19-02-2025, 12:04 PM
अब जैसे-जैसे हर हनीमून के दिन नजदीक कहां रहे थे .......मेरी एक्साइटमेंट बढ़ रही थी......
बहुत सारी बातों को लेकर ......एक तो पहली बार मुझे सेक्स करने का मौका मिलेगा .....अपनी ही बीवी के साथ ......या किसी भी लड़की के साथ .......
जो बचपन से मेरी इच्छा थी .....
दूसरा ....खुशबू ने जिस तरह की सेक्सी बिकनी ली थी .....उसकी उसमें पहन कर देखने की इच्छा ......तो मुझे वैसे ही टाइट कर कर पागल कर रही थी ........
तीसरा असलम भी हमारे साथ आने वाला है...... इसलिए सिक्योरिटी की भी कोई चिंता था नहीं.......ऊपर से वह ढेर सारी तस्वीर लेने वाला था .....मेरी और खुशबू की हनीमून की .......जो भी मुझे बहुत हेल्पफुल रहने वाला था .......आगे जाकर अपने छोटी सी लंड हिला कर ......अपने आप अपने आप को संतुष्टि देने में....... क्योंकि मुझे इस तरह से खुशबू की छोटे-छोटे कपड़ों में तस्वीर देखकर हिलाने में बड़ा मजा आता था....
आने जाने की टिकट का तो मैं असलम को बोल दिया था .....तो वह तो होने ही जाने वाली थी .......मैं गोवा में रहने के लिए एक भी होटल की बुकिंग नहीं करवाई थी .....क्योंकि मैं चाह रहा था कि वहां पर रूबरू जाकर अगर मैं नेगोशिएट करके रूम बुक करवाऊंगा.....तो फायदा होगा तो पैसे भी बच जाएंगे........
दूसरी तरफ खुशबू भी बहुत एक्साइटेड थीं इस हनीमून को लेकर ......वहां भी उसे बॉडी लैंग्वेज से खास जाहिर हो रहा था मुझे ....
इमरान के पार्लर में जाकर उसने फुल बॉडी वैक्सिंग करवाई थी ......और जिस तरह से हमारी सुहागरात पर उसने मेहंदी करवाई थी मुझे खुश करने के लिए .......वापस उसने हाथ और पैरों में मेहंदी भी अच्छे से लगवा दी थी.....
उसने अच्छे से अपना वह लाल कलर का जुड़ा भी तैयार करवा दिया था .......जो ज्यादातर औरतें हनीमून पर पति के साथ पहनती है ....
हाथ में डार्क रंग की नेल पॉलिश...... वगैरह करके उसने अपने आप को बहुत खूबसूरत बना दिया था.....
वह भी बहुत अच्छे से अपनी प्रिपरेशन में जुड़ गई थी ......सामान वगैरा पैकिंग के लिए ......
मैंने पैकिंग के दौरान खुशबू के ऐसे नए-नए और छोटे-छोटे ड्रेस देखे थे ......जो मैंने पहले कभी नहीं देखे थे ... ......
एक से एक छोटे-छोटे शॉट मिनी स्कर्ट.... वन पीस ड्रेस .....और ढेर सारी रात में पहनने वाली हनीमून पर पहने जाने वाली नाइट्स ......
तो बहुत देखकर भी मैं बहुत एक्साइटिड था... क्योंकि गोवा जाकर मुझे ऐसे ही सब कपड़ों में खुशबू देखने को मिलेगी ......और असलम जो साथ में थे इसलिए दूसरी कोई परेशानी की तो बात ही नहीं होने वाली थी.....
खुशबू भी इतने अच्छे मौके को हाथ से कोना देना नहीं चाहती थी .......वह पूरी शिद्दत शिद्दत से चाह रही थी कि...... हनीमून के दरमियान वह और असलम हो सके उतना अच्छा और करीबी समय बिताए एक दूसरे के साथ......
इसके लिए उसे क्या करना है वह सोचने में उसने अपना शातिर दिमाग चलाना चालू कर दिया ......
एक दो बार खुशबू ने मेरे सामने है असलम के साथ फोन पर इधर-उधर की बात की थी..... गोवा में क्या करेंगे.. वगैरा-वगैरा ......
ट्रेन की टिकट के बारे में पूछा था और यह भी बता दिया था कि अमित ने वहां पर बुकिंग नहीं करवाई थी .......तो तुम सब संभाल लेना.....!!!!
फिर मैं भी कि मैं चैन की सांस ली थी ......कि सब आने-जाने का प्लानिंग और रहने वगैरा का प्लानिंग खुशबू और असलम संभाल रहे हैं .....तो मुझे कुछ करने को ज्यादा होगा नहीं.....!!!!
अब हम आज शाम को निकालने वाले थे हनीमून के लिए शाम को 6:00 बजे कि हमारी ट्रेन थी
मैं अपने सीधे-साधे नॉर्मल से पेंट शर्ट में तैयार हो चुका था. .. और खुशबू एक बेहद ही खूबसूरत कपड़े पहन कर मेरे सामने आई .....!!!!
साथ ही साथ उसने वह जो नॉर्मल घर पर जी साइज का मंगलसूत्र पहनती थी उससे थोड़ा लंबा और बड़ी साइज का मंगलसूत्र पहना हुआ था.....
जो देखकर मुझे बड़ा मजा और और अभिमान bhi महसूस हुआ कि..... मेरी प्यारी खूबसूरत पत्नी कितनी अच्छी तरह से दिख रही है कि वह शादीशुदा है.....!!!!
खुशबू इस तरह के कपड़े ......मेरे साथ...... शादी से पहले अपने यारों दोस्तों के साथ घूमते जाते वक्त ही पहनती थी .....!!!! यह पहली बार था की खुशबू मेरे साथ बाहर आते वक्त इतने छोटे कपड़े पहन कर आ रही थी .......वह वन पीस ड्रेस इतना छोटा सा था कि ......वह आगे से थोड़ी भी झुक जाए तो पीछे वाले किसी भी बंदे को आसानी से पता लग जाएगा की खुशबू ने कौन से रंग की पैंटी पहनी है!!!!! खुशबू ने ऊपर भी जो टॉप पहना था उसके अंदर एक वाइट रंग की हल्की सी शर्ट पहनी थी...... क्योंकि ऊपर का टॉप थोड़ा ट्रांसपेरेंट था इस तरह के कपड़े में खुशबू का फिगर एकदम कमाल लग रहा था......!!!
खुशबू को इस तरह से तैयार होते देखकर एक्साइटमेंट और नर्वसनेस के मारे मेरी तो हालत बिगड़ रही थी .....हल्के से डरते हुए मैं खुशबू ji से पूछा....
"अरे खुशबू जी..... यह इस तरह के कपड़े ......कुछ ज्यादा ही छोटे नहीं हैं.....!??
वह प्यार से मेरे पास आई .....और मेरे गाल पर हल्के से अपना हाथ घुमाया .....
"क्या डियर !??? हम हनीमून पर जा रहे हैं .......वहां "आपको" खुश करने के लिए मैं ऐसे कपड़े नहीं पहनूंगी..... तो फिर क्या मजा....!???
और आप चिंता क्यों कर रहे हो .....!!!! अब तो असलम जी भी है ना .....मेरे साथ ....."मेरी रक्षा" करने के लिए ......!!!!
(वह जानबूझकर "रक्षा" शब्द के ऊपर भर देकर.....जैसे मुझे कुछ एहसास दिलवाने चाह रही है .......ऐसा बोल रही है ......)
"तो आप तो बस अच्छे से एंजॉय करो ना हमारा हनीमून .....!!!"
(कहकर मुझे आंख मारती है)
" और वैसे भी ट्रैवलिंग के दरमियान इस तरह के कंफर्टेबल कपड़े पहनेगी...... तो ही ज्यादा अच्छा रहेगा ना...!???
(खुशबू के बात करने के बाद मुझे थोड़ी चैन की सांस आई .....वैसे उसकी बात तो सही ही थी .......अगर ट्रैवलिंग के दर में कंफर्टेबल कपड़े पहनेगी तो .....इतनी लंबी सफर में उसे परेशानी नहीं होगी ......और वैसे भी असलम जी हमारे साथ है .....इसलिए मुझे तो चिंता करने की कोई बात ही नहीं थी.......)
खुशबू ने बिकनी वन पीस ड्रेस वगैरा इतने लिए थे गोवा में पहनने के लिए कि .....उसकी दो बैग पूरी भर गई थी .....जबकि मेरा सामान एक ही बैग में आ गया था......
मैं बहुत मुश्किल से हमारी तीन बैग उठाकर घर के नीचे खड़ा था .....जबकि खुशबू ने अपने पास सिर्फ एक छोटा सा हैंडबैग अपनी जरूरत के समान का रखा हुआ था........
रहीम मुझे खुशबू और असलम को अपनी ही गाड़ी में स्टेशन तक छोड़ने आने वाला था........ जैसे ही हम नीचे पहुंचे ......रहीम असलम इमरान सलीम वगैरा ऑलरेडी गाड़ी में नीचे पहुंच गए थे ......
उन चारों की तो आंखें फटी की फटी रह गई खुशबू को ऐसे कपड़ों में देखकर..... और मैं अभिmaन से भर गया था .....कि उन लोगों की एक गर्लफ्रेंड से बहुत ज्यादा खूबसूरत है मेरी यह पत्नी .......उन लोगों के चेहरे से जलन साफ-साफ मुझे महसूस हो रही थी .......यह देखकर मुझे बड़ा मजा आ रहा था कि ....इतनी खूबसूरत और सेक्सी लड़की के साथ में हनीमून मनाने जा रहा हूं........
जबकि अपने मन में वह लोग यह सोच रहे थे कि असलम की तो निकल padne वाली है..... इतनी बढ़िया गुजराती ફટાકડી की के साथ गोवा पर हनीमून के लिए........
असलम एक महंगा सा थ्री पार्ट पहना था..... और ऊपर एक ब्रांडेड teeशर्ट डाली थी...... वह वैसे भी दिखने में काफी अट्रैक्टिव था लेकिन इस तरह के कैजुअल ड्रेसिंग में और हैंडसम लग रहा था......
असलम ने एक ही सेकंड में बहुत सारी बातें गौर कर ली...... जो खुशबू ने आगे एक बार और असलम ने जिक्र किया था कि ..उसे कितनी पसंद है ......नई नवेली शादीशुदा दुल्हन..... हाथों में मेहंदी ....लाल रंग के जुड़े में .....खुशबू बिल्कुल उसी तरह से सज धज कर तैयार होकर आई थी...... असलम मन ही मन मुस्कुराने लगा के...... यह पूरी मेहनत कर रहे हैं .....उसे रिझाने के लिए.... वह भी उसको पूरा मजा दिलवाएगा ......
असलम को देखकर ही खुशबू तीन-चार कदम दौड़कर उसको हग करने लगी ......असलम ने भी एकदम रोमांटिक अंदाज से..... अपने दोनों हाथ हल्का सा खुशबू की गांड से सहलाते हुए कमर पर रखा.......
मेरे दोस्तों और मेरी पत्नी के बीच में इस तरह के बिहेवियर से अब मुझे कुछ भी अजीब नहीं लगता था ........बल्कि अब यह बहुत सामान्य हो गया था.......
" आप तैयार है ना असलम जी......!!!!???
खुशबू एकदम धीरे से प्यार से मुस्कुराते हुए असलम से कहती है .....
"मैं तो तैयार ही हूं भाभी जी ......लेकिन आपको देखकर लगता है .....आप ज्यादा ही उतावली है....!!!! हनीमून के लिए .....हा हा हा हा ....."
"कोई भी शादीशुदा लड़की चाहेगी ......कि अपने प्रेमी के साथ वह शादी के बाद तुरंत ही अच्छे से हनीमून मनाई ......"
(खुशबू ने बड़ी चालाकी से "पति" की वजह "प्रेमी" शब्द का इस्तेमाल किया था )
खुशबू भी मुस्कुरा कर जैसे हल्का-हल्का अभी भी असलम की बाहों में ही है ........मेरी और देखकर कहती है .....
"चलिए ना..... सब सामान रख दीजिए ना गाड़ी में...... देर हो रही है हमें.....!!!!"
( मैं भी खुशबू के कहे मुताबिक मुश्किल से तीन भारी बैग उठाकर डिक्की में रख दे रहा हूं....)
रहीम गाड़ी की चाबी मेरी तरफ डालकर कहता है "ले .....आज भी गाड़ी चलाएगा तू ही ना...!???
मैं थोड़ा असमंजस जिसमें था कि आज तो मैं हनीमून पर जाने वाला हूं .....तो कम से कम आज तो मेरे दोस्त लोग मुझे गाड़ी चलाने के लिए नहीं कहेंगे कि......
तुरंत ही खुशबू मेरे पास आयीं प्यार से सहला कर मुझे कहने लगी ......
"अमित ....आप ही गाड़ी चला लो ना आज भी..... वैसे भी मेरे बिचारे सब देवर लोग अब 8-10 दिन तक मेरे बिना अकेले यहां बोर हो जाएंगे तो...... इतनी देर में उन लोगों को पीछे कंपनी दे देती हूं ....!!!!
(और मैं सोचने लगा बेचारी मेरी पत्नी खुशबू..... कितनी अच्छी है .....मेरे दोस्तों का कितना ध्यान... रखती है.....)
मेरा दोस्त सलीम .....ड्राइवर की बाजू बाजू वाली सीट पर आगे बैठने आ रहा था कि .....
तुरंत उसे खुशबू रोक देती थी
"अरे सलीम जी ....आप वहां आगे क्यों बैठ रहे हो..... आप भी आ जाइए ना .....हम सबके साथ..... पीछे ....."
सलीम -"अरे भाभी जी ....आपको परेशानी होगी...... एक साथ इतने सारे लोगों को संभालने में...... पीछे ....."
(कह मुस्कुराता है )
"अरे नहीं ना सलीम जी ....आप आ जाइए......मैं आराम से सबको ले लूंगी..... मेरा मतलब संभाल लूंगी....!!!!!"
और मैं मन ही मन खुश हो रहा हूं बेचारी मेरी पत्नी खुशबू ......कितना ध्यान और ख्याल रख रही है मेरे दोस्तों को कंपनी देने के लिए......
सलीम भी अब बाकी के तीन दोस्तों और मेरी पत्नी के साथ पीछे चला जाता है......
और हम सब स्टेशन की तरफ चलने लगते हैं .....
पीछे वही सब ......मेरे मेरे सभी दोस्तों और खुशबू के बीच मजा ....मस्ती.... हंसी..... मजाक चल रहा था .......खुशबू एकदम रिफ्रेश लग रही थी ......उसका मूड भी काफी अच्छा लग रहा था....... जो देखकर मुझे भी बड़ा अच्छा लग रहा था ......कि हनीमून के लिए वह इतने एक्साइटेड है..... तो मुझे भी वहां पर बहुत मजा आएगा...
स्टेशन आते ही .....मैं वापस गाड़ी से सामान निकलने लगता हूं .......मेरे सब दोस्त लोग भी नीचे उतरते हैं .....!!!!!
जाने अनजाने में भी मैं उन लोगों से एक दो कदम पीछे चल रहा हूं
जबकि असलम और खुशबू जैसे एक साथ आगे आगे चल रहे हो
मैं तिरछी आंखों से गौर कर रहा हूं कि स्टेशन पर बहुत सारे यात्री हमारे ग्रुप की तरफ ही देख रहे हैं.....!!!!! एक तो खुशबू ने इतना खूबसूरत लाल जुड़ा पहना हुआ था.....!!!!!
ऊपर से इतनी छोटी स्कर्ट .....!!!!!ना चाहते हुए भी किसी का ध्यान हमारी तरफ ही जाएगा.....!!!!!
हमारे स्टेशन पर पहुंचकर ही मैं सारा सामान रख कर हम सब ग्रुप साथ में खड़े हैं कि.....!!!!! मैंने यह भी गौर किया कि स्टेशन पर नॉर्मल से कुछ ज्यादा ही भीड़ थी.....!!!!! अच्छा किया हम लोगों ने पहले से ही कंफर्म टिकट करवा दिया था वरना इतनी पब्लिक में तो टिकट मिलती भी नहीं.....!!!!! असलम मुझे एक्सक्यूज करता है कि मैं 5 मिनट में आता हूं जरा tc से मिलकर.........!!!!!
की तभी imran खुशबू से बातचीत करता है........!!!!!
"सब बढ़िया ना भाभी जी ......सब तैयारी हो गई ना .....अच्छे से..... पार्लर में भी ......आपका जो कुछ भी रिक्वायरमेंट थी .....उसे हिसाब से ......सब काम हो गया ना ....!??
खुशबू बाल ठीक करते हुए ....मुस्कुरा कर.... इमरान से कहती है ....
"हां जी ...हां जी.... सलम जी.... बहुत अच्छी सर्विस दी गई ....आपके पार्लर में मुझे .....आपके दोस्त को तो हनीमून पर मजा ही आ जाएगा.....!!!!
( कहकर खुशबू आंख मार कर जैसे असलम का जिक्र कर रही हो .....वैसे जाता रही है .....जबकि मैं मन ही मन यह सोचकर खुश हो रहा हूं की खुशबू ने मेरे लिए सब कुछ करवाया होगा....)
"हां भाभी जी ......हमारे दोस्त को मजा तो आना ही चाहिए ना...... आखिरकार आप लोगों को ट्रिप पर जाने के लिए पैसे भी हमने ही दिए हैं ना.....!!!!!
( खुशबू तुरंत ही एक्साइटमेंट में बोलने लगती है)
" अरे आप चिंता क्यों कर रहे हो इमरान जी.....!!!!! आपके खर्च किए हुए एक-एक पैसे अच्छे से वसूल ना हो.....!!!!! तो अपने दोस्त को पूछ लेना
(और मुस्कुराने लगती है....)
और सब दोस्त लोक thahake के लगाकर हंसने लगता है....
Train का समय हो रहा था इसलिए फिर खुशबू ने मेरे सभी दोस्तों को एक-एक करके प्यार से हग करके अलविदा कहां मैं भी उन लोगों की ब्लेसिंग की और अलविदा कहां.......
कुछ ही देर में हमारी ट्रेन आ गई कि.....
तुरंत ही असलम जी ने मुझसे कहा
"भाई तू जरा सामान का ध्यान रख लेना...... इतनी भीड़ भाड़ में कहीं आगे पीछे ना हो जाए ......और मैं भाभी को अच्छे से ट्रेन में चढ़ा दूंगा......."
(मुझे थोड़ी शांति महसूस हुई असलम के यहां होने के कारण कि वह सामने से इतनी सारी बात संभाल रहा है ......मैं हम हमारे बैग लेकर उन लोगों के पीछे-पीछे हमारे सेकंड टायर एसी के कंपार्टमेंट में चढ़ने के लिए आगे चलने लगा ......थोड़ी-थोड़ी भीड़ थी..... ट्रेन में खुशबू और असलम एक दूसरे के करीब चल रहे थे एकदम...... इस तरह से उछल-उछल कर चलने की वजह से खुशबू की mini skirt थोड़ी-थोड़ी देर में ऊपर हो रही थी....... उसका पति होने के बावजूद भी ना चाहते हुए भी मेरा ध्यान उसकी बड़ी सी चूतड़ की तरफ जा रहा था....)
ट्रेन का दरवाजा आते ही असलम में हल्के से अपने दोनों हाथ खुशबू की कमर पर रखें और अपने लंड के हिस्से को खुशबू के mink skirt के हिस्से पर रगड़ लेकर हल्का सा झटका दिया और कहने लगा
" चलिए भाभी जान अब चढ़ भी चाहिए....!!!"
खुशबू मुस्कुरा कर ......असलम का सारा खेल समझने लगी .....
"यह क्या असलम जी ....आप तो यही से शुरू हो गए.... ..अभी से धक्का देने लगे!!!!""
"और नहीं तो क्या भाभी जान .....अब तो हनीमून शुरू ही हो गया है ना हमारा .....!!!
khusbu भी मुस्कुरा कर उसके आगे आगे हमारे ट्रेन के कंपार्टमेंट में दाखिल हो जाती है...... उसे बात की परवाह किए बिना कि मैं कितना पीछे हूं और इतने सारे सामान के साथ हूं.......
मैं भी बड़े मुश्किल से अपने तीन बैग के साथ कंपार्टमेंट में दाखिल हो चुका हूं..... हमारा बढ़िया सा टू टायर एसी का कंपार्टमेंट है .....कंपार्टमेंट में दाखिल होते ही पहले तरफ वाली दोनों ऊपर नीचे के सीट हमारी थी ......जहां ऑलरेडी खुशबू और असलम जी आकर बैठ गए थे.......
खुशबू मुझे देखकर प्यार और दया की ટોન बोलती है ....
"अरे .....लगता है..... आपको तो बहुत परेशानी हो गई .....इतना सामान उठाकर अंदर तक लाने में.....!!!??? वैसे आपने देखा ....असलम जी ने कितनी आराम से मुझे चढ़ा दिया....!???
( खुशबू जैसे इनडायरेक्ट ही असलम के मर्दानगी की तारीफ कर रहे थे.....)
मैं भी मुस्कुरा कर असलम को "थैंक थैंक यू ....."
(कहां और असलम के बाजू में जाकर बैठ ने लगा सब सामान को सेट करते.....)
यह ट्रेन के कंपार्टमेंटऊपर नीचे की जिस सीट के आगे की तरफ प्रॉपर परदे लगे थे .....और पूरे कंपार्टमेंट को भी अगर बंद करना हो तो..... प्रॉपर पर्दों से बंद किया जा सकता था .......अभी मैं बस पूछ ही रहा था असलम जी को कि..... उनकी सीट नंबर यह कहां है की.....!!!! की TC हमारे पास आकर खड़ा हो गया.....
देखना मैं वो खडूस और गुस्सैल किस्म का लग रहा था ......आकर ही ....मुझे इग्नोर करके.... उसने थोड़े एटीट्यूड वाले टोन से असलम के पास आकर कहा
"टिकट ...!???"
साथ ही साथ उसने खुशबू को ऊपर से नीचे पूरी पूरी बॉडी का मुआयना किया .....खुशबू के हाथों में लगी हुई लाल मेहंदी ....और जुड़े से यह साफ जाहिर हो रहा था कि वह हनीमून के लिए जा रही थी.......
असलम ने अपना मोबाइल निकाला और उसे टिकट दिखाने के लिए दिया .......वहां अपना चश्मा नीचे करते हुए बोला
"मिस्टर एंड मिसेज खान!!!!" यह दोनों आप है...... और यह कौन है भला.... इनकी तो कोई टिकट नहीं और ना है इनका कोई जिक्र है.....!!!"
(पहले तो मुझे कुछ समझ में ही नहीं आया ......कि यह क्या बोला..... यह क्या चल रहा था....... मैं असमंजस की स्थिति में था ......
लेकिन न जाने क्यों जब उसे TC के मुंह से
" मिस्टर एंड मिसेज खान "
सुना मुझे एक अलग तरह का रोमांच हुआ...... यह शब्द सुनकर... ...मैं समझ नहीं पा रहा था कि यह "मिस्टर एंड मिसेज खान " क्यों कहां टिकट कलेक्टर ने.... क्या हुआ..... क्या चल रहा था.... यह सब......)
तुरंत खुशबू ने सारी बात का मर्म समझ लिया वह बस मुस्कुरा कर चुपचाप वहीं बैठे रहे....
असलम तुरंत खड़ा हुआ .....उसने TC से कहां
" ARE 1 मिनट रुकिए साहब ......लगता है कुछ गलतफहमी हुई है ....."
(कहकर अपना मोबाइल उसके पास से ले लिया और मुझे आंखों का इशारा करके एक्सक्यूज करके बाहर की तरफ आने के लिए बोला मैं भी कंफ्यूजन की स्थिति में असलम के पीछे-पीछे laga....)
(जैसे उसे कोई गलती हो गई हो उसे तरह से असलम मुझे अपना पक्ष रखने लगा...)
"अरे यार अमित ......लगता है मेरे टिकट एजेंट ने गलती से अलग तरीके से टिकट करवा दी है....... इसमें क्या है .......मैंने सिर्फ गलती से भाभी जी का नाम भेज दिया था .....मेरा ट्रैवल एजेंट को..... और वैसे भाभी जी और मेरी बहुत सारी फोटोस इंस्टा पर थी ना .......तो शायद उसने गलती से "मिस्टर एंड मिसेज खान " के नाम की टिकट करवा दी.... उसे ऐसा लगा होगा कि मैं और खुशबू भाभी जी पति पत्नी है....... इसलिए ... यार अब तेरी तो टिकट करवानी ही रह गई........ और यहां पर आने की सब जल्दबाजी में और तैयारी में मैं ठीक से टिकट चेक भी नहीं किया था.....!!!!??
(मैं सोच और confusion में पड़ गया .....)
"अरे यार असलम जी ....यह तो बहुत बड़ी मिस्टेक हो गई ......अब क्या करें .....अब इसका रास्ता हम कैसे निकालेंगे .....!!?? मुजे लगा honeymoon की शुरुआत से ही इस तरह की गलती हो गई और इस तरह एप shugan हो गया .... जाने आगे क्या-क्या होगा......
"अरे यार असलम जी ऐसा हो तो आप बात करो ना उसे टिकट कलेक्टर से ......एक एक्स्ट्रा टिकट के लिए.....!!!!
(असलम जानबूझकर अपने चेहरे पर चिंता का भाव लाते हुए कहता है )
"अरे यार मैं कोशिश तो कर लेता हूं ....लेकिन मुझे लगतरह से पुरी ट्रेन पैक है....... तो कोई टिकट अवेलेबल होगी या..... वह हमें देगा.... !!! फिर भी मेरे भाई अब "तेरी" टिकट कंफर्म नहीं है...... तो मैं इतनी कोशिश तो कर ही लेता हूं .....!!!"
और असलम जी वापस टिकट कलेक्टर के पास आए ... टिकट कलेक्टर से बात शुरू की .....
"जी सर वह हमारे एजेंट से कुछ गलती हो गई थी बुकिंग करवाने में .....तो हम दोनों "मियां बीवी" की टिकट तो कंफर्म है ....लेकिन ये हमारे हेल्पर के टिकट कंफर्म नहीं हुई ...!!!!!"
(मुजे अपने कान पर यकीन नहीं आ रहा .....असलम किस तरह से बात कर रहा था...... असलम इस तरह से जिक्र कर रहा था जैसे खुशबू और वह मियां बीवी है .....और मैं कोई तीसरा व्यक्ति ......न जाने क्यों यह सुनकर मुझे अजीब लगा चाहिए .....थोड़ा गुस्सा आना चाहिए...... या कम से कम बुरा तो लगा ही चाहिए....... लेकिन असलम के मुंह से यह शब्द सुनकर के वह दोनों "मियां बीवी" है मेरे रोंगटे खड़े हो गए ......और साथ ही साथ में अलग तरह का अनुभव करने लगा...)
(खुशबू को भी कहीं ना कहीं यही हालत थी जब असल में जिक्र किया कि वह दोनों पति-पत्नी है....... और मैं तुम लोगों का कोई हेल्पर......
उसे भी बड़ा मजा आ रहा था .......मन ही मन वह भी खुश हो रही थी .....और आगे क्या होगा..... या जो कुछ भी होगा .....वह देखने जाने के लिए उतावली हो रही थी...)
(असलम जी जब tc से बात कर रहे थे तब मैं चालू बात से ही उनको वापस खींच कर साइड पर एक्सक्यूज करके ले जाने लगा )
"अरे यह क्या बोल रहे हो आप असलम जी ....."मियां बीवी"!??? और "हेल्पर".....
यह सब क्या है ....!!!!
असलm मुझे शांत करते हुए समझता ह
" देख भाई .....वैसे भी मेरी और भाभी जी की कपल के नाम की टिकट कंफर्म हुई है ......तेरा तो कोई जिक्र है भी नहीं .....अब मैं उनसे यह सब कहूंगा कि ......हम दोनों "मियां बीवी" नहीं है.....
अलग-अलग है.......तो वापस उसको और डाउट होगा ......तो शायद हमारी इस ऑलरेडी कंफर्म टिकट में भी वह कोई नुकस ના निकाल दे...... खामखा पूरा जाने का प्रोग्राम बिगड़ जाएगा .....!!!!! और रही बात तुझे हेल्पर तरीके बोलने की ......तो और तो क्या बोलूं यार ....!!!! अब तुझे खुशबू भाभी का भाई बोलूं !!!??? या दोस्त बोलूं !???? दोस्त बोलूंगा तो कैसा लगेगा.....!???? उन्हें क्लीयरली लग रहा है की भाभी जी हनीमून पर है....... तो कोई भी आदमी सोचेगा ना...... की कोई अपने दोस्त को साथ लेकर क्यों आएगा.....!???
( वैसे असलम जी की बात का तर्क मुझे सही लगा चलो ......इतना कंसीडरेशन करके अगर वह टिकट दे भी रहा हो तो इसमें क्या फर्क पड़ जाएगा तो हम वापस tc के पास आते हैं .....)
"जी सर तो मैं कह रहा था अगर टिकट का हो पाए तो ....!????
असलम की बात पूरी हो उससे पहले ही टिकट कलेक्टर gusse se
"अरे कहां ....शाहाब जगह ही नहीं है .....मेरे सिर पर बैठा ल्यू क्या ...!???? और जब आप मियां बीवी हनीमून के लिए निकल रहे थे तो आपको हेल्पर को लेकर आने की क्या जरूरत थी क्या!????
(वह थोड़ा गुस्से और एटीट्यूड में बोलने लगा
"और आप भी क्या साहब इतनी लंबी सफर के लिए निकलने वाले थे तो प्रॉपर टिकट करवा देते ना!???
असलम बोला
" समझ ये ना साहब .....अब शादी के बाद पहली बार "मियां बीवी" इस तरह से घूमने निकलेंगे .....
तो कोई हेल्प पर रहेगा तो छोटे-बड़े काम कर सके गा ना ....हमारा..... सामान उठाना..... खाने का आर्डर देना .....वगैरा इसलिए लेकर आए थे ......!!!"
अब लेकिन इसकी टिकट कंफर्म नहीं हुई....... तो ऐसे ही ले आए ......सोचा आप जैसा कोई tc एडजस्ट करके दे देगा.....!!!!"
(खुशबू यह सारी बात बहुत गौर से सुन रही है और मन ही मन बेहद रोमन रोमांचित महसूस कर रही है....... उसे बड़ा मजा आ रहा है इस तरह से असलम के मुंह से मेरे बारे में बेइज्जती वाली बातें सुनकर.....)
"करिए na आप तो कुछ कर सकोगे..... थोड़ा ले देखकर ......टिकट सीट जैसी कुछ सुविधा कर दीजिए ......"
(कहकर असलम 500 की नोट बाहर निकलता है वह tc बिना कुछ बोले 500 के नोट ले लेता है ......और सिर्फ इतना कहता है......)
" सीट तो नहीं मिल सकेगी.... लेकिन अगर आप चाहो तो यह आपका हेल्पर यहां नीचे ફર્શ के ऊपर सो सकता है ......."
(मैंने राहत की सांस ली और असलम और खुशबू ने एक दूसरे के साथ और सामने देखकर एक शैतानी स्माइल एक्सचेंज की )
वापस tc बोला
"देखिए साहब मैं अपने रिस्क पर इसको यहां पर रख रहा ......मैं चेक करने आता रहूंगा ......कि आप लोग कुछ उलट फिर तो नहीं कर रहे हो ....... फिर मेरे को कुछ प्रॉब्लम हो आप ऐसा कुछ मत करना ......!!!"
असलम -"अरे नहीं नहीं साहब..... थैंक यू .....कम से कम आपने इसे यहां रहने तो दिया.....!!!"
मैंने राहत की सांस लेने के काम से कम मुझे 2 टायर कंपार्टमेंट में जगह तो मिल गई ..... मैं खुशबू के बाजू में ही खड़ा था ......और असलम खुशबू के साथ नीचे वाली બર્થ के ऊपर बैठा हुआ था ......
"अरे असलम जी यह तो आपने बड़ी गलती कर दी...... अब बेचारे मेरे प्यारे पतिदेव को हनीमून पर ही कंपार्टमेंट में नीचे सोना पड़ेगा यार......??
असलम जी भी झूठा-mutha का दुखी होने का नाटक करता है
"अभी यार मैं इसमें क्या कर सकता हूं मेरे एजेंट ने गलती कर दी तो इसमें मेरी कहां भूल है...."
मुझे समझ में नहीं आ रहा कि मैं क्या बोलूं .....
"हां जी .....आपकी बात तो ठीक है लेकिन अब क्या करूं......!
(मुझे मन ही मन बड़ा गंदा लग रहा था कि.... इस तरह से मेरी टिकट कंफर्म नहीं हुई..... जबकि मेरे दोस्त और मेरी पत्नी की टिकट कंफर्म हो गई....)
"वैसे असलम जी मैं यहां नीचे ही सो जाऊंगी .....आप ऊपर चढ़ने में काफी स्फुर्तीले होंगे ......तो आप ऊपर वाली सीट पर ही चढ़ जाएगा ....!!!
(खुशबू प्यार से रात में बैठकर होने वाली व्यवस्था कर रही है.... और जैसे इनडायरेक्ट उसने यह फिक्स ही कर दिया है कि मैं उसकी सीट के पास नीचे जमीन पर सोऊंगा.....)
"जी ठीक है भाभी जी...... जैसा आपको कंफर्टेबल लगे...... मैं ऊपर ही चढ़ जाऊंगा ....!!!
(का कर असलम एक शैतानी मुस्कुराहट देखकर खुशबू को आंख मारता है.....)
(मैं बैग उठाकर ट्रेन में चढ़ने की यह सारी थकान और इस टिकट की सारी मगज मेरी के बाद मैं बैठकर थोड़ा रेस्ट करना चाह रहा था..... मैं खुशबू और असलम के बाजू में बैठने जा रहा था कि तुरंत ही खुशबू बोल पड़ी)
"अरे ......यह आप क्या कर रहे हो ......यहां हमारे साथ कहां बैठोगे.....!??? अभी वह tc आएगा
......तो वापस गुस्सा करेगा.... कहेगा कि एक हेल्पर को अपने अपने साथ बिठा रखा है.....!!! समझिए ના aap जरा .....ऐसा हो तो आप नीचे ही बैठ जाओ ना...... हमारे पैर के पास......!!!! खामखा अगर tc आकर आपको हमारे साथ.....
यहां हमारे दर्जे पर बैठा हुआ देखेगा...... तो गुस्सा करेगा .......कहीं आपको ट्रेन से नीचे ના उतार देने की धमकी ना दे दे ........!!!!
(वैसे खुशबू जी की बात तो सही थी वह tc थोड़ा उल्टी खोपड़ी का और गुस्सैल ही लग रहा था....... और मैं नहीं चाहता था कि ऑलरेडी जो एक अपशुकन हो गया है वापस ऐसी कुछ भी दूसरी मगजमारी हो.... ...तू ज्यादा कुछ सोचे बिना मैं खुशबू जी के पैर के पास नीचे जमीन पर ही बैठ गया जबकि वहां और असलम दोनों नीचे वाली बर्थ के ऊपर बैठे थे)
(वैसे इस तरह से बैठने का मुझे तो फायदा ही हुआ.... खुशबू जी ने जो छोटी सी स्कर्ट पहनी थी मैं जहां बैठा था वहां से उनकी दोनों सुडौल जांघें और जांघों का अंदरूनी हिस्सा बहुत खूबसूरती से मुझे दिख रहा था.....)
(मुझे तो मजा ही आ रहा था जबकि खुशबू और असलम जी एक दूसरे के साथ बातचीत में व्यस्त हो गए थे गोवा जाकर क्या करेंगे कैसे करेंगे इन सारी बातों को लेकर....)
धीरे-धीरे शाम भी होती रही थी और बाहर अंधेरा भी होता रहा था अभी भी खुशबू और असलम जी एक दूसरे के साथ ही बातचीत और मजा मस्ती में मशगूल थे ......थोड़ी देर में ट्रेन के स्टाफ में से कोई बंदा खाने का ऑर्डर लेने आया....
जाहिर सी बात है वह बंदा हम तीनों में से देख कर असलम को ही कंसर्ट करेगा ......क्योंकि वही लीडर या मुख्य बांदा जैसा लग रहा था ......
असलम ने कहां के
"मेरे लिए नॉनवेज थाली..... और मोहतरमा के लिए......
.( कह कर उसने खुशबू को बोलने के लिए जगह छोड़ दी)
" जी मेरे लिए भी नॉनवेज ही ......!"""
खुशबू ने बस मुस्कुरा कर इतना ही कहा और फिर असलम ने वापस मेरी और देखकर कहा और "इसके लिए एक veg थाली लेकर आना..."
यह पहली बार था जब खुशबू ने शादी से बाद नॉनवेज खाना मंगवाया था ......मैं थोड़ा कंफ्यूजन में था ......मैंने हल्के से खुशबू जी से पूछा
" खुशबू जी.....यहां आप ........इस तरह से.... नॉनवेज.....!!???
" तो और नहीं तो क्या अमित ......हनीमून है हमारा....... वहां पर आपके साथ मजा mस्ती करने में मुझे थोड़ी प्रोटीन की जरूरत भी तो पड़ेगी ना .....!!!!
(कह कर मुस्कुरा कर हंसने लगी )
"और वैसे भी अगर यहां में अभी नॉनवेज की वजह वेज ऑर्डर करूंगी .....और वह tc आएगा और देखेगा कि...... मेरे यह "पतिदेव"
( कहकर असलम की और इशारा करके हंसती है)
" नॉनवेज खा रहे हैं ....और मैं वेज तो कितना अजीब और गंदा लगेगा ना उनको...!!!"
(वैसे खुशबू जी की बात तो एकदम सही ही थी मैं भी इस बारे में फिर ज्यादा बातचीत या चर्चा करना ठीक नहीं समझा .......थोड़ी देर बाद हमारा डिनर भी आ गया .....खुशबू जी और असलम जी एक ही नीचे वाली बर्थ पर बैठकर अपने dish में से खाना खा रहे थे....... जबकि मैं नीचे जमीन पर बैठकर अपनी डिनर ले रहा था ......न जाने क्यों मेरे दिलों दिमाग में अलग तरह का भावना चल रही थी....... कुछ अजीब महसूस हो रहा था ......कुछ छोटा महसूस हो रहा था .....लेकिन साथ ही साथ कुछ समर्पण भाव जैसा भी महसूस हो रहा था..... कैसे मेरी पत्नी ......मेरी पास वाली सीट पर ......मेरे दोस्त के साथ बैठकर .....उसी के थाली में से खाना खा रही है ......वह दोनों एक दूसरे के साथ हंस रहे हैं .....कभी असलम भी अपने हाथों से उसको खाना खिला रहा है .....यह सब एक अलग तरह का अनुभव और रोमांच था.......)
थोड़ी देर बाद हमारा डिनर भी हो गया और बाहर शाम भी आगे बढ़ती जा रही थी......
असलम अभी भी नीचे वाली बर्थ पर खुशबू के साथ ही बैठा था....... और खुशबू ने अब मेरी तरफ पैर करके बैठने की वजह थकान के कारण अपने पैर लंबे करके वह वही लेटी हुई थी.....
मैं खुशबू के पैर के पास ही बैठा हुआ था और तू टायर एसी के कारण थोड़ी ठंड भी लग रही थी.......
बहुत सारी बातों को लेकर ......एक तो पहली बार मुझे सेक्स करने का मौका मिलेगा .....अपनी ही बीवी के साथ ......या किसी भी लड़की के साथ .......
जो बचपन से मेरी इच्छा थी .....
दूसरा ....खुशबू ने जिस तरह की सेक्सी बिकनी ली थी .....उसकी उसमें पहन कर देखने की इच्छा ......तो मुझे वैसे ही टाइट कर कर पागल कर रही थी ........
तीसरा असलम भी हमारे साथ आने वाला है...... इसलिए सिक्योरिटी की भी कोई चिंता था नहीं.......ऊपर से वह ढेर सारी तस्वीर लेने वाला था .....मेरी और खुशबू की हनीमून की .......जो भी मुझे बहुत हेल्पफुल रहने वाला था .......आगे जाकर अपने छोटी सी लंड हिला कर ......अपने आप अपने आप को संतुष्टि देने में....... क्योंकि मुझे इस तरह से खुशबू की छोटे-छोटे कपड़ों में तस्वीर देखकर हिलाने में बड़ा मजा आता था....
आने जाने की टिकट का तो मैं असलम को बोल दिया था .....तो वह तो होने ही जाने वाली थी .......मैं गोवा में रहने के लिए एक भी होटल की बुकिंग नहीं करवाई थी .....क्योंकि मैं चाह रहा था कि वहां पर रूबरू जाकर अगर मैं नेगोशिएट करके रूम बुक करवाऊंगा.....तो फायदा होगा तो पैसे भी बच जाएंगे........
दूसरी तरफ खुशबू भी बहुत एक्साइटेड थीं इस हनीमून को लेकर ......वहां भी उसे बॉडी लैंग्वेज से खास जाहिर हो रहा था मुझे ....
इमरान के पार्लर में जाकर उसने फुल बॉडी वैक्सिंग करवाई थी ......और जिस तरह से हमारी सुहागरात पर उसने मेहंदी करवाई थी मुझे खुश करने के लिए .......वापस उसने हाथ और पैरों में मेहंदी भी अच्छे से लगवा दी थी.....
उसने अच्छे से अपना वह लाल कलर का जुड़ा भी तैयार करवा दिया था .......जो ज्यादातर औरतें हनीमून पर पति के साथ पहनती है ....
हाथ में डार्क रंग की नेल पॉलिश...... वगैरह करके उसने अपने आप को बहुत खूबसूरत बना दिया था.....
वह भी बहुत अच्छे से अपनी प्रिपरेशन में जुड़ गई थी ......सामान वगैरा पैकिंग के लिए ......
मैंने पैकिंग के दौरान खुशबू के ऐसे नए-नए और छोटे-छोटे ड्रेस देखे थे ......जो मैंने पहले कभी नहीं देखे थे ... ......
एक से एक छोटे-छोटे शॉट मिनी स्कर्ट.... वन पीस ड्रेस .....और ढेर सारी रात में पहनने वाली हनीमून पर पहने जाने वाली नाइट्स ......
तो बहुत देखकर भी मैं बहुत एक्साइटिड था... क्योंकि गोवा जाकर मुझे ऐसे ही सब कपड़ों में खुशबू देखने को मिलेगी ......और असलम जो साथ में थे इसलिए दूसरी कोई परेशानी की तो बात ही नहीं होने वाली थी.....
खुशबू भी इतने अच्छे मौके को हाथ से कोना देना नहीं चाहती थी .......वह पूरी शिद्दत शिद्दत से चाह रही थी कि...... हनीमून के दरमियान वह और असलम हो सके उतना अच्छा और करीबी समय बिताए एक दूसरे के साथ......
इसके लिए उसे क्या करना है वह सोचने में उसने अपना शातिर दिमाग चलाना चालू कर दिया ......
एक दो बार खुशबू ने मेरे सामने है असलम के साथ फोन पर इधर-उधर की बात की थी..... गोवा में क्या करेंगे.. वगैरा-वगैरा ......
ट्रेन की टिकट के बारे में पूछा था और यह भी बता दिया था कि अमित ने वहां पर बुकिंग नहीं करवाई थी .......तो तुम सब संभाल लेना.....!!!!
फिर मैं भी कि मैं चैन की सांस ली थी ......कि सब आने-जाने का प्लानिंग और रहने वगैरा का प्लानिंग खुशबू और असलम संभाल रहे हैं .....तो मुझे कुछ करने को ज्यादा होगा नहीं.....!!!!
अब हम आज शाम को निकालने वाले थे हनीमून के लिए शाम को 6:00 बजे कि हमारी ट्रेन थी
मैं अपने सीधे-साधे नॉर्मल से पेंट शर्ट में तैयार हो चुका था. .. और खुशबू एक बेहद ही खूबसूरत कपड़े पहन कर मेरे सामने आई .....!!!!
साथ ही साथ उसने वह जो नॉर्मल घर पर जी साइज का मंगलसूत्र पहनती थी उससे थोड़ा लंबा और बड़ी साइज का मंगलसूत्र पहना हुआ था.....
जो देखकर मुझे बड़ा मजा और और अभिमान bhi महसूस हुआ कि..... मेरी प्यारी खूबसूरत पत्नी कितनी अच्छी तरह से दिख रही है कि वह शादीशुदा है.....!!!!
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![[Image: 1000197373.jpg]](https://ist8-2.filesor.com/pimpandhost.com/3/0/6/4/306444/j/K/x/v/jKxv1/1000197373.jpg)
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खुशबू इस तरह के कपड़े ......मेरे साथ...... शादी से पहले अपने यारों दोस्तों के साथ घूमते जाते वक्त ही पहनती थी .....!!!! यह पहली बार था की खुशबू मेरे साथ बाहर आते वक्त इतने छोटे कपड़े पहन कर आ रही थी .......वह वन पीस ड्रेस इतना छोटा सा था कि ......वह आगे से थोड़ी भी झुक जाए तो पीछे वाले किसी भी बंदे को आसानी से पता लग जाएगा की खुशबू ने कौन से रंग की पैंटी पहनी है!!!!! खुशबू ने ऊपर भी जो टॉप पहना था उसके अंदर एक वाइट रंग की हल्की सी शर्ट पहनी थी...... क्योंकि ऊपर का टॉप थोड़ा ट्रांसपेरेंट था इस तरह के कपड़े में खुशबू का फिगर एकदम कमाल लग रहा था......!!!
खुशबू को इस तरह से तैयार होते देखकर एक्साइटमेंट और नर्वसनेस के मारे मेरी तो हालत बिगड़ रही थी .....हल्के से डरते हुए मैं खुशबू ji से पूछा....
"अरे खुशबू जी..... यह इस तरह के कपड़े ......कुछ ज्यादा ही छोटे नहीं हैं.....!??
वह प्यार से मेरे पास आई .....और मेरे गाल पर हल्के से अपना हाथ घुमाया .....
"क्या डियर !??? हम हनीमून पर जा रहे हैं .......वहां "आपको" खुश करने के लिए मैं ऐसे कपड़े नहीं पहनूंगी..... तो फिर क्या मजा....!???
और आप चिंता क्यों कर रहे हो .....!!!! अब तो असलम जी भी है ना .....मेरे साथ ....."मेरी रक्षा" करने के लिए ......!!!!
(वह जानबूझकर "रक्षा" शब्द के ऊपर भर देकर.....जैसे मुझे कुछ एहसास दिलवाने चाह रही है .......ऐसा बोल रही है ......)
"तो आप तो बस अच्छे से एंजॉय करो ना हमारा हनीमून .....!!!"
(कहकर मुझे आंख मारती है)
" और वैसे भी ट्रैवलिंग के दरमियान इस तरह के कंफर्टेबल कपड़े पहनेगी...... तो ही ज्यादा अच्छा रहेगा ना...!???
(खुशबू के बात करने के बाद मुझे थोड़ी चैन की सांस आई .....वैसे उसकी बात तो सही ही थी .......अगर ट्रैवलिंग के दर में कंफर्टेबल कपड़े पहनेगी तो .....इतनी लंबी सफर में उसे परेशानी नहीं होगी ......और वैसे भी असलम जी हमारे साथ है .....इसलिए मुझे तो चिंता करने की कोई बात ही नहीं थी.......)
खुशबू ने बिकनी वन पीस ड्रेस वगैरा इतने लिए थे गोवा में पहनने के लिए कि .....उसकी दो बैग पूरी भर गई थी .....जबकि मेरा सामान एक ही बैग में आ गया था......
मैं बहुत मुश्किल से हमारी तीन बैग उठाकर घर के नीचे खड़ा था .....जबकि खुशबू ने अपने पास सिर्फ एक छोटा सा हैंडबैग अपनी जरूरत के समान का रखा हुआ था........
रहीम मुझे खुशबू और असलम को अपनी ही गाड़ी में स्टेशन तक छोड़ने आने वाला था........ जैसे ही हम नीचे पहुंचे ......रहीम असलम इमरान सलीम वगैरा ऑलरेडी गाड़ी में नीचे पहुंच गए थे ......
उन चारों की तो आंखें फटी की फटी रह गई खुशबू को ऐसे कपड़ों में देखकर..... और मैं अभिmaन से भर गया था .....कि उन लोगों की एक गर्लफ्रेंड से बहुत ज्यादा खूबसूरत है मेरी यह पत्नी .......उन लोगों के चेहरे से जलन साफ-साफ मुझे महसूस हो रही थी .......यह देखकर मुझे बड़ा मजा आ रहा था कि ....इतनी खूबसूरत और सेक्सी लड़की के साथ में हनीमून मनाने जा रहा हूं........
जबकि अपने मन में वह लोग यह सोच रहे थे कि असलम की तो निकल padne वाली है..... इतनी बढ़िया गुजराती ફટાકડી की के साथ गोवा पर हनीमून के लिए........
असलम एक महंगा सा थ्री पार्ट पहना था..... और ऊपर एक ब्रांडेड teeशर्ट डाली थी...... वह वैसे भी दिखने में काफी अट्रैक्टिव था लेकिन इस तरह के कैजुअल ड्रेसिंग में और हैंडसम लग रहा था......
असलम ने एक ही सेकंड में बहुत सारी बातें गौर कर ली...... जो खुशबू ने आगे एक बार और असलम ने जिक्र किया था कि ..उसे कितनी पसंद है ......नई नवेली शादीशुदा दुल्हन..... हाथों में मेहंदी ....लाल रंग के जुड़े में .....खुशबू बिल्कुल उसी तरह से सज धज कर तैयार होकर आई थी...... असलम मन ही मन मुस्कुराने लगा के...... यह पूरी मेहनत कर रहे हैं .....उसे रिझाने के लिए.... वह भी उसको पूरा मजा दिलवाएगा ......
असलम को देखकर ही खुशबू तीन-चार कदम दौड़कर उसको हग करने लगी ......असलम ने भी एकदम रोमांटिक अंदाज से..... अपने दोनों हाथ हल्का सा खुशबू की गांड से सहलाते हुए कमर पर रखा.......
मेरे दोस्तों और मेरी पत्नी के बीच में इस तरह के बिहेवियर से अब मुझे कुछ भी अजीब नहीं लगता था ........बल्कि अब यह बहुत सामान्य हो गया था.......
" आप तैयार है ना असलम जी......!!!!???
खुशबू एकदम धीरे से प्यार से मुस्कुराते हुए असलम से कहती है .....
"मैं तो तैयार ही हूं भाभी जी ......लेकिन आपको देखकर लगता है .....आप ज्यादा ही उतावली है....!!!! हनीमून के लिए .....हा हा हा हा ....."
"कोई भी शादीशुदा लड़की चाहेगी ......कि अपने प्रेमी के साथ वह शादी के बाद तुरंत ही अच्छे से हनीमून मनाई ......"
(खुशबू ने बड़ी चालाकी से "पति" की वजह "प्रेमी" शब्द का इस्तेमाल किया था )
खुशबू भी मुस्कुरा कर जैसे हल्का-हल्का अभी भी असलम की बाहों में ही है ........मेरी और देखकर कहती है .....
"चलिए ना..... सब सामान रख दीजिए ना गाड़ी में...... देर हो रही है हमें.....!!!!"
( मैं भी खुशबू के कहे मुताबिक मुश्किल से तीन भारी बैग उठाकर डिक्की में रख दे रहा हूं....)
रहीम गाड़ी की चाबी मेरी तरफ डालकर कहता है "ले .....आज भी गाड़ी चलाएगा तू ही ना...!???
मैं थोड़ा असमंजस जिसमें था कि आज तो मैं हनीमून पर जाने वाला हूं .....तो कम से कम आज तो मेरे दोस्त लोग मुझे गाड़ी चलाने के लिए नहीं कहेंगे कि......
तुरंत ही खुशबू मेरे पास आयीं प्यार से सहला कर मुझे कहने लगी ......
"अमित ....आप ही गाड़ी चला लो ना आज भी..... वैसे भी मेरे बिचारे सब देवर लोग अब 8-10 दिन तक मेरे बिना अकेले यहां बोर हो जाएंगे तो...... इतनी देर में उन लोगों को पीछे कंपनी दे देती हूं ....!!!!
(और मैं सोचने लगा बेचारी मेरी पत्नी खुशबू..... कितनी अच्छी है .....मेरे दोस्तों का कितना ध्यान... रखती है.....)
मेरा दोस्त सलीम .....ड्राइवर की बाजू बाजू वाली सीट पर आगे बैठने आ रहा था कि .....
तुरंत उसे खुशबू रोक देती थी
"अरे सलीम जी ....आप वहां आगे क्यों बैठ रहे हो..... आप भी आ जाइए ना .....हम सबके साथ..... पीछे ....."
सलीम -"अरे भाभी जी ....आपको परेशानी होगी...... एक साथ इतने सारे लोगों को संभालने में...... पीछे ....."
(कह मुस्कुराता है )
"अरे नहीं ना सलीम जी ....आप आ जाइए......मैं आराम से सबको ले लूंगी..... मेरा मतलब संभाल लूंगी....!!!!!"
और मैं मन ही मन खुश हो रहा हूं बेचारी मेरी पत्नी खुशबू ......कितना ध्यान और ख्याल रख रही है मेरे दोस्तों को कंपनी देने के लिए......
सलीम भी अब बाकी के तीन दोस्तों और मेरी पत्नी के साथ पीछे चला जाता है......
और हम सब स्टेशन की तरफ चलने लगते हैं .....
पीछे वही सब ......मेरे मेरे सभी दोस्तों और खुशबू के बीच मजा ....मस्ती.... हंसी..... मजाक चल रहा था .......खुशबू एकदम रिफ्रेश लग रही थी ......उसका मूड भी काफी अच्छा लग रहा था....... जो देखकर मुझे भी बड़ा अच्छा लग रहा था ......कि हनीमून के लिए वह इतने एक्साइटेड है..... तो मुझे भी वहां पर बहुत मजा आएगा...
स्टेशन आते ही .....मैं वापस गाड़ी से सामान निकलने लगता हूं .......मेरे सब दोस्त लोग भी नीचे उतरते हैं .....!!!!!
जाने अनजाने में भी मैं उन लोगों से एक दो कदम पीछे चल रहा हूं
जबकि असलम और खुशबू जैसे एक साथ आगे आगे चल रहे हो
मैं तिरछी आंखों से गौर कर रहा हूं कि स्टेशन पर बहुत सारे यात्री हमारे ग्रुप की तरफ ही देख रहे हैं.....!!!!! एक तो खुशबू ने इतना खूबसूरत लाल जुड़ा पहना हुआ था.....!!!!!
ऊपर से इतनी छोटी स्कर्ट .....!!!!!ना चाहते हुए भी किसी का ध्यान हमारी तरफ ही जाएगा.....!!!!!
हमारे स्टेशन पर पहुंचकर ही मैं सारा सामान रख कर हम सब ग्रुप साथ में खड़े हैं कि.....!!!!! मैंने यह भी गौर किया कि स्टेशन पर नॉर्मल से कुछ ज्यादा ही भीड़ थी.....!!!!! अच्छा किया हम लोगों ने पहले से ही कंफर्म टिकट करवा दिया था वरना इतनी पब्लिक में तो टिकट मिलती भी नहीं.....!!!!! असलम मुझे एक्सक्यूज करता है कि मैं 5 मिनट में आता हूं जरा tc से मिलकर.........!!!!!
की तभी imran खुशबू से बातचीत करता है........!!!!!
"सब बढ़िया ना भाभी जी ......सब तैयारी हो गई ना .....अच्छे से..... पार्लर में भी ......आपका जो कुछ भी रिक्वायरमेंट थी .....उसे हिसाब से ......सब काम हो गया ना ....!??
खुशबू बाल ठीक करते हुए ....मुस्कुरा कर.... इमरान से कहती है ....
"हां जी ...हां जी.... सलम जी.... बहुत अच्छी सर्विस दी गई ....आपके पार्लर में मुझे .....आपके दोस्त को तो हनीमून पर मजा ही आ जाएगा.....!!!!
( कहकर खुशबू आंख मार कर जैसे असलम का जिक्र कर रही हो .....वैसे जाता रही है .....जबकि मैं मन ही मन यह सोचकर खुश हो रहा हूं की खुशबू ने मेरे लिए सब कुछ करवाया होगा....)
"हां भाभी जी ......हमारे दोस्त को मजा तो आना ही चाहिए ना...... आखिरकार आप लोगों को ट्रिप पर जाने के लिए पैसे भी हमने ही दिए हैं ना.....!!!!!
( खुशबू तुरंत ही एक्साइटमेंट में बोलने लगती है)
" अरे आप चिंता क्यों कर रहे हो इमरान जी.....!!!!! आपके खर्च किए हुए एक-एक पैसे अच्छे से वसूल ना हो.....!!!!! तो अपने दोस्त को पूछ लेना
(और मुस्कुराने लगती है....)
और सब दोस्त लोक thahake के लगाकर हंसने लगता है....
Train का समय हो रहा था इसलिए फिर खुशबू ने मेरे सभी दोस्तों को एक-एक करके प्यार से हग करके अलविदा कहां मैं भी उन लोगों की ब्लेसिंग की और अलविदा कहां.......
कुछ ही देर में हमारी ट्रेन आ गई कि.....
तुरंत ही असलम जी ने मुझसे कहा
"भाई तू जरा सामान का ध्यान रख लेना...... इतनी भीड़ भाड़ में कहीं आगे पीछे ना हो जाए ......और मैं भाभी को अच्छे से ट्रेन में चढ़ा दूंगा......."
(मुझे थोड़ी शांति महसूस हुई असलम के यहां होने के कारण कि वह सामने से इतनी सारी बात संभाल रहा है ......मैं हम हमारे बैग लेकर उन लोगों के पीछे-पीछे हमारे सेकंड टायर एसी के कंपार्टमेंट में चढ़ने के लिए आगे चलने लगा ......थोड़ी-थोड़ी भीड़ थी..... ट्रेन में खुशबू और असलम एक दूसरे के करीब चल रहे थे एकदम...... इस तरह से उछल-उछल कर चलने की वजह से खुशबू की mini skirt थोड़ी-थोड़ी देर में ऊपर हो रही थी....... उसका पति होने के बावजूद भी ना चाहते हुए भी मेरा ध्यान उसकी बड़ी सी चूतड़ की तरफ जा रहा था....)
ट्रेन का दरवाजा आते ही असलम में हल्के से अपने दोनों हाथ खुशबू की कमर पर रखें और अपने लंड के हिस्से को खुशबू के mink skirt के हिस्से पर रगड़ लेकर हल्का सा झटका दिया और कहने लगा
" चलिए भाभी जान अब चढ़ भी चाहिए....!!!"
खुशबू मुस्कुरा कर ......असलम का सारा खेल समझने लगी .....
"यह क्या असलम जी ....आप तो यही से शुरू हो गए.... ..अभी से धक्का देने लगे!!!!""
"और नहीं तो क्या भाभी जान .....अब तो हनीमून शुरू ही हो गया है ना हमारा .....!!!
khusbu भी मुस्कुरा कर उसके आगे आगे हमारे ट्रेन के कंपार्टमेंट में दाखिल हो जाती है...... उसे बात की परवाह किए बिना कि मैं कितना पीछे हूं और इतने सारे सामान के साथ हूं.......
मैं भी बड़े मुश्किल से अपने तीन बैग के साथ कंपार्टमेंट में दाखिल हो चुका हूं..... हमारा बढ़िया सा टू टायर एसी का कंपार्टमेंट है .....कंपार्टमेंट में दाखिल होते ही पहले तरफ वाली दोनों ऊपर नीचे के सीट हमारी थी ......जहां ऑलरेडी खुशबू और असलम जी आकर बैठ गए थे.......
खुशबू मुझे देखकर प्यार और दया की ટોન बोलती है ....
"अरे .....लगता है..... आपको तो बहुत परेशानी हो गई .....इतना सामान उठाकर अंदर तक लाने में.....!!!??? वैसे आपने देखा ....असलम जी ने कितनी आराम से मुझे चढ़ा दिया....!???
( खुशबू जैसे इनडायरेक्ट ही असलम के मर्दानगी की तारीफ कर रहे थे.....)
मैं भी मुस्कुरा कर असलम को "थैंक थैंक यू ....."
(कहां और असलम के बाजू में जाकर बैठ ने लगा सब सामान को सेट करते.....)
यह ट्रेन के कंपार्टमेंटऊपर नीचे की जिस सीट के आगे की तरफ प्रॉपर परदे लगे थे .....और पूरे कंपार्टमेंट को भी अगर बंद करना हो तो..... प्रॉपर पर्दों से बंद किया जा सकता था .......अभी मैं बस पूछ ही रहा था असलम जी को कि..... उनकी सीट नंबर यह कहां है की.....!!!! की TC हमारे पास आकर खड़ा हो गया.....
देखना मैं वो खडूस और गुस्सैल किस्म का लग रहा था ......आकर ही ....मुझे इग्नोर करके.... उसने थोड़े एटीट्यूड वाले टोन से असलम के पास आकर कहा
"टिकट ...!???"
साथ ही साथ उसने खुशबू को ऊपर से नीचे पूरी पूरी बॉडी का मुआयना किया .....खुशबू के हाथों में लगी हुई लाल मेहंदी ....और जुड़े से यह साफ जाहिर हो रहा था कि वह हनीमून के लिए जा रही थी.......
असलम ने अपना मोबाइल निकाला और उसे टिकट दिखाने के लिए दिया .......वहां अपना चश्मा नीचे करते हुए बोला
"मिस्टर एंड मिसेज खान!!!!" यह दोनों आप है...... और यह कौन है भला.... इनकी तो कोई टिकट नहीं और ना है इनका कोई जिक्र है.....!!!"
(पहले तो मुझे कुछ समझ में ही नहीं आया ......कि यह क्या बोला..... यह क्या चल रहा था....... मैं असमंजस की स्थिति में था ......
लेकिन न जाने क्यों जब उसे TC के मुंह से
" मिस्टर एंड मिसेज खान "
सुना मुझे एक अलग तरह का रोमांच हुआ...... यह शब्द सुनकर... ...मैं समझ नहीं पा रहा था कि यह "मिस्टर एंड मिसेज खान " क्यों कहां टिकट कलेक्टर ने.... क्या हुआ..... क्या चल रहा था.... यह सब......)
तुरंत खुशबू ने सारी बात का मर्म समझ लिया वह बस मुस्कुरा कर चुपचाप वहीं बैठे रहे....
असलम तुरंत खड़ा हुआ .....उसने TC से कहां
" ARE 1 मिनट रुकिए साहब ......लगता है कुछ गलतफहमी हुई है ....."
(कहकर अपना मोबाइल उसके पास से ले लिया और मुझे आंखों का इशारा करके एक्सक्यूज करके बाहर की तरफ आने के लिए बोला मैं भी कंफ्यूजन की स्थिति में असलम के पीछे-पीछे laga....)
(जैसे उसे कोई गलती हो गई हो उसे तरह से असलम मुझे अपना पक्ष रखने लगा...)
"अरे यार अमित ......लगता है मेरे टिकट एजेंट ने गलती से अलग तरीके से टिकट करवा दी है....... इसमें क्या है .......मैंने सिर्फ गलती से भाभी जी का नाम भेज दिया था .....मेरा ट्रैवल एजेंट को..... और वैसे भाभी जी और मेरी बहुत सारी फोटोस इंस्टा पर थी ना .......तो शायद उसने गलती से "मिस्टर एंड मिसेज खान " के नाम की टिकट करवा दी.... उसे ऐसा लगा होगा कि मैं और खुशबू भाभी जी पति पत्नी है....... इसलिए ... यार अब तेरी तो टिकट करवानी ही रह गई........ और यहां पर आने की सब जल्दबाजी में और तैयारी में मैं ठीक से टिकट चेक भी नहीं किया था.....!!!!??
(मैं सोच और confusion में पड़ गया .....)
"अरे यार असलम जी ....यह तो बहुत बड़ी मिस्टेक हो गई ......अब क्या करें .....अब इसका रास्ता हम कैसे निकालेंगे .....!!?? मुजे लगा honeymoon की शुरुआत से ही इस तरह की गलती हो गई और इस तरह एप shugan हो गया .... जाने आगे क्या-क्या होगा......
"अरे यार असलम जी ऐसा हो तो आप बात करो ना उसे टिकट कलेक्टर से ......एक एक्स्ट्रा टिकट के लिए.....!!!!
(असलम जानबूझकर अपने चेहरे पर चिंता का भाव लाते हुए कहता है )
"अरे यार मैं कोशिश तो कर लेता हूं ....लेकिन मुझे लगतरह से पुरी ट्रेन पैक है....... तो कोई टिकट अवेलेबल होगी या..... वह हमें देगा.... !!! फिर भी मेरे भाई अब "तेरी" टिकट कंफर्म नहीं है...... तो मैं इतनी कोशिश तो कर ही लेता हूं .....!!!"
और असलम जी वापस टिकट कलेक्टर के पास आए ... टिकट कलेक्टर से बात शुरू की .....
"जी सर वह हमारे एजेंट से कुछ गलती हो गई थी बुकिंग करवाने में .....तो हम दोनों "मियां बीवी" की टिकट तो कंफर्म है ....लेकिन ये हमारे हेल्पर के टिकट कंफर्म नहीं हुई ...!!!!!"
(मुजे अपने कान पर यकीन नहीं आ रहा .....असलम किस तरह से बात कर रहा था...... असलम इस तरह से जिक्र कर रहा था जैसे खुशबू और वह मियां बीवी है .....और मैं कोई तीसरा व्यक्ति ......न जाने क्यों यह सुनकर मुझे अजीब लगा चाहिए .....थोड़ा गुस्सा आना चाहिए...... या कम से कम बुरा तो लगा ही चाहिए....... लेकिन असलम के मुंह से यह शब्द सुनकर के वह दोनों "मियां बीवी" है मेरे रोंगटे खड़े हो गए ......और साथ ही साथ में अलग तरह का अनुभव करने लगा...)
(खुशबू को भी कहीं ना कहीं यही हालत थी जब असल में जिक्र किया कि वह दोनों पति-पत्नी है....... और मैं तुम लोगों का कोई हेल्पर......
उसे भी बड़ा मजा आ रहा था .......मन ही मन वह भी खुश हो रही थी .....और आगे क्या होगा..... या जो कुछ भी होगा .....वह देखने जाने के लिए उतावली हो रही थी...)
(असलम जी जब tc से बात कर रहे थे तब मैं चालू बात से ही उनको वापस खींच कर साइड पर एक्सक्यूज करके ले जाने लगा )
"अरे यह क्या बोल रहे हो आप असलम जी ....."मियां बीवी"!??? और "हेल्पर".....
यह सब क्या है ....!!!!
असलm मुझे शांत करते हुए समझता ह
" देख भाई .....वैसे भी मेरी और भाभी जी की कपल के नाम की टिकट कंफर्म हुई है ......तेरा तो कोई जिक्र है भी नहीं .....अब मैं उनसे यह सब कहूंगा कि ......हम दोनों "मियां बीवी" नहीं है.....
अलग-अलग है.......तो वापस उसको और डाउट होगा ......तो शायद हमारी इस ऑलरेडी कंफर्म टिकट में भी वह कोई नुकस ના निकाल दे...... खामखा पूरा जाने का प्रोग्राम बिगड़ जाएगा .....!!!!! और रही बात तुझे हेल्पर तरीके बोलने की ......तो और तो क्या बोलूं यार ....!!!! अब तुझे खुशबू भाभी का भाई बोलूं !!!??? या दोस्त बोलूं !???? दोस्त बोलूंगा तो कैसा लगेगा.....!???? उन्हें क्लीयरली लग रहा है की भाभी जी हनीमून पर है....... तो कोई भी आदमी सोचेगा ना...... की कोई अपने दोस्त को साथ लेकर क्यों आएगा.....!???
( वैसे असलम जी की बात का तर्क मुझे सही लगा चलो ......इतना कंसीडरेशन करके अगर वह टिकट दे भी रहा हो तो इसमें क्या फर्क पड़ जाएगा तो हम वापस tc के पास आते हैं .....)
"जी सर तो मैं कह रहा था अगर टिकट का हो पाए तो ....!????
असलम की बात पूरी हो उससे पहले ही टिकट कलेक्टर gusse se
"अरे कहां ....शाहाब जगह ही नहीं है .....मेरे सिर पर बैठा ल्यू क्या ...!???? और जब आप मियां बीवी हनीमून के लिए निकल रहे थे तो आपको हेल्पर को लेकर आने की क्या जरूरत थी क्या!????
(वह थोड़ा गुस्से और एटीट्यूड में बोलने लगा
"और आप भी क्या साहब इतनी लंबी सफर के लिए निकलने वाले थे तो प्रॉपर टिकट करवा देते ना!???
असलम बोला
" समझ ये ना साहब .....अब शादी के बाद पहली बार "मियां बीवी" इस तरह से घूमने निकलेंगे .....
तो कोई हेल्प पर रहेगा तो छोटे-बड़े काम कर सके गा ना ....हमारा..... सामान उठाना..... खाने का आर्डर देना .....वगैरा इसलिए लेकर आए थे ......!!!"
अब लेकिन इसकी टिकट कंफर्म नहीं हुई....... तो ऐसे ही ले आए ......सोचा आप जैसा कोई tc एडजस्ट करके दे देगा.....!!!!"
(खुशबू यह सारी बात बहुत गौर से सुन रही है और मन ही मन बेहद रोमन रोमांचित महसूस कर रही है....... उसे बड़ा मजा आ रहा है इस तरह से असलम के मुंह से मेरे बारे में बेइज्जती वाली बातें सुनकर.....)
"करिए na आप तो कुछ कर सकोगे..... थोड़ा ले देखकर ......टिकट सीट जैसी कुछ सुविधा कर दीजिए ......"
(कहकर असलम 500 की नोट बाहर निकलता है वह tc बिना कुछ बोले 500 के नोट ले लेता है ......और सिर्फ इतना कहता है......)
" सीट तो नहीं मिल सकेगी.... लेकिन अगर आप चाहो तो यह आपका हेल्पर यहां नीचे ફર્શ के ऊपर सो सकता है ......."
(मैंने राहत की सांस ली और असलम और खुशबू ने एक दूसरे के साथ और सामने देखकर एक शैतानी स्माइल एक्सचेंज की )
वापस tc बोला
"देखिए साहब मैं अपने रिस्क पर इसको यहां पर रख रहा ......मैं चेक करने आता रहूंगा ......कि आप लोग कुछ उलट फिर तो नहीं कर रहे हो ....... फिर मेरे को कुछ प्रॉब्लम हो आप ऐसा कुछ मत करना ......!!!"
असलम -"अरे नहीं नहीं साहब..... थैंक यू .....कम से कम आपने इसे यहां रहने तो दिया.....!!!"
मैंने राहत की सांस लेने के काम से कम मुझे 2 टायर कंपार्टमेंट में जगह तो मिल गई ..... मैं खुशबू के बाजू में ही खड़ा था ......और असलम खुशबू के साथ नीचे वाली બર્થ के ऊपर बैठा हुआ था ......
"अरे असलम जी यह तो आपने बड़ी गलती कर दी...... अब बेचारे मेरे प्यारे पतिदेव को हनीमून पर ही कंपार्टमेंट में नीचे सोना पड़ेगा यार......??
असलम जी भी झूठा-mutha का दुखी होने का नाटक करता है
"अभी यार मैं इसमें क्या कर सकता हूं मेरे एजेंट ने गलती कर दी तो इसमें मेरी कहां भूल है...."
मुझे समझ में नहीं आ रहा कि मैं क्या बोलूं .....
"हां जी .....आपकी बात तो ठीक है लेकिन अब क्या करूं......!
(मुझे मन ही मन बड़ा गंदा लग रहा था कि.... इस तरह से मेरी टिकट कंफर्म नहीं हुई..... जबकि मेरे दोस्त और मेरी पत्नी की टिकट कंफर्म हो गई....)
"वैसे असलम जी मैं यहां नीचे ही सो जाऊंगी .....आप ऊपर चढ़ने में काफी स्फुर्तीले होंगे ......तो आप ऊपर वाली सीट पर ही चढ़ जाएगा ....!!!
(खुशबू प्यार से रात में बैठकर होने वाली व्यवस्था कर रही है.... और जैसे इनडायरेक्ट उसने यह फिक्स ही कर दिया है कि मैं उसकी सीट के पास नीचे जमीन पर सोऊंगा.....)
"जी ठीक है भाभी जी...... जैसा आपको कंफर्टेबल लगे...... मैं ऊपर ही चढ़ जाऊंगा ....!!!
(का कर असलम एक शैतानी मुस्कुराहट देखकर खुशबू को आंख मारता है.....)
(मैं बैग उठाकर ट्रेन में चढ़ने की यह सारी थकान और इस टिकट की सारी मगज मेरी के बाद मैं बैठकर थोड़ा रेस्ट करना चाह रहा था..... मैं खुशबू और असलम के बाजू में बैठने जा रहा था कि तुरंत ही खुशबू बोल पड़ी)
"अरे ......यह आप क्या कर रहे हो ......यहां हमारे साथ कहां बैठोगे.....!??? अभी वह tc आएगा
......तो वापस गुस्सा करेगा.... कहेगा कि एक हेल्पर को अपने अपने साथ बिठा रखा है.....!!! समझिए ના aap जरा .....ऐसा हो तो आप नीचे ही बैठ जाओ ना...... हमारे पैर के पास......!!!! खामखा अगर tc आकर आपको हमारे साथ.....
यहां हमारे दर्जे पर बैठा हुआ देखेगा...... तो गुस्सा करेगा .......कहीं आपको ट्रेन से नीचे ના उतार देने की धमकी ना दे दे ........!!!!
(वैसे खुशबू जी की बात तो सही थी वह tc थोड़ा उल्टी खोपड़ी का और गुस्सैल ही लग रहा था....... और मैं नहीं चाहता था कि ऑलरेडी जो एक अपशुकन हो गया है वापस ऐसी कुछ भी दूसरी मगजमारी हो.... ...तू ज्यादा कुछ सोचे बिना मैं खुशबू जी के पैर के पास नीचे जमीन पर ही बैठ गया जबकि वहां और असलम दोनों नीचे वाली बर्थ के ऊपर बैठे थे)
(वैसे इस तरह से बैठने का मुझे तो फायदा ही हुआ.... खुशबू जी ने जो छोटी सी स्कर्ट पहनी थी मैं जहां बैठा था वहां से उनकी दोनों सुडौल जांघें और जांघों का अंदरूनी हिस्सा बहुत खूबसूरती से मुझे दिख रहा था.....)
![[Image: 1000201455.jpg]](https://ist8-2.filesor.com/pimpandhost.com/3/0/6/4/306444/j/L/A/Y/jLAYV/1000201455.jpg)
![[Image: 1000201453.jpg]](https://ist8-2.filesor.com/pimpandhost.com/3/0/6/4/306444/j/L/A/Y/jLAYW/1000201453.jpg)
![[Image: 1000201452.jpg]](https://ist8-2.filesor.com/pimpandhost.com/3/0/6/4/306444/j/L/A/Y/jLAYX/1000201452.jpg)
(मुझे तो मजा ही आ रहा था जबकि खुशबू और असलम जी एक दूसरे के साथ बातचीत में व्यस्त हो गए थे गोवा जाकर क्या करेंगे कैसे करेंगे इन सारी बातों को लेकर....)
धीरे-धीरे शाम भी होती रही थी और बाहर अंधेरा भी होता रहा था अभी भी खुशबू और असलम जी एक दूसरे के साथ ही बातचीत और मजा मस्ती में मशगूल थे ......थोड़ी देर में ट्रेन के स्टाफ में से कोई बंदा खाने का ऑर्डर लेने आया....
जाहिर सी बात है वह बंदा हम तीनों में से देख कर असलम को ही कंसर्ट करेगा ......क्योंकि वही लीडर या मुख्य बांदा जैसा लग रहा था ......
असलम ने कहां के
"मेरे लिए नॉनवेज थाली..... और मोहतरमा के लिए......
.( कह कर उसने खुशबू को बोलने के लिए जगह छोड़ दी)
" जी मेरे लिए भी नॉनवेज ही ......!"""
खुशबू ने बस मुस्कुरा कर इतना ही कहा और फिर असलम ने वापस मेरी और देखकर कहा और "इसके लिए एक veg थाली लेकर आना..."
यह पहली बार था जब खुशबू ने शादी से बाद नॉनवेज खाना मंगवाया था ......मैं थोड़ा कंफ्यूजन में था ......मैंने हल्के से खुशबू जी से पूछा
" खुशबू जी.....यहां आप ........इस तरह से.... नॉनवेज.....!!???
" तो और नहीं तो क्या अमित ......हनीमून है हमारा....... वहां पर आपके साथ मजा mस्ती करने में मुझे थोड़ी प्रोटीन की जरूरत भी तो पड़ेगी ना .....!!!!
(कह कर मुस्कुरा कर हंसने लगी )
"और वैसे भी अगर यहां में अभी नॉनवेज की वजह वेज ऑर्डर करूंगी .....और वह tc आएगा और देखेगा कि...... मेरे यह "पतिदेव"
( कहकर असलम की और इशारा करके हंसती है)
" नॉनवेज खा रहे हैं ....और मैं वेज तो कितना अजीब और गंदा लगेगा ना उनको...!!!"
(वैसे खुशबू जी की बात तो एकदम सही ही थी मैं भी इस बारे में फिर ज्यादा बातचीत या चर्चा करना ठीक नहीं समझा .......थोड़ी देर बाद हमारा डिनर भी आ गया .....खुशबू जी और असलम जी एक ही नीचे वाली बर्थ पर बैठकर अपने dish में से खाना खा रहे थे....... जबकि मैं नीचे जमीन पर बैठकर अपनी डिनर ले रहा था ......न जाने क्यों मेरे दिलों दिमाग में अलग तरह का भावना चल रही थी....... कुछ अजीब महसूस हो रहा था ......कुछ छोटा महसूस हो रहा था .....लेकिन साथ ही साथ कुछ समर्पण भाव जैसा भी महसूस हो रहा था..... कैसे मेरी पत्नी ......मेरी पास वाली सीट पर ......मेरे दोस्त के साथ बैठकर .....उसी के थाली में से खाना खा रही है ......वह दोनों एक दूसरे के साथ हंस रहे हैं .....कभी असलम भी अपने हाथों से उसको खाना खिला रहा है .....यह सब एक अलग तरह का अनुभव और रोमांच था.......)
थोड़ी देर बाद हमारा डिनर भी हो गया और बाहर शाम भी आगे बढ़ती जा रही थी......
असलम अभी भी नीचे वाली बर्थ पर खुशबू के साथ ही बैठा था....... और खुशबू ने अब मेरी तरफ पैर करके बैठने की वजह थकान के कारण अपने पैर लंबे करके वह वही लेटी हुई थी.....
मैं खुशबू के पैर के पास ही बैठा हुआ था और तू टायर एसी के कारण थोड़ी ठंड भी लग रही थी.......