22-02-2025, 02:47 PM
करीब दस मिनट की धकापेल चुदाई के बाद मैं छूटने को होने लगा, तो मैंने पूछा- रस कहां निकालूँ?
तो उन्होंने अपने मुँह में निकालने को कहा.
मैंने झट से चूत से लंड निकाल कर दीदी के मुँह में दे दिया और अपने लंड का सारा सा सारा पानी उनके मुँह में छोड़ दिया.
उन्होंने भी बेझिझक होकर पूरा रस पी लिया.
इस तरह मैंने उस दिन दीदी को दो बार और चोदा.
उनकी चूत में अपना लंड पेल कर मैंने अपना कुंवारापन कुर्बान कर दिया था और एक सुखद अनुभव के साथ सो गया.
तो उन्होंने अपने मुँह में निकालने को कहा.
मैंने झट से चूत से लंड निकाल कर दीदी के मुँह में दे दिया और अपने लंड का सारा सा सारा पानी उनके मुँह में छोड़ दिया.
उन्होंने भी बेझिझक होकर पूरा रस पी लिया.
इस तरह मैंने उस दिन दीदी को दो बार और चोदा.
उनकी चूत में अपना लंड पेल कर मैंने अपना कुंवारापन कुर्बान कर दिया था और एक सुखद अनुभव के साथ सो गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
