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Fantasy दीदी संग ओरल सेक्स का मजा
#9
अगले दिन जब मैं विद्यालय गया. क्लास में वंदना मैम का पीरियड था. जब वो क्लास में आईं, तो मैं उनके जिस्म को देख रहा था. उनके बाल खुले हुए और जिस्म पर लाल रंग की साड़ी नाभि से नीचे बंधी हुई थी. उनकी खुली नाभि देख कर, पता नहीं मुझे क्या हो रहा था. मुझे वंदना मैम इस समय नंगी नज़र आ रही थीं. तभी अचानक मेरा लंड खड़ा हो गया और पैंट में सीधा खड़ा होने की कोशिश करने लगा.

मैंने लंड पर ध्यान नहीं दिया. लेकिन मेरे उठते लंड को बगल में मेरी क्लासमेट ने देख लिया. उसका नाम प्रियंका था. वो भी वंदना मैम के द्वारा बताई गई परिभाषा के अनुसार मस्त माल थी. वो भी मेरी ही उम्र की मतलब करीब 19 साल की थी मगर मेरे मुकाबले वो बहुत चालू थी.

मैं अपनी सोच में गहरा डूब गया था. तभी मुझे कुछ अजीब से हिलता हुआ लगा. मैंने मैम से नज़र हटाई, तो देखा कि प्रियंका मेरे उभरे लंड को गौर से देख रही थी और उसका एक हाथ उसकी स्कर्ट में था. वो अपनी चूत में उंगली कर रही थी.
मैंने तुरंत नज़र हटा ली और मैम से परमिशन लेकर टॉयलेट में चला गया. मैम ने भी मेरी फूली हुई पैंट देख ली थी. उन्होंने मुस्कुरा कर मुझे जाने को कह दिया.

मैं टॉयलेट से तब तक नहीं आया, जब तक मेरा लंड सो नहीं गया
जब क्लास में आया, तो प्रियंका ने पूछा- क्या हुआ? कुछ देख लिया था क्या तुमने?
मैंने कहा- कुछ नहीं.
उसने कहा- मैं भी जल्दी ही वंदना मैम से पढ़ने आने वाली हूँ.
मैं चुपचाप सुनता रहा.

फिर छुट्टी हो गई, तो मैं घर आ गया.

मैं विद्यालय से आने के 4 घंटे बाद ट्यूशन जाता था. लेकिन मैं उस दिन आधा घंटा पहले चला गया.

मैंने मैम के घर की घंटी बजाई, लेकिन कोई नहीं आया. करीब 3 मिनट बाद गेट खुला, तो मैंने देखा कि वंदना मैम एक मैक्सी में थीं. मैं उनको देखता रह गया. वंदना मैम को देख कर ऐसा लग रहा था कि उन्होंने मैक्सी के नीचे कुछ नहीं पहना हो.

मैम ने कहा- अरे सोनू, तुम इतनी जल्दी कैसे?
मैंने कहा- मैम, मैं कल की क्लास नहीं भूल पाया.
वो मुस्कुरा दीं और उन्होंने मुझे अन्दर आने को कहा.

मैंने देखा कि घर में कोई नहीं है, मैम से पूछा तो उन्होंने बताया कि मम्मी पापा 20 दिन के लिए जम्मू गए हैं और एग्जाम की वजह से मैं नहीं जा पायी. उसके बाद वो लोग वैसे भी चार धाम जाने वाले हैं. खैर … तुम बैठो, किताब खोलो.

आधे घंटे तक मैम ने इंग्लिश पढ़ाई. वो मेरे बिल्कुल बगल में बैठी थीं. मुझे पता नहीं क्या हुआ कि मैं मैम से बिल्कुल सटकर बैठ गया. मुझे उनकी मैक्सी के ऊपर से पैर की गर्मी महसूस हो रही थी.

मैंने अचानक देखा कि मैम की टांगों के बीच में चूत के पास मैक्सी हल्की गीली सी थी.
उन्होंने मुझे उधर देखते हुए देख लिया और बोलीं- कल जो हुआ, वो अलग था … लेकिन मैं देख रही हूँ तुम चोरी से मेरे चुचों की नाली को देखते हो. आज मैंने ये भी देख लिया था कि तुम मुझे क्लास में कैसे घूर रहे थे … और अभी अभी क्या हुआ सोनू … मेरी मैक्सी की तरफ क्या देख रहे थे?

मैंने कहा- हां मैम मैं आपको देखता हूं … तो मुझे अजीब सा लगता है. अन्दर से गुदगुदी भी होती है.
तब मैम ने कहा- ये तुम्हारा पहला लेसन है … चुदाई की फीलिंग.
मैंने मैम से पूछा- चुदाई क्या होती है?
इस पर वो हंस पड़ीं और बोलीं- सोनू समय आने पर मैं सब बताऊँगी.

मैंने कुछ नहीं कहा, बस मैम के चूचे देखने लगा.

उन्होंने अपनी चूचियों को जरा जुम्बिश देते हुए हिलाया और कहा कि तुम्हें कल का माल वाला लेसन याद है ना कि जब किसी सेक्सी लड़की को देख कर एक लड़का क्या फील करता है. बस यही तुम्हारे साथ हो रहा है. तुम मुझे चोदना चाहते हो … मगर कह नहीं पा रहे हो.

मैंने कहा- मैम ये चोदना क्या होता है?
उन्होंने कहा- मैं तुम्हें सब पढ़ाऊंगी. आज हम कल के एक्स्ट्रा लेसन से आगे पढ़ेंगे कि माल को कैसे उकसाते हैं.

मैम ने कहा- खड़े हो जाओ.
मैं खड़ा हो गया.
वंदना मैम ने मेरी शर्ट उतारी और मेरे सीने पर हाथ रखकर कहा- मैं जैसा कहूं … और जो चाहूँ, तुम वही करना.
मैंने ‘यस मैम..’ कहा.

मैम ने मेरे हाथ लिए अपने मम्मों के ऊपर रखकर अपने हाथों से दबाती हुए बोलीं- ऐसा करते रहो.
इस समय हम दोनों खड़े थे. उनके हाथ मेरे बाजुओं पर थे, लेकिन मैं उनके चुचे दबाता … तो वो बैचैन हो रही थीं. अजीब आवाजें निकाल रही थीं. साथ ही मैम मेरे बाजुओं को भी दबाती जातीं. इस वक्त उनकी मुझे एक बात सुनाई दे रही थी कि आह … और तेज़ दबाओ.

कुछ ही पल बाद वो सोफे पर गिरते हुए बैठ गई. उन्होंने कहा- यहां बैठ कर दबाओ.

मैं फिर से मैम के मम्मे दबाने लगा. उन्होंने अचानक से मेरा मुँह अपनी मैक्सी के ऊपर से ही अपने चूचों में दबाना चालू कर दिया.

मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था, लेकिन गद्दे जैसी चुचियों की वजह से अन्दर गुदगुदी हो रही थी और मेरा लंड खड़ा हो चुका था.

फिर उन्होंने ऊपर से मैक्सी उतार दी और कहा- पहले चूचों को दबाओ … फिर चूसना.

मैंने जैसे वंदना मैम के नंगे मम्मों पर हाथ रखा, मेरे अन्दर एक अलग किस्म की लहर दौड़ गई. मुझे ऐसा लगा कि मेरी पैंट में कुछ गिर गया है. मुझे गीला गीला लगने लगा था, मैं शायद झड़ चुका था. लेकिन इतना ज्यादा वीर्य निकला था कि पैंट के पार भी गिरने लगा. मुझे मेरे लंड में हल्का दर्द भी हो रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: दीदी संग ओरल सेक्स का मजा - by neerathemall - 05-02-2025, 02:05 PM



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