22-02-2025, 03:14 PM
उस झीनी सी नाइटी के अन्दर उसने ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी.
उसकी ब्रा पैंटी उसके तराशे हुए जिस्म को मस्त नुमाया कर रही थीं.
फिर वह बड़ी अदा के साथ मेरे पास आई.
मैं बिस्तर पर बैठा हुआ था.
उसने मुझे धकेल कर लिटा दिया और धीरे से मुझ पर चढ़ कर किस करने लगी.
हम दोनों के होंठ आपस में उलझे हुए थे और पहले किस के मुकाबले अभी हमारा किस और जोर से हो रहा था.
चुंबन के साथ साथ हम एक दूसरे को थोड़ा थोड़ा काट भी रहे थे जिससे मीठा मीठा दर्द एक अलग ही मस्ती दे रहा था.
उसके हाथ मेरे सिर में उलझे थे और मैं अपने हाथों से उसके चूतड़ और उसकी पीठ को सहला रहा था.
मानसी कभी मेरे गले को काटती तो कभी मेरे कान की लौ को चबाती … तो कभी अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल देती.
सच कहूँ तो उस वक़्त हम दोनों जन्नत की सैर कर रहे थे.
कुछ देर बाद वह मेरे ऊपर से हटी और उसने मेरी टी-शर्ट और बनियान को निकाल कर फेंक दिया.
साथ ही टीवी का रिमोट उठा कर उसे चालू करके एक म्यूजिक चैनल लगा कर उसकी आवाज को काफी तेज करते हुए बढ़ा दिया ताकि हमारी आवाजें बाहर ना जा सकें.
फिर उसने मेरे सीने पर किस करना शुरू किया और मेरे निप्पल को हल्का सा चबाते हुए लाल कर दिया.
इतना सब होने के बाद अब मेरी बारी थी.
मैंने उसे अपने नीचे लिटाया और उसके पूरे चेहरे पर अपने चुंबनों की बौछार करने लगा.
उसकी आंखें, गाल, सुराही जैसी गर्दन, कान, नाक सबको चूम चूम कर मैंने अपने प्यार से उसे सराबोर कर दिया.
उसके बाद मैंने उसकी काली नाइटी को उसकी मांसल जांघों से ऊपर करना शुरू किया और धीरे धीरे उसका पूरा गोरा बदन मेरी आंखों के सामने आने लगा.
पहले उसकी काली पैंटी जो उसकी योनि के अन्दर घुसी हुई थी और साथ ही कामरस से भीगी हुई थी.
फिर उसका चिकना पेट … और फिर मक्खन से गुंदाज दो गोले!
सिर को उठा कर उसने अपने नाइटी को उतारने में पूरा सहयोग दिया.
मैंने उसके गले पर हल्का सा काट कर लव बाइट का निशान दे दिया.
फिर उसकी ब्रा की स्ट्रिप्स को कंधे से उतार कर साइड में कर दिया और धीरे से उसकी ब्रा को नीचे सरका कर उसके चिकने पेट तक कर दिया.
अब मेरे सामने उसकी तनी हुई चोटियां थीं जिन्हें मसलने के लिए मैं पिछले कितने दिनों से व्याकुल था.
उसके चूचों का रंग बिल्कुल गोरा और लगभग पांच रुपये के सिक्के जितना चौड़ा एयरोला था और उस पर मटर के दाने जितना बड़ा कड़क भूरा निप्पल अपने घमंड में अकड़ा हुआ था.
अगले एक मिनट तक तो मैं सिर्फ़ उसके दोनों मम्मों को देखता ही रहा.
वह शर्मा गई और उसने हौले से कहा- चूस लो न!
मैं मुस्कुरा दिया और मैंने अपने दोनों हाथों में एक एक स्तन को पकड़ कर धीरे धीरे मसलना शुरू कर दिया.
मानसी की मादक सिसकारियां भी निकलनी शुरू हो गईं.
फिर मैंने मानसी के एक स्तन को अपने मुँह में भर लिया और उसके निप्पल को अपनी जीभ से चाटने लगा.
मानसी तो पागल सी हो गई.
वह मेरे सिर के बालों को खींचने लगी और जोर जोर से सिसकारियां भरने लगी.
मैंने मन ही मन कहा कि खींच ले मेरी बुलबुल मेरे सारे बाल, तेरे जैसे स्तनों को पाने के लिए अगर मुझे गंजा भी होना पड़े, तो कोई गम नहीं!
मैं कभी एक स्तन को मसलता और दूसरे को मुँह में भरता, तो कभी दूसरे को मसलता और पहले को मुँह में भर लेता.
उसकी ब्रा पैंटी उसके तराशे हुए जिस्म को मस्त नुमाया कर रही थीं.
फिर वह बड़ी अदा के साथ मेरे पास आई.
मैं बिस्तर पर बैठा हुआ था.
उसने मुझे धकेल कर लिटा दिया और धीरे से मुझ पर चढ़ कर किस करने लगी.
हम दोनों के होंठ आपस में उलझे हुए थे और पहले किस के मुकाबले अभी हमारा किस और जोर से हो रहा था.
चुंबन के साथ साथ हम एक दूसरे को थोड़ा थोड़ा काट भी रहे थे जिससे मीठा मीठा दर्द एक अलग ही मस्ती दे रहा था.
उसके हाथ मेरे सिर में उलझे थे और मैं अपने हाथों से उसके चूतड़ और उसकी पीठ को सहला रहा था.
मानसी कभी मेरे गले को काटती तो कभी मेरे कान की लौ को चबाती … तो कभी अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल देती.
सच कहूँ तो उस वक़्त हम दोनों जन्नत की सैर कर रहे थे.
कुछ देर बाद वह मेरे ऊपर से हटी और उसने मेरी टी-शर्ट और बनियान को निकाल कर फेंक दिया.
साथ ही टीवी का रिमोट उठा कर उसे चालू करके एक म्यूजिक चैनल लगा कर उसकी आवाज को काफी तेज करते हुए बढ़ा दिया ताकि हमारी आवाजें बाहर ना जा सकें.
फिर उसने मेरे सीने पर किस करना शुरू किया और मेरे निप्पल को हल्का सा चबाते हुए लाल कर दिया.
इतना सब होने के बाद अब मेरी बारी थी.
मैंने उसे अपने नीचे लिटाया और उसके पूरे चेहरे पर अपने चुंबनों की बौछार करने लगा.
उसकी आंखें, गाल, सुराही जैसी गर्दन, कान, नाक सबको चूम चूम कर मैंने अपने प्यार से उसे सराबोर कर दिया.
उसके बाद मैंने उसकी काली नाइटी को उसकी मांसल जांघों से ऊपर करना शुरू किया और धीरे धीरे उसका पूरा गोरा बदन मेरी आंखों के सामने आने लगा.
पहले उसकी काली पैंटी जो उसकी योनि के अन्दर घुसी हुई थी और साथ ही कामरस से भीगी हुई थी.
फिर उसका चिकना पेट … और फिर मक्खन से गुंदाज दो गोले!
सिर को उठा कर उसने अपने नाइटी को उतारने में पूरा सहयोग दिया.
मैंने उसके गले पर हल्का सा काट कर लव बाइट का निशान दे दिया.
फिर उसकी ब्रा की स्ट्रिप्स को कंधे से उतार कर साइड में कर दिया और धीरे से उसकी ब्रा को नीचे सरका कर उसके चिकने पेट तक कर दिया.
अब मेरे सामने उसकी तनी हुई चोटियां थीं जिन्हें मसलने के लिए मैं पिछले कितने दिनों से व्याकुल था.
उसके चूचों का रंग बिल्कुल गोरा और लगभग पांच रुपये के सिक्के जितना चौड़ा एयरोला था और उस पर मटर के दाने जितना बड़ा कड़क भूरा निप्पल अपने घमंड में अकड़ा हुआ था.
अगले एक मिनट तक तो मैं सिर्फ़ उसके दोनों मम्मों को देखता ही रहा.
वह शर्मा गई और उसने हौले से कहा- चूस लो न!
मैं मुस्कुरा दिया और मैंने अपने दोनों हाथों में एक एक स्तन को पकड़ कर धीरे धीरे मसलना शुरू कर दिया.
मानसी की मादक सिसकारियां भी निकलनी शुरू हो गईं.
फिर मैंने मानसी के एक स्तन को अपने मुँह में भर लिया और उसके निप्पल को अपनी जीभ से चाटने लगा.
मानसी तो पागल सी हो गई.
वह मेरे सिर के बालों को खींचने लगी और जोर जोर से सिसकारियां भरने लगी.
मैंने मन ही मन कहा कि खींच ले मेरी बुलबुल मेरे सारे बाल, तेरे जैसे स्तनों को पाने के लिए अगर मुझे गंजा भी होना पड़े, तो कोई गम नहीं!
मैं कभी एक स्तन को मसलता और दूसरे को मुँह में भरता, तो कभी दूसरे को मसलता और पहले को मुँह में भर लेता.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
