25-01-2025, 02:51 PM
हाँ तो एस-के ने मेरे सारे कपड़े तो पहले ही उतार दिये थे और मैं सिर्फ सैंडल पहने हुए थी। एस-के ने मुझे सेंटर टेबल पे लिटा दिया। मैं घुटने मोड़कर टाँगें नीचे छोड़ कर टेबल पे लेट गयी और मेरे पैर साढ़े-चार इंच ऊँची हील के सैंडल पहने होने से आसानी से फ़्लोर पे लग गये। एस-के खुद टेबल के साईड में खड़ा हो कर मेरे जिस्म पे ठंडी ठंडी चॉकलेट आईस ख्रीम डालने लगा। ठंडी आईस क्रीम जिस्म पर लगते ही सारे जिस्म में एक करंट सा दौड़ गया और मज़ा आने लगा। एस-के ने सारी क्रीम मेरे जिस्म पे डाल दी और मेरे जिस्म पे मलने लगा। चूत पे कुछ ज़्यादा ही क्रीम डाली। गरम चूत पे ठंडी क्रीम बहुत अच्छी लग रही थी और गरम चूत पे ठंडी आईस क्रीम पड़ते ही चूत की गर्मी से पिघलने लगी।
चूचियों पे आईस क्रीम डाल कर वो मसलता और दबाता रहा। मेरा तो आने वाली चुदाई का सोच के ही चूत में से जूस निकलने लगा। जब सारे जिस्म पे क्रीम फैला दी तो अब एस-के मेरे जिस्म को चाटने लगा। कुछ क्रीम मेरे मुँह पे भी लगा दी थी। पहले तो किस किया जिससे क्रीम हम दोनों के मुँह में भी गयी और मज़ा आने लगा। अब एस-के मेरे जिस्म को चाट रहा था। छूचियों को दोनों हाथों से पकड़ के मसल भी रहा था और चूस भी रहा था और आईस क्रीम के मज़े भी ले रहा था। एस-के मेरी दोनों टाँगों के बीच में खड़ा हुआ तो मेरी टाँगें खुद-ब-खुद उसके जिस्म के ऊपर कैंची बन गयीं और उसके जिस्म को अपनी टाँगों से पकड़ लिया। ऐसी पोज़िशन में उसके तने हुए लहराते लंड को देख कर मेरी चूत के मुँह में पानी आ गया। एस-के मेरी चूचियों को चूसता रहा और फिर मेरे नेवल के आसपस क्रीम डाल कर चाटता रहा। मेरा तो मस्ती के मारे बुरा हाल हो गया था। मेरी साँसें गहरी हो गयी थीं। अब एस-के नीचे फ़्लोर पे बैठ गया और मेरी टाँगों और पैरों और सैंडलों से क्रीम चाटने लगा। फिर जब वो चूत पे से क्रीम चाटने लगा तो मैंने अपने पैर उसकी गर्दन पे डाल कर अपनी चूत में उसका मुँह खींच लिया और उसका सर पकड़ के चूत के ऊपर दबा दिया और उसके मुँह से अपनी चूत को रगड़ने लगी।
ठंडी क्रीम चूत के अंदर बहुत अच्छी लग रही थी। उसकी जीभ चूत के अंदर, ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर होने लगी। मेरी आँखें बंद होने लगीं और मैं मस्ती मैं आ गयी और मेरी चूत के अंदर से जूस रेडी हो गया तो मैंने उसके सर को ज़ोर से पकड़ के अपनी चूत से रगड़ दिया। उसके दाँत मेरी चूत और क्लीटोरिस से लगते ही मैं झड़ने लगी और जैसे-जैसे मेरी चूत में से जूस निकलने लगा, मैं उतनी ही तेज़ी से उनके सर को पकड़े उनके मुँह पे अपनी चूत रगड़ती रही। थोड़ी देर के बद मेरा झड़ना बंद हुआ तो मैंने कहा, “एस-के अब बर्दाश्त नहीं होता, प्लीज़ चोद डालो ना अब, कल से तड़प रही हूँ मैं तुम्हारे लंड के लिये।“ एस-के ने कुछ और आईस क्रीम मेरी चूत में लगायी उठ कर खड़ा हुआ और अपने लंड के सुपाड़े को चूत के सुराख में टिका कर मेरे ऊपर झुक गया और मेरी चूचियों को चूसना शुरू कर दिया। वो मेरे कंधों को पकड़ कर अपनी गाँड हिला-हिला कर लंड को चूत के अंदर बाहर करता रहा। फिर वो थोड़ा सा सीधा हुआ पर उसका लंड चूत के आधा ही अंदर रहा। उसने बहुत सारी क्रीम अपने लंड पे डाल दी और एक ज़ोर से झटका मारा तो मेरे मुँह से चींख निकल गयी “आआआआईईईईईई ईंईंईंईं”, और फचक-फचक की आवाज़ से उसका इतना बड़ा, मोटा ताज़ा लंड मेरी गीली चूत में आईस क्रीम के साथ घुस गया। अब फिर से वो मुझ पे झुक गया और मेरे बगल के नीचे से हाथ डाल के मेरे कंधों को पकड़ लिया और चुदाई शुरू कर दी। लंड अंदर-बाहर हो रहा था। इतना मोटा लंबा लोहे जैसा सख्त लंड छोटी सी चूत मे घुसता तो चूत के लिप्स भी लंड के साथ अंदर तक घुस जाते और फिर लंड के साथ ही बाहर निकल आते। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
एस-के नीचे फ़्लोर पे खड़ा था और अपने पैरों की ग्रिप लेकर पूरी ताकत से मुझे चोद रहा था। मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी, “आआआआआहहहहहह बबब..बहुत ममम...मज़ाआआआ आआआआ रहा....आआआ है..... आआआईंईंईं ऐसे ही चोदो..... ऊऊऊफफफ आआआहहहह यूऊऊऊ आर वंदर फुलललल आआआआहहहहह ऐसे ही ओओओओओहहहह।“ वो पूरा लंड, सुपाड़े तक बाहर निकाल-निकाल कर चोद रहा था। बेइंतेहा मज़ा आ रहा था। एस-के के लंबा मोटा लंड मेरी बच्चे दानी को हिट कर रहा था जिससे मुझे और मज़ा आ रहा था। मेरे पैर उसकी बैक पे लिपटे हुए थे और मैं उसकी गाँड को पकड़ के चुदाई के मज़े ले रही थी। वो एक बार फिर थोड़ी और क्रीम अपने लंड पे डाल के चोदने लगा और अब उसकी चुदाई की स्पीड बढ़ गयी थी। मैंने अपने पैर उसकी बैक से हटा कर नीचे फ्लोर पे टिका दिये और सैंडल की हील्स को ज़मीन पे गड़ा कर अपने चूतड़ उठा-उठा कर उससे चुदवाने लगी। एस-के ने फिर एक इतनी ज़ोर से झटका मारा कि मेरे मुँह से फिर से चींख निकल गयी। मुझे लगा जैसे मेरी चूत फिर से फट गयी हो और सारा कमरा गोल-गोल घूमने लगा। मेरे आई बॉल्स ऊपर चड़ गये और मेरी ग्रिप एस-के के जिस्म पे टाइट हो गयी और मैंने उसको ज़ोर से पकड़ लिया। वो बहुत तेज़ी से और ज़ोर से चोद रहा था। उसका लंड मेरी छोटी सी चूत के अंदर मुझे फूलता हुआ महसूस हुआ और उसने फिर एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरी बच्चे दानी में हलचल होने लगी और उस के साथ ही एस-के के लंड में से गाढ़ी-गाढ़ी थिक क्रीम के फुव्वारे निकलने लगे। मैं एस-के से ज़ोर से लिपटी रही और मेरी ग्रिप टाइट थी। अब उसके धक्के स्लो होने लगे और मुझे लग रहा था जैसे मेरी चूत के मसल एस-के के लंड को जैसे निचोड़ रहे हों और जैसे उसके लंड से निकली हुई क्रीम की एक एक बूँद को चूत के अंदर लेना चाहती हो। उसकी क्रीम के साथ ही मेरा जूस भी निकलने लगा और हम दोनों के क्रीम से मेरी चूत लबालब भर गयी।
थोड़ी देर तक एस-के मेरे ऊपर ऐसे ही लेटा रहा और अपने लंड को चूत के अंदर ही रहने दिया। जब हम दोनों की साँसें थोड़ी ठीक हुई तो एस-के ने अपना लंड मेरी बहती हुई चूत से बाहर निकाल लिया और फौरन ही पलट के मेरे मुँह की तरफ़ अपना लंड कर दिया, जिसमें से हम दोनों की क्रीम टपक रही थी। मैंने फौरन ही अपना मुँह खोल दिया और उसके लंड को चूसने लगी और दोनों की मिली मलाई का लेने लगी। मैंने डिब्बे से थोड़ी आईस क्रीम निकाल के एस-के के लंड पे लगाई और चूसने लगी। आआहहह क्या मज़ा आ रहा था, ऐसी आईस क्रीम पहली दफ़ा खा रही थी जिसपर आईस कि क्रीम के साथ हम दोनों की लंड और चूत की क्रीम भी थी। मैं चोको -बार की तरह से चूस रही थी उसका मोटा लंड। अब उसका लंड फिर से अकड़ गया था और मेरे मुँह में फूलने लगा था। मेरी चूत में से भी जूस निकलना शुरू हो गया था। एस-के ने मेरी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया। अब वो जोश में मेरे मुँह को चोद रहा था और चूत को अपनी उंगली से चोद रहा था। मेरी क्लीटोरिस पे उसकी उंगली की रगड़ से मैं झड़ने लगी। एस-के मेरे मुँह को चोद रहा था। उसका इतना मोटा, लंबा लंड का सुपाड़ा मेरे हलक में टक्कर मार रहा था। मेरा जूस लगातार निकल रहा था और मैं उसी मस्ती में एस-के का लंड ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी और वो अपनी गाँड हिला-हिला कर अपना लंड पूरा बाहर निकाल-निकाल कर मेरे मुँह को चूत समझ कर चोदने लगा। मेरा तो दम ही घुटने लगा था और फिर थोड़ी ही देर में मेरे मुँह की चुदाई की स्पीड बढ़ गयी और उसके लंड के सुराख में से क्रीम के फुव्वारे निकल-निकल के मेरे हलक में डायरेक्ट उतरने लगे। मुझे लगा जैसे तकरीबन एक कप जितना गाढ़ा-गाढ़ा निकला होगा और मैं उसके लंड की सारी मलाई मज़े से खा गयी। उसके लंड से क्रीम निकलते ही मेरी चूत फिर से झड़ने लगी और मैं अपनी गाँड उठा के चूत उसके हाथ से रगड़वाने लगी। जब दोनों की मलाई निकल गयी तो दोनों शाँत हो गये। मैं बेदम हो कर वहीं लेटी रही और एस-के नीचे फ़्लोर पे लुढ़क गया। दोनों गहरी गहरी साँसें ले रहे थे और दोनों की आँखें बंद हो गयी थी।
थोड़ी देर तक ऐसे ही लेटे रहे। फिर एस-के ने मुझे उठाया और पूछा कि “किरन मज़ा आया क्या” तो मैंने एक ज़ोरदार चुम्मा लिया और कहा, “एस-के किरन की छोटी सी चूत को अपने लंबे मोटे मूसल जैसे लंड से चोदे और किरन को मज़ा ना आये, ऐसे हो सकता है किया ?? और ये तुम्हारा ही लंड है जिसने मेरी प्यासी चूत की प्यास बुझायी है और इस में लगी आग को ठंडा किया है।“ एस-के हँसने लगा और मुझे उसी हालत में उठा कर बाथरूम में ले गया और शॉवर खोल दिया। दोनों ने एक दूसरे को साबुन लगाया और अच्छी तरह से एक दूसरे को साफ़ किया और नहाने लगे। नहाते-नहाते मैं एस-के के लंड को पकड़ के मसलती रही तो वो फिर से खड़ा हो गया। यही हाल मेरी चूत का भी था। एस-के जब मुझे साबुन लगा के चूत धो रहे थे तो अपनी उंगली चूत के सुराख के अंदर डाल के उंगली से चोदने लगे। मैं भी मस्ती में आ गयी और एस-के से लिपट गयी। इसी तरह से नहाते-नहाते मस्ती करते रहे और फिर हम बाथरूम के बाहर निकल आये और टॉवल से एक दूसरे के जिस्म को साफ़ किया और फिर सोफ़े पे आ के बैठ के व्हिस्की पीते हुए बातें करने लगे और एक दूसरे के जिस्म से खेलने लगे। एस-के ने अशफाक के बारे में पूछा कि वो कैसे चोदता है तो मैंने बता दिया कि “शादी के कुछ ही दिनों तक तो उसका लंड मेरी चूत के अंदर गया और बस दो या तीन धक्कों में उसकी क्रीम निकल गयी। ऐसे लगाता था जैसे क्रीम उसके लंड के सुपाड़े में रेडी है, चूत की गर्मी लगी और क्रीम निकल गयी। उसके बाद से तो अब तक ऐसा है कि कभी तो उसका छोटा सा पतला लंड पूरी तरह से अकड़ता भी नहीं और कभी अकड़ भी जाता है तो चूत के अंदर घुसाने से पहले ही मेरी चूत के लिप्स के ऊपर ही अपनी क्रीम गिरा देता है जिससे मेरी चूत की आग बढ़ जाती है पर मुतमाइन कभी नहीं हुई और शादी के बाद से पहली चुदाई से लेकर आज तक मुझे उसके लौड़े से कभी सेटिसफेक्शन नहीं मिला। कल जब तुमने चोदा तो मुझे पता चला की सही मानों में चुदाई कैसे होती है और औरत को चुदाई का मज़ा कैसे आता है। जब मैं सत्रह-अठारह साल की थी तो मेरे कज़न ने मुझे चोदा था पर अब तो उस बात को भी तकरीबन दस-ग्यारह साल हो गये हैं और उस टाईम पे मुझे मेरे कज़न के लंड से चुदवाने में बहुत मज़ा आया था पर तुम्हारी चुदाई और तुम्हारा लंड तो इतना वंडरफुल है कि जी चाहता है कि तुम मुझे चोदते जाओ और मैं तुम से चुदवाती जाऊँ।“ एस-के ने पूछा, “अच्छा तो तुमने कज़न से भी चुदवाया है” तो मैंने कहा हाँ, “ऐसे ही हो गया था बस” और फिर उसको अपनी पहली चुदाई की दास्तान सुना डाली। एस-के मेरी कहानी सुनते-सुनते फिर से मेरे बूब्स को दबाने लगा और मेरा हाथ पकड़ के अपने लंड पे रख दिया, जो फिर से अकड़ के लोहे जैसा सख्त हो चुका था और मैं उसके लंड को दबाने लगी।
चूचियों पे आईस क्रीम डाल कर वो मसलता और दबाता रहा। मेरा तो आने वाली चुदाई का सोच के ही चूत में से जूस निकलने लगा। जब सारे जिस्म पे क्रीम फैला दी तो अब एस-के मेरे जिस्म को चाटने लगा। कुछ क्रीम मेरे मुँह पे भी लगा दी थी। पहले तो किस किया जिससे क्रीम हम दोनों के मुँह में भी गयी और मज़ा आने लगा। अब एस-के मेरे जिस्म को चाट रहा था। छूचियों को दोनों हाथों से पकड़ के मसल भी रहा था और चूस भी रहा था और आईस क्रीम के मज़े भी ले रहा था। एस-के मेरी दोनों टाँगों के बीच में खड़ा हुआ तो मेरी टाँगें खुद-ब-खुद उसके जिस्म के ऊपर कैंची बन गयीं और उसके जिस्म को अपनी टाँगों से पकड़ लिया। ऐसी पोज़िशन में उसके तने हुए लहराते लंड को देख कर मेरी चूत के मुँह में पानी आ गया। एस-के मेरी चूचियों को चूसता रहा और फिर मेरे नेवल के आसपस क्रीम डाल कर चाटता रहा। मेरा तो मस्ती के मारे बुरा हाल हो गया था। मेरी साँसें गहरी हो गयी थीं। अब एस-के नीचे फ़्लोर पे बैठ गया और मेरी टाँगों और पैरों और सैंडलों से क्रीम चाटने लगा। फिर जब वो चूत पे से क्रीम चाटने लगा तो मैंने अपने पैर उसकी गर्दन पे डाल कर अपनी चूत में उसका मुँह खींच लिया और उसका सर पकड़ के चूत के ऊपर दबा दिया और उसके मुँह से अपनी चूत को रगड़ने लगी।
ठंडी क्रीम चूत के अंदर बहुत अच्छी लग रही थी। उसकी जीभ चूत के अंदर, ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर होने लगी। मेरी आँखें बंद होने लगीं और मैं मस्ती मैं आ गयी और मेरी चूत के अंदर से जूस रेडी हो गया तो मैंने उसके सर को ज़ोर से पकड़ के अपनी चूत से रगड़ दिया। उसके दाँत मेरी चूत और क्लीटोरिस से लगते ही मैं झड़ने लगी और जैसे-जैसे मेरी चूत में से जूस निकलने लगा, मैं उतनी ही तेज़ी से उनके सर को पकड़े उनके मुँह पे अपनी चूत रगड़ती रही। थोड़ी देर के बद मेरा झड़ना बंद हुआ तो मैंने कहा, “एस-के अब बर्दाश्त नहीं होता, प्लीज़ चोद डालो ना अब, कल से तड़प रही हूँ मैं तुम्हारे लंड के लिये।“ एस-के ने कुछ और आईस क्रीम मेरी चूत में लगायी उठ कर खड़ा हुआ और अपने लंड के सुपाड़े को चूत के सुराख में टिका कर मेरे ऊपर झुक गया और मेरी चूचियों को चूसना शुरू कर दिया। वो मेरे कंधों को पकड़ कर अपनी गाँड हिला-हिला कर लंड को चूत के अंदर बाहर करता रहा। फिर वो थोड़ा सा सीधा हुआ पर उसका लंड चूत के आधा ही अंदर रहा। उसने बहुत सारी क्रीम अपने लंड पे डाल दी और एक ज़ोर से झटका मारा तो मेरे मुँह से चींख निकल गयी “आआआआईईईईईई ईंईंईंईं”, और फचक-फचक की आवाज़ से उसका इतना बड़ा, मोटा ताज़ा लंड मेरी गीली चूत में आईस क्रीम के साथ घुस गया। अब फिर से वो मुझ पे झुक गया और मेरे बगल के नीचे से हाथ डाल के मेरे कंधों को पकड़ लिया और चुदाई शुरू कर दी। लंड अंदर-बाहर हो रहा था। इतना मोटा लंबा लोहे जैसा सख्त लंड छोटी सी चूत मे घुसता तो चूत के लिप्स भी लंड के साथ अंदर तक घुस जाते और फिर लंड के साथ ही बाहर निकल आते। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
एस-के नीचे फ़्लोर पे खड़ा था और अपने पैरों की ग्रिप लेकर पूरी ताकत से मुझे चोद रहा था। मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी, “आआआआआहहहहहह बबब..बहुत ममम...मज़ाआआआ आआआआ रहा....आआआ है..... आआआईंईंईं ऐसे ही चोदो..... ऊऊऊफफफ आआआहहहह यूऊऊऊ आर वंदर फुलललल आआआआहहहहह ऐसे ही ओओओओओहहहह।“ वो पूरा लंड, सुपाड़े तक बाहर निकाल-निकाल कर चोद रहा था। बेइंतेहा मज़ा आ रहा था। एस-के के लंबा मोटा लंड मेरी बच्चे दानी को हिट कर रहा था जिससे मुझे और मज़ा आ रहा था। मेरे पैर उसकी बैक पे लिपटे हुए थे और मैं उसकी गाँड को पकड़ के चुदाई के मज़े ले रही थी। वो एक बार फिर थोड़ी और क्रीम अपने लंड पे डाल के चोदने लगा और अब उसकी चुदाई की स्पीड बढ़ गयी थी। मैंने अपने पैर उसकी बैक से हटा कर नीचे फ्लोर पे टिका दिये और सैंडल की हील्स को ज़मीन पे गड़ा कर अपने चूतड़ उठा-उठा कर उससे चुदवाने लगी। एस-के ने फिर एक इतनी ज़ोर से झटका मारा कि मेरे मुँह से फिर से चींख निकल गयी। मुझे लगा जैसे मेरी चूत फिर से फट गयी हो और सारा कमरा गोल-गोल घूमने लगा। मेरे आई बॉल्स ऊपर चड़ गये और मेरी ग्रिप एस-के के जिस्म पे टाइट हो गयी और मैंने उसको ज़ोर से पकड़ लिया। वो बहुत तेज़ी से और ज़ोर से चोद रहा था। उसका लंड मेरी छोटी सी चूत के अंदर मुझे फूलता हुआ महसूस हुआ और उसने फिर एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरी बच्चे दानी में हलचल होने लगी और उस के साथ ही एस-के के लंड में से गाढ़ी-गाढ़ी थिक क्रीम के फुव्वारे निकलने लगे। मैं एस-के से ज़ोर से लिपटी रही और मेरी ग्रिप टाइट थी। अब उसके धक्के स्लो होने लगे और मुझे लग रहा था जैसे मेरी चूत के मसल एस-के के लंड को जैसे निचोड़ रहे हों और जैसे उसके लंड से निकली हुई क्रीम की एक एक बूँद को चूत के अंदर लेना चाहती हो। उसकी क्रीम के साथ ही मेरा जूस भी निकलने लगा और हम दोनों के क्रीम से मेरी चूत लबालब भर गयी।
थोड़ी देर तक एस-के मेरे ऊपर ऐसे ही लेटा रहा और अपने लंड को चूत के अंदर ही रहने दिया। जब हम दोनों की साँसें थोड़ी ठीक हुई तो एस-के ने अपना लंड मेरी बहती हुई चूत से बाहर निकाल लिया और फौरन ही पलट के मेरे मुँह की तरफ़ अपना लंड कर दिया, जिसमें से हम दोनों की क्रीम टपक रही थी। मैंने फौरन ही अपना मुँह खोल दिया और उसके लंड को चूसने लगी और दोनों की मिली मलाई का लेने लगी। मैंने डिब्बे से थोड़ी आईस क्रीम निकाल के एस-के के लंड पे लगाई और चूसने लगी। आआहहह क्या मज़ा आ रहा था, ऐसी आईस क्रीम पहली दफ़ा खा रही थी जिसपर आईस कि क्रीम के साथ हम दोनों की लंड और चूत की क्रीम भी थी। मैं चोको -बार की तरह से चूस रही थी उसका मोटा लंड। अब उसका लंड फिर से अकड़ गया था और मेरे मुँह में फूलने लगा था। मेरी चूत में से भी जूस निकलना शुरू हो गया था। एस-के ने मेरी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया। अब वो जोश में मेरे मुँह को चोद रहा था और चूत को अपनी उंगली से चोद रहा था। मेरी क्लीटोरिस पे उसकी उंगली की रगड़ से मैं झड़ने लगी। एस-के मेरे मुँह को चोद रहा था। उसका इतना मोटा, लंबा लंड का सुपाड़ा मेरे हलक में टक्कर मार रहा था। मेरा जूस लगातार निकल रहा था और मैं उसी मस्ती में एस-के का लंड ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी और वो अपनी गाँड हिला-हिला कर अपना लंड पूरा बाहर निकाल-निकाल कर मेरे मुँह को चूत समझ कर चोदने लगा। मेरा तो दम ही घुटने लगा था और फिर थोड़ी ही देर में मेरे मुँह की चुदाई की स्पीड बढ़ गयी और उसके लंड के सुराख में से क्रीम के फुव्वारे निकल-निकल के मेरे हलक में डायरेक्ट उतरने लगे। मुझे लगा जैसे तकरीबन एक कप जितना गाढ़ा-गाढ़ा निकला होगा और मैं उसके लंड की सारी मलाई मज़े से खा गयी। उसके लंड से क्रीम निकलते ही मेरी चूत फिर से झड़ने लगी और मैं अपनी गाँड उठा के चूत उसके हाथ से रगड़वाने लगी। जब दोनों की मलाई निकल गयी तो दोनों शाँत हो गये। मैं बेदम हो कर वहीं लेटी रही और एस-के नीचे फ़्लोर पे लुढ़क गया। दोनों गहरी गहरी साँसें ले रहे थे और दोनों की आँखें बंद हो गयी थी।
थोड़ी देर तक ऐसे ही लेटे रहे। फिर एस-के ने मुझे उठाया और पूछा कि “किरन मज़ा आया क्या” तो मैंने एक ज़ोरदार चुम्मा लिया और कहा, “एस-के किरन की छोटी सी चूत को अपने लंबे मोटे मूसल जैसे लंड से चोदे और किरन को मज़ा ना आये, ऐसे हो सकता है किया ?? और ये तुम्हारा ही लंड है जिसने मेरी प्यासी चूत की प्यास बुझायी है और इस में लगी आग को ठंडा किया है।“ एस-के हँसने लगा और मुझे उसी हालत में उठा कर बाथरूम में ले गया और शॉवर खोल दिया। दोनों ने एक दूसरे को साबुन लगाया और अच्छी तरह से एक दूसरे को साफ़ किया और नहाने लगे। नहाते-नहाते मैं एस-के के लंड को पकड़ के मसलती रही तो वो फिर से खड़ा हो गया। यही हाल मेरी चूत का भी था। एस-के जब मुझे साबुन लगा के चूत धो रहे थे तो अपनी उंगली चूत के सुराख के अंदर डाल के उंगली से चोदने लगे। मैं भी मस्ती में आ गयी और एस-के से लिपट गयी। इसी तरह से नहाते-नहाते मस्ती करते रहे और फिर हम बाथरूम के बाहर निकल आये और टॉवल से एक दूसरे के जिस्म को साफ़ किया और फिर सोफ़े पे आ के बैठ के व्हिस्की पीते हुए बातें करने लगे और एक दूसरे के जिस्म से खेलने लगे। एस-के ने अशफाक के बारे में पूछा कि वो कैसे चोदता है तो मैंने बता दिया कि “शादी के कुछ ही दिनों तक तो उसका लंड मेरी चूत के अंदर गया और बस दो या तीन धक्कों में उसकी क्रीम निकल गयी। ऐसे लगाता था जैसे क्रीम उसके लंड के सुपाड़े में रेडी है, चूत की गर्मी लगी और क्रीम निकल गयी। उसके बाद से तो अब तक ऐसा है कि कभी तो उसका छोटा सा पतला लंड पूरी तरह से अकड़ता भी नहीं और कभी अकड़ भी जाता है तो चूत के अंदर घुसाने से पहले ही मेरी चूत के लिप्स के ऊपर ही अपनी क्रीम गिरा देता है जिससे मेरी चूत की आग बढ़ जाती है पर मुतमाइन कभी नहीं हुई और शादी के बाद से पहली चुदाई से लेकर आज तक मुझे उसके लौड़े से कभी सेटिसफेक्शन नहीं मिला। कल जब तुमने चोदा तो मुझे पता चला की सही मानों में चुदाई कैसे होती है और औरत को चुदाई का मज़ा कैसे आता है। जब मैं सत्रह-अठारह साल की थी तो मेरे कज़न ने मुझे चोदा था पर अब तो उस बात को भी तकरीबन दस-ग्यारह साल हो गये हैं और उस टाईम पे मुझे मेरे कज़न के लंड से चुदवाने में बहुत मज़ा आया था पर तुम्हारी चुदाई और तुम्हारा लंड तो इतना वंडरफुल है कि जी चाहता है कि तुम मुझे चोदते जाओ और मैं तुम से चुदवाती जाऊँ।“ एस-के ने पूछा, “अच्छा तो तुमने कज़न से भी चुदवाया है” तो मैंने कहा हाँ, “ऐसे ही हो गया था बस” और फिर उसको अपनी पहली चुदाई की दास्तान सुना डाली। एस-के मेरी कहानी सुनते-सुनते फिर से मेरे बूब्स को दबाने लगा और मेरा हाथ पकड़ के अपने लंड पे रख दिया, जो फिर से अकड़ के लोहे जैसा सख्त हो चुका था और मैं उसके लंड को दबाने लगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
