13-01-2025, 03:19 PM
मैं और कुछ बोलता, तब तक कोमल दीदी अन्दर आ गईं और बोलीं- मुझे भी चांस मिलेगा क्या?
मोनिका- दीदी पहले मैं कर लूं … फिर आप भी कर लेना.
फिर मोनिका मेरे लंड को मुँह में भर कर चूसने लगी और मैं कोमल दीदी की तरफ देखने लगा.
उनके चूचे पहले से काफी मोटे हो गए थे.
मैं तो बस उनकी चूची चूसने की सोच कर गर्म हो गया और मेरा लंड मोनिका के मुँह में अन्दर तक जाने लगा.
अब मोनिका ने बोला- चलो कपड़े उतार दो.
मैं कोमल दीदी को लगातार देखता रहा और अपने कपड़े उतार दिए.
मोनिका भी नंगी हो गई.
मैं मोनिका को नीचे लेटा कर उसके ऊपर चढ़ गया और एक ही बार में पूरा लंड अन्दर घुसा दिया.
मोनिका ने आह के साथ मेरी पीठ पर हाथ बांध दिए और मैं मोनिका के चेहरे को चूमते हुए उसकी चूत में धक्के लगाने लगा.
पर मेरे दिमाग पर कोमल दीदी के मोटे चूचे छाए हुए थे जिससे मेरे धक्के लगाने की स्पीड कुछ ज्यादा हो गई.
मोनिका की सिसकारियां भी काफी तेज आने लगी थीं.
कोमल दीदी हम दोनों को देख कर मजे ले रही थीं.
हम दोनों इस स्पीड में चुदाई करते हुए काफी देर तक संभाल नहीं पाए और मोनिका ने अपना पानी छोड़ दिया.
उसकी चुत की गर्मी से मेरा भी निकलने वाला था तो मैंने लंड चूत से बाहर निकाल कर मोनिका के मुँह के पास कर दिया.
मोनिका ने हाथ से पकड़ कर लंड चूसना शुरू कर दिया और मेरा लंड मोनिका के मुँह में पानी निकाल कर सिमट गया.
अब मैं मोनिका के ऊपर से खड़ा हो गया और सोचने लगा कि कब कोमल दीदी आकर मेरा लंड पकड़ेंगी.
उफ्फ … इस सोच ने ही मेरी उत्तेजना बढ़ा दी थी.
मोनिका ने बोलना शुरू किया- शिव, आज तो तुम बहुत स्पीड में थे, साले तूने मेरी चूत फाड़ दी.
कोमल दीदी भी बोलीं- अब तो इसका लंड पहले से बड़ा भी हो गया है.
मोनिका- हां दीदी, जब इसने राधिका की गांड मारी, उस दिन बहुत मजा आया था. वो कई दिन तक अपनी गांड के दर्द से तड़पती रही थी.
दीदी हंसने लगीं- अच्छा तो उसकी गांड भी बजा दी इसने!
मैं अब थक गया था और बोलना चाहता था कि जल्दी आओ दीदी और चूसो इस मोटे लंड को.
पर वो दोनों काफी देर तक इधर उधर की बात में लगी रहीं और मैं बेड पर लेट कर गुड़िया के साथ खेलने लगा.
तब कोमल दीदी का ध्यान मेरी तरफ गया और दीदी ने स्माइल किया.
मैं खड़ा होकर दीदी के पास आ गया.
दीदी भी अब मूड में आ गईं और मेरे लंड को पकड़ लिया. दीदी के छूने के बाद लंड में तनाव आने लगा.
उन्होंने उसे अपने होंठों के बीच कैद कर लिया और जीभ से चाटने लगीं.
तभी दीदी की बेटी ने रोना शुरू कर दिया तो दीदी ने लंड छोड़ दिया और अपनी बेटी को गोद में उठा कर उसे चुप कराने लगीं.
मेरी तो जैसे पार्टी ही खराब हो गई.
पर मोनिका ने दीदी से कहा- आप कर लो … इसे मैं ले लेती हूँ.
मोनिका अब भी बिना कपड़ों के थी. मेरा मन किया कि मोनिका को एक बार और थैंक्यू बोल दूँ.
दीदी ने अपनी बेटी को मोनिका की गोद में दिया तो मोनिका उसे अपने नंगे सीने से चिपका कर चुप कराने लगी.
गुड़िया को मोनिका के चूचे से चिपकना अच्छा लगा और वो चुप हो गई.
मैं कोमल दीदी के पास आ गया और उनके कपड़े उतारने लगा क्योंकि मुझे उनकी मोटी चूचियों के दर्शन करने का बहुत देर से मन था.
दीदी के कपड़े उतरने के बाद उनकी चूची को देख कर मैं मदहोश सा हो गया.
कोमल दीदी के मोटे चूचे अब 38 साइज के हो गए थे और वो किसी बड़े फल जैसे पपीता या तरबूज की तरह लग रहे थे.
मैं तो भूखे बच्चे की तरह उन पर टूट पड़ा और उनके चूचे को एक एक कर के चूसा.
उनमें से दूध आ रहा था, वो मुझे अमृत सा लगा.
कोमल दीदी भी मस्ती में सिसकारी भरती रहीं.
काफी देर चूचे दबाने के बाद मैंने खड़े खड़े ही कोमल दीदी की चूत में लंड डाल दिया और कमर पकड़ कर धक्के लगाने लगा, पर मेरी स्पीड ज्यादा थी तो मैं रुक गया.
दीदी ने कहा- तुम बेड पर चलो, वहां करते हैं.
मैं दीदी की चूत से लंड निकाल कर बेड पर आ गया.
उधर मोनिका नंगी ही अपनी लेफ्ट वाली चूची का निप्पल गुड़िया को चुसा रही थी.
गुड़िया को लगा जैसे अपनी मम्मी का दूध पी रही हो … हालांकि मोनिका की चूची में से कुछ नहीं निकल रहा था पर गुड़िया अब चुप हो गई थी.
मैं बेड पर लेट गया तो कोमल दीदी बेड पर आईं और बोलीं- कुछ अलग तरीके से करते हैं. तुम बैठ जाओ.
मैंने कोमल दीदी की तरफ देख कर सोचा शादी के बाद इन्होंने अपने हसबैंड के साथ कुछ नए प्रयोग किए होंगे जो आज मेरे साथ होने वाले हैं.
वैसे भी सेक्स करना मैंने कोमल दीदी से ही सीखा था तो कुछ नया भी कर लेते हैं.
फिर कोमल दीदी ने मुझे टांग को फैलाने को बोला और मेरे मुँह की तरफ अपनी चूची करके मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर उस पर बैठ गईं, जिससे पूरा लंड कोमल दीदी की चूत की गहराई में उतर गया.
वो लंड अन्दर जाते ही रुक गईं और मेरे लंड को चूत में महसूस करने लगीं.
इधर मैंने दोनों हाथों से कोमल दीदी के चूचे पकड़ लिए और उनके निप्पल को खींचने लगा जिससे कोमल दीदी को दर्द हुआ … पर उन्होंने मुझे रोका नहीं.
वो अपनी गांड वाला हिस्सा उठा कर मेरे लंड पर धक्के मारने लगीं.
मुझे भी उनके इस तरह धक्के लगाने से मजा आया.
मैं दीदी के चूचे कभी चूसता तो कभी दबाता और काफी देर तक हमारी धक्के की रेलगाड़ी चलती रही.
फिर दीदी ने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी और उनकी सांसें तेज हो गईं जिससे मेरे चेहरे पर गर्मी महसूस हुई.
तभी वो तेज आवाज के साथ ‘शिव शिव आह ओह माय गॉड …’ करती हुई रुक गईं क्योंकि उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया था.
झड़ कर दीदी ने मेरे कंधे पर हाथ रख कर मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया.
अब उनके मोटे चूचे मेरी नंगी छाती पर दब गए.
मेरा मन उनके चूचे को खाने का मन कर रहा था तो मैं उन्हें अपने ऊपर लेकर पीछे लेट गया.
फिर पलट कर उनके ऊपर आ गया और उनके एक चूचे को मुँह में भर कर चूसने लगा.
मेरा मन कर रहा था कि पूरी चूची मुँह में भर लूं … पर चूची मोटी थी तो पूरी अन्दर आई नहीं.
पर मैं बुरी तरह उनकी चूची को नौंचता रहा जिससे दीदी को दर्द होने लगा.
वो मुझे हटाने लगीं.
फिर मैं थोड़ा होश में आया और दीदी की चूत में धक्के लगाने लगा.
कोमल दीदी को थोड़ा सहज लगा और वो फिर से मेरी पीठ पर हाथ रख कर सहलाने लगीं.
मैं धक्के लगा कर बस झड़ना चाहता था जिससे दीदी को अच्छा लगे और मैं कोमल दीदी की चूची फिर से चूस सकूँ.
लगातार धक्के लगाने से मेरा भी पानी छूटने वाला था तो मैं रुक गया और लंड बाहर निकाल लिया.
कोमल दीदी ने मुझे गुस्से में देखा और बोलीं- रुक क्यों गए शिव?
मैं- दीदी पानी निकलने वाला है.
दीदी- तो निकल जाने दो.
मैं- फिर आपको बच्चा हो गया तो!
दीदी- हो जाने दो, जल्दी करो और अन्दर ही रस निकालना.
मैं तो दीदी की बात सुन कर और ज्यादा गर्म हो गया पर रुकने की वजह से लंड का पानी भी अब जैसे पीछे हट गया था.
मैंने कोमल दीदी की चूत की गहराई में लंड डाल दिया और धक्के लगाने लगा.
दीदी भी अब नीचे से हरकत करने लगीं और मेरी रफ्तार सुपरफास्ट हो गई.
कोमल दीदी की कोमल चूत ने हार मान ली और फिर से अपना रस छोड़ दिया.
उनकी गर्मी में मेरा लंड भी अपना पानी छोड़ कर आजाद हो गया.
मैं अब भी कोमल दीदी के मोटे चूचे पर अपना मुँह रख कर लेट गया.
बेड के दूसरी तरफ नंगी मोनिका लेटी थी और कोमल दीदी की बेटी, मोनिका की चूची मुँह में भर कर सो गई थी.
इसके बाद मैंने कोमल दीदी की चूची को चूसते हुए बहुत देर तक बात की.
उन्होंने बताया कि कैसे उनके पति के साथ सेक्स हुआ.
कोमल दीदी ने बोला- शिव मुझे लगता है ये गुड़िया भी मेरी और तुम्हारे सेक्स की वजह से हुई है.
वैसे भी मैं कोमल दीदी को प्रेगनेंट कर चुका था और शादी से पहले भी दो दिन तक कई बार चूत चोदी थी.
ये सब जानकर मुझे बड़ा सुकून मिल रहा था.
हम सब कुछ देर तक गहरी नींद में सोते रहे.
मोनिका- दीदी पहले मैं कर लूं … फिर आप भी कर लेना.
फिर मोनिका मेरे लंड को मुँह में भर कर चूसने लगी और मैं कोमल दीदी की तरफ देखने लगा.
उनके चूचे पहले से काफी मोटे हो गए थे.
मैं तो बस उनकी चूची चूसने की सोच कर गर्म हो गया और मेरा लंड मोनिका के मुँह में अन्दर तक जाने लगा.
अब मोनिका ने बोला- चलो कपड़े उतार दो.
मैं कोमल दीदी को लगातार देखता रहा और अपने कपड़े उतार दिए.
मोनिका भी नंगी हो गई.
मैं मोनिका को नीचे लेटा कर उसके ऊपर चढ़ गया और एक ही बार में पूरा लंड अन्दर घुसा दिया.
मोनिका ने आह के साथ मेरी पीठ पर हाथ बांध दिए और मैं मोनिका के चेहरे को चूमते हुए उसकी चूत में धक्के लगाने लगा.
पर मेरे दिमाग पर कोमल दीदी के मोटे चूचे छाए हुए थे जिससे मेरे धक्के लगाने की स्पीड कुछ ज्यादा हो गई.
मोनिका की सिसकारियां भी काफी तेज आने लगी थीं.
कोमल दीदी हम दोनों को देख कर मजे ले रही थीं.
हम दोनों इस स्पीड में चुदाई करते हुए काफी देर तक संभाल नहीं पाए और मोनिका ने अपना पानी छोड़ दिया.
उसकी चुत की गर्मी से मेरा भी निकलने वाला था तो मैंने लंड चूत से बाहर निकाल कर मोनिका के मुँह के पास कर दिया.
मोनिका ने हाथ से पकड़ कर लंड चूसना शुरू कर दिया और मेरा लंड मोनिका के मुँह में पानी निकाल कर सिमट गया.
अब मैं मोनिका के ऊपर से खड़ा हो गया और सोचने लगा कि कब कोमल दीदी आकर मेरा लंड पकड़ेंगी.
उफ्फ … इस सोच ने ही मेरी उत्तेजना बढ़ा दी थी.
मोनिका ने बोलना शुरू किया- शिव, आज तो तुम बहुत स्पीड में थे, साले तूने मेरी चूत फाड़ दी.
कोमल दीदी भी बोलीं- अब तो इसका लंड पहले से बड़ा भी हो गया है.
मोनिका- हां दीदी, जब इसने राधिका की गांड मारी, उस दिन बहुत मजा आया था. वो कई दिन तक अपनी गांड के दर्द से तड़पती रही थी.
दीदी हंसने लगीं- अच्छा तो उसकी गांड भी बजा दी इसने!
मैं अब थक गया था और बोलना चाहता था कि जल्दी आओ दीदी और चूसो इस मोटे लंड को.
पर वो दोनों काफी देर तक इधर उधर की बात में लगी रहीं और मैं बेड पर लेट कर गुड़िया के साथ खेलने लगा.
तब कोमल दीदी का ध्यान मेरी तरफ गया और दीदी ने स्माइल किया.
मैं खड़ा होकर दीदी के पास आ गया.
दीदी भी अब मूड में आ गईं और मेरे लंड को पकड़ लिया. दीदी के छूने के बाद लंड में तनाव आने लगा.
उन्होंने उसे अपने होंठों के बीच कैद कर लिया और जीभ से चाटने लगीं.
तभी दीदी की बेटी ने रोना शुरू कर दिया तो दीदी ने लंड छोड़ दिया और अपनी बेटी को गोद में उठा कर उसे चुप कराने लगीं.
मेरी तो जैसे पार्टी ही खराब हो गई.
पर मोनिका ने दीदी से कहा- आप कर लो … इसे मैं ले लेती हूँ.
मोनिका अब भी बिना कपड़ों के थी. मेरा मन किया कि मोनिका को एक बार और थैंक्यू बोल दूँ.
दीदी ने अपनी बेटी को मोनिका की गोद में दिया तो मोनिका उसे अपने नंगे सीने से चिपका कर चुप कराने लगी.
गुड़िया को मोनिका के चूचे से चिपकना अच्छा लगा और वो चुप हो गई.
मैं कोमल दीदी के पास आ गया और उनके कपड़े उतारने लगा क्योंकि मुझे उनकी मोटी चूचियों के दर्शन करने का बहुत देर से मन था.
दीदी के कपड़े उतरने के बाद उनकी चूची को देख कर मैं मदहोश सा हो गया.
कोमल दीदी के मोटे चूचे अब 38 साइज के हो गए थे और वो किसी बड़े फल जैसे पपीता या तरबूज की तरह लग रहे थे.
मैं तो भूखे बच्चे की तरह उन पर टूट पड़ा और उनके चूचे को एक एक कर के चूसा.
उनमें से दूध आ रहा था, वो मुझे अमृत सा लगा.
कोमल दीदी भी मस्ती में सिसकारी भरती रहीं.
काफी देर चूचे दबाने के बाद मैंने खड़े खड़े ही कोमल दीदी की चूत में लंड डाल दिया और कमर पकड़ कर धक्के लगाने लगा, पर मेरी स्पीड ज्यादा थी तो मैं रुक गया.
दीदी ने कहा- तुम बेड पर चलो, वहां करते हैं.
मैं दीदी की चूत से लंड निकाल कर बेड पर आ गया.
उधर मोनिका नंगी ही अपनी लेफ्ट वाली चूची का निप्पल गुड़िया को चुसा रही थी.
गुड़िया को लगा जैसे अपनी मम्मी का दूध पी रही हो … हालांकि मोनिका की चूची में से कुछ नहीं निकल रहा था पर गुड़िया अब चुप हो गई थी.
मैं बेड पर लेट गया तो कोमल दीदी बेड पर आईं और बोलीं- कुछ अलग तरीके से करते हैं. तुम बैठ जाओ.
मैंने कोमल दीदी की तरफ देख कर सोचा शादी के बाद इन्होंने अपने हसबैंड के साथ कुछ नए प्रयोग किए होंगे जो आज मेरे साथ होने वाले हैं.
वैसे भी सेक्स करना मैंने कोमल दीदी से ही सीखा था तो कुछ नया भी कर लेते हैं.
फिर कोमल दीदी ने मुझे टांग को फैलाने को बोला और मेरे मुँह की तरफ अपनी चूची करके मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर उस पर बैठ गईं, जिससे पूरा लंड कोमल दीदी की चूत की गहराई में उतर गया.
वो लंड अन्दर जाते ही रुक गईं और मेरे लंड को चूत में महसूस करने लगीं.
इधर मैंने दोनों हाथों से कोमल दीदी के चूचे पकड़ लिए और उनके निप्पल को खींचने लगा जिससे कोमल दीदी को दर्द हुआ … पर उन्होंने मुझे रोका नहीं.
वो अपनी गांड वाला हिस्सा उठा कर मेरे लंड पर धक्के मारने लगीं.
मुझे भी उनके इस तरह धक्के लगाने से मजा आया.
मैं दीदी के चूचे कभी चूसता तो कभी दबाता और काफी देर तक हमारी धक्के की रेलगाड़ी चलती रही.
फिर दीदी ने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी और उनकी सांसें तेज हो गईं जिससे मेरे चेहरे पर गर्मी महसूस हुई.
तभी वो तेज आवाज के साथ ‘शिव शिव आह ओह माय गॉड …’ करती हुई रुक गईं क्योंकि उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया था.
झड़ कर दीदी ने मेरे कंधे पर हाथ रख कर मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया.
अब उनके मोटे चूचे मेरी नंगी छाती पर दब गए.
मेरा मन उनके चूचे को खाने का मन कर रहा था तो मैं उन्हें अपने ऊपर लेकर पीछे लेट गया.
फिर पलट कर उनके ऊपर आ गया और उनके एक चूचे को मुँह में भर कर चूसने लगा.
मेरा मन कर रहा था कि पूरी चूची मुँह में भर लूं … पर चूची मोटी थी तो पूरी अन्दर आई नहीं.
पर मैं बुरी तरह उनकी चूची को नौंचता रहा जिससे दीदी को दर्द होने लगा.
वो मुझे हटाने लगीं.
फिर मैं थोड़ा होश में आया और दीदी की चूत में धक्के लगाने लगा.
कोमल दीदी को थोड़ा सहज लगा और वो फिर से मेरी पीठ पर हाथ रख कर सहलाने लगीं.
मैं धक्के लगा कर बस झड़ना चाहता था जिससे दीदी को अच्छा लगे और मैं कोमल दीदी की चूची फिर से चूस सकूँ.
लगातार धक्के लगाने से मेरा भी पानी छूटने वाला था तो मैं रुक गया और लंड बाहर निकाल लिया.
कोमल दीदी ने मुझे गुस्से में देखा और बोलीं- रुक क्यों गए शिव?
मैं- दीदी पानी निकलने वाला है.
दीदी- तो निकल जाने दो.
मैं- फिर आपको बच्चा हो गया तो!
दीदी- हो जाने दो, जल्दी करो और अन्दर ही रस निकालना.
मैं तो दीदी की बात सुन कर और ज्यादा गर्म हो गया पर रुकने की वजह से लंड का पानी भी अब जैसे पीछे हट गया था.
मैंने कोमल दीदी की चूत की गहराई में लंड डाल दिया और धक्के लगाने लगा.
दीदी भी अब नीचे से हरकत करने लगीं और मेरी रफ्तार सुपरफास्ट हो गई.
कोमल दीदी की कोमल चूत ने हार मान ली और फिर से अपना रस छोड़ दिया.
उनकी गर्मी में मेरा लंड भी अपना पानी छोड़ कर आजाद हो गया.
मैं अब भी कोमल दीदी के मोटे चूचे पर अपना मुँह रख कर लेट गया.
बेड के दूसरी तरफ नंगी मोनिका लेटी थी और कोमल दीदी की बेटी, मोनिका की चूची मुँह में भर कर सो गई थी.
इसके बाद मैंने कोमल दीदी की चूची को चूसते हुए बहुत देर तक बात की.
उन्होंने बताया कि कैसे उनके पति के साथ सेक्स हुआ.
कोमल दीदी ने बोला- शिव मुझे लगता है ये गुड़िया भी मेरी और तुम्हारे सेक्स की वजह से हुई है.
वैसे भी मैं कोमल दीदी को प्रेगनेंट कर चुका था और शादी से पहले भी दो दिन तक कई बार चूत चोदी थी.
ये सब जानकर मुझे बड़ा सुकून मिल रहा था.
हम सब कुछ देर तक गहरी नींद में सोते रहे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
