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Adultery वासनापूर्ण इच्छाओं का कांड
#3
अध्याय - 2




अब पूनम बाहर आती है और बालकनी की रेलिंग को पकड़ कर खड़ी हो जाती है और इधर उधर देखती है पर वो भिखारी के सामने नहीं देखती। कुबड़ा भिखारी पूनम को देख के खुश हो जाता है ओर बैठा रहता है। पूनम अब अपनी नजरे उस भिखारी की ओर कर देती है ये देख कुबड़ा भिखारी खड़ा हो जाता है और भीख मांगने के लिए हाथ आगे करता है।



कूबड़े भिखारी के खड़े होते ही पूनम की आंखे शर्म से नीचे हो जाती है क्योंकि वो कूबड़े भिखारी की मेली गंदी लूंगी से उसका बालों से भरा गंदा लन्ड दिख जाता है क्योंकि उसकी लूंगी का छेद एक दम लन्ड वाली जगह था। या फिर शायद भिखारी ने अभी कर दिया था। 


पूनम को अब बहुत शर्म आ रही थी कि वो ये क्या कर रही है एक भिखारी को सेड्यूस करने आई थी अब खुद हो रही है। पर पूनम की निगाहें भी अब भिखारी और उसके लन्ड पर थी। पूनम के लिए आश्चर्य था कि इस भिखारी का लन्ड इतना अजीब और अलग सा क्यों है? और तो अजीब के साथ साथ काफी बड़ा भी है। 


पूनम मिश्रा को बहुत अजीब लगा कि ये भी जिसकी शकल इतनी गन्दी है साथ हे दाढ़ी भी अजीब सा है। उसका लन्ड ऐसा? अब पूनम को टेंशन हो रही थी कि की देख ना ले इसलिए पूनम जल्दी से अंदर आ जाती है और वो कुबड़ा भिखारी भी समज जाता है कि पूनम क्यों ऐसे अंदर चली गई।



पूनम के अंदर जाने के बाद वो भिखारी भी वह से चल जाता है। भिखारी मन ही मन गुस्से में होता है कि आज भी उसकी दाल नहीं गली। पर पूनम को देख वो और उसका लन्ड दोनों खुश थे। वो कुबड़ा भिखारी काफी दिनों से पूनम के घर के बाहर से चक्कर लगाता था पर कभी वो दिखी नहीं। भिखारी अब सीधा अपने अड्डे पर जाता है जहां वो अपनी कपड़े की बनी फटी कुटिया या तंबू में जाकर अपने लन्ड को पूनम के बारे में सोच सोच कर हिलाता है। कुबड़ा भिखारी की यह इच्छा थी कि वो किसी खूबसूरत अमीर औरते को चोदे। उसके साथ रहे। उसके साथ निकाह करे। पर वो कुबड़ा भिखारी भूल गया था कि उसके शरीर की बनावट और हाल ढाल से तो कोई सड़क छाप रण्डी भी अपने पास न आने दे।



इधर पूनम का भी बुरा हाल था वो खुद पर नाराज होती है कि उसने आज ये क्या किया। उस कूबड़े भिखारी का वो गंदा लन्ड देखा। पूनम शादी शुदा औरत थी अभी वो जो देख कर आई थी वो उसको शोभा नहीं दे रहा था। पर पूनम के मन में एक बात चल रही थी कि इस भिखारी के शरीर की बनावट और हाल ढाल कितने अजीब और गन्दे है पर उसका लन्ड एक दम तना हुआ और काफी बड़ा था। वो कुबड़ा भिखारी उम्र में भी काफी ज्यादा लग रहा था फिर भी उसका इतना बड़ा कैसे?



यही सोचते हुए पूनम अपना काम करती है और शाम हो जाती है। पूनम मिश्रा की सभी सहेलियां आ जाती है और उनकी किटी पार्टी चालू हो जाती है। सभी सहेलियां एक दूसरे की बाते करती है। कुछ कॉमेडी टॉपिक पर तो कुछ गरम एडल्ट टॉपिक पर। ऐसे ही एक टॉपिक पर बात करते हुए पूनम की एक सहेली अपने पड़ोसी मिस रागिनी पाण्डे के बारे में बताती है कि कैसे उसका चक्कर किसी दूसरे आदमी के साथ चल रहा है उसकी शादी और बच्चे होने के बावजूद। तभी दूसरी सहेली बोलती है शायद मिस्टर पाण्डे उनको संतुष्ट नहीं करते होगे या टाइम नहीं देते होगे या हो सकता है अब उसका खड़ा नहीं होता होगा। इसलिए ऐसा रागिनी का चक्कर चल रहा होगा। 



फिर सभी हस्ती है पर उनमें से एक पूनम की सहेली बोलती है कि हमारे सभी के पति अच्छे है और हमको समय भी देते है हमको ये सब करने जरूरत कहा है। फिर सभी फ्रेंड्स वापस हस्ती है और पूनम भी हस्ती है पर पूनम के मन में ये बात आ जाती है कि पूनम के हसबैंड भी काफी समय से पूनम को समय नहीं दे रहा था और ना हे उनकी सेक्स लाइफ भी अच्छी नहीं चल रही थी। फिर सभी सहेलियां नाश्ता कर लेती है और ऐसी बातें करते हुए और कुछ गेम खेलते हुए उनकी किटी पार्टी खत्म हो जाती है और सभी अपने घर पर चली जाती है। 


अब पूनम भी सब कुछ समेट कर अपने पति से फोन पर बात करके बिस्तर पर सोने चली जाती है। बिस्तर पर लेते हुए भी पूनम के मन में वही सब बाते चल रही होती है सुबह वाला कूबड़े भिखारी का इंसीडेंट और शाम में मिस रागिनी पाण्डे के अफेयर वाली बात। कुबड़ा भिखारी और मिस पाण्डे के बारे में सोचते हुए कब पूनम की उंगली उसकी चूत में चली जाती है उसे ध्यान नहीं रहता ओर पूनम गरम होना शुरू हो जाती है। पूनम अपनी उंगली को कभी अपनी पैंटी के ऊपर तो कभी चूत के ऊपर घुमाती है। उसका दूसरा हाथ अब उसके बूब्स पर आ जाता है। पर पूनम को दिन भर की थकान और ऐसे खयाल आने से उसको नींद आ जाती है।



अगले दिन पूनम जल्दी उठ जाती है और अपनी कामवाली को फोन करती है। क्योंकि उसकी कामवाली पिछले दो दिन से आई नहीं थी। पूनम को अपनी कामवाली से फोन पर बात करने के बाद पता चलता है कि वो आज भी आधे दिन बाद आएगी क्योंकि उसका पति आज चार दिन अपनी ट्रक ड्राइवरी करके आया है इसलिए उसको अपने पति के साथ रहना है। वैसे तो पूनम अपने और अपनी कामवाली के बीच एक फैसला रखती थी मालकिन और कामवाली का पर ये कामवाली कुछ ज्यादा हे ये सब बाते खुल कर बोलती थी। फिर पूनम नहाने चली जाती है।
Written By Mohik
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RE: वासनापूर्ण इच्छाओं का कांड - by Mohik - 01-02-2025, 04:06 AM



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