05-02-2025, 02:13 PM
अब मेरा लंड टीचर की चुत चुदाई के लिए तैयार था. वंदना मैम खड़ी हुईं. फिर वो मेरे ऊपर चढ़ गईं. उन्होंने मेरे लंड को पकड़ा और अपनी चूत में डालने लगीं. उनकी भी चूत गीली थी और मेरा लंड भी गीला था.
टीचर ने अपनी चूत में पहले थोड़ा सा लंड लिया, तो मुझे ऐसा लगा कि किसी नरम सी चीज में लंड घुस गया है. जैसे ही मैम ने पूरा लंड चूत में लिया, मुझे हल्का दर्द सा हुआ. लेकिन मेरे लंड को मजेदार गर्म अहसास हो रहा था.
कुछ देर लंड अन्दर ही रहा, फिर उन्होंने ऊपर नीचे करना जैसे ही शुरू किया, मुझे लगा कि मैं झड़ रहा हूँ. मैं उनकी चुत के अन्दर ही झड़ गया और मुझे वैसे ही नींद आ गई.
वंदना मैम ने मुझे नहीं जगाया, लेकिन वो मेरे लंड के साथ खेल रही थीं, इसीलिए मेरी आंखें खुल गईं. क्योंकि मुझे दर्द भी हो रहा था … जिससे मेरी आह निकल गई.
वो मेरे लंड को चूस रही थीं, उन्होंने मेरे लंड को दुबारा खड़ा करके उसे अपनी चूत में डाल लिया. इस बार मैं नहीं झड़ रहा था, वो मेरे लंड से अपनी चूत की प्यास बुझाने की कोशिश कर रही थीं.
उन्होंने कहा- अब तुम मेरी चूत को चोदो. अपनी प्यासी टीचर की चुत चुदाई करो.
मैंने पूछा तो उन्होंने समझाया- तुम मेरे ऊपर आकर लंड अन्दर बाहर करो.
वैसे ही मैंने करना शुरू किया.
पहले बहुत दर्द हुआ, लेकिन धीरे धीरे मैं अन्दर बाहर करते हुए मैम की चूत चोद रहा था. वो मुझे जकड़े हुए थीं.
उन्होंने कहा- आह तेजी से लंड अन्दर तक पेलो.
मैंने स्पीड तेज की, उनके मुँह से अजीब आवाजें निकल रही थीं. वो पूरी तरह से मस्ती से चुद रही थीं.
प्यासी टीचर ने कहा- आह … मुझे अपनी रांड बना कर रखना … आह … और तेज कर …
शायद वो झड़ रही थीं, मुझे गीला गीला लग रहा था और चिकना भी. मेरा लंड अब रुकना नहीं चाह रहा था. मैं फिर भी मैम को चोदता रहा.
उन्होंने भी मुझे नहीं रोका. मैं अब तक नहीं झड़ा था और उधर वंदना मैम काँप रही थीं.
मैं डर गया … लेकिन उन्होंने कहा- अभी रुक मत … और तेज कर..
मैं उनकी चूत में धक्के मारे जा रहा था. वो कांपने लगीं. तभी अचानक मैं भी झड़ने वाला हो गया था.
मैंने एक बार फिर से उनकी चूत अपने वीर्य से भर दी. हम दोनों झड़ चुके थे.
टीचर की चुत चुदाई का यह मेरा फर्स्ट टाइम सेक्स था. मैं कितना लकी था कि कल तक जिस मैम की चुचियों की नाली देखता था, आज उन्होंने मुझे चोदना सिखा दिया कि लड़की को चुदने के लिए कैसे उकसाया जाता है.
झड़ने के बाद वंदना मैम और मैं वैसे ही दोनों नंगे चिपक कर सो गए.
टीचर ने अपनी चूत में पहले थोड़ा सा लंड लिया, तो मुझे ऐसा लगा कि किसी नरम सी चीज में लंड घुस गया है. जैसे ही मैम ने पूरा लंड चूत में लिया, मुझे हल्का दर्द सा हुआ. लेकिन मेरे लंड को मजेदार गर्म अहसास हो रहा था.
कुछ देर लंड अन्दर ही रहा, फिर उन्होंने ऊपर नीचे करना जैसे ही शुरू किया, मुझे लगा कि मैं झड़ रहा हूँ. मैं उनकी चुत के अन्दर ही झड़ गया और मुझे वैसे ही नींद आ गई.
वंदना मैम ने मुझे नहीं जगाया, लेकिन वो मेरे लंड के साथ खेल रही थीं, इसीलिए मेरी आंखें खुल गईं. क्योंकि मुझे दर्द भी हो रहा था … जिससे मेरी आह निकल गई.
वो मेरे लंड को चूस रही थीं, उन्होंने मेरे लंड को दुबारा खड़ा करके उसे अपनी चूत में डाल लिया. इस बार मैं नहीं झड़ रहा था, वो मेरे लंड से अपनी चूत की प्यास बुझाने की कोशिश कर रही थीं.
उन्होंने कहा- अब तुम मेरी चूत को चोदो. अपनी प्यासी टीचर की चुत चुदाई करो.
मैंने पूछा तो उन्होंने समझाया- तुम मेरे ऊपर आकर लंड अन्दर बाहर करो.
वैसे ही मैंने करना शुरू किया.
पहले बहुत दर्द हुआ, लेकिन धीरे धीरे मैं अन्दर बाहर करते हुए मैम की चूत चोद रहा था. वो मुझे जकड़े हुए थीं.
उन्होंने कहा- आह तेजी से लंड अन्दर तक पेलो.
मैंने स्पीड तेज की, उनके मुँह से अजीब आवाजें निकल रही थीं. वो पूरी तरह से मस्ती से चुद रही थीं.
प्यासी टीचर ने कहा- आह … मुझे अपनी रांड बना कर रखना … आह … और तेज कर …
शायद वो झड़ रही थीं, मुझे गीला गीला लग रहा था और चिकना भी. मेरा लंड अब रुकना नहीं चाह रहा था. मैं फिर भी मैम को चोदता रहा.
उन्होंने भी मुझे नहीं रोका. मैं अब तक नहीं झड़ा था और उधर वंदना मैम काँप रही थीं.
मैं डर गया … लेकिन उन्होंने कहा- अभी रुक मत … और तेज कर..
मैं उनकी चूत में धक्के मारे जा रहा था. वो कांपने लगीं. तभी अचानक मैं भी झड़ने वाला हो गया था.
मैंने एक बार फिर से उनकी चूत अपने वीर्य से भर दी. हम दोनों झड़ चुके थे.
टीचर की चुत चुदाई का यह मेरा फर्स्ट टाइम सेक्स था. मैं कितना लकी था कि कल तक जिस मैम की चुचियों की नाली देखता था, आज उन्होंने मुझे चोदना सिखा दिया कि लड़की को चुदने के लिए कैसे उकसाया जाता है.
झड़ने के बाद वंदना मैम और मैं वैसे ही दोनों नंगे चिपक कर सो गए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
