22-02-2025, 03:21 PM
मैंने भी उसकी रज़ामंदी जानकर और कुछ नहीं पूछा और और नरम गद्देदार चूतड़ों को मसलने और उन पर थप्पड़ बरसाने लगा.
कुछ देर बाद हम अलग हुए और मैंने मानसी को बेड पर पीठ के बल लिटा कर उसकी गर्दन को चूमते हुए ज़ोर से चबा लिया.
जिससे मानसी सिसक उठी और अपने लंबे नाख़ून वासना के अभिभूत होकर मेरे पीठ पर गड़ा दिए तथा मुझे अपने सीने से दबोचने लगी.
हम दोनों के शरीर पर एक दूसरे के द्वारा दिए गये लव बाइट्स पड़ चुके थे.
फिर नीचे झुक कर मैंने उसको 34″ साइज़ के दूध को मसलना शुरू किया और इतनी ज़ोर से मसल रहा था कि अगर सच में दूध की थैली होती तो कब की फट चुकी होती.
मसलते हुए मैंने उसके एक निप्पल को दाँत से चबा लिया तो मानसी कसमसकर एक हाथ से मुझे अपने सीने पर और ज़ोर से दबाने लगी … मानो कह रही हो कि और ज़ोर से चबाओ.
लेकिन दूसरे हाथ से मेरे बालों को पूरा ज़ोर लगा कर खींच रही थी जैसे मुझे अपने से दूर करना चाह रही हो.
उसके दूध मसलते मसलते मैंने उसके दोनों हाथों को ऊपर किया और उसके आर्मपिट ( कांख) को हल्का हल्का चाटना शुरू किया.
आप में से कई पाठक सोच रहे होंगे कि यह क्या गंदगी है.
पर सच मानिए … कांख चाटना, कान के अंदर जीभ डालना, चूत और गांड चाटना … बहुत ही अलग और रोमांचित करने वाला अनुभव होता है यह!
ये सब आप अपने उस सेक्स पार्ट्नर के साथ कर के देखिएगा जिससे आप प्यार करते हैं … और वह भी आपको प्यार करता हो!
मानसी खिलखिला कर हंस पड़ी और मेरे होठों को ज़ोर से चूम लिया.
फिर उसे मैंने उल्टा करके पेट के बल लिटाया और उसके खुले बालों को एक तरह करके उसकी गर्दन को चूमने लगा तथा धीरे धीरे नीचे जाकर उसकी पीठ को जीभ से सहलाने लगा.
मानसी तड़प उठी और उसने अपनी छाती ऊपर उठा ली जिससे मैंने अपने दोनों हाथों से उसके दूध को धीरे धीरे मसलना शुरू कर दिया.
अब मानसी की सिसकारियाँ गूंजने लगी.
धीरे धीरे मैं उसके नर्म चूतड़ों की तरफ बढ़ने लगा और उन्हें जीभ से सहलाते सहलाते दांतों से हल्का हल्का काटने भी लगा.
फिर मैं दोनों हाथों से उसकी गांड को फैला कर चाटने के लिए जीभ आगे बढ़ाने लगा.
पर अचानक मानसी ने मुझे रोक दिया और मेरे तरफ घूम कर मुझे चूमने लगी तथा कहा- पीछे अभी नहीं, अगली बार! अभी सिर्फ़ आगे से करो!
क्योंकि अब हम दोनों के बीच सिर्फ़ हवस नहीं प्यार भी था और वो भी काफ़ी गहरा … तो ज़बरदस्ती का तो सवाल ही नहीं उठता.
तुरंत मैंने उसे चित लिटाया उसकी टाँगों मोड़ कर दोनों हाथों से दबा कर चौड़ा किया और एक झटके में मानसी की गुलाबी चूत को अपने मुंह में भर लिया.
वह इस हमले के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी तो उसके मुंह से दबी दबी चीख ‘आ आहह आआ हह’ के रूप में निकलने लगी.
और मैं किसी भूखे इंसान के समान उसकी चूत को चाटने और खाने लगा जैसे कई वक़्त के बाद अपने पसंद का भरपेट भोजन मिला हो.
कुछ देर बाद हम अलग हुए और मैंने मानसी को बेड पर पीठ के बल लिटा कर उसकी गर्दन को चूमते हुए ज़ोर से चबा लिया.
जिससे मानसी सिसक उठी और अपने लंबे नाख़ून वासना के अभिभूत होकर मेरे पीठ पर गड़ा दिए तथा मुझे अपने सीने से दबोचने लगी.
हम दोनों के शरीर पर एक दूसरे के द्वारा दिए गये लव बाइट्स पड़ चुके थे.
फिर नीचे झुक कर मैंने उसको 34″ साइज़ के दूध को मसलना शुरू किया और इतनी ज़ोर से मसल रहा था कि अगर सच में दूध की थैली होती तो कब की फट चुकी होती.
मसलते हुए मैंने उसके एक निप्पल को दाँत से चबा लिया तो मानसी कसमसकर एक हाथ से मुझे अपने सीने पर और ज़ोर से दबाने लगी … मानो कह रही हो कि और ज़ोर से चबाओ.
लेकिन दूसरे हाथ से मेरे बालों को पूरा ज़ोर लगा कर खींच रही थी जैसे मुझे अपने से दूर करना चाह रही हो.
उसके दूध मसलते मसलते मैंने उसके दोनों हाथों को ऊपर किया और उसके आर्मपिट ( कांख) को हल्का हल्का चाटना शुरू किया.
आप में से कई पाठक सोच रहे होंगे कि यह क्या गंदगी है.
पर सच मानिए … कांख चाटना, कान के अंदर जीभ डालना, चूत और गांड चाटना … बहुत ही अलग और रोमांचित करने वाला अनुभव होता है यह!
ये सब आप अपने उस सेक्स पार्ट्नर के साथ कर के देखिएगा जिससे आप प्यार करते हैं … और वह भी आपको प्यार करता हो!
मानसी खिलखिला कर हंस पड़ी और मेरे होठों को ज़ोर से चूम लिया.
फिर उसे मैंने उल्टा करके पेट के बल लिटाया और उसके खुले बालों को एक तरह करके उसकी गर्दन को चूमने लगा तथा धीरे धीरे नीचे जाकर उसकी पीठ को जीभ से सहलाने लगा.
मानसी तड़प उठी और उसने अपनी छाती ऊपर उठा ली जिससे मैंने अपने दोनों हाथों से उसके दूध को धीरे धीरे मसलना शुरू कर दिया.
अब मानसी की सिसकारियाँ गूंजने लगी.
धीरे धीरे मैं उसके नर्म चूतड़ों की तरफ बढ़ने लगा और उन्हें जीभ से सहलाते सहलाते दांतों से हल्का हल्का काटने भी लगा.
फिर मैं दोनों हाथों से उसकी गांड को फैला कर चाटने के लिए जीभ आगे बढ़ाने लगा.
पर अचानक मानसी ने मुझे रोक दिया और मेरे तरफ घूम कर मुझे चूमने लगी तथा कहा- पीछे अभी नहीं, अगली बार! अभी सिर्फ़ आगे से करो!
क्योंकि अब हम दोनों के बीच सिर्फ़ हवस नहीं प्यार भी था और वो भी काफ़ी गहरा … तो ज़बरदस्ती का तो सवाल ही नहीं उठता.
तुरंत मैंने उसे चित लिटाया उसकी टाँगों मोड़ कर दोनों हाथों से दबा कर चौड़ा किया और एक झटके में मानसी की गुलाबी चूत को अपने मुंह में भर लिया.
वह इस हमले के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी तो उसके मुंह से दबी दबी चीख ‘आ आहह आआ हह’ के रूप में निकलने लगी.
और मैं किसी भूखे इंसान के समान उसकी चूत को चाटने और खाने लगा जैसे कई वक़्त के बाद अपने पसंद का भरपेट भोजन मिला हो.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
