16-02-2025, 08:25 PM
जैसा कि पिछले एपिसोड मे देखा कि रोहन का लण्ङ अपनी बहन के लिए कैसे पानी निकाल रहा था और जब से अक्कु ने रोहन की बहन की चड्ढी को अपने लण्ड पर लगाया था उसका लण्ड उस चड्ढी में अपना सारा माल निकालने के लिए मरा जा रहा था और रोहन भी यही सोच रहा था कि अक्कु उसकी बहन की चड्ढी के साथ क्या करेगा। क्या अक्कु उसकी बहन की चड्ढी में अपना काला लण्ड रगड कर मीनाक्षी दीदी की चड्ढी में अपना सारा माल निकाल देगा या वो उसकी बहन की चड्ढी की महक को सूंघ कर अपने लण्ड को उसकी बहन की ब्रा पे रगडेगा। रोहन के दिमाग में इतने खयाल चल रहे थे की उसका लण़्ड लगातार पानी छोड रहा था।
एपीसोड-7 (मीनाक्षी दीदी का बस में सफर)
घर पहुँचते ही रोहन का लण्ड अपनी बहन को देख कर फनफनाने लग जाता है। और इसका कारण मीनाक्षी दीदी थी
![[Image: 8677cdji8xgu.jpg]](https://s10.imagetwist.com/th/65929/8677cdji8xgu.jpg)
रोहन जैसे ही घर का दरवाजा खोलता है उसकी नजर सीधे उसकी बहन की गांड पे जाती है और रोहन का लण्ड अपनी बहन को सलामी देने लग जाता है। रोहन पेंट में बने तम्बू को देख कर जल्दी से अपने दोनों हाथों से लण्ड को दबा कर छुपते-छुपाते हुए अपने रूम की तरफ भागता है। रूम का दरवाजा बंद कर के रोहन अपने पेंट की तरफ देखता है
![[Image: bSsDE.jpg]](https://s3.gifyu.com/images/bSsDE.jpg)
जिस पर उसके लण्ड के पानी की कुछ बूंदों के निशान लगे थे रोहन धीरे से अपनी पेंट को खोल कर देखता है पेंट खोलते ही उसके होश उड जाते है क्योंकि उसका अंडरवेयर लण्ड के पानी से पूरा गीला हो चुका था और कुछ बूंदें उसके पेंट पर भी लग चुकी थी
![[Image: bSsDg.jpg]](https://s3.gifyu.com/images/bSsDg.jpg)
रोहन अपने अंडरवेयर को एक हाथ से खींच कर देखता है तो उसका लण्ड अभी भी मीनाक्षी दीदी के लिए पानी की बूंदे गिरा रहा है और रोहन अपने लण्ड को धीरे से अपने पेंट से बाहर निकाल कर अपनी मुठ्ठी मे भर कर धीरे-धीरे हिलाने लग जाता है उसका लण्ड और हाथ दोनों उसके वीर्य से पूरे गीले हो चुके थे और उसका लण्ड भी अपनी बहन के लिए पानी निकाले जा रहा था रोहन अपनी आँखों को बंद कर रूम के दरवाजे के पीछे खडे-खडे ही मुठ मारने लग जाता है रोहन कुछ देर पहले के र्दश्य की कल्पना करने लग जाता है जहां उसने मीना दीदी की फुली हुई गांड और उस गांड की गहरी दरार देखी थी.....
रोहन- उउउउफफफफ मीनाक्षी दीदी अहहहह मीनाक्षी दीदी अपकी गांड कितनी बडी और फुली हुई है बिना कपडों के मीना दीदी की गांड कितनी ज्यादा गौरी और फुली होगी अहहह उउफ्फ दीददददी
![[Image: bSs1p.jpg]](https://s3.gifyu.com/images/bSs1p.jpg)
मीना दीदी, अक्कु का काला लम्बा मोटा लण्ड भी दीदी अपकी गांड के आगे छोटा लगता है अहहहह....
रोहन मुठ मारने मे इतना खोया हुआ था कि उसने अपने रूम के दरवाजे को लाॅक भी नहीं किया था जिसकी वजह से मीनाक्षी दीदी अचानक से रोहन को आवाज देते हुए दरवाजे को खोल देती हैं
मीनाक्षी दीदी- रोहननन.....
(रोहन, मीनाक्षी दीदी की आवाज सुन कर डर जाता है और जल्दी से अपने कपडे पहनने की कोशिश करता है। लेकिन उसका पेंट लंड के पानी से इतना गीला हो चुका होता है कि कोई भी देख कर शक करने लगे, मीनाक्षी दीदी दरवाजा थोडा ही खोल पाती हैं और रोहन दरवाजे के पीछे से दरवाजा पूरा खुलने से रोक देता है)
![[Image: bSs1f.jpg]](https://s3.gifyu.com/images/bSs1f.jpg)
रोहन- मैं कपडे बदल रहा था
(रोहन अपने दोनों हाथों से अपना गीला अंडरवेयर छुपा रहा होता है।)
मीनाक्षी दीदी- दरवाजा को लाॅक कर के ये सब किया कर... (मीनाक्षी दीदी की नजर उसकी गीली पेंट को एक छलक देख चुकी होती है)
रोहन- क्या मतलब ये सब
मीनाक्षी दीदी- कुछ नहीं, जल्दी से कपडे बदल मुझे मार्केट जाना है कुछ सामान लेने...
रोहन- ओके दीदी
(मीनाक्षी दीदी दरवाजा बंद कर के चली जाती हैं, रोहन जो अभी भी दरवाजे के पीछे खडा होता है और जल्दी से कपडे बदलने लग जाता है।)
रोहन मन ही मन अपनी बहन को गाली देते हुए...
रोहन- बहनचोद बाल-बाल बचा आज तो, नहीं तो आज दीदी को पता चल जाता की मैं उनके नाम की मुठ मारता फिरता हूँ... हाहाहा .... ये अंडरवेयर भी बदल लेता हूँँ...
(रोहन उस अंडरवेयर जिस पर उसके लण्ड को बहुत सारा पानी लगा हुआ था उसे बेड पर ही छोड देता है, कपडे बदलने के बाद वो रूम से बाहर आ कर मीनाक्षी दीदी के रूम की तरफ जाता है और रूम का दरवाजा खोलने की कोशिश करता है लेकिन वो दरवाजा अंदर से बंद था)
रोहन- दीदी, मैं तैयार हूँ चलने के लिए।
मीनाक्षी दीदी- ठीक है, थोडी देर बाहर रुको मैं बस कपडे पहन रही हूँ...
रोहन- ठीक है, दीदी...
रोहन कह तो देता है कि ठीक है लेकिन उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था... वो सोच रहा था कि उसकी बहन अभी नंगी होगी, उसके और उसकी नंगी बहन के बीच केवल ये दरवाजा है....ये बात सोचने से ही उसका लण्ड पेंट में झटके मारने लग जाता है। रोहन अपने लण्ड को पेंट के ऊपर से मसलता है और मन ही मन मीनाक्षी दीदी के नंगे बदन की कल्पना करता है.... रोहन हवस मे खुद को रोक नहीं पाता है वो रूम के की-होल से अंदर देखने की कोशिश करता है और अंदर का नजारा देख कर रोहन के लण्ड का पानी पेंट मे ही निकल जाता है।
![[Image: bSsAt.jpg]](https://s3.gifyu.com/images/bSsAt.jpg)
अंदर मीनाक्षी दीदी की पूरी नंगी दरवाजे के की-होल की तरफ गांड कर के खडी थी रोहन की आँखों के सामने मीनाक्षी दीदी की गांड थी लेकीन छोटे से की-होल की वजह से साफ दिखाई नही दे रहा था मगर रोहन का लंड फिर से खडा हो चुका था
मीनाक्षी दीदी कपडे पहन ही रही थी, मीनाक्षी दीदी अपनी नारंगी रंग की सलवार को अपनी बडी गांड पे चडाने की कोशिश कर रही थी मीनाक्षी दीदी की सलवार इतनी पतली थी कि मीनाक्षी दीदी का बदन का एक एक हिस्सा साफ-साफ दिख रहा होता है
![[Image: vlcsnap-2025-01-27-20h45m32s512.png]](https://i.postimg.cc/TYPVpNQR/vlcsnap-2025-01-27-20h45m32s512.png)
खास कर उनकी फुली हुई गांड, रोहन मीनाक्षी दीदी को नीचे से ऊपर तक एक-एक अंग को बडे गौर से देखता है मीनाक्षी दीदी का बदन बिल्कुल सफेद और गदराया हुआ था जो किसी के भी लण्ड का पानी 1 मिनट मे निकाल दे, रोहन का हाल बहुत ही बुरा था उसका लण्ड बहुत ही ज्यादा पानी छोडे जा रहा था वो उसको इतना मजा पहले कभी नही आया था, रोहन का तो लण्ड वैसे ही कुछ सेकेंडो मे पानी निकल देता था, यहा पर तो उसकी बहन का लगभग नंगा बदन उसको देखने को मिल रहा था रोहन की नजर मीनाक्षी दीदी की गांड की दरार पे जाती है जिसमें एक पतली-सी चड्डी से फंसी हुई थी वो पेंटी रोहन ने पहली बार देखी थी वो ये ही सोचने लग जाता है कि दीदी ने ये पेंटी कहां छुपा कर रखी थी जो उसे पहले कहीं दिखी ही नहीं.....
रोहन ये सब सोच ही रहा होता है कि मीनाक्षी दीदी दरवाजा खोलती है और दरवाजा खुलने की आवाज से रोहन डर के दरवाजे से दूर जाकर खडा हो जाता है और दोनो हाथों से अपने लण्ड को पेंट के ऊपर से छुपाने की कोशिश कर रहा होता है ताकि मीनाक्षी दीदी को उसके पेंट मे बने तंबू का पाता न चले,
मीनाक्षी दीदी- चलो.. मैं तैयार हूँ....
रोहन- दीदी आप आगे चलो.... मैं बस आया...
मीनाक्षी दीदी- ठीक है....
![[Image: bSsJm.gif]](https://s3.gifyu.com/images/bSsJm.gif)
रोहन वही खडे खडे, मीनाक्षी दीदी को जाते हुए देख रहा होता है और उसकी नजर मीनाक्षी दीदी की उछलती गांड पे जाती है जो आपस मे टकरा कर उछल रही होती है और ये देख कर रोहन का लण्ड फिर से पेंट मे उछलने लग जाता है....
10 मिनट बाद रोहन अपना गीला अंडरवेयर बदल के बाहर आ जाता है...
रोहन और मीनाक्षी दीदी दोनो मार्केट जाने के लिए लोकल बस लेने के लिए बस स्टैंड की तरफ चलने लगते हैं, रोहन मीनाक्षी दीदी के थोडा पीछे चल रहा था ताकि मीनाक्षी दीदी की हिलती गांड को निहार सके,
रोहन(मन ही मन)- उउफफफ क्या गांड है मेने आज से पहले कभी ध्यान ही नहीं दिया की दीदी की गांड इतनी फूली और चौड़ी है और अब पता नही क्यों मेरा मन बार बार दीदी के शरीर को देखने का कर रहा है
मीनाक्षी दीदी शहर के हलचल भरे दिन में, पतली गलियों में अपनी भारी भरकम गांड हिलाती हुई चल रही थी जो बाजार की ओर ले जा रही थीं, उसकी कूल्हे हल्के से झूल रहे थे एक सलवार कमीज में जो उसके शरीर को किसी गीले कपडे के तरीके से गले लगा रही थी। कपड़ा, हलके नारंगी रंग का था, हर कदम पर उसकी त्वचा के खिलाफ फुसफुसा कर छू रहा था। उसका भाई रोहन, कुछ कदम पीछे, उसे देखकर नजरें चुराते हुए अपनी बहन का हलका गदराया बदन देखने से खुद को रोक नहीं सका। जिस तरह से वह आज खुद को महसूस कर रहा था, वह अलग था, मीनाक्षी दीदी को देखकर उसका दिल तेजी से धड़क रहा था।
जैसे-जैसे वे बस स्टॉप के पास पहुंचते हैं, हवा में एक अलग सी महक आ रही जो कि सिगरेट के कश की होती है और भीड़ की आवज की गूंज होती है। मीनाक्षी दीदी की कामुक गांड, गोलाई और भार, ने रोहन की छाती में प्यार और वासना के एक जंगली मिश्रण को आग देते हुए, कई गुजरने वाले पुरुषों का भी ध्यान आकर्षित किया। जब बस अंततः बस स्टॉप के पास पहुंची, तो लोगों की लहर आगे की ओर एक-दूसरे को धकेल रही थीं जैसे कि उन पर कोई भूत सवार हो। इस भीड का कोई अंत नहीं था और जैसे-जैसे मीनाक्षी दीदी और रोहन बस में धकेले जा रहे थे, रोहन की आंखें अपनी बहन की स्थिति को देख कर उत्तेजित हो गईं। उसके गाल लाल हो गए, क्योंकि पुरुषों की भीड़ मीनाक्षी दीदी के साथ धक्का--मुक्की कर रही थी, उनके हाथ नजरों से छिपे हुए थे लेकिन उनके अश्लील इरादे साफ थे।
बस आगे बढ़ी, और मीनाक्षी दीदी का शरीर, रोहन के शरीर की तरफ एक झटके के साथ गिरता है और मीनाक्षी दीदी की कोमल गांड रोहन के लंड पर दब जाती है,रोहन इसका फयदा लेने के लिए पेंट की चैन खोल कर लंड को बाहर निकाल लेता है, मीनाक्षी दीदी ने बस के झटके से खुद को तुरंत संभालने के लिए शरीर को सामने की और झुकाया जिससे मीनाक्षी दीदी का गांड एक झटके मे पीछे होकर रोहन के लंड से टकरा जाती है।
![[Image: bSsPU.gif]](https://s3.gifyu.com/images/bSsPU.gif)
रोहन के लिए ये एक अचानक हमला था जो उसका शरीर सह नही पाया और उसके लंड ने पानी निकाना शुरू कर दिया, जैसे-जैसे उसकी उत्तेजना बढ़ती गई, उसका लंड बडा होता जा रहा था और उसने मीनाक्षी दीदी की सलवार भी थोडी सी गीली कर दी थी, जो इस बात का सबूत था कि रोहन के ऊपर हवस सवार थी। उसकी आँखें अपनी बहन के ऊपर टिकी हुई थीं, लेकिन भीड उसे पीछे ढकेल देती है वह अपनी बहन को अब सही से देख नहीं पा रहा था क्योंकि भीड़ बहुत ज्यादा थी कुछ पुरुषों ने उस भीड का फायदा उठाकर मीनाक्षी दीदी के शरीर को अलग - अलग जगहों पर छूना शुरू कर दिया था मीनाक्षी दीदी को अचानक से अपनी दोनों टांगो के बीच किसी का हाथ महसूस हुआ और जब तक वो कुछ समक्ष पाती तब तक बहुत देर हो चुकी थी
![[Image: bSsXe.gif]](https://s3.gifyu.com/images/bSsXe.gif)
क्योंकि उस आदमी ने मीनाक्षी दीदी की चुत को अपने एक हाथ में दबोच कर पूरी ताकत से नींबू की तरह मसल दिया और जिस तरह नींबू का रस निकलता है वैसे ही मीनाक्षी दीदी की चुत से पानी निकलने लगा थी जिसके साथ मीनाक्षी दीदी के मुंह से आअअअअहहहहह की आवज भी निकलती है जो भीड और बस की आवाज में मिक्स हो जाती है और सिर्फ मीनाक्षी दीदी के पास के लोगों को ही सुनाई देती है जिसको सुनकर रोहन मीनाक्षी दीदी की तरफ देखता है लेकिन भीड की वजह से वो सिर्फ मीनाक्षी दीदी का चेहरा ही दिखता है जिस पर दर्द और आनंद का मिक्स भाव था जिसको देखकर रोहन को कुछ समक्ष नहीं आ रहा था कि उसकी बहन के साथ क्या हो रहा है लेकिन रोहन खुद को रोक नही पाता है और मीनाक्षी दीदी का पास जाने की कोशिश करता है वो भीड में अपनी पूरी ताकत से मीनाक्षी दीदी की तरफ जा रहा था, मीनाक्षी दीदी के पीछे पहुँचा ही था कि उसकी नजर नीचे मीनाक्षी दीदी का पैरों के पास जाती है क्योकि बस के फर्श पर पानी ही पानी था और मीनाक्षी दीदी का पैर भी गीला था रोहन को कुछ समक्ष नहीं आ रहा था वो अपनी बहन के पैरों को गौर से देखता है तो पाता है कि वो पानी की बूंदें उसकी बहन की टांगो के बीच से गिर रही थी रोहन इतना देखते ही समक्ष जाता है कि फर्श पर जो पानी है वो असल में उसकी बहन मीनाक्षी की चुत से गिर रहा है, रोहन ये सब देख कर हवस में डूब जाता है और अपने लंड को एक हाथ से पेंट के बाहर निकाल देता है बिना कुछ कहे अपनी बहन के पीछे खडे होकर अपने गीले लंड को एक हाथ से धीरे-धीरे हिलाने लग जाता है, मीनाक्षी दीदी का हाथ कंपकंपाते हुए पीछे सहारे के लिए सीट के हैंडल को खोज रहा होता हैै लेकिन मीनाक्षी दीदी का हाथ रोहन के लंड पर फिसल जाता है और तभी मीनाक्षी दीदी की चुत को फिर से वो आदमी अपनी पूरी ताकत से नींबू समक्ष कर मसल देता है जिससे मीनाक्षी दीदी की चुत से फिर से पानी निकलने लगता है और मुंह से चीख निकल जाती है उउउउइइईईईई ममममाााा अआआहहहहह और इस दर्द की वजह से मीनाक्षी दीदी का हाथ जो रोहन के लंड पर फिसला था वो रोहन के लंड को अपनी मुठ्ठी मेें भर कर पूरी ताकत से मसल देती है रोहन के खडे लंड को मीनाक्षी दीदी ने इतनी ताकत से दबाया था कि रोहन के मुंह से भी दर्द और आनंद की मिली जुली आवाज निकलती है.... उउउफफफफफफ ममममीनननााा ददददी अअआहहहहह और इसके साथ ही उसका लंड एक के बाद एक सफेद धारें निकलती है जो सीधे मीनाक्षी दीदी की सलवार के उपर जा कर गिरती हैं, रोहन का लंड अभी भी खडा था क्योकि मीनाक्षी दीदी ने उसे अपने हाथ मे दबा कर रखा था जिसने रोहन के अंदर चिंगारी को आग में बदल दिया था। वह हाँफने लगा, उसकी आँखें आश्चर्य और वासना से चौड़ी हो गईं। मीनाक्षी के हाथ की गरमाहट और उसकी पकड़ के दबाव ने रोहन के शरीर में खुशी की लहरें दौड़ा दीं, जिससे रोहन लिए मीनाक्षी दीदी के अलावा कुछ भी सोचना असंभव नहीं था रोहन के लिए उस पल ने उनके भाई-बहन के रिश्ते को पूरी तरह से बदल दिया था, उनके बीच की सारी दीवारें टूट गई थी।
एपीसोड-7 (मीनाक्षी दीदी का बस में सफर)
घर पहुँचते ही रोहन का लण्ड अपनी बहन को देख कर फनफनाने लग जाता है। और इसका कारण मीनाक्षी दीदी थी
![[Image: 8677cdji8xgu.jpg]](https://s10.imagetwist.com/th/65929/8677cdji8xgu.jpg)
रोहन जैसे ही घर का दरवाजा खोलता है उसकी नजर सीधे उसकी बहन की गांड पे जाती है और रोहन का लण्ड अपनी बहन को सलामी देने लग जाता है। रोहन पेंट में बने तम्बू को देख कर जल्दी से अपने दोनों हाथों से लण्ड को दबा कर छुपते-छुपाते हुए अपने रूम की तरफ भागता है। रूम का दरवाजा बंद कर के रोहन अपने पेंट की तरफ देखता है
![[Image: bSsDE.jpg]](https://s3.gifyu.com/images/bSsDE.jpg)
जिस पर उसके लण्ड के पानी की कुछ बूंदों के निशान लगे थे रोहन धीरे से अपनी पेंट को खोल कर देखता है पेंट खोलते ही उसके होश उड जाते है क्योंकि उसका अंडरवेयर लण्ड के पानी से पूरा गीला हो चुका था और कुछ बूंदें उसके पेंट पर भी लग चुकी थी
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रोहन अपने अंडरवेयर को एक हाथ से खींच कर देखता है तो उसका लण्ड अभी भी मीनाक्षी दीदी के लिए पानी की बूंदे गिरा रहा है और रोहन अपने लण्ड को धीरे से अपने पेंट से बाहर निकाल कर अपनी मुठ्ठी मे भर कर धीरे-धीरे हिलाने लग जाता है उसका लण्ड और हाथ दोनों उसके वीर्य से पूरे गीले हो चुके थे और उसका लण्ड भी अपनी बहन के लिए पानी निकाले जा रहा था रोहन अपनी आँखों को बंद कर रूम के दरवाजे के पीछे खडे-खडे ही मुठ मारने लग जाता है रोहन कुछ देर पहले के र्दश्य की कल्पना करने लग जाता है जहां उसने मीना दीदी की फुली हुई गांड और उस गांड की गहरी दरार देखी थी.....
रोहन- उउउउफफफफ मीनाक्षी दीदी अहहहह मीनाक्षी दीदी अपकी गांड कितनी बडी और फुली हुई है बिना कपडों के मीना दीदी की गांड कितनी ज्यादा गौरी और फुली होगी अहहह उउफ्फ दीददददी
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मीना दीदी, अक्कु का काला लम्बा मोटा लण्ड भी दीदी अपकी गांड के आगे छोटा लगता है अहहहह....
रोहन मुठ मारने मे इतना खोया हुआ था कि उसने अपने रूम के दरवाजे को लाॅक भी नहीं किया था जिसकी वजह से मीनाक्षी दीदी अचानक से रोहन को आवाज देते हुए दरवाजे को खोल देती हैं
मीनाक्षी दीदी- रोहननन.....
(रोहन, मीनाक्षी दीदी की आवाज सुन कर डर जाता है और जल्दी से अपने कपडे पहनने की कोशिश करता है। लेकिन उसका पेंट लंड के पानी से इतना गीला हो चुका होता है कि कोई भी देख कर शक करने लगे, मीनाक्षी दीदी दरवाजा थोडा ही खोल पाती हैं और रोहन दरवाजे के पीछे से दरवाजा पूरा खुलने से रोक देता है)
![[Image: bSs1f.jpg]](https://s3.gifyu.com/images/bSs1f.jpg)
रोहन- मैं कपडे बदल रहा था
(रोहन अपने दोनों हाथों से अपना गीला अंडरवेयर छुपा रहा होता है।)
मीनाक्षी दीदी- दरवाजा को लाॅक कर के ये सब किया कर... (मीनाक्षी दीदी की नजर उसकी गीली पेंट को एक छलक देख चुकी होती है)
रोहन- क्या मतलब ये सब
मीनाक्षी दीदी- कुछ नहीं, जल्दी से कपडे बदल मुझे मार्केट जाना है कुछ सामान लेने...
रोहन- ओके दीदी
(मीनाक्षी दीदी दरवाजा बंद कर के चली जाती हैं, रोहन जो अभी भी दरवाजे के पीछे खडा होता है और जल्दी से कपडे बदलने लग जाता है।)
रोहन मन ही मन अपनी बहन को गाली देते हुए...
रोहन- बहनचोद बाल-बाल बचा आज तो, नहीं तो आज दीदी को पता चल जाता की मैं उनके नाम की मुठ मारता फिरता हूँ... हाहाहा .... ये अंडरवेयर भी बदल लेता हूँँ...
(रोहन उस अंडरवेयर जिस पर उसके लण्ड को बहुत सारा पानी लगा हुआ था उसे बेड पर ही छोड देता है, कपडे बदलने के बाद वो रूम से बाहर आ कर मीनाक्षी दीदी के रूम की तरफ जाता है और रूम का दरवाजा खोलने की कोशिश करता है लेकिन वो दरवाजा अंदर से बंद था)
रोहन- दीदी, मैं तैयार हूँ चलने के लिए।
मीनाक्षी दीदी- ठीक है, थोडी देर बाहर रुको मैं बस कपडे पहन रही हूँ...
रोहन- ठीक है, दीदी...
रोहन कह तो देता है कि ठीक है लेकिन उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था... वो सोच रहा था कि उसकी बहन अभी नंगी होगी, उसके और उसकी नंगी बहन के बीच केवल ये दरवाजा है....ये बात सोचने से ही उसका लण्ड पेंट में झटके मारने लग जाता है। रोहन अपने लण्ड को पेंट के ऊपर से मसलता है और मन ही मन मीनाक्षी दीदी के नंगे बदन की कल्पना करता है.... रोहन हवस मे खुद को रोक नहीं पाता है वो रूम के की-होल से अंदर देखने की कोशिश करता है और अंदर का नजारा देख कर रोहन के लण्ड का पानी पेंट मे ही निकल जाता है।
![[Image: bSsAt.jpg]](https://s3.gifyu.com/images/bSsAt.jpg)
अंदर मीनाक्षी दीदी की पूरी नंगी दरवाजे के की-होल की तरफ गांड कर के खडी थी रोहन की आँखों के सामने मीनाक्षी दीदी की गांड थी लेकीन छोटे से की-होल की वजह से साफ दिखाई नही दे रहा था मगर रोहन का लंड फिर से खडा हो चुका था
मीनाक्षी दीदी कपडे पहन ही रही थी, मीनाक्षी दीदी अपनी नारंगी रंग की सलवार को अपनी बडी गांड पे चडाने की कोशिश कर रही थी मीनाक्षी दीदी की सलवार इतनी पतली थी कि मीनाक्षी दीदी का बदन का एक एक हिस्सा साफ-साफ दिख रहा होता है
![[Image: vlcsnap-2025-01-27-20h45m32s512.png]](https://i.postimg.cc/TYPVpNQR/vlcsnap-2025-01-27-20h45m32s512.png)
खास कर उनकी फुली हुई गांड, रोहन मीनाक्षी दीदी को नीचे से ऊपर तक एक-एक अंग को बडे गौर से देखता है मीनाक्षी दीदी का बदन बिल्कुल सफेद और गदराया हुआ था जो किसी के भी लण्ड का पानी 1 मिनट मे निकाल दे, रोहन का हाल बहुत ही बुरा था उसका लण्ड बहुत ही ज्यादा पानी छोडे जा रहा था वो उसको इतना मजा पहले कभी नही आया था, रोहन का तो लण्ड वैसे ही कुछ सेकेंडो मे पानी निकल देता था, यहा पर तो उसकी बहन का लगभग नंगा बदन उसको देखने को मिल रहा था रोहन की नजर मीनाक्षी दीदी की गांड की दरार पे जाती है जिसमें एक पतली-सी चड्डी से फंसी हुई थी वो पेंटी रोहन ने पहली बार देखी थी वो ये ही सोचने लग जाता है कि दीदी ने ये पेंटी कहां छुपा कर रखी थी जो उसे पहले कहीं दिखी ही नहीं.....
रोहन ये सब सोच ही रहा होता है कि मीनाक्षी दीदी दरवाजा खोलती है और दरवाजा खुलने की आवाज से रोहन डर के दरवाजे से दूर जाकर खडा हो जाता है और दोनो हाथों से अपने लण्ड को पेंट के ऊपर से छुपाने की कोशिश कर रहा होता है ताकि मीनाक्षी दीदी को उसके पेंट मे बने तंबू का पाता न चले,
मीनाक्षी दीदी- चलो.. मैं तैयार हूँ....
रोहन- दीदी आप आगे चलो.... मैं बस आया...
मीनाक्षी दीदी- ठीक है....
![[Image: bSsJm.gif]](https://s3.gifyu.com/images/bSsJm.gif)
रोहन वही खडे खडे, मीनाक्षी दीदी को जाते हुए देख रहा होता है और उसकी नजर मीनाक्षी दीदी की उछलती गांड पे जाती है जो आपस मे टकरा कर उछल रही होती है और ये देख कर रोहन का लण्ड फिर से पेंट मे उछलने लग जाता है....
10 मिनट बाद रोहन अपना गीला अंडरवेयर बदल के बाहर आ जाता है...
रोहन और मीनाक्षी दीदी दोनो मार्केट जाने के लिए लोकल बस लेने के लिए बस स्टैंड की तरफ चलने लगते हैं, रोहन मीनाक्षी दीदी के थोडा पीछे चल रहा था ताकि मीनाक्षी दीदी की हिलती गांड को निहार सके,
रोहन(मन ही मन)- उउफफफ क्या गांड है मेने आज से पहले कभी ध्यान ही नहीं दिया की दीदी की गांड इतनी फूली और चौड़ी है और अब पता नही क्यों मेरा मन बार बार दीदी के शरीर को देखने का कर रहा है
मीनाक्षी दीदी शहर के हलचल भरे दिन में, पतली गलियों में अपनी भारी भरकम गांड हिलाती हुई चल रही थी जो बाजार की ओर ले जा रही थीं, उसकी कूल्हे हल्के से झूल रहे थे एक सलवार कमीज में जो उसके शरीर को किसी गीले कपडे के तरीके से गले लगा रही थी। कपड़ा, हलके नारंगी रंग का था, हर कदम पर उसकी त्वचा के खिलाफ फुसफुसा कर छू रहा था। उसका भाई रोहन, कुछ कदम पीछे, उसे देखकर नजरें चुराते हुए अपनी बहन का हलका गदराया बदन देखने से खुद को रोक नहीं सका। जिस तरह से वह आज खुद को महसूस कर रहा था, वह अलग था, मीनाक्षी दीदी को देखकर उसका दिल तेजी से धड़क रहा था।
जैसे-जैसे वे बस स्टॉप के पास पहुंचते हैं, हवा में एक अलग सी महक आ रही जो कि सिगरेट के कश की होती है और भीड़ की आवज की गूंज होती है। मीनाक्षी दीदी की कामुक गांड, गोलाई और भार, ने रोहन की छाती में प्यार और वासना के एक जंगली मिश्रण को आग देते हुए, कई गुजरने वाले पुरुषों का भी ध्यान आकर्षित किया। जब बस अंततः बस स्टॉप के पास पहुंची, तो लोगों की लहर आगे की ओर एक-दूसरे को धकेल रही थीं जैसे कि उन पर कोई भूत सवार हो। इस भीड का कोई अंत नहीं था और जैसे-जैसे मीनाक्षी दीदी और रोहन बस में धकेले जा रहे थे, रोहन की आंखें अपनी बहन की स्थिति को देख कर उत्तेजित हो गईं। उसके गाल लाल हो गए, क्योंकि पुरुषों की भीड़ मीनाक्षी दीदी के साथ धक्का--मुक्की कर रही थी, उनके हाथ नजरों से छिपे हुए थे लेकिन उनके अश्लील इरादे साफ थे।
बस आगे बढ़ी, और मीनाक्षी दीदी का शरीर, रोहन के शरीर की तरफ एक झटके के साथ गिरता है और मीनाक्षी दीदी की कोमल गांड रोहन के लंड पर दब जाती है,रोहन इसका फयदा लेने के लिए पेंट की चैन खोल कर लंड को बाहर निकाल लेता है, मीनाक्षी दीदी ने बस के झटके से खुद को तुरंत संभालने के लिए शरीर को सामने की और झुकाया जिससे मीनाक्षी दीदी का गांड एक झटके मे पीछे होकर रोहन के लंड से टकरा जाती है।
![[Image: bSsPU.gif]](https://s3.gifyu.com/images/bSsPU.gif)
रोहन के लिए ये एक अचानक हमला था जो उसका शरीर सह नही पाया और उसके लंड ने पानी निकाना शुरू कर दिया, जैसे-जैसे उसकी उत्तेजना बढ़ती गई, उसका लंड बडा होता जा रहा था और उसने मीनाक्षी दीदी की सलवार भी थोडी सी गीली कर दी थी, जो इस बात का सबूत था कि रोहन के ऊपर हवस सवार थी। उसकी आँखें अपनी बहन के ऊपर टिकी हुई थीं, लेकिन भीड उसे पीछे ढकेल देती है वह अपनी बहन को अब सही से देख नहीं पा रहा था क्योंकि भीड़ बहुत ज्यादा थी कुछ पुरुषों ने उस भीड का फायदा उठाकर मीनाक्षी दीदी के शरीर को अलग - अलग जगहों पर छूना शुरू कर दिया था मीनाक्षी दीदी को अचानक से अपनी दोनों टांगो के बीच किसी का हाथ महसूस हुआ और जब तक वो कुछ समक्ष पाती तब तक बहुत देर हो चुकी थी
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क्योंकि उस आदमी ने मीनाक्षी दीदी की चुत को अपने एक हाथ में दबोच कर पूरी ताकत से नींबू की तरह मसल दिया और जिस तरह नींबू का रस निकलता है वैसे ही मीनाक्षी दीदी की चुत से पानी निकलने लगा थी जिसके साथ मीनाक्षी दीदी के मुंह से आअअअअहहहहह की आवज भी निकलती है जो भीड और बस की आवाज में मिक्स हो जाती है और सिर्फ मीनाक्षी दीदी के पास के लोगों को ही सुनाई देती है जिसको सुनकर रोहन मीनाक्षी दीदी की तरफ देखता है लेकिन भीड की वजह से वो सिर्फ मीनाक्षी दीदी का चेहरा ही दिखता है जिस पर दर्द और आनंद का मिक्स भाव था जिसको देखकर रोहन को कुछ समक्ष नहीं आ रहा था कि उसकी बहन के साथ क्या हो रहा है लेकिन रोहन खुद को रोक नही पाता है और मीनाक्षी दीदी का पास जाने की कोशिश करता है वो भीड में अपनी पूरी ताकत से मीनाक्षी दीदी की तरफ जा रहा था, मीनाक्षी दीदी के पीछे पहुँचा ही था कि उसकी नजर नीचे मीनाक्षी दीदी का पैरों के पास जाती है क्योकि बस के फर्श पर पानी ही पानी था और मीनाक्षी दीदी का पैर भी गीला था रोहन को कुछ समक्ष नहीं आ रहा था वो अपनी बहन के पैरों को गौर से देखता है तो पाता है कि वो पानी की बूंदें उसकी बहन की टांगो के बीच से गिर रही थी रोहन इतना देखते ही समक्ष जाता है कि फर्श पर जो पानी है वो असल में उसकी बहन मीनाक्षी की चुत से गिर रहा है, रोहन ये सब देख कर हवस में डूब जाता है और अपने लंड को एक हाथ से पेंट के बाहर निकाल देता है बिना कुछ कहे अपनी बहन के पीछे खडे होकर अपने गीले लंड को एक हाथ से धीरे-धीरे हिलाने लग जाता है, मीनाक्षी दीदी का हाथ कंपकंपाते हुए पीछे सहारे के लिए सीट के हैंडल को खोज रहा होता हैै लेकिन मीनाक्षी दीदी का हाथ रोहन के लंड पर फिसल जाता है और तभी मीनाक्षी दीदी की चुत को फिर से वो आदमी अपनी पूरी ताकत से नींबू समक्ष कर मसल देता है जिससे मीनाक्षी दीदी की चुत से फिर से पानी निकलने लगता है और मुंह से चीख निकल जाती है उउउउइइईईईई ममममाााा अआआहहहहह और इस दर्द की वजह से मीनाक्षी दीदी का हाथ जो रोहन के लंड पर फिसला था वो रोहन के लंड को अपनी मुठ्ठी मेें भर कर पूरी ताकत से मसल देती है रोहन के खडे लंड को मीनाक्षी दीदी ने इतनी ताकत से दबाया था कि रोहन के मुंह से भी दर्द और आनंद की मिली जुली आवाज निकलती है.... उउउफफफफफफ ममममीनननााा ददददी अअआहहहहह और इसके साथ ही उसका लंड एक के बाद एक सफेद धारें निकलती है जो सीधे मीनाक्षी दीदी की सलवार के उपर जा कर गिरती हैं, रोहन का लंड अभी भी खडा था क्योकि मीनाक्षी दीदी ने उसे अपने हाथ मे दबा कर रखा था जिसने रोहन के अंदर चिंगारी को आग में बदल दिया था। वह हाँफने लगा, उसकी आँखें आश्चर्य और वासना से चौड़ी हो गईं। मीनाक्षी के हाथ की गरमाहट और उसकी पकड़ के दबाव ने रोहन के शरीर में खुशी की लहरें दौड़ा दीं, जिससे रोहन लिए मीनाक्षी दीदी के अलावा कुछ भी सोचना असंभव नहीं था रोहन के लिए उस पल ने उनके भाई-बहन के रिश्ते को पूरी तरह से बदल दिया था, उनके बीच की सारी दीवारें टूट गई थी।