22-02-2025, 03:10 PM
(09-03-2022, 05:03 PM)neerathemall Wrote:......
तबादला आदेश आने के बाद इन्हें तुरंत 3-4 दिन के अन्दर वहां जाकर एक बार जॉइन करना था, फिर कुछ दिन की छुट्टी लेकर अपना सामान वहां शिफ्ट करवाना था.
चूंकि उस नए शहर में एयरपोर्ट नहीं था, तो उन दोनों ने तय किया कि पहले वे हमारे शहर आएंगे, फिर यहां से अगले दिन टैक्सी या ट्रेन से उस शहर जाने का रखेंगे.
नियत तिथि को वे दोनों और साथ में उनकी 4 वर्षीया बेटी आठ बजे दोपहर में एयरपोर्ट पहुंच गए.
मैं उन्हें रिसीव करके अपने घर ले आया.
यहां में बताना चाहूँगा कि इससे पहले मेरे मन में सहलज को ले कोई कामभावना नहीं थी और ना ही उनके मन में … यहां तक कि हम लोग सिर्फ़ जन्मदिन, त्योहार जैसे अवसरों पर ही बात करते थे और आज से पहले शायद 3 या 4 बार ही मिले थे.
हमारी बातें भी आम जीजा सहलज की तरह होती थीं.
हालांकि सलहज का रंग मेरी बीवी से काफ़ी साफ था और बदन भी भरा हुआ था.
मेरी बीवी का वजन लगभग 50 किलो था और मानसी का 65 के करीब.
घर आने पर सबने उन तीनों का अच्छे से स्वागत किया और थोड़ी देर बाद वह नित्याक्रिया के लिए चले गए.
मेरे घर में 3 कमरे हैं. एक मेरा, एक माताजी का और एक गेस्टरूम है.
लेकिन उस गेस्ट रूम में एसी नहीं है.
चूंकि उनकी फ्लाइट सुबह आई थी, तो मैं बिना नहाए उनको रिसीव करके लाया था.
जब तक वे नहा कर रेडी होते, मैं नाश्ता लेने चला गया.
मुझे आने में आधा घंटा लग गया.
तब तक वे तीनों तैयार हो गए थे.
फिर मैं भी नहाने अपने कमरे में चला गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
