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Fantasy मेरा मोहल्ला
#6
Part - 6

तभी मेरी नज़र आंटी  के हाथ पर पड़ी, जहाँ एक गहरी चोट का ताज़ा निशान था।

मैंने झट से आंटी का हाथ पकड़ा और पूछा " आंटी आपको ये चोट कैसे लग गई।

आंटी ने अपना हाथ मुझसे छुड़ाया और उनका चेहरा उतर गया और वो उदास सी हो गई।

मैंने उनको सॉरी बोला और जाने लगा।

आंटी मुझसे बोली, "कि नहीं आप क्यों माफ़ी मांग रहे है, आपने थोड़ी न कुछ किया।"

ये तो मेरे पति ने किया है, उस रात शराब के नशे में उन्होंने मुझे मारा और फिर आंटी रोने लगी।

मैंने भी मौके का फ़ायदा उठाते हुए, आंटी के गाल पे किस कर दिया और आंटी ने भी एक गहरी सांस ले के अपनी आँखें बंद कर ली।

अब मुझे ग्रीन सिग्नल मिल चुका था, मैंने अपना एक हाथआंटी के जाँघों पे रख दिया।

अब दूसरे हाथ उनके सर के पीछे ले गया और अपने होंठ आंटी के होंठ से मिला दिए और आंटी की सिसकिया निकल आई उम्म!

10 मिनट तक, मैं आंटी को किस करता रहा और अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी।

मैं अपना एक हाथ उनके चूची पर ले गया और ज़ोर से दबा दिया, कि आंटी के मुँह से ज़ोर से सिसकियाँ निकलने लगी आआह! उउम!

तभी आंटी ने अपनी आँख खोली और मेरी तरफ देखने लगी और मुस्कुरा भी रही थी।  और मुझे लिप किस करने लगी।



उसने मुझे बोला "कि वो मुझसे चुदना तो चाहती है ! लेकिन! डरती है!" और जगह भी नही है!"

"साली रांड डरती भी है" बहु के बराबर  चुदवा रही थी तब नहीं डर  लगा"

मेने उसको झूठा विश्वास दिलाया की "सब कुछ सुरक्षित होगा!"

और वो मुझसे खुल कर! बिना डर के बात करने लग गई।

अब मैं उसको पकड़ कर अपने बाँहों में कस लिया और वो भी मेरा साथ दे रही थी! धीरे धीरे हम दोनों के कपडे उतर गए थे

उसने मेरा लण्ड पेंट से बाहर निकाल! पकड़ लिया और अपने चूचियों के बीच रख मसलना शुरू किया! धीरे धीरे वो गरम होने लगी!

उसकी चूचियाँ पूरी तन गए थे! फिर मैंने उसकी एक चूची को अपने मुँह में लिया और चूसना सुरू किया।

एक हाथ से उसकी चूत को रगड़ना चालू किया! उसने चूत को चिकनी कर रखा था! और अब उसकी चूत बहुत बुरी तरह से गीली हो गई थी!

मैंने अपना मुँह! उसकी चूत पर रखा, और चाटना चालू किया! उसको बहुत मज़ा आ रहा था! और फिर हम 69 की स्थिति में आ गए।

अब उसने भी मेरे लण्ड को! अपने मुँह में निगल ही लिया था! क्या बताऊँ! ऐसी चुसाई! पहले कभी किसी ने शायद! नही की होगी मेरी।

थोड़ी देर बाद! वो फिर से झड़ गई! और मेरे खड़े लण्ड को, अपनी चूत में डलवाने के लिए बेताब थी।


सुमन आंटी " अब अन्दर डाल दो!

और बिना इंतेज़्ज़र किये वो मेरे ऊपर आकर, मेरे लण्ड को अपनी चूत में डाल! लण्ड की सवारी करने लग गई।

मेरे खड़े लण्ड के ऊपर बैठ! अपनी कमर हिला-हिला कर चुदवा रही थी! इतनी जोर धक्के दे रही थी! कि मेरी साँस अटक जा रही थी! मैं सोच रहा था की कैसी औरत है साली इतनी ज्यादा चुड़क्कड़ है पहले पता होता तो अब तक कितनी बार"

मुझे मेरा लण्ड चूत में! थोड़ा कसा हुआ महसूस हो रहा था! मुझे भी बहुत मजा आ रहा था! वो पूरी मस्ती में मेरे लण्ड की सवारी कर रही थी!

मेरे लण्ड का आकार अच्छा होने से! उसको बहुत मज़ा आ रहा था! थोड़ी देर में! वो थक भी गई, और शायद झड़ भी गई थी।

अब वो मेरे ऊपर से उतरकर! मेरे गीले लण्ड को मुँह में लेकर चाटना शुरू किया! तब तक मैं झड़ा नही था! और पूरे जोश में था!

उसने अपनी चूत में! अपना पूरा हाथ डालकर! अपने रस को मेरे लण्ड पर लगाकर चाटने लगी! आहा! मैं तो जैसे जन्नत में था!

उसकी मखमल सी होंठों से! लण्ड की चटाई बर्दाश्त नहीं कर पाया! अब मेरा शरीर अकड़ने लगा! शायद! मैं भी झड़ने वाला था!

कुछ देर के बाद! मुझसे रहा नही गया! और एक झटके में मैंने उसको लिटा दिया! उसकी चूत में अपना लण्ड पेल दिया! और जोरदार धक्के देने लगा!

वो अब सिसकारियाँ लेते हुए गाली बकने लगी

सुमन आंटी " चोद मादरचोद! बहन के लौड़े! चोदो मुझे! पूरा लण्ड घुसाकर चोदो! अपने आंड भी घुसा दो! तुम्हारा लण्ड बहुत मोटा और मजेदार है!

ये सब सुन कर मुझे भी गुस्सा आ गया और

मैं बोला- ले रंडी! मादरचोद! अपनी चूत का भोसड़ा बनवा! बहन की लौड़ी! तेरी बहु को भी चोद दूँगा! भड़वी साली! आज तेरी चूत मैं ही पूरा घुस जाऊँगा!

मैंने अपने धक्के की गति! पिस्टन की तेजी जैसी बढ़ा दी! और उसकी चूत की धक्कापेल चुदाई करने लगा! अब मैं झड़ने वाला था!

कुछ देर करीब 20 मिनट के बाद! मेरा भी निकल गया! और हम दोनों ने एक दूसरे को जकड़ लिया! उस रात मैंने उसको 4 बार चोदा! लेकिन एक बार भी नेहा भाभी कही नजर नहीं आयी,

मैं ऐसा सोच रहा था की ये इन् दोनों का प्लान है कि "मैं सुमन आंटी की चुदाई करूँगा और नेहा भाभी हमें चुदाई करते पकड़ लेंगी और फिर शामिल हो जाएगी, लेकिन साला ऐसा कुछ नहीं हुवा,

सुबह होते ही वो मेरे ऊपर आकर, मेरे लण्ड को अपनी चूत में डाल! लण्ड की सवारी करने लग गयी

मेरे खड़े लण्ड के ऊपर बैठ! अपनी कमर हिला-हिला कर चुदवा रही थी! इतनी जोर धक्के दे रही थी! कि मेरी साँस अटक जा रही थी!

फिर से मैंने मोर्चा सँभालते हुवे उसकी चूत की धक्कापेल चुदाई करने लगा!

कुछ देर के बाद! मैंने फिर से उसकी चूत में निकाल  दिया और हम दोनों ने एक दूसरे को जकड़ लिया!
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मेरा मोहल्ला - by Starocks - 30-12-2018, 03:29 PM
RE: मेरा मोहल्ला - by Starocks - 31-12-2018, 12:01 PM



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