28-02-2025, 04:16 PM
(28-02-2025, 02:37 PM)RonitLoveker Wrote: UPDATE 5.1Bro hinglish main update dijiya pls
"उस उजाले के बाद जो मैने देखा वह काले अंधेरे जैसे था. हां.. वह एक काला अंधेरा... जो मेरे दिमाग में था की आगे क्या होने वाला था?"
असुरा के कपड़े उसके शरीर से अलग हो चुके थे. वो बिल्कुल नंगा हमारे सामने खड़ा था. उसका शरीर पूरी तरह बदल चुका था. उसका कद भी शायद बढ़ चुका था. उसके शरीर की हर एक नस नस दिख रही थी. वो किसी हैवी वेट बॉडी बिल्डर की तरह दिखने लगा था. पहले ही वो सांड की तरह था और अब वह जंगली सांड बन चुका था. और... और... उसका लंड गधे जैसा बड़ा... लंबा... और पूरा ताकतवर बन चुका था. शायद ऐसा लंड कभी किसी को हो भी सकता है यह कल्पना से परे था. मैं उसका साइज भी सोच नहीं सकता था. मेरा गला सूखने लगा था. उसका लंड फिलहाल सिर्फ लटक रहा था. पर जब वो पूरा खड़ा होगा तब कैसा दिखेगा यह सोचना भी नामुमकिन था. दादा ने असुरा को देखा और उसके हाथ से वह मंत्र वाला कागज ले लिया और चुपचाप उस संदूक के अंदर रखा और उसे बंध कर के दूसरा कागज अपने साथ लेके कमरे से बहार चले जाने लगे. मुझे ऐसा लग रहा था कि दादा को ये सब बिलकुल भी रास नहीं आया था पर वो इसमें कुछ नहीं कर सकते थे.
असुरा ने मेरी तरफ देखा और अपने मुरझाए लंड को हाथ में लेके मुझसे कहा " अबे साले.. जा और ऊपर से मेरे कपड़े बेग से निकाल कर ले आ....अगर ऐसे ही ऊपर गया और तेरी मां कहीं दिखाई पड़ी तो कल की तरह में अपना आपा खो दूंगा और कल तो बस उसे चूमा था....आज अभी कई में उसे पटक के उसे चोद ना दु... चल जल्दी जा ". असुरा ऐसा कह के जोर से हंसने लगा. वो मेरा पूरा मजाक उड़ा रहा था. में ऊपर आया और जल्दी से उसका बैग ढूंढ के उसके कपड़े निकालने लगा तभी मेरी नज़र उसके बैग में पड़े एक बॉक्स पर पड़ी... वो एक मेडिसिन बॉक्स था.... गर्भनिरोधक गोलियों का.... इसका मतलब असुरा पहले ही सब तैयारी कर आया था.
एक पल के लिए मेरे सामने एक फैंटसी का दृश्य दिखने लगा था.... उसमें मां पूरी नंगी टेबल के सामने खड़ी है... उनकी चूत से सफेद वीर्य बाहर बह रहा था... असुरा पीछे बिस्तर पर नंगा लेटकर अपने वीर्य भरे लंड को मसल ते हुए मां को देख रहा हैं और मां हल्की मुस्कुराहट के साथ उस पैकेट में से एक गोली निकालकर ले रही है.... उफ्फ... ये में क्या सोच रहा था में...? अपने ही मां के बारे में ऐसा....? मैं अपने आप को उस ग्लानि से बहार निकाल के जल्दी से असुरा के कपड़े लेके नीचे आया और उसे कपड़े दे दिए. कपड़ों में व्हाइट शर्ट था जो अब उसे बिलकुल फिट हो रहा था और जींस पेंट जो भी फिट और कुछ इंच छोटी मालूम पड़ रही थी, मतलब असुरा का कद भी थोड़ा बड़ गया था. असुरा ने कपड़े पहनके मुझे बाहर जाने का इशारा किया और वह मेरे पीछे तहखाना की चाबी ले की बाहर आया और तहखान फिर से चाबी से लोक कर दिया. हम दोनों ऊपर आए. सुबह हो चुकी थी. असुरा की नज़र मां के कमरे पर गढ़ी थी...
असुरा अब सच में पूरा असुर बन चुका था...? उस दूसरे कागज में क्या था जो दादा के पास था..? आज सुबह नया क्या होने वाला था...? मां की बदली हुई जिंदगी की सुबह उनके लिए क्या लाने वाली थी?
पढ़िए आगे की अपडेट में.