05-02-2025, 02:07 PM
वंदना ने कहा- कहो वंदना रंडी.
मैंने कहा.
फिर इसी तरह से वंदना रांड, कुतिया, चुदासी, लौड़ेबाज, बहन की लौड़ी, माँ की लौड़ी … और पता नहीं क्या क्या कहलवाया.
मैं वंदना मैम का ये रूप देख कर थोड़ा हैरान था.
उसके बाद वंदना मैम ने कहा- तुमने मेरे चुचे नहीं चूसे, चलो बचा हुआ लेसन पूरा करते हैं.
उन्होंने एक दूध अपने हाथ से पकड़ कर मेरे मुँह की तरफ बढ़ाया और कहा- लो चूसो.
मैंने मैम के एक चूचे को अपने मुँह में लिया और चूसने लगा. उनकी चुचियों में अलग सी खुशबू थी.
उन्होंने कहा- अरे यार, ऐसे नहीं चूसते हैं.
मैम ने मुझे उठाया और लिपलॉक करके वो मेरे होंठों को चूसने लगीं. मुझे इतना अच्छा लग रहा था कि मैं क्या बताऊँ. उन्होंने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और तेजी से होंठों चूसने लगीं. कुछ पल बाद मैम हट गईं.
अब उन्होंने कहा- तुम भी ऐसा ही करो.
मैं कोशिश करने लगा. पहले थोड़ा टाइम लगा, लेकिन बाद में मैं भी वंदना मैम के होंठों को मस्त तरीके से चूसने लगा. उनकी लिपस्टिक को भी मैं चूस गया. मैम के होंठ बहुत ज्यादा रसीले और मीठे थे.
मैंने अपनी जीभ जैसे ही उनके मुँह में डाली, वो उसे चूसने लगीं. उन्होंने एक दो बार मेरे होंठ भी काटे, मुझे दर्द भी हुआ, लेकिन मजा आ रहा था.
करीब 15 मिनट तक वंदना मैम ने मुझे ये लेसन सिखाया. उसके बाद कहा कि अब जंगलियों की तरह चूस डालो, खेलो मेरी चुचियों से … इनको को पी जाओ … मेरे दूध को माल समझ कर निचोड़ डालो.
मैंने उनकी आज्ञा का पालन करते हुए उनके चूचों को थाम लिया. मैं पीछे की तरफ हाथ से मैम को अपनी तरफ दबाता और आगे उनके दूध मेरे मुँह में आ जाए. मैं बहुत तेजी से एक चूचे चूसने की कोशिश कर रहा था और दूसरी चूची को हाथ मसल रहा था. वो बहुत उत्तेजना में थीं. उनकी लंबी लंबी सांसें मेरे लंड को दुबारा एनर्जी दे रहे थीं. वंदना मैम अपने चूचों पर मेरे मुँह को और दबा रही थीं.
मैंने कहा.
फिर इसी तरह से वंदना रांड, कुतिया, चुदासी, लौड़ेबाज, बहन की लौड़ी, माँ की लौड़ी … और पता नहीं क्या क्या कहलवाया.
मैं वंदना मैम का ये रूप देख कर थोड़ा हैरान था.
उसके बाद वंदना मैम ने कहा- तुमने मेरे चुचे नहीं चूसे, चलो बचा हुआ लेसन पूरा करते हैं.
उन्होंने एक दूध अपने हाथ से पकड़ कर मेरे मुँह की तरफ बढ़ाया और कहा- लो चूसो.
मैंने मैम के एक चूचे को अपने मुँह में लिया और चूसने लगा. उनकी चुचियों में अलग सी खुशबू थी.
उन्होंने कहा- अरे यार, ऐसे नहीं चूसते हैं.
मैम ने मुझे उठाया और लिपलॉक करके वो मेरे होंठों को चूसने लगीं. मुझे इतना अच्छा लग रहा था कि मैं क्या बताऊँ. उन्होंने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और तेजी से होंठों चूसने लगीं. कुछ पल बाद मैम हट गईं.
अब उन्होंने कहा- तुम भी ऐसा ही करो.
मैं कोशिश करने लगा. पहले थोड़ा टाइम लगा, लेकिन बाद में मैं भी वंदना मैम के होंठों को मस्त तरीके से चूसने लगा. उनकी लिपस्टिक को भी मैं चूस गया. मैम के होंठ बहुत ज्यादा रसीले और मीठे थे.
मैंने अपनी जीभ जैसे ही उनके मुँह में डाली, वो उसे चूसने लगीं. उन्होंने एक दो बार मेरे होंठ भी काटे, मुझे दर्द भी हुआ, लेकिन मजा आ रहा था.
करीब 15 मिनट तक वंदना मैम ने मुझे ये लेसन सिखाया. उसके बाद कहा कि अब जंगलियों की तरह चूस डालो, खेलो मेरी चुचियों से … इनको को पी जाओ … मेरे दूध को माल समझ कर निचोड़ डालो.
मैंने उनकी आज्ञा का पालन करते हुए उनके चूचों को थाम लिया. मैं पीछे की तरफ हाथ से मैम को अपनी तरफ दबाता और आगे उनके दूध मेरे मुँह में आ जाए. मैं बहुत तेजी से एक चूचे चूसने की कोशिश कर रहा था और दूसरी चूची को हाथ मसल रहा था. वो बहुत उत्तेजना में थीं. उनकी लंबी लंबी सांसें मेरे लंड को दुबारा एनर्जी दे रहे थीं. वंदना मैम अपने चूचों पर मेरे मुँह को और दबा रही थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
