15-01-2025, 08:27 PM
(This post was last modified: 16-01-2025, 08:25 AM by neerathemall. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
उफ्फ … क्या सीन था … खरबूजा चाकू से कटने वाली बात याद आ गई.
फिर आंटी धक्के लगाने लगी.
तभी पीछे से मेरे दोस्त ने आंटी की गांड पर हमला किया और आंटी की कमर पकड़ कर लन्ड डालने की कोशिश की.
पर वह नहीं डाल सका तो आंटी ने दया दिखाई और रुक कर खुद अपने हाथ से उसका लन्ड अन्दर घुसा दिया।
अब आंटी के दोनों छेद में घिसाई शुरू हो गई थी.
काफी देर तक आंटी सैंडविच की तरह काफ़ी देर दोनों के बीच में रगड़ी गई.
और फिर गोलू ने आंटी के अंदर अपना माल डाल दिया.
अबकी बार आंटी गुस्सा नहीं हुई और आंटी ने मेरे दूसरे दोस्त को गोलू की जगह चूत में लन्ड डालने को बोला.
तबी मैं बोला- इसको गांड में डालने दो, चूत में मैं घुसाता हूँ.
तब आंटी हंस कर बोली- गांडू, तू यही अच्छे से कर, सब जगह का एक साथ मजा लेगा।
और फिर मैंने लेट कर आंटी की चूत में घुसा दिया और फिर से चक्की के दोनों पाट के बीच में आंटी पिसने लगी।
अब मेरा दोस्त गांड में झड़ गया और कोमल आंटी ने मेरी तरफ इशारा किया।
लन्ड तो मेरा भी काफी देर से धक्के लगाने में था।
तभी गोलू ड्रिंक पीते हुए आया, उसने एक ग्लास आंटी को भी दिया.
तो आंटी ने कुछ देर मना करने के बाद पी लिया.
इस बीच आंटी के बैठने से मैंने अपना लन्ड निकाल लिया था.
पर आंटी ने लन्ड के ऊपर बैठ कर ड्रिंक पिया और ड्रिंक पीने के बाद हमने फिर से Xxx आंटी हार्ड सेक्स शुरू किया।
कुछ देर में आंटी को ड्रिंक का असर होने लगा और वे गाली दे कर चुदाई करवाने लगी.
वे खुद इतनी जोर से धक्के लगा रही थी कि मेरा बैलेंस बिगड़ गया और मेरा लन्ड बाहर निकल गया.
तब आंटी ने मेरे दोस्त के ऊपर बैठ कर उसकी छाती पर हाथ रख कर जोर जोर से धक्के लगाए.
तो वो साला भी जोश में पेलने लगा और झड़ गया.
अब आंटी रुकी और थकी हुई उसके पास ही लेट गई.
तो मैं अपने लन्ड को हाथ में पकड़ कर आंटी के ऊपर चढ़ गया और उनके पैरों को अपने कंधों पर रख कर जोर जोर से धक्के लगाए.
जिससे आंटी की गर्दन चूची सब हिलने लगी और आंटी मस्ती में कराह कर मेरा जोश बढ़ा रही थी.
तभी गोलू ने बोला- आंटी, आप ऊपर आओ. मुझे आपकी गांड मारनी है.
तो आंटी और मैंने जगह बदली.
अब मैं लेटा हुआ था और आंटी मेरे ऊपर चढ़ गई.
गोलू भी पीछे से आंटी को पेलने लगा.
उफ्फ!
हमें पता नहीं चला कि हमने सोने से पहले कितनी बार आंटी के दोनों छेद को चौड़ा किया और आंटी मस्ती में कराह कर चुदाती रही।
फिर सुबह मेरी आंख खुली तो आंटी ने मुझे उठाया था.
उन्हें अपने बच्चों के पास वापस जाना था तो आंटी ने कहा- अगर किसी को चोदना है तो बोलो. वरना मैं जा रही हूँ. फिर कभी नहीं मिलूंगी.
तो मैंने नंगे पड़े अपने दोस्तों को उठाने की कोशिश की.
पर वे सोने को बोलकर फिर से लेट गए.
क्योंकि हमने पूरी रात कोमल आंटी की चिकनी चमेली की तरह पिलाई की और मेरे दोस्तों ने ज्यादा पी ली थी.
तब मैंने आंटी को एक राउंड करने को बोला और आंटी को फिर से चोदा.
उसके बाद आंटी नहाई और अपने कमरे में जाने लगी.
तब आंटी ने मुझे जो बोला … आज भी याद है.
“पूरी रात एक औरत तुम जवान लड़कों के साथ रही। पूरी रात में तुमने तीन तीन बार मुझे चोदा और तुम लोग मुझ अकेली को संतुष्ट नहीं कर पाए. तुम सिर्फ लड़कियों को छेड़ कर परेशान कर सकते हो. जबकि तुम में इतना दम नहीं कि एक औरत को संतुष्ट कर सको!
वे साले सोए हुए थे पर सुबह के पांच बजे आंटी के जाने के बाद मेरी नींद खराब हो गई.
आज भी जब आंटी की बाद याद करता हूँ तो नींद नहीं आती।
पर उस दिन के बाद हमने किसी लड़की के साथ बदतमीजी नहीं की।
सेक्स तो किया जैसे आप सब करते हैं पर जिनके साथ सेक्स किया, उनकी भी इज्जत करता हूं।
आंटी कभी मिलें न मिलें पर सबक मिल गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.