22-02-2025, 02:46 PM
मैंने झट से अपना रूमाल निकाला और एक हाथ से उनकी चूची को पकड़ लिया. दूसरे हाथ से मैं खून को साफ करने लगा.
उस मखमल सी मुलायम चूची को छूने के बाद तो मेरे पूरे बदन में करेंट सा दौड़ गया.
फिर भी मैंने अपने आपको संभाला और दीदी की चूची को अच्छे से साफ करने लगा.
उस वक्त दीदी ने हल्की से आह भी भरी तो मैंने सोचा कि कोई आ ना जाए.
मैंने उसी डर के मारे कह दिया- मरवाओगी क्या?
इस पर उन्होंने हां कह दिया.
पहले तो मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि मरवाओगी क्या … का उत्तर हां में देने का क्या आशय है?
फिर मैंने उनकी तरफ देखा, तो उन्होंने मुझे आंख मार दी.
अब मैं समझ गया कि उनकी हां का मतलब क्या था.
मैं डर के कारण हाथ धोने के बहाने कमरे से निकल गया.
वापस आकर मैंने उन्हें लैपटॉप सिखाना शुरू कर दिया.
उस वक़्त तक उन्होंने अपने कपड़े भी ठीक कर लिए थे.
मन ही मन मुझे खुद पर काफी गुस्सा आ रहा था कि मौका मिलने पर मैंने चौका नहीं मारा.
इस तरह उस दिन का समय खत्म हो गया.
रात भर अपने आपको कोस कर अगले दिन मैं फिर उनके घर गया.
बिना इधर-उधर की बात किए, मैं उन्हें लैपटॉप सिखा रहा था.
उन्होंने मुझसे कहा- रोहित, क्या तुम फिर से मेरे दूध पर क्रीम लगा दोगे!
मैंने हां में सर हिला दिया.
तो उन्होंने झट से अपनी नाईटी को सामने से खोल दिया और ब्रा में कैद मुझे अपनी चूचियों के दर्शन कराए.
ब्रा के नीचे कटी हुई जगह पर थोड़ी सी क्रीम लगाने के बाद मैंने धीमे स्वर में कहा- दीदी, अगर आप कपड़े उतार दो, तो मैं अच्छे से क्रीम लगा दूँगा.
उन्होंने अपनी नाइटी को पूरी तरह से हटा दिया.
इस प्रकार वे मेरे सामने पिंक ब्रा और पैंटी में आ गईं.
मैंने ब्रा की तरफ इशारा किया तो उन्होंने उसे भी उतार दिया.
तब मैंने पुनः क्रीम लगाना शुरू किया.
अब कभी-कभी मैं उनकी चूची को दबा भी देता था.
वे बोलीं- दूध दबाने में मजा आ रहा है क्या?
मैंने हंस कर दीदी की तरफ देखा.
वे बोलीं- दूध पिएगा?
मैंने हां में मुँडी हिला दी.
दीदी ने मुझे अपने होंठों को गोल करके चूमने का इशारा किया.
मुझे उनकी यह हरकत किसी चुदासी रंडी जैसी लगी.
मैंने भी अपने होंठ गोल करके उन्हें चुम्मी करने का इशारा किया.
फिर ना जाने कब हम दोनों के होंठ आपस में फेविकोल की तरह चिपक गए.
अब मैं उनकी चूचियों को और जोर-जोर से दबाने लगा. जिस कारण वे जोर जोर से आह आह करने लगीं.
फिर मैंने अपना मुँह उनकी एक चूची पर टिकाया और जोर जोर से दूध पीने लगा.
उनकी चूचियों से दूध निकल रहा था, जो पीने में काफी मीठा था.
अब तक मेरा सात इंच का औजार खड़ा हो चुका था जो बार बार उनके पेट से टकरा रहा था.
फिर उन्होंने मेरे लंड की तरफ रुख किया और झट से मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया.
वे इतनी जोर जोर से मेरे लंड को चूस रही थीं कि 5 मिनट में ही मेरा पानी छूट गया.
फिर पायल दीदी ने अपनी पिंक पैंटी खुद से उतार दी.
अब वे मेरे सामने बिल्कुल नंगी हो गई थीं.
उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. बाल न होने से उनकी चूत की खूबसूरती को और भी बढ़ रही थी.
मैंने पोज बनाया और दीदी की चूत पर एक किस कर दिया.
वे सिहर उठीं और उसी पल मैं उनकी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा.
वे आह आह करने लगीं और उनकी दोनों टांगें फैल गईं.
मैं भी किसी कुत्ते की तरह अपनी दीदी की चूत को चाटता और चूसता रहा.
अगले कुछ ही मिनटों में दीदी की चूत ने पानी छोड़ दिया.
वे आह आह करके मुझे हट जाने का कहने लगीं, मगर मुझे चूत रस को चाटने में मजा आ रहा था तो मैं दीदी की चूत को चाटता रहा.
उस मखमल सी मुलायम चूची को छूने के बाद तो मेरे पूरे बदन में करेंट सा दौड़ गया.
फिर भी मैंने अपने आपको संभाला और दीदी की चूची को अच्छे से साफ करने लगा.
उस वक्त दीदी ने हल्की से आह भी भरी तो मैंने सोचा कि कोई आ ना जाए.
मैंने उसी डर के मारे कह दिया- मरवाओगी क्या?
इस पर उन्होंने हां कह दिया.
पहले तो मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि मरवाओगी क्या … का उत्तर हां में देने का क्या आशय है?
फिर मैंने उनकी तरफ देखा, तो उन्होंने मुझे आंख मार दी.
अब मैं समझ गया कि उनकी हां का मतलब क्या था.
मैं डर के कारण हाथ धोने के बहाने कमरे से निकल गया.
वापस आकर मैंने उन्हें लैपटॉप सिखाना शुरू कर दिया.
उस वक़्त तक उन्होंने अपने कपड़े भी ठीक कर लिए थे.
मन ही मन मुझे खुद पर काफी गुस्सा आ रहा था कि मौका मिलने पर मैंने चौका नहीं मारा.
इस तरह उस दिन का समय खत्म हो गया.
रात भर अपने आपको कोस कर अगले दिन मैं फिर उनके घर गया.
बिना इधर-उधर की बात किए, मैं उन्हें लैपटॉप सिखा रहा था.
उन्होंने मुझसे कहा- रोहित, क्या तुम फिर से मेरे दूध पर क्रीम लगा दोगे!
मैंने हां में सर हिला दिया.
तो उन्होंने झट से अपनी नाईटी को सामने से खोल दिया और ब्रा में कैद मुझे अपनी चूचियों के दर्शन कराए.
ब्रा के नीचे कटी हुई जगह पर थोड़ी सी क्रीम लगाने के बाद मैंने धीमे स्वर में कहा- दीदी, अगर आप कपड़े उतार दो, तो मैं अच्छे से क्रीम लगा दूँगा.
उन्होंने अपनी नाइटी को पूरी तरह से हटा दिया.
इस प्रकार वे मेरे सामने पिंक ब्रा और पैंटी में आ गईं.
मैंने ब्रा की तरफ इशारा किया तो उन्होंने उसे भी उतार दिया.
तब मैंने पुनः क्रीम लगाना शुरू किया.
अब कभी-कभी मैं उनकी चूची को दबा भी देता था.
वे बोलीं- दूध दबाने में मजा आ रहा है क्या?
मैंने हंस कर दीदी की तरफ देखा.
वे बोलीं- दूध पिएगा?
मैंने हां में मुँडी हिला दी.
दीदी ने मुझे अपने होंठों को गोल करके चूमने का इशारा किया.
मुझे उनकी यह हरकत किसी चुदासी रंडी जैसी लगी.
मैंने भी अपने होंठ गोल करके उन्हें चुम्मी करने का इशारा किया.
फिर ना जाने कब हम दोनों के होंठ आपस में फेविकोल की तरह चिपक गए.
अब मैं उनकी चूचियों को और जोर-जोर से दबाने लगा. जिस कारण वे जोर जोर से आह आह करने लगीं.
फिर मैंने अपना मुँह उनकी एक चूची पर टिकाया और जोर जोर से दूध पीने लगा.
उनकी चूचियों से दूध निकल रहा था, जो पीने में काफी मीठा था.
अब तक मेरा सात इंच का औजार खड़ा हो चुका था जो बार बार उनके पेट से टकरा रहा था.
फिर उन्होंने मेरे लंड की तरफ रुख किया और झट से मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया.
वे इतनी जोर जोर से मेरे लंड को चूस रही थीं कि 5 मिनट में ही मेरा पानी छूट गया.
फिर पायल दीदी ने अपनी पिंक पैंटी खुद से उतार दी.
अब वे मेरे सामने बिल्कुल नंगी हो गई थीं.
उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. बाल न होने से उनकी चूत की खूबसूरती को और भी बढ़ रही थी.
मैंने पोज बनाया और दीदी की चूत पर एक किस कर दिया.
वे सिहर उठीं और उसी पल मैं उनकी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा.
वे आह आह करने लगीं और उनकी दोनों टांगें फैल गईं.
मैं भी किसी कुत्ते की तरह अपनी दीदी की चूत को चाटता और चूसता रहा.
अगले कुछ ही मिनटों में दीदी की चूत ने पानी छोड़ दिया.
वे आह आह करके मुझे हट जाने का कहने लगीं, मगर मुझे चूत रस को चाटने में मजा आ रहा था तो मैं दीदी की चूत को चाटता रहा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
