22-01-2025, 04:01 PM
Update - 6
भिखारी अब्दुल – अरे मैडमजी ये तो ग़लत है, आपका काम हो गया है तो अब आपको हमारा काम करने का मन नहीं कर रहा है। आज पहली बार मैंने आप जैसी अच्छे घर की खूबसूरत औरत के चूचे अपने मुँह में लिए हैं और शायद ही मुझे ज़िंदगी में आप जैसी औरत फिर कभी मिले। मैडम आपको मेरा लण्ड मुँह में लेना ही पड़ेगा।
ज्योति खुद पर गुस्सा करती है और सोचती है – नहीं यार कहा फस गई। मुंह में लेना वो भी एक भिखारी के पेशाब करने की जगह को छी छी। सोच कर ही वॉमिट आए ऐसा हो रहा मै लूंगी कैसे इसका। नहीं लूंगी मैं चाहे कुछ भी हो जाए।
ज्योति – देखो जो हमारे बीच हुआ उसको तुम भूल जाओ और जाओ यहां से। मै तुम्हारा पेनिस मुँह मै नहीं लेने वाली और ना ही ऐसा कुछ करने वाली। हमारे बीच जो हुआ वो खतम हो गया है अब वरना मैं सिक्युरिटी को बुला लूंगी।
अब अब्दुल भिखारी थोड़ा गुस्से में पूछता है – ये पेनिस क्या होता है।
ज्योति – पेनिस यानी तुम्हारी पेशाब करने की जगह।
अब भिखारी अब्दुल गुस्से में बोलता है – अच्छा रान्ड साली। इतनी देर से तो मुझको अपना चुचा चटवा और दूध पिला रही थी और अभी मेरा लण्ड चूसने को ना बोल रही है। ऊपर से साली रण्डी मुझको सिक्युरिटी की धमकी दे रही है।
ज्योति - देखो अब्दुल मै शादी शुदा औरत हूँ। अच्छे घर की संस्कारी बहु हूँ। मेरी एक छोटी 8 महीने की बेटी है। मैं इस तरह के काम नहीं करती हूं। तुम गलत समझ रहे हो।
अब्दुल – अच्छा साली रान्ड अभी तो तू मुझको अपना चुचा चुसवा रही थी। तब तेरा अच्छे घर की बहु वाले संस्कार कहा गए थे। तब तो तूने बड़े मजे लिए है। चल अब नखरा मत दिखा ले मेरा लण्ड मुंह में।
ज्योति – देखो अब्दुल तुम अपनी जुबान सम्भाल के बात करो और अपनी औकाद मै रहो भिखारी कहीके।
भिखारी अब्दुल – सब जानता हु मैं तेरे जैसी बड़ी घर की औरतों को पहले तो साला नखरा दिखाती हो फिर खूब मजे से हमारे जैसे आदमियों का लण्ड चुस्ती हो।
ज्योति ने पहले कभी खुद के लिए इतना गंदा और गाली नहीं सुना था इसलिए अब उसको थोड़ा गुस्सा आता है ओर बोलती है – आर यू फूल इडियट पूअर बासट्रर्ड बैगर मैन। गो टू माई सीट एंड प्लेस।
अब्दुल भिखारी को ज्योति ने क्या बोला कुछ समज नहीं आता पर वो इतना जरूर जानता था कि ज्योति ने उसको कुछ गाली हे दी थी।
अब्दुल – क्या बोली तू।
ज्योति – तुम्हारे जैसे भिखारी के साथ मैने थोड़ी देर रह कर गलती कर दी। तुम्हारे जैसे लोगों की औकाद नहीं है। इसलिए लोग तुम जैसे भिखारी लोगों को जानवरों की तरह ट्रीट करते है।
अब्दुल – साली कुतिया राण्ड तू मेरी औकाद की बात कर रही है देख अब तेरे जैसी औरत की क्या औकाद होती है बताता हूं।
फिर भिखारी जट से ज्योति की गोरी कमर और हाथों को पकड़ लेता है और जबरदस्ती नीचे बैठा देता है।
अब ज्योति को अब्दुल भिखारी की तेज पकड़ और जबरदस्ती से समझ में आ गया कि उसको जिसका डर था वही हुआ, अब यह आदमी उसके पीछे पड़ा है। उसका चेहरा बता रहा था कि वह ज्योति को आसानी से नहीं छोड़ेगा।
ज्योति ने मन बना लिया था कि वह इस भिखारी को अपना फायदा नहीं उठाने देगी। ज्योति खुद को अलग करने का प्रयास भी करती है पर अब्दुल का बड़ा मोटा शरीर और काले कठोर हाथों से बचना आसान नहीं था। फिर भी दम मार कर थोड़ा सा दूर हो जाती है भिखारी से। पर अब वो भिखारी उसके सामने था अपनी लूंगी के ऊपर से अपना लण्ड पकड़े।
क्या ज्योति अग्रवाल भिखारी अब्दुल से बच पाएगी या उसको उसकी जिद्द के आगे झुकना पड़ेगा?
ज्योति अग्रवाल
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भिखारी अब्दुल – अरे मैडमजी ये तो ग़लत है, आपका काम हो गया है तो अब आपको हमारा काम करने का मन नहीं कर रहा है। आज पहली बार मैंने आप जैसी अच्छे घर की खूबसूरत औरत के चूचे अपने मुँह में लिए हैं और शायद ही मुझे ज़िंदगी में आप जैसी औरत फिर कभी मिले। मैडम आपको मेरा लण्ड मुँह में लेना ही पड़ेगा।
ज्योति खुद पर गुस्सा करती है और सोचती है – नहीं यार कहा फस गई। मुंह में लेना वो भी एक भिखारी के पेशाब करने की जगह को छी छी। सोच कर ही वॉमिट आए ऐसा हो रहा मै लूंगी कैसे इसका। नहीं लूंगी मैं चाहे कुछ भी हो जाए।
ज्योति – देखो जो हमारे बीच हुआ उसको तुम भूल जाओ और जाओ यहां से। मै तुम्हारा पेनिस मुँह मै नहीं लेने वाली और ना ही ऐसा कुछ करने वाली। हमारे बीच जो हुआ वो खतम हो गया है अब वरना मैं सिक्युरिटी को बुला लूंगी।
अब अब्दुल भिखारी थोड़ा गुस्से में पूछता है – ये पेनिस क्या होता है।
ज्योति – पेनिस यानी तुम्हारी पेशाब करने की जगह।
अब भिखारी अब्दुल गुस्से में बोलता है – अच्छा रान्ड साली। इतनी देर से तो मुझको अपना चुचा चटवा और दूध पिला रही थी और अभी मेरा लण्ड चूसने को ना बोल रही है। ऊपर से साली रण्डी मुझको सिक्युरिटी की धमकी दे रही है।
ज्योति - देखो अब्दुल मै शादी शुदा औरत हूँ। अच्छे घर की संस्कारी बहु हूँ। मेरी एक छोटी 8 महीने की बेटी है। मैं इस तरह के काम नहीं करती हूं। तुम गलत समझ रहे हो।
अब्दुल – अच्छा साली रान्ड अभी तो तू मुझको अपना चुचा चुसवा रही थी। तब तेरा अच्छे घर की बहु वाले संस्कार कहा गए थे। तब तो तूने बड़े मजे लिए है। चल अब नखरा मत दिखा ले मेरा लण्ड मुंह में।
ज्योति – देखो अब्दुल तुम अपनी जुबान सम्भाल के बात करो और अपनी औकाद मै रहो भिखारी कहीके।
भिखारी अब्दुल – सब जानता हु मैं तेरे जैसी बड़ी घर की औरतों को पहले तो साला नखरा दिखाती हो फिर खूब मजे से हमारे जैसे आदमियों का लण्ड चुस्ती हो।
ज्योति ने पहले कभी खुद के लिए इतना गंदा और गाली नहीं सुना था इसलिए अब उसको थोड़ा गुस्सा आता है ओर बोलती है – आर यू फूल इडियट पूअर बासट्रर्ड बैगर मैन। गो टू माई सीट एंड प्लेस।
अब्दुल भिखारी को ज्योति ने क्या बोला कुछ समज नहीं आता पर वो इतना जरूर जानता था कि ज्योति ने उसको कुछ गाली हे दी थी।
अब्दुल – क्या बोली तू।
ज्योति – तुम्हारे जैसे भिखारी के साथ मैने थोड़ी देर रह कर गलती कर दी। तुम्हारे जैसे लोगों की औकाद नहीं है। इसलिए लोग तुम जैसे भिखारी लोगों को जानवरों की तरह ट्रीट करते है।
अब्दुल – साली कुतिया राण्ड तू मेरी औकाद की बात कर रही है देख अब तेरे जैसी औरत की क्या औकाद होती है बताता हूं।
फिर भिखारी जट से ज्योति की गोरी कमर और हाथों को पकड़ लेता है और जबरदस्ती नीचे बैठा देता है।
अब ज्योति को अब्दुल भिखारी की तेज पकड़ और जबरदस्ती से समझ में आ गया कि उसको जिसका डर था वही हुआ, अब यह आदमी उसके पीछे पड़ा है। उसका चेहरा बता रहा था कि वह ज्योति को आसानी से नहीं छोड़ेगा।
ज्योति ने मन बना लिया था कि वह इस भिखारी को अपना फायदा नहीं उठाने देगी। ज्योति खुद को अलग करने का प्रयास भी करती है पर अब्दुल का बड़ा मोटा शरीर और काले कठोर हाथों से बचना आसान नहीं था। फिर भी दम मार कर थोड़ा सा दूर हो जाती है भिखारी से। पर अब वो भिखारी उसके सामने था अपनी लूंगी के ऊपर से अपना लण्ड पकड़े।
क्या ज्योति अग्रवाल भिखारी अब्दुल से बच पाएगी या उसको उसकी जिद्द के आगे झुकना पड़ेगा?
ज्योति अग्रवाल
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Written By Mohik