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Incest बड़ी दीदी की चुदाई
#51
अभी डेढ़ साल पूर्व की घटना पर चलते हैं. उस वक्त तक पायल दीदी का बेटा सिर्फ एक साल चार महीने का ही हुआ था.

दीदी अपने मायके में ही रहती थीं.
वैसे उनका ससुराल भी मुंगेर में ही है.
परन्तु उनके पति बंगाल में काम करते हैं और महीने में 2 या 3 बार ही घर आते थे, इसलिए भी वे अपने मायके में ही रहती थीं.

पायल दीदी चाहती थीं कि वे एक आत्मनिर्भर महिला बनें … इसलिए वे कंप्यूटर का एक कोर्स भी कर रही थीं.
परन्तु उम्र अधिक हो जाने के कारण उनकी किसी भी तकनीक को जल्दी समझने की क्षमता भी कम हो गई थी.

चूंकि मैंने 12 वीं करने के बाद कंप्यूटर का कोर्स किया था और कंप्यूटर के प्रति मेरे अच्छे ज्ञान के कारण मेरी बुआ ने मुझे पायल दीदी की मदद करने को कहा.

वैसे मेरी पायल दीदी से ज्यादा बात नहीं होती थी, फिर भी मैंने हामी भर दी.

मैंने शाम 4-5 का समय निर्धारित किया, जिससे किसी को आपत्ति नहीं थी.

अगले दिन मैं अपनी बुआ के घर आया.
उनका घर मेरे घर से 5 मिनट की दूरी पर ही था.

समय पर पहुंचा तो पायल दीदी ने ही दरवाजा खोला.

उस दिन उन्होंने पूरे गले वाली लाल रंग की नाईटी पहनी हुई थी.
उन्होंने मुझे अपने पीछे आने का कहा.
वैसा करने पर मैं उनके कमरे में पहुंच गया.

उनके कमरे में उनका लैपटॉप भी था तो मैं उनके लैपटॉप को स्टार्ट करने लगा.

क्योंकि मैं अभी-अभी अपनी जवानी में प्रवेश कर रहा था इसलिए मैंने उनके संतरों को देखने का अनगिनत बार विफल प्रयास किया.

वे इस बात से अनभिज्ञ थीं कि मैं उनके संतरों को देखना चाहता हूँ.

तभी उनका बेटा भी मेरी गोद में आकर मुझे परेशान कर रहा था, जिसकी शिकायत मैंने दीदी से की.

इस पर उन्होंने कल तक इंतजाम करने का आश्वासन दिया.
अगले दिन जब मैं उनके कमरे में पहुंचा तो उन्होंने कमरे को बंद कर दिया.

यह देख कर मैं एकदम से घबरा गया.
उनने मेरी घबराहट को दूर करने के लिए बताया कि इस तरह से उनका बेटा हमें परेशान नहीं करेगा.

इसी तरह कई दिन बीत गए परंतु मैं अभी तक उनकी गेंदों को नहीं देख पाया था.

फिर वह शुक्रवार का दिन आया, जिसने मेरी जिंदगी बदल दी.

उस दिन मैं थोड़ी जल्दी ही उनके घर आ गया. शायद 15 मिनट पहले पहुंच गया था.

हमारे इधर के लोग खाना खाने के बाद सो जाया करते हैं, उसी तरह पायल के घर में भी पायल के अलावा सभी लोग सोए हुए थे.

उस कारण पायल अपने बेटे को अपना दूध पिला रही थी.
उनको दूध पिलाने के बीच में ही उठ कर दरवाजा खोलना पड़ा.

यह पहली बार था, जब मैंने पायल दीदी की चूचियों को नंगी देखा था.
हालांकि मुझे उनकी चूचियां आधी ही दिख रही थीं, क्योंकि वे हमेशा पूरे गले की नाईटी पहना करती थीं.

उन्होंने अपने हाथ को हिलाया और मुझे होश में लाया.
होश में आने के बाद मैं सीधा उनके कमरे में चला गया.

वे भी अपने कमरे में आ गईं. वे अभी भी अपने बेटे को दूध पिला रही थीं.

मैं तिरछी नज़रों से चूचे देखते हुए लैपटॉप चला रहा था.

अचानक उन्होंने हल्की सी चीख निकाली तो मैंने पूछा- क्या हुआ?
उन्होंने कहा- कुछ नहीं.

मैंने भी ज्यादा दवाब नहीं डाला और वापस से उनकी चूची को तिरछी नज़र से देखने लगा.
एक मिनट बाद उन्होंने पिछली चीख से अधिक दर्द में चीख निकाली.

अब मैंने देख लिया था कि दीदी के एक निप्पल के नीचे से खून निकल रहा था.
मुझे समझ आ गया था कि बेबी ने काट लिया है.

फिर भी मैंने पूछ लिया कि क्या हुआ?
उन्होंने कुछ भी कहने की बजाए मुझे अपनी चूची दिखाई, जिसके निप्पल से खून निकल रहा था.

मैं दीदी की एक बात जानता था कि उनको खून से दिक्कत है, तो वे खुद से तो उसे साफ नहीं करेंगी और मुझे ही उनकी चूची को साफ करने के लिए कहेंगी.
फिर भी मैंने उनसे कहा कि आप इसे साफ करके इसमें क्रीम लगा लो.

उन्होंने वैसा ही करने के लिए सर हिलाया.
फिर जैसा मैंने सोचा था, दीदी ने सब कुछ मुझे करने को कहा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बड़ी दीदी की चुदाई - by neerathemall - 22-02-2025, 02:45 PM



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