9 hours ago
मैं बोला जबां दी हैं चाचा बिल्कुल भी नहीं मु के आर ने वाला में। तो जुनैद चाचा बोले जा नीचे जाकर तेरी दीदी के कमरे में चुपके से देख वो अभी क्या कर रही है।
मैंने वैसा ही किया चुपके से दीदी के कमरे में देखने लगा कि दीदी क्या कर रही है।
दीदी अपने कमरे में जाकर बिस्तर पर लेटकर दीदी सोचने लगी हाये लुंगी के अंदर भी जुनैद चाचा का लंड कितना बड़ा लंड लग रहा था। ऐसा लग रहा था कि अगर छोटू इस वक्त उनके पास नहीं होता तो अभी मुझे पकड़ कर छोड़ देते। और एक तरफ मेरे पति जिनका लंड सिर्फ 4 इंच का है।यही सब बात सोच कर दीदी गरम होने लगी। उफ्फ मैं भी ये क्या सोचने लगी हूं. यही सोचते सोचते दीदी ने अपनी अपनी अच्छी कमर तक चढ़ा दी थी दीदी एक हाथ से ही नाइटी के ऊपर से ही अपने चूचे मसल ने लगी और दूसरे हाथ से अपनी चूत मसल ने लगी। दीदी लंबी लंबी सिस्कारिया लेने लगी और अपनी चूत में अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगी। मेरी तो ये सब देख कर हालत ख़राब होने लगी। हाय एक जवान औरत जो मेरे सामने सिसकियाँ लेते हुए अपनी चूत में उंगली कर रही थी। मेरा तो खड़े खड़े ही पानी निकल गया। जिसकी कर मेरी भीगी हुई नाइटी देख कर जुनैद चाचा बोले क्या तुम जवान लोंडो में तो बिल्कुल भी दम नहीं। तो ऐसे कड़क माल को चोदना तुम्हारे बस की बात नहीं है।
इतने में ही दीदी को लगा कि घर की जमानत बज रही है। तो दीदी ने फटाफट से खुद को सही किया और अपने कमरे में से बाहर आकर घर का मेन गेट खोलकर देखा तो बाहर कोई नहीं था। तो दीदी एकर सोफ़े पर बैठ कर अपना फ़ोन चलाने लगी। फिर मैं और जुनैद चाचा ने सोचा कि चलो आज का शो ख़त्म हो गया तो हम भी अपने कमरे में जाकर सोने के बारे में सोचने लगे। इतने में हमें मेरी छोटी दीदी के कमरे से आअहह आअहह औउउउउचह की आवाज सुनाई देने लगी। हम दोनो ने मेरी छोटी दीदी के कमरे की खिड़की में जख के देखा तो दीदी अपने बिस्तार पे लेती हुई थी और कोई लड़का दीदी की दोनो तांगे अपने कंधे पे रखके दीदी को बड़ी बेरहामी से चोदा रहा था ।
मैंने वैसा ही किया चुपके से दीदी के कमरे में देखने लगा कि दीदी क्या कर रही है।
दीदी अपने कमरे में जाकर बिस्तर पर लेटकर दीदी सोचने लगी हाये लुंगी के अंदर भी जुनैद चाचा का लंड कितना बड़ा लंड लग रहा था। ऐसा लग रहा था कि अगर छोटू इस वक्त उनके पास नहीं होता तो अभी मुझे पकड़ कर छोड़ देते। और एक तरफ मेरे पति जिनका लंड सिर्फ 4 इंच का है।यही सब बात सोच कर दीदी गरम होने लगी। उफ्फ मैं भी ये क्या सोचने लगी हूं. यही सोचते सोचते दीदी ने अपनी अपनी अच्छी कमर तक चढ़ा दी थी दीदी एक हाथ से ही नाइटी के ऊपर से ही अपने चूचे मसल ने लगी और दूसरे हाथ से अपनी चूत मसल ने लगी। दीदी लंबी लंबी सिस्कारिया लेने लगी और अपनी चूत में अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगी। मेरी तो ये सब देख कर हालत ख़राब होने लगी। हाय एक जवान औरत जो मेरे सामने सिसकियाँ लेते हुए अपनी चूत में उंगली कर रही थी। मेरा तो खड़े खड़े ही पानी निकल गया। जिसकी कर मेरी भीगी हुई नाइटी देख कर जुनैद चाचा बोले क्या तुम जवान लोंडो में तो बिल्कुल भी दम नहीं। तो ऐसे कड़क माल को चोदना तुम्हारे बस की बात नहीं है।
इतने में ही दीदी को लगा कि घर की जमानत बज रही है। तो दीदी ने फटाफट से खुद को सही किया और अपने कमरे में से बाहर आकर घर का मेन गेट खोलकर देखा तो बाहर कोई नहीं था। तो दीदी एकर सोफ़े पर बैठ कर अपना फ़ोन चलाने लगी। फिर मैं और जुनैद चाचा ने सोचा कि चलो आज का शो ख़त्म हो गया तो हम भी अपने कमरे में जाकर सोने के बारे में सोचने लगे। इतने में हमें मेरी छोटी दीदी के कमरे से आअहह आअहह औउउउउचह की आवाज सुनाई देने लगी। हम दोनो ने मेरी छोटी दीदी के कमरे की खिड़की में जख के देखा तो दीदी अपने बिस्तार पे लेती हुई थी और कोई लड़का दीदी की दोनो तांगे अपने कंधे पे रखके दीदी को बड़ी बेरहामी से चोदा रहा था ।