05-02-2025, 02:37 PM
हम दोनों एक रूम में थे, तो बातें तो करनी ही पड़ रही थीं. ऐसे ही पहले तो हमारे बीच नॉर्मल बातें होती रहीं.
फिर अचानक से राज मजे लेता हुआ बोला- अल्पना और सोना तो अभी से इतनी थक गई हैं कि सुबह स्वीमिंग पर नहीं आई हैं.
तभी मेरे मुँह से निकल गया- उनके बॉयफ्रेंड ने उन्हें परेशान किया होगा, जिससे बेचारी थक गई होंगी.
इस पर राज हंस पड़ा.
फिर राज बोला- विवेक और सनी को इतना भी सब्र नहीं था कि थोड़ा रुक जाए … साले ट्रेन में ही चालू हो गए.
जिस पर मैंने मासूम बनते हुए पूछ लिया- क्या चालू हो गए?
राज आंखें मटकाते हुए बोला- अरे मेरा कहने का मतलब ये था कि हम 5 दिन के लिए आए हैं तो प्यार भी आराम से भी किया जा सकता था … मगर वे लोग तो ..
मैं- क्या वे लोग तो?
राज- वे लोग तो ट्रेन में ही चालू हो गए थे … उन्हें तो डर भी नहीं लगा.
मै- तुम्हें कैसे पता?
राज- मुझे उनकी आवाज़ें आ रही थी … तो मैं समझ गया कि क्या चल रहा था.
अब मैंने राज को थोड़ा और ओपन करने की सोचा … क्योंकि मैं भी एन्जॉय करना चाहती थी … कब तक ऐसे ही सूखी सूखी रहती.
मैंने पूछ लिया- कैसी आवाजें. … और क्या हो रहा था?
राज- इतनी भोली मत बनो … तुम सब जानती हो … उन लोगों में सेक्स हो रहा था … वही आवाजें आ रही थीं.
अब मैंने चुप रहना ही ठीक समझा और बस इतना बोल दिया- अच्छा तो ये बात है … क्या करें बेचारों को सब्र नहीं हो रहा होगा.
राज- इसीलिए तो वे लोग नहीं आए.
मैं- कोई बात नहीं यार … एन्जॉय करने ही तो आए हैं और वैसे भी वे गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड हैं … तो ये सब तो चलता ही है.
राज- वैसे रुचि ने मुझे बताया था कि तुम्हारा बॉयफ्रेंड भी आने वाला था!
मैं- हां यार, लेकिन वो आ नहीं पाया … मेरी किस्मत खराब थी.
राज- अगर तुम्हार बॉयफ्रेंड भी आता … तो तुम भी अभी उन लोगों जैसी सो रही होतीं.
मैं- ऐसा क्यों?
राज- तुम भी तो अपने बॉयफ्रेंड के साथ ट्रेन में सेक्स करतीं … तो फिर कैसे!
मैं- अरे छोड़ो यार … अब साथ आया ही नहीं … तो क्या कर सकते हैं.
राज- अच्छा सुनो … अपन लोग कहीं बाहर घूमने चलें … कुछ बियर शियर हो जाएगी.
मैं- ठीक है … चलते हैं … क्या उन लोगों को भी बुला लें?
राज- उन लोगों को क्यों … वो हमारे साथ क्या करेंगे … वो तो अभी भी सो रहे हो गए होंगे.
मैं- ओके चलो.
मैं और राज वहीं पास वाले बीच की ओर निकल गए. मैं इस समय स्लीवलैस टी-शर्ट और हाफ पैंट पहने थी, जिसमें से मेरी पूरी जांघें दिख रही थीं. राज भी चड्डी और बनियान टाइप ड्रेस में था. मेरी बगलों से मेरे चूचे भी दिख रहे थे … क्योंकि मैं अन्दर ब्रा नहीं पहने थी.
राज बड़े ही गौर से मेरे चूचे और जांघों को देख रहा था.
हमने रास्ते में बियर की कैन ले लीं और बीच की ओर निकल गए. रास्ते में हमें बहुत से जोड़े मिले, जो कुछ नवविवाहित थे … कुछ गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड … कुछ विदेशी भी थे. कुछ लोग रास्ते में ही किस कर रहे थे, जिसे देखकर हम लोग एक दूसरे से नजरें मिला कर आंखों को झुका लेते थे.
इस तरह हम दोनों बीच तक पहुंच गए. वहां हम दोनों ने बियर पीते पीते मस्ती करने लगे. उसने मुझ पर दरिया का पानी डाल दिया. ऐसे ही मैंने भी उसको भिगो दिया. इसी तरह हमारी आपस में गुत्थम गुत्थी हो गई … जिससे बहुत बार उसका हाथ मेरे मम्मों को टच कर गया.
अब हम गीले हो चुके थे, जिससे मेरे चूचे पूरी तरह से दिख रहे थे … शायद मेरे मम्मों को देखकर उसका लंड भी खड़ा हो गया था, जो उसके चड्डा में से अलग ही दिखने लगा था.
मुझे राज से चुदने का मन बनने लगा था, मगर इतनी जल्दी मैं खुलना नहीं चाहती थी. राज को लगता कि ये तो खुली चुदक्कड़ है.
फिर अचानक से राज मजे लेता हुआ बोला- अल्पना और सोना तो अभी से इतनी थक गई हैं कि सुबह स्वीमिंग पर नहीं आई हैं.
तभी मेरे मुँह से निकल गया- उनके बॉयफ्रेंड ने उन्हें परेशान किया होगा, जिससे बेचारी थक गई होंगी.
इस पर राज हंस पड़ा.
फिर राज बोला- विवेक और सनी को इतना भी सब्र नहीं था कि थोड़ा रुक जाए … साले ट्रेन में ही चालू हो गए.
जिस पर मैंने मासूम बनते हुए पूछ लिया- क्या चालू हो गए?
राज आंखें मटकाते हुए बोला- अरे मेरा कहने का मतलब ये था कि हम 5 दिन के लिए आए हैं तो प्यार भी आराम से भी किया जा सकता था … मगर वे लोग तो ..
मैं- क्या वे लोग तो?
राज- वे लोग तो ट्रेन में ही चालू हो गए थे … उन्हें तो डर भी नहीं लगा.
मै- तुम्हें कैसे पता?
राज- मुझे उनकी आवाज़ें आ रही थी … तो मैं समझ गया कि क्या चल रहा था.
अब मैंने राज को थोड़ा और ओपन करने की सोचा … क्योंकि मैं भी एन्जॉय करना चाहती थी … कब तक ऐसे ही सूखी सूखी रहती.
मैंने पूछ लिया- कैसी आवाजें. … और क्या हो रहा था?
राज- इतनी भोली मत बनो … तुम सब जानती हो … उन लोगों में सेक्स हो रहा था … वही आवाजें आ रही थीं.
अब मैंने चुप रहना ही ठीक समझा और बस इतना बोल दिया- अच्छा तो ये बात है … क्या करें बेचारों को सब्र नहीं हो रहा होगा.
राज- इसीलिए तो वे लोग नहीं आए.
मैं- कोई बात नहीं यार … एन्जॉय करने ही तो आए हैं और वैसे भी वे गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड हैं … तो ये सब तो चलता ही है.
राज- वैसे रुचि ने मुझे बताया था कि तुम्हारा बॉयफ्रेंड भी आने वाला था!
मैं- हां यार, लेकिन वो आ नहीं पाया … मेरी किस्मत खराब थी.
राज- अगर तुम्हार बॉयफ्रेंड भी आता … तो तुम भी अभी उन लोगों जैसी सो रही होतीं.
मैं- ऐसा क्यों?
राज- तुम भी तो अपने बॉयफ्रेंड के साथ ट्रेन में सेक्स करतीं … तो फिर कैसे!
मैं- अरे छोड़ो यार … अब साथ आया ही नहीं … तो क्या कर सकते हैं.
राज- अच्छा सुनो … अपन लोग कहीं बाहर घूमने चलें … कुछ बियर शियर हो जाएगी.
मैं- ठीक है … चलते हैं … क्या उन लोगों को भी बुला लें?
राज- उन लोगों को क्यों … वो हमारे साथ क्या करेंगे … वो तो अभी भी सो रहे हो गए होंगे.
मैं- ओके चलो.
मैं और राज वहीं पास वाले बीच की ओर निकल गए. मैं इस समय स्लीवलैस टी-शर्ट और हाफ पैंट पहने थी, जिसमें से मेरी पूरी जांघें दिख रही थीं. राज भी चड्डी और बनियान टाइप ड्रेस में था. मेरी बगलों से मेरे चूचे भी दिख रहे थे … क्योंकि मैं अन्दर ब्रा नहीं पहने थी.
राज बड़े ही गौर से मेरे चूचे और जांघों को देख रहा था.
हमने रास्ते में बियर की कैन ले लीं और बीच की ओर निकल गए. रास्ते में हमें बहुत से जोड़े मिले, जो कुछ नवविवाहित थे … कुछ गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड … कुछ विदेशी भी थे. कुछ लोग रास्ते में ही किस कर रहे थे, जिसे देखकर हम लोग एक दूसरे से नजरें मिला कर आंखों को झुका लेते थे.
इस तरह हम दोनों बीच तक पहुंच गए. वहां हम दोनों ने बियर पीते पीते मस्ती करने लगे. उसने मुझ पर दरिया का पानी डाल दिया. ऐसे ही मैंने भी उसको भिगो दिया. इसी तरह हमारी आपस में गुत्थम गुत्थी हो गई … जिससे बहुत बार उसका हाथ मेरे मम्मों को टच कर गया.
अब हम गीले हो चुके थे, जिससे मेरे चूचे पूरी तरह से दिख रहे थे … शायद मेरे मम्मों को देखकर उसका लंड भी खड़ा हो गया था, जो उसके चड्डा में से अलग ही दिखने लगा था.
मुझे राज से चुदने का मन बनने लगा था, मगर इतनी जल्दी मैं खुलना नहीं चाहती थी. राज को लगता कि ये तो खुली चुदक्कड़ है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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