनों देर तक सोते रहे। नींद पत्नी के फोन से खुली वह मुझ से पुछ रही थी कि तुम घर के मंदिर में दीपक जला रहे हो या नहीं। मैंने मना करा तो वह बोली कि जब तक मैं नहीं हूँ यह तुम्हारी जिम्मेदारी है कि मंदिर में सुबह दीपक जलना चाहिये। मैंने उस की बात पर सहमति जता दी।
फोन कट गया। माया भी जग गयी थी उसे पता चल गया था कि फोन किसका था। वह मुझे देख कर बोली कि क्या हुआ? मैंने उसे बताया कि मंदिर में दीपक जलाने के लिये कह रही थी। माया यह काम नहीं करती थी ना पत्नी ने उसे कभी कहा था। क्या कारण था मुझे पता नहीं था और ना मैं जानना चाहता था।
मैं उठ कर नहाने जाने लगा तो माया बोली की रुकों तुम्हारें कपड़े निकाल दूँ। मैंने उस से कहा कि मैं बिना कपड़ों के आता हूँ जब तक वह कपड़ें निकाल दे। कुछ देर बाद जब मैं नहा कर लौटा तो वह कपड़ें हाथ में ले कर खड़ी थी। मैंने तोलिया निकाल कर कपड़ें पहने और कमरे से निकल गया। मंदिर में जा कर दीपक लिया और उसे साफ करके जला कर पुजा करके वापस आ गया।
माया अभी तक कमरे में ही बैठी थी। मुझे लगा कि कोई बात जरुर है। उस के पास जा कर बैठा तो वह बोली कि पता नहीं मुझ से क्या गल्ती हूई है कि दीदी मुझे पुजा करने को नहीं कहती। मैंने उसे समझाया कि यह उस का क्षेत्र है हम दोनों इस में ना घुसे तो ही सही रहेगा। मैं नहीं चाहता था कि वह समझे कि हम उस के अधिकार क्षेत्र में घुसपैठ कर रहे है। मेरी बात सुन कर माया चुप हो गयी।
दिन काफी निकल आया था इस लिये वह किचन में चली गयी और मैं ड्राइग रुम में आ कर अखबार पढ़ने लगा। नाश्ता करते में माया से पुछा कि आज कही चले तो वह बोली कि चलों कही घुमने चलते है। मैंने कहा कि कहाँ जाना है वह बोली कि कोई फिल्म देखने चले। मैंने कहा चलो। हम दोनों घर से निकल गये। मॉल में ही सिनेमा था वहाँ की टिकट ली और हॉल में चले आये।
ऊपर किनारे की सीट मिली थी। दोनों एक-दूसरे के कंधें पर सिर टिका कर फिल्म देखने लगे। फिल्म तो क्या देखनी थी सारा समय मैं माया का हाथ दबाता रहा और वह मेरे कान में फुसफुसाती रही। फिल्म खत्म होने के बाद दोनों मॉल में घुमने लगे। घर के लिये खरीदारी करी। माया ने अपनी पसन्द की लॉन्जरी खरीदी और खाना खा कर वापस घर आ गये।
शाम हो गयी थी। घुमने से थक से गये थे। चाय पीने की बात चली तो माया बोली कि कुछ हार्ड पिये?
बीयर रखी थी उन्ही को पीने लग गये। दोनों बीयर के नशे में टुन्न हो गये। माया मेरे गले में लटक कर बोली कि तुम मुझ से कितना प्यार करते हो? मैने कहा कि माया नशा हो गया है ऐसे सवाल मत करो। वह बोली कि अभी तो सवाल करने का समय है तुम सही जवाब दोगे।
मैंने उसे आलिंगन में लिया और कहा कि हर बार इस सवाल का जवाब वही रहेगा जो पहले था। वह बोली कि मुझे पता है लेकिन मेरा मन उसे बार बार सुनने को करता है। मैंने माया से पुछा कि क्या हुआ है जो वह आज इतनी परेशान है तो वह बोली कि दीदी मुझे अपना नही मानती है।
मैंने कहा दीदी ने अपना पति तुझे दे दिया है फिर भी ऐसी बात करती है। वह बोली कि यह तो है लेकिन छोटी छोटी बातें परेशान करती है। मैंने कहा कि मैं भी मंदिर में हाथ नहीं लगाता जब तक वह नहीं कहती तो तुम्हारी बात तो दूर की है। मेरी राय यही है कि जब वह पुजा करे तो उस के साथ तैयार हो कर उस की सहायता करोगी तो वह तुम्हें सब कुछ करने देगी।
तुम्हें शायद इस लिये नहीं कहा कि तुम अभी तक इस बारें में कुछ करती नहीं हो। उसे लगा होगा कि तुम से पुजा करने को कहना सही नहीं रहेगा। आप भी दीदी का पक्ष ले रहे हो। मैं बात समझाने की कोशिश कर रहा हूँ। एक बात हमेशा ध्यान में रखना यह उस का घर है वह इसे चलाती है हम दोनों इस में रहते है। यह बात हम दोनों को कभी नहीं भुलनी चाहिये। मेरी बात सुन कर वह बोली कि यह तो तुम सही कह रहे हो। उन की ही चलेगी नहीं तो सब कुछ बिगड़ जायेगा।
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कल से सब कुछ खराब सा क्यों हो रहा है। जब कुछ समझ में नहीं आया तो उस विचार को दिमाग से निकाल दिया। रात हो गयी थी। नशे के कारण खाना बनना संभव नहीं था इस लिये खाना ऑडर कर दिया। जब खाना आ गया तो उसे खा कर सोने चल दिये। बेड पर ही अब असली युद्ध होना था।
सुबह सोमवार था मैं ऑफिस चला गया। शाम को ऑफिस से आ कर बैठा तो माया चाय ले कर आ गयी। हम दोनों चाय पीने लगे। मेरे मन में कई बातें थी जो माया से करनी थी मैंने माया से पुछा कि कुछ पुछुँगा तो बुरा तो नहीं मानोगी। वह बोली कि अब बुरा मानने वाली अवस्था से बहुत दूर आ चुकी हूँ तुम पुछो? मैंने कहा कि मुझे यह चिन्ता है कि तुम किसी गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करती हो या नहीं, नहीं तो परेशानी हो सकती है।
मेरी इस बात पर वह हँस कर दोहरी हो गयी और बोली कि आप भी क्या बात करते है आप के पास आने से पहले ही मैंने इस का समाधान सोच लिया था। लेडी डाक्टर से पुछ कर पिल्स लेनी शुरु कर दी थी। इसी लिये तो आप से पहले दिन से शारीरिक संबंध बना रही हूँ। कुछ नहीं लिया होता तो इसी चिन्ता में मरी रहती और आप से दूर रहना पड़ता।
उस की बात सुन कर मुझे चैन मिला। मेरा चेहरा देख कर वह बोली कि आप अपनी माया को जानते नहीं है क्या? मैंने कहा कि मैं जानता तो हुँ लेकिन मुझे इतने दिनों तक तुम से मिलने की खुशी में यह बात ध्यान ही नहीं आया, लेकिन आज ही यह बात ध्यान में आयी तो तुम से पुछ ली। मुझे पता है कि मेरी माया बहुत तेज तर्रार है, समझदार है लेकिन शंका तो शंका है उस का समाधान करना ही चाहिये।
मैंने माया से कहा कि मुझे पहली वाली माया ही पसन्द है बैलोस, निडर ऐसी ही बनी रहो। किसी को कॉपी करने की कोशिश मत करो। वह मेरी बात समझ गयी। बोली कि मैं किसी को कॉपी नहीं कर रही हूँ बल्कि तुम्हें खुश करने की कोशिश कर रही थी। मैं बोला कि मुझे तुम जैसी हो वैसी ही पसन्द हो उस में कोई बदलाव मत करो। वह मेरी तरफ देख कर मुस्कराई और बोली कि आज मेरा प्रेमी अलग ही रुप में है, सूरज क्या पश्चिम से निकला है।
मैंने उस के तंज को नजरअंदाज करके कहा कि बहुत दिनों बाद तुम से अकेले बात करने का समय मिला है और आज दिमाग में सेक्स करने की इच्छा पीछे है और तुम्हारी चिन्ता सामने है। वह बोली कि आज कुछ हुआ है जो तुम ऐसा कर रहे हो। मैंने कहा कुछ नहीं हुआ है, शुरु की तरंग धीमी पड़ गयी है वास्तविकतायों से सामना हो रहा है।
वह बोली हाँ आप कह तो सही रहे हो अभी तक तो मैं भी आप से मिलने की उमंग में थी लेकिन इन दिनों अकेले होने के बाद और बातें भी दिमाग में आ रही है। अब थोड़ी स्थिरता आई है इस लिये दिमाग इन बातों को सोच पा रहा है। यह सब बातें भी जरुरी है। बोलों और क्या तुम्हारें मन में है?