19-02-2025, 03:26 PM
जवान नौकरानी को पटाकर चोदा
ब
जवान नौकरानी को पटाकर चोदा
उस समय दिल्ली में रहा करता था. मैं वहां अपनी एक दूर के चाचा चाची के यहां रह कर पढ़ाई कर रहा था.
तब चाचा जी ने अपने छोटे बच्चे के लिए एक नौकरानी लगा रखी थी जो सारे दिन घर पर रहा करती थी.
वह घर का सारा काम करती थी और साथ में बच्चे को भी संभालती थी.
उसकी उम्र 21 साल थी और वह देखने में बहुत ही कामुक शरीर की और अच्छी टाइट सी लौंडिया थी.
जब वह अपना काम खत्म कर कर टीवी देखती थी तो मैं उसको देखता रहता था.
उसको देख कर मेरा लंड हमेशा खड़ा हो जाता था.
मेरी उससे बातचीत होती रहती थी; मैं उसकी पटाने की कोशिश में लगा रहता था.
एक बार चाचा चाची मूवी देखने गए और वो अपने साथ बच्चे को भी ले गए थे.
उस दिन नौकरानी घर पर अकेली थी.
जब चाचा चाची मूवी देखने चले गए तो मैं उसके पास आ गया और उससे उसकी पुरानी बातें करने लगा.
उसके फ्रेंड और उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा, तो उसने कहा कि मेरा आज तक एक भी बॉयफ्रेंड नहीं बना.
तब मैंने सोचा कि मैं इसे आज किसी तरह पटा लूँ, तो मजा आ जाए.
मेरे दिमाग में एक आइडिया आया.
वो हॉल में टीवी देख रही थी तो मैं उसके पास जाकर सोफे पर बैठ गया.
मेरा लंड खड़ा हो चुका था.
वो जाड़े के दिन थे, मैंने एक कंबल उठाया और अपने पैर पर डाल लिया.
कुछ पल बाद मैंने धीरे से वो कम्बल उसके पैर पर भी डाल दिया और उसने भी कुछ न कहते हुए कम्बल को अपने ऊपर ओढ़ लिया.
मैंने उससे थोड़ी सेक्स की बातें करना शुरू कर दीं.
उसे भी थोड़ा थोड़ा अच्छा लग रहा था.
मैंने उससे कहा- तुम्हें फिल्म में सबसे अच्छा क्या देखना लगता है?
वो बोली- रोमांस.
मैंने कहा- क्यों?
वो हंस कर बोली- बस अच्छा लगता है.
मैंने कहा- अच्छा वो सब देख कर क्या लगता है?
वो मेरी तरफ देख कर हंसने लगी.
मैंने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और सहलाने लगा.
उसने कुछ नहीं कहा.
शायद वो मेरी भावनाओं को समझ रही थी और उसका भी कुछ कुछ मन हो रहा था.
मैं कहा- बताओ न?
वो बोली- बस दिल में कुछ कुछ होने लगता है.
मैंने कहा- कुछ कुछ क्या होने लगता है?
वो बोली- अब ऐसे कैसे बताऊं?
मैंने कहा- जब हीरो हीरोइन को किस करता है, तब कैसा लगता है?
वो बोली- तब तो समझो ऐसा लगता है कि काम ही हो गया है.
ये कह कर वो जोर जोर से हंसने लगी.
मैंने कहा- कैसा काम हो जाता है बताओ न?
ये कह कर थोड़ी देर तक मैं उसका हाथ मलता रहा. उसको मेरी बातें अच्छी लग रही थीं. वो बस चुप थी.
फिर मैंने उससे कहा- मैं तुम्हें एक अच्छी चीज दिखाता हूं, आंखें बंद करो.
उसने वैसे ही किया.
मैंने उसका हाथ अपनी पैंट के अन्दर डाल दिया और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया.
उसने आंख खोल कर देखा और वो एकदम से डर गई.
वो बोली- यह क्या कर रहे हो आप?
पर मुझे पता था कि उसको मन ही मन में अच्छा लग रहा है.
मैंने उससे कहा कि तुम्हें हाथ में पकड़ने में मजा नहीं आ रहा क्या?
उसने नाटक किया कि मैं चाचा चाची को सारी बात बता दूंगी.
मुझे पता था कि वह ऐसा नहीं करेगी. उसका मन है, वह खाली मुझे डरा रही है.
मैंने उससे कहा- जिसको बताना है बता देना. मैं तुम्हें प्यार करता हूं. जब से मैंने तुम्हें एक बार सुबह सुबह देखा था, तब से मैं तुम्हारे कामुक का प्यासा हूं. मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूं.
पहले तो उसने यह बात सुनकर नखरा किया कि आपको मैं इतना बढ़िया इंसान समझती थी, आप इतने बुरे निकले.
मैंने उससे कहा- मैं तुम्हारे साथ सेक्स तो करूंगा ही. इस समय मौका भी अच्छा है, तो तुम्हें भी पहली बार सेक्स का मजा मिल जाएगा. मेरा साथ दो और मजा ले लो.
वो धीरे-धीरे शांत हो गई, उसको भी प्यार आने लगा.
उसने मेरे कान में कहा- मैं भी आपसे चुदना चाहती थी, पर मैं चाचा चाची के सामने कह नहीं पाई. मैंने कभी भी सेक्स नहीं किया है, आज मुझे भी सेक्स करना है. पर मेरी एक शर्त है कि उसके बदले में मुझे किसी बड़े से होटल में ले जाकर खिलाना पड़ेगा. मैं कभी बड़े होटल में नहीं गई.
मैंने भी उसकी इस शर्त को सुन कर कहा- जानेमन, मैं उसी होटल में तेरी लूंगा भी और तू जो बोलेगी तुझे खिलाऊंगा भी. तुझे पहले ही बता देना चाहिए था कि मैं तुम्हें देना चाहती हूं, पर तू इतना नाटक क्यों करती है.
फिर उसने कहा- चलो अब तो कह दिया है. बस धीरे-धीरे करना. मेरा पहली बार है.
मैंने उससे कहा- साइड में आ जा.
उसका हाथ एक बार फिर मैंने अपने लंड पर रख दिया और उससे कहा- इसे हिलाओ, मैं तुझे चोदना सिखाता हूं.
उसने पहले धीरे-धीरे किया.
जब मैंने उससे कहा कि जोर-जोर से ऊपर नीचे करो, तब उसने जोर से ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया.
मुझे भी अन्दर से कामसुख की प्राप्ति होने लगी.
मैंने उससे कहा- इसको अपने मुँह से करो.
उसने कहा- घर का मेन गेट बंद कर लो और रूम में चलो.
मैंने कहा- चिंता मत कर … चाचा चाची शाम को आएंगे.
वो बोली- तब भी दरवाजा बंद कर लो.
फिर मैंने दरवाजा बंद किया और उसको अपनी बांहों में उठा कर अपने रूम में ले गया.
उधर मैंने उसके होंठों पर किस किया और उससे कहा- तुझे सेक्स करना था तो इतने नखरे क्यों कर रही थी.
वो हंस कर बोली- तो क्या सीधे लंड पकड़ लेती.
मैंने उसको अपने बेड पर लिटाया और उसके कपड़े निकालना शुरू किए.
पहले उसका टॉप निकाला और उसके बाद उसका पजामा निकाला.
अब उसके बदन पर केवल ब्रा और पैंटी रह गई थी.
उसने मेरी टी-शर्ट को और पैंट को निकाला.
मैं केवल अंडरवियर पहने हुए था.
वो मुस्कुराने लगी और बोली- अब करो न.
तब चाचा जी ने अपने छोटे बच्चे के लिए एक नौकरानी लगा रखी थी जो सारे दिन घर पर रहा करती थी.
वह घर का सारा काम करती थी और साथ में बच्चे को भी संभालती थी.
उसकी उम्र 21 साल थी और वह देखने में बहुत ही कामुक शरीर की और अच्छी टाइट सी लौंडिया थी.
जब वह अपना काम खत्म कर कर टीवी देखती थी तो मैं उसको देखता रहता था.
उसको देख कर मेरा लंड हमेशा खड़ा हो जाता था.
मेरी उससे बातचीत होती रहती थी; मैं उसकी पटाने की कोशिश में लगा रहता था.
एक बार चाचा चाची मूवी देखने गए और वो अपने साथ बच्चे को भी ले गए थे.
उस दिन नौकरानी घर पर अकेली थी.
जब चाचा चाची मूवी देखने चले गए तो मैं उसके पास आ गया और उससे उसकी पुरानी बातें करने लगा.
उसके फ्रेंड और उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा, तो उसने कहा कि मेरा आज तक एक भी बॉयफ्रेंड नहीं बना.
तब मैंने सोचा कि मैं इसे आज किसी तरह पटा लूँ, तो मजा आ जाए.
मेरे दिमाग में एक आइडिया आया.
वो हॉल में टीवी देख रही थी तो मैं उसके पास जाकर सोफे पर बैठ गया.
मेरा लंड खड़ा हो चुका था.
वो जाड़े के दिन थे, मैंने एक कंबल उठाया और अपने पैर पर डाल लिया.
कुछ पल बाद मैंने धीरे से वो कम्बल उसके पैर पर भी डाल दिया और उसने भी कुछ न कहते हुए कम्बल को अपने ऊपर ओढ़ लिया.
मैंने उससे थोड़ी सेक्स की बातें करना शुरू कर दीं.
उसे भी थोड़ा थोड़ा अच्छा लग रहा था.
मैंने उससे कहा- तुम्हें फिल्म में सबसे अच्छा क्या देखना लगता है?
वो बोली- रोमांस.
मैंने कहा- क्यों?
वो हंस कर बोली- बस अच्छा लगता है.
मैंने कहा- अच्छा वो सब देख कर क्या लगता है?
वो मेरी तरफ देख कर हंसने लगी.
मैंने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और सहलाने लगा.
उसने कुछ नहीं कहा.
शायद वो मेरी भावनाओं को समझ रही थी और उसका भी कुछ कुछ मन हो रहा था.
मैं कहा- बताओ न?
वो बोली- बस दिल में कुछ कुछ होने लगता है.
मैंने कहा- कुछ कुछ क्या होने लगता है?
वो बोली- अब ऐसे कैसे बताऊं?
मैंने कहा- जब हीरो हीरोइन को किस करता है, तब कैसा लगता है?
वो बोली- तब तो समझो ऐसा लगता है कि काम ही हो गया है.
ये कह कर वो जोर जोर से हंसने लगी.
मैंने कहा- कैसा काम हो जाता है बताओ न?
ये कह कर थोड़ी देर तक मैं उसका हाथ मलता रहा. उसको मेरी बातें अच्छी लग रही थीं. वो बस चुप थी.
फिर मैंने उससे कहा- मैं तुम्हें एक अच्छी चीज दिखाता हूं, आंखें बंद करो.
उसने वैसे ही किया.
मैंने उसका हाथ अपनी पैंट के अन्दर डाल दिया और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया.
उसने आंख खोल कर देखा और वो एकदम से डर गई.
वो बोली- यह क्या कर रहे हो आप?
पर मुझे पता था कि उसको मन ही मन में अच्छा लग रहा है.
मैंने उससे कहा कि तुम्हें हाथ में पकड़ने में मजा नहीं आ रहा क्या?
उसने नाटक किया कि मैं चाचा चाची को सारी बात बता दूंगी.
मुझे पता था कि वह ऐसा नहीं करेगी. उसका मन है, वह खाली मुझे डरा रही है.
मैंने उससे कहा- जिसको बताना है बता देना. मैं तुम्हें प्यार करता हूं. जब से मैंने तुम्हें एक बार सुबह सुबह देखा था, तब से मैं तुम्हारे कामुक का प्यासा हूं. मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूं.
पहले तो उसने यह बात सुनकर नखरा किया कि आपको मैं इतना बढ़िया इंसान समझती थी, आप इतने बुरे निकले.
मैंने उससे कहा- मैं तुम्हारे साथ सेक्स तो करूंगा ही. इस समय मौका भी अच्छा है, तो तुम्हें भी पहली बार सेक्स का मजा मिल जाएगा. मेरा साथ दो और मजा ले लो.
वो धीरे-धीरे शांत हो गई, उसको भी प्यार आने लगा.
उसने मेरे कान में कहा- मैं भी आपसे चुदना चाहती थी, पर मैं चाचा चाची के सामने कह नहीं पाई. मैंने कभी भी सेक्स नहीं किया है, आज मुझे भी सेक्स करना है. पर मेरी एक शर्त है कि उसके बदले में मुझे किसी बड़े से होटल में ले जाकर खिलाना पड़ेगा. मैं कभी बड़े होटल में नहीं गई.
मैंने भी उसकी इस शर्त को सुन कर कहा- जानेमन, मैं उसी होटल में तेरी लूंगा भी और तू जो बोलेगी तुझे खिलाऊंगा भी. तुझे पहले ही बता देना चाहिए था कि मैं तुम्हें देना चाहती हूं, पर तू इतना नाटक क्यों करती है.
फिर उसने कहा- चलो अब तो कह दिया है. बस धीरे-धीरे करना. मेरा पहली बार है.
मैंने उससे कहा- साइड में आ जा.
उसका हाथ एक बार फिर मैंने अपने लंड पर रख दिया और उससे कहा- इसे हिलाओ, मैं तुझे चोदना सिखाता हूं.
उसने पहले धीरे-धीरे किया.
जब मैंने उससे कहा कि जोर-जोर से ऊपर नीचे करो, तब उसने जोर से ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया.
मुझे भी अन्दर से कामसुख की प्राप्ति होने लगी.
मैंने उससे कहा- इसको अपने मुँह से करो.
उसने कहा- घर का मेन गेट बंद कर लो और रूम में चलो.
मैंने कहा- चिंता मत कर … चाचा चाची शाम को आएंगे.
वो बोली- तब भी दरवाजा बंद कर लो.
फिर मैंने दरवाजा बंद किया और उसको अपनी बांहों में उठा कर अपने रूम में ले गया.
उधर मैंने उसके होंठों पर किस किया और उससे कहा- तुझे सेक्स करना था तो इतने नखरे क्यों कर रही थी.
वो हंस कर बोली- तो क्या सीधे लंड पकड़ लेती.
मैंने उसको अपने बेड पर लिटाया और उसके कपड़े निकालना शुरू किए.
पहले उसका टॉप निकाला और उसके बाद उसका पजामा निकाला.
अब उसके बदन पर केवल ब्रा और पैंटी रह गई थी.
उसने मेरी टी-शर्ट को और पैंट को निकाला.
मैं केवल अंडरवियर पहने हुए था.
वो मुस्कुराने लगी और बोली- अब करो न.
ब
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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