27-03-2025, 02:46 PM
सुबह हुई एक कोहरे के साथ। ठंड के इस जानलेवा मौसम में दूर दूर तक कोई नहीं था। सुबह की महकती खुशबू हवाओं के अपने दिन का आगाज किया। सुप्रिया उस वक्त हरिया की बाहों में एक कुर्सी पर बैठी थी। हरिया सुप्रिया को बेतहाशा चूम रहा था।
"सुप्रिया उतारो इस कपड़े को। मेरा फिर से तुम्हे प्यार करने का मन हो रहा है।"
"देखो हरिया। सुबह ही गई है। अभी नहीं। रात को आऊंगी मैं तुम दोनों के पास।"
हरिया सुनने के मूड में न था और एक ही झटके में सुप्रिया के साड़ी को खींच सुप्रिया का हाथ पकड़ कमरे में ले गया और फिर करीब एक घंटे तक संभोग किया। हरिया के प्रेम प्रकरण हो जाने के बाद सुप्रिया अपने घर गई। वहां घर के बाहर जग्गा था। जग्गा सुप्रिया को देख बोला "अंतू और हरिया को अपने जिस्म सौंप कर आ गई ?"
सुप्रिया कुछ न बोली और आगे बढ़ी। जग्गा ने सुप्रिया का हाथ पकड़ उसे रोक दिया और कहा "सुप्रिया मैं बात कर रहा हूं।"
सुप्रिया बोली "माफ करना। उस रात में मैं बहक गई।"
जग्गा गुस्से से बोला "तुम तो ऐसे बोल रही हो जैसे कोई गुनाह कर दिया। चुप हो जाओ। बंद करो ये रोना। तुम्हे तो मैने गलत भी नहीं कहा।"
सुप्रिया कुछ न बोली। जग्गा बोला "सुप्रिया तुम्हे जो ठीक लगे वो करो। लेकिन तुम कभी दुखी मत होना। मैं तुम्हे दुखी नहीं देख सकता।"
सुप्रिया थोड़ा सा मुस्कुराहट लेकर जग्गा के गले लगी और बोली "आप बहुत अच्छे है।"
जग्गा की आंखों में थोड़ी सी नमी देख सुप्रिया पूछी "क्या हुआ जग्गा ?"
"कुछ नहीं।" इतना कहकर जग्गा वहां से चल गया। सुप्रिया भी खामोश थी।
जग्गा को इस तरह खामोश पहले कभी सुप्रिया ने नहीं देखा था। सुप्रिया को देख अनुप्रिया समझ गई कि कल रात सुप्रिया उन दोनों के साथ प्यारभरी रात गुजारी। वो कुछ न बोली और बस शरारती मुस्कान लिए चल दी। सभी को पता चल गया था कि सुप्रिया ने रात को क्या किया। लेकिन जग्गा सिर्फ बाहर से अपनी हां को दिखा रहा था लेकिन अंदर से वो दुखी था। वो सुप्रिया को पाना चाहता था लेकिन सुप्रिया कि खुशी की वजह से चुप है। सुप्रिया से वो शादी करना चाहता था।
सुप्रिया खुद को तैयार करके कुछ देर के लिए कौशिक के पास चली गई। अनुप्रिया इतनी ठंडी में नहाने के लिए नदी के पास चली गई। सफेद साड़ी को बदन से अलग करते हुए अनुप्रिया अपने दूध से गोरे शरीर को पानी में डालकर नहाने लगी। अनुप्रिया को पता नहीं था कि वो अकेली नहीं है। उसे आस पास माली है। बूढ़ा माली पत्तों में छिपकर अनुप्रिया को देख रहा था। कई दिनों से वो अनुप्रिया के पीछे पड़ा था। माली अनुप्रिया के अर्ध नग्न शरीर को देख तड़प रहा था और इस तड़प के मीठे दर्द को खराब करने का काम एक कुत्ते ने किया। कुत्ता माली के पास आया और भौंकने लगा। कुत्ते के भौंकने से माली घबराया और उठकर खड़ा हो गया। अनुप्रिया ने देखा कि माली हाथ में पत्थर लिए कुत्ते को भगा रहा था। अनुप्रिया समझ गई कि वो उसे छुपकर देख रहा था। कुत्ता भाग तो गया लेकिन माली की चोरी पकड़ी गई। अनुप्रिया जैसे चौक गई। कुत्ते को भागकर माली अनुप्रिया की तरफ देखा। अपने बदन को ढकते हुए अनुप्रिया चिल्लाई "आप यहां क्या कर रहे है ? जाओ यहां से।"
माली मुस्कुराते हुए बोला "अब इतनी सुबह तुम्हे देखने के लिए आया हूं। लेकिन ये कुत्ता बीच में आ गया। "
"शर्म नहीं आती ? बूढ़े होकर ऐसी ओछी हरकत करते हो।"
"अब क्या बूढ़ा क्या जवान। हुस्न के आगे सभी पिघल जाते है।"
"बेशर्म बूढ़े।" इतना कहकर अनुप्रिया बाहर निकली। ब्लाउज पेटीकोट में वो बाहर निकली।
"अब भागकर क्या फायदा ? मुझे जो देखना था वो मैने देख लिया। अब मुझसे क्या पर्दा।
अनुप्रिया शर्मा गई। शर्म से गाल लाल अनुप्रिया थोड़ी सी मुस्कुरा दी। उसकी ये मुस्कान माली देख गया।
अनुप्रिया जा रही थी कि माली ने पीछे से पकड़ लिया। अनुप्रिया का दिल धड़कने लगा। माली हल्के से अनुप्रिया को अपनी ओर खींचा और पीछे से उसके लिपट गया। माली की गरम सांसें अनुप्रिया के भीगे बदन को छू रहा था। अनुप्रिया के ठंडे बदन को माली अपने गरम सासों से सेक रहा था। ठंडी के इस सन्नाटे में दोनों खामोश थे। तभी अनुप्रिया कुछ देर बाद जोर से माली को धक्का दी। माली दूर हो गया अनुप्रिया से। अनुप्रिया भीगे ब्लाउज पेटीकोट में भागी लेकिन थोड़ी दूर में पता चला को उसने कपड़े बदले ही नहीं। पीछे मुड़ी तो देखा कि कपड़े माली लेकर खड़ा था।
"आओ मेरी रानी। कपड़े चाहिए तो ले जाओ।"
अनुप्रिया समझ गई कि अब वो गई काम से। शर्माते हुए बोली "मेरे कपड़े दे दो।"
माली हाथ आगे बढ़ाकर अनुप्रिया को कपड़े देने के लिए। अनुप्रिया माली के पास आई और कपड़े लेने के लिए हाथ आगे बढ़ाया। माली ने तुरंत अनुप्रिया को पकड़ लिया और कपड़े को जमीन पर रख दिया। अनुप्रिया को बाहों में भरकर माली उसे अपने साथ पानी में ले गया। दोनों के बदन पानी से भीगे थे और माली अनुप्रिया के बदन से सारे कपड़े उतरकर खुद भी नग्न अवस्था में आ गया।
"अनुप्रिया। तुम भी जानती हो और मैं भी जानता हूं कि यहां इस वीरान गांव में कोई नहीं रहता। अकेले जिंदगी गुजारने से अच्छा है उमर और रंग का भेद छोड़ दोनों एक दूसरे के हो जायें।"
"आखिर बात मनवा ही ली तुमने। लेकिन जग्गा का क्या ? वो भी तेरे पीछे पड़ा है।"
"तुम्हारी बहन तो है उसके लिए। अब जल्दी से तुम दोनों बहने हम दोनों को हो जाओ। ताकि हमारा परिवार आगे बढ़े।" अनुप्रिया के होठ पर होठ रखकर माली चूमने लगा।
अनुप्रिया पूछी "परिवार आगे बढ़े ?"
"और नहीं तो क्या। शादी के बाद हमारे बच्चों की मां बनकर हमारे खानदान को तुम दोनों बहने ही आगे बढ़ाएंगी।"
"वाह रे मेरे आशिक। अभी से ही बच्चे पैदा करने की बात कर रहे हो ?"
"तो फिर। दोनों जवान बहने इतनी खूबसूरत हो और हम तुम्हे अपने साथ रखकर शादी करेंगे और तुम्हारे पेट से मैं अपने बच्चे पैदा करवाऊंगा।" माली अनुप्रिया के पेट को चूमने लगा।
दोनों बदन पानी में भीगकर खुद के प्रेम अग्नि को ठंडा कर रहे थे लेकिन उनका ये प्रयास असफल रहा। आग बढ़ रही थी और इसका एक ही उपाय था और वो था संभोग।
अनुप्रिया का हाथ पकड़ माली पास में एक झोपडी के अंदर ले गया। उस झोपडी में गाय का खाद्य सामान था। झोपडी में पड़ी खटिया पर अनुप्रिया को लिटाया और दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया।
"आप बहुत बदमाश है। आपको पता था कि इस चुंबन से मैं बहक जाऊंगी। मेरी जवानी को लूटने का ये कैसा बहना है।"
अपने बदन से सारे कपड़े उतार माली बोला "तुम्हारी जवानी का मजा अब से रोज लूटूँगा। अब भूल जाओ ये दूरी क्योंकि अब से हम एक ही घर और एक कमरे और एक ही बिस्तर पर रहेंगे।"
अनुप्रिया की योनि में अपना मुंह डालकर काम रस का आनंद लेने लगा माली। कामुकता से तड़प उठी अनुप्रिया की आवाजें जोर जोर से झोपडी में गूंजने लगी। अनुप्रिया के योनि का सेवन माली ने खूब मजे से किया। लेकिन अब वक्त आ गया था अनुप्रिया की जवानी पर अपने मुहर लगाने का। अनुप्रिया ने आजतक संभोग नहीं किया। हालांकि कई लड़कों के साथ चुम्बन जरूर किया लेकिन खुद को उनके साथ संभोग से दूर रखा। वो डरती थी कि वो लड़के उसके साथ धोखा न करे।
लेकिन माली का मामला अलग था। अनुप्रिया को यकीन था कि ये बूढ़ा उसका दीवाना है और तो और एक हो घर में दोनों रहते है। भरोसा भी था माली पर उसे तो आज वो संभोग करेगी और माली को पहला मर्द बनाएगी जो उसके यौवन में वृद्धि लाएगा उसकी वर्जिनिटी को भंग करके।
अनुप्रिया की योनि बहुत साफ और सुंदर थी। अनुप्रिया के होठ को चूमने लगा माली ताकि लिंग डालते वक्त दर्द से अनुप्रिया छटपटाए नहीं। अपने काले और सुडौल लिंग को कोमल सी योनि में डालने की शुरुवात की। अनुप्रिया दर्द से कांपने लगी और चिल्लाने लगी।
"नहीं। छोड़ो मुझे। मर जाऊंगी aaaaahhhhh"
अनुप्रिया को कसके नहीं के भरकर माली बोला "बस कुछ देर और फिर तुम मेरी हो जाओगी। घबराओ मत। आगे चलकर तुम्हे इससे आनंद ही आनंद मिलेगा।"
दर्द से छटपटा रही अनुप्रिया की योनि से रक्त बहने लगा। अनुप्रिया दर्द के कारण रोने लगी। इतना चिल्ला रही थी कि आवाज दूर दूर तक गूंज रही थी। लेकिन माली अपने संभोग में व्यस्त था। धीरे धीरे दर्द कम होने लगा और अनुप्रिया की जान में जान आने लगी। फिर वो दर्द जैसे आनंद में बदलने लगा।
"Hmmm माली जरा और तेज।"
"क्यों मेरी रानी अब अच्छा लग रहा है न ?"
"हां लेकिन दर्द से तो अआह मेरी जान जा रही थी।"
दोनों एक दूसरे को आंखों में आंखे डालकर देखने लगे। माली जोर जोर से धक्का दे रहा था। खटिया पूरी हिलने लगी। माली ने योनि में अपना वीर्य डाल दिया। दोनों पसीने से भीगे थके हुए एक दूसरे से लिपटकर सो गए। माली पूरी तरह से अनुप्रिया के ऊपर लेटा था और उसका चेहरा अनुप्रिया के स्तन के बीचों बीच था। अनुप्रिया ने कसकर माली को बाहों में भरा हुआ था।
यहां दोनों अपने प्रेमवासना में डूबे थे तो दूसरी तरफ पूरा घर दोनों के ना होने परसोच में पड़ा था। सुप्रिया ढूंढते ढूंढते जग्गा के साथ नदी के पास पहुंची। वहां देखा तो अनुप्रिया के कपड़े थे। देखते देखते दोनों की नजर झोपडी पर पड़ी। दोनों झोपडी के पास पहुंचे और एक खिड़की जो थोड़ी खुली थी। वहां से दोनों ने दो प्रेमियों को निर्वस्त्र हालत में देखा। सुप्रिया और जग्गा दोनों मुस्कुरा कर एक दूसरे कूड़ेखने लगे और चल दिए।
"देखा जग्गा तो यह थे दोनों। तुम्हारे भाई ने मेरी कोमल सी बहन को प्यार में ला दिया। बेचारी वो तो गई काम से। आशिकी का सैलाब उसे अपने साथ ले लिया।"
जग्गा हंसते हुए कहा "मेरे भाई की गलती नहीं। तुम्हारी बहन की भी है। ऐसी जवान और खूबसूरत लड़की अगरसमने हो तो उसे कौन न पाने की कोशिश करे ?"
"देखो जाग अब दोनों हो गए एक दूसरे के प्यार में गिरफ्तार। अब सोचो कि इन दोनों प्रेमी को एक दूसरे का कैदी कैसे बनाए ?"
"अब जो वो दोनों चाहे।" जग्गा मुंह लटकाकर आगे बढ़ा।
सुप्रिया से रहा नहीं गया और जग्गा का हाथ पकड़कर उसे रोकते हुए कहा "ये क्या हो गया तुम्हे ? सुबह से तुम्हे उदास देख रही हूं। कुछ बोलो भी।"
जग्गा से रहा नहीं गया और उसने अपनी बात बता दी। उसने बताया कि वो सुप्रिया को अपनी पत्नी बनाना चाहता है। वो उसे दूर के साथ नहीं देख सकता। सुप्रिया और जग्गा में बहुत बातचीत हुई और आखिर में सुप्रिया मान गई कि वो जग्गा के पास रहेगी। जग्गा ने कहा कि वो सुप्रिया को न ही सिर्फ पत्नी परन्तु अपने बच्चों की मां भी बनाना चाहता है ताकि उसका भी परिवार हो।
सुप्रिया ने वक्त गवाए बिना अंतू और हरिया के पास चली गई और अपने दिल को बात बताई। दोनों बूढ़े बहस करने लगे लेकिन आखिर में दिल पर पत्थर रखकर सुप्रिया को आजाद कर दिया। सुप्रिया ने दोनों को गले से लगाया और चली गई अपने जग्गा के पास। दोनों बूढ़े4फिर से दुखी हुए लेकिन सुप्रिया के साथ बिताए रात को याद करके दोनों पहले से खुश थे।
झोपडी में दोनों प्रेमी नींद से उठे। नींद से उठते ही अनुप्रिया ने माली को धक्का दिया और घबराकर कपड़े ढूंढने लगी।
"Umm क्या हुआ ?" माली ने पूछा।
"उठो। ये हमने क्या कर दिया ? दोपहर हो गई और हम दोनों अभी भी घर नहीं पहुंचे। लोगों को शक हो जाएगा। चलो जल्दी घर चलो।"
दोनों फटाफट घर पहुंचे। घर पहुंचते ही दोनों के सामने सुप्रिया और जग्गा थे। दोनों नए प्रेमी की खबर जो लेनी थी।
हड़बड़ाते हुए अनुप्रिया बोली " दीदी। माफ करना देर हो गई वो क्या है न वो मैं देर से आई हूं।"
सुप्रिया पूछ "क्यों देर लगी तुम्हे ?"
अनुप्रिया बोली " वो...... वो ....... वो माली बताएगा ।"
माली घबराकर बोला "क्या ? मतलब मै..... मैं ......"
जग्गा बोला "अब बस भी करो। सच बता भी दो। दोनों प्रेमियों।"
सुप्रिया अनुप्रिया के कान को कसकर पकड़ते हुए बोली "अगर तुम्हे जग्गा से प्यार था तो पहले बोल देती।"
"Aaahhh दीदी ये सब कैसे हुआ पता न चला।"
"तो अब हमें पता चल गया। तो बताओ सुप्रिया दोनों का क्या किया जाए ?" जग्गा ने पूछा।
"अब तो दोनों की शादी करवा देनी चाहिए।"
अनुप्रिया शर्मा गई और बोली "आप भी न दीदी।"
जग्गा पूछा "लेकिन कब ?"
"इनकी शादी हमारे साथ होगी। हम दोनों भी उसी शादी करेंगे।"
अनुप्रिया पूछा "क्या दीदी ? आप भी शादी करोगी। मतलब जग्गा जी के साथ ?"
"हां। अब हम एक दूसरे के होना चाहते है।" सुप्रिया ने कहा।
माली खुश होकर जग्गा को गले लगाकर बोला "वह भाई हमारी शादी होनेवाली है।"
जग्गा बोला "बिल्कुल सही। अनुप्रिया अब तुम्हारी जिम्मेदारी है मेरे भाई को खुश रखने की। अब जल्दी से एक बच्चे की किलकारी ला दो और मेरे भाई को बाप बनाने का सुख दो।"
माली भी बोला "लेकिन भैया ये बात भाभी सुप्रिया पर भी लागू होती है। जल्दी से भाभी आप भी बच्चा ल दो ताकि हमारा घर लोगो से भर जाए। इस वीराने गांव में हमारा बड़ा सा परिवार हो।"
सभी लोग जोर जोर से हंसने लगे।
जग्गा बोला "अरे सुनो सभी लोग। मैं बहुत जल्द दो और सदस्य को लाने वाला हूं।"
"कौन भाई ?"
"अपने गांव में लल्लन हमारा दोस्त जो था उनकी एक बेटी और भतीजी यहां हमेशा के लिए आ रही है। लल्लन से मरने के बाद अब वो हमारे साथ ही रहेंगी।"
तो दोस्तो वैसे आपको दो नए किरदार के बारे में बता दूं। ये दो चचेरी बहन है। एक का नाम कीर्ति जिसकी उम्र 22 साल है और दूसरी सुकीर्ति जिसकी उम्र 21 साल है। दोनों बहुत ज्यादा खूबसूरत है। यह दोनों बहन अंतू और हरिया की होनेवाली प्रेमिका हैं। लल्लन के मारने के बाद घर जमीन बेचकर दोनों चचेरी बहन इस वीरान गांव में आएंगी। रही बात उनके पैसे को तो वो उनके पास रहेगा। सुप्रिया ने दोनों बहनों की नौकरी कॉलेज में करवा ली।
अगले हफ्ते दोनों बहने आ गई और दोनों परिवार में खूब गुलमिल गई। सुप्रिया ने दोनों बहनों को दोनों बूढ़े भाई के हवाले करने का सोचा ताकि अंतू और हरिया भी जिंदगी में खुश रहे। अगले महीने सुप्रिया की जग्गा से और अनुप्रिया की माली से शादी हो गई। शादी के अगले महीने दोनों बहन गर्भवती हो गई। तो अब कुछ दिनों के लिए कहानी कीर्ति सुकीर्ति के इर्द गिर्द रहेगी।
गांव में अब कुल मिलकर 9 लोग रहते है। अगले साल 2 और सदस्य आ जाएंगे।
"सुप्रिया उतारो इस कपड़े को। मेरा फिर से तुम्हे प्यार करने का मन हो रहा है।"
"देखो हरिया। सुबह ही गई है। अभी नहीं। रात को आऊंगी मैं तुम दोनों के पास।"
हरिया सुनने के मूड में न था और एक ही झटके में सुप्रिया के साड़ी को खींच सुप्रिया का हाथ पकड़ कमरे में ले गया और फिर करीब एक घंटे तक संभोग किया। हरिया के प्रेम प्रकरण हो जाने के बाद सुप्रिया अपने घर गई। वहां घर के बाहर जग्गा था। जग्गा सुप्रिया को देख बोला "अंतू और हरिया को अपने जिस्म सौंप कर आ गई ?"
सुप्रिया कुछ न बोली और आगे बढ़ी। जग्गा ने सुप्रिया का हाथ पकड़ उसे रोक दिया और कहा "सुप्रिया मैं बात कर रहा हूं।"
सुप्रिया बोली "माफ करना। उस रात में मैं बहक गई।"
जग्गा गुस्से से बोला "तुम तो ऐसे बोल रही हो जैसे कोई गुनाह कर दिया। चुप हो जाओ। बंद करो ये रोना। तुम्हे तो मैने गलत भी नहीं कहा।"
सुप्रिया कुछ न बोली। जग्गा बोला "सुप्रिया तुम्हे जो ठीक लगे वो करो। लेकिन तुम कभी दुखी मत होना। मैं तुम्हे दुखी नहीं देख सकता।"
सुप्रिया थोड़ा सा मुस्कुराहट लेकर जग्गा के गले लगी और बोली "आप बहुत अच्छे है।"
जग्गा की आंखों में थोड़ी सी नमी देख सुप्रिया पूछी "क्या हुआ जग्गा ?"
"कुछ नहीं।" इतना कहकर जग्गा वहां से चल गया। सुप्रिया भी खामोश थी।
जग्गा को इस तरह खामोश पहले कभी सुप्रिया ने नहीं देखा था। सुप्रिया को देख अनुप्रिया समझ गई कि कल रात सुप्रिया उन दोनों के साथ प्यारभरी रात गुजारी। वो कुछ न बोली और बस शरारती मुस्कान लिए चल दी। सभी को पता चल गया था कि सुप्रिया ने रात को क्या किया। लेकिन जग्गा सिर्फ बाहर से अपनी हां को दिखा रहा था लेकिन अंदर से वो दुखी था। वो सुप्रिया को पाना चाहता था लेकिन सुप्रिया कि खुशी की वजह से चुप है। सुप्रिया से वो शादी करना चाहता था।
सुप्रिया खुद को तैयार करके कुछ देर के लिए कौशिक के पास चली गई। अनुप्रिया इतनी ठंडी में नहाने के लिए नदी के पास चली गई। सफेद साड़ी को बदन से अलग करते हुए अनुप्रिया अपने दूध से गोरे शरीर को पानी में डालकर नहाने लगी। अनुप्रिया को पता नहीं था कि वो अकेली नहीं है। उसे आस पास माली है। बूढ़ा माली पत्तों में छिपकर अनुप्रिया को देख रहा था। कई दिनों से वो अनुप्रिया के पीछे पड़ा था। माली अनुप्रिया के अर्ध नग्न शरीर को देख तड़प रहा था और इस तड़प के मीठे दर्द को खराब करने का काम एक कुत्ते ने किया। कुत्ता माली के पास आया और भौंकने लगा। कुत्ते के भौंकने से माली घबराया और उठकर खड़ा हो गया। अनुप्रिया ने देखा कि माली हाथ में पत्थर लिए कुत्ते को भगा रहा था। अनुप्रिया समझ गई कि वो उसे छुपकर देख रहा था। कुत्ता भाग तो गया लेकिन माली की चोरी पकड़ी गई। अनुप्रिया जैसे चौक गई। कुत्ते को भागकर माली अनुप्रिया की तरफ देखा। अपने बदन को ढकते हुए अनुप्रिया चिल्लाई "आप यहां क्या कर रहे है ? जाओ यहां से।"
माली मुस्कुराते हुए बोला "अब इतनी सुबह तुम्हे देखने के लिए आया हूं। लेकिन ये कुत्ता बीच में आ गया। "
"शर्म नहीं आती ? बूढ़े होकर ऐसी ओछी हरकत करते हो।"
"अब क्या बूढ़ा क्या जवान। हुस्न के आगे सभी पिघल जाते है।"
"बेशर्म बूढ़े।" इतना कहकर अनुप्रिया बाहर निकली। ब्लाउज पेटीकोट में वो बाहर निकली।
"अब भागकर क्या फायदा ? मुझे जो देखना था वो मैने देख लिया। अब मुझसे क्या पर्दा।
अनुप्रिया शर्मा गई। शर्म से गाल लाल अनुप्रिया थोड़ी सी मुस्कुरा दी। उसकी ये मुस्कान माली देख गया।
अनुप्रिया जा रही थी कि माली ने पीछे से पकड़ लिया। अनुप्रिया का दिल धड़कने लगा। माली हल्के से अनुप्रिया को अपनी ओर खींचा और पीछे से उसके लिपट गया। माली की गरम सांसें अनुप्रिया के भीगे बदन को छू रहा था। अनुप्रिया के ठंडे बदन को माली अपने गरम सासों से सेक रहा था। ठंडी के इस सन्नाटे में दोनों खामोश थे। तभी अनुप्रिया कुछ देर बाद जोर से माली को धक्का दी। माली दूर हो गया अनुप्रिया से। अनुप्रिया भीगे ब्लाउज पेटीकोट में भागी लेकिन थोड़ी दूर में पता चला को उसने कपड़े बदले ही नहीं। पीछे मुड़ी तो देखा कि कपड़े माली लेकर खड़ा था।
"आओ मेरी रानी। कपड़े चाहिए तो ले जाओ।"
अनुप्रिया समझ गई कि अब वो गई काम से। शर्माते हुए बोली "मेरे कपड़े दे दो।"
माली हाथ आगे बढ़ाकर अनुप्रिया को कपड़े देने के लिए। अनुप्रिया माली के पास आई और कपड़े लेने के लिए हाथ आगे बढ़ाया। माली ने तुरंत अनुप्रिया को पकड़ लिया और कपड़े को जमीन पर रख दिया। अनुप्रिया को बाहों में भरकर माली उसे अपने साथ पानी में ले गया। दोनों के बदन पानी से भीगे थे और माली अनुप्रिया के बदन से सारे कपड़े उतरकर खुद भी नग्न अवस्था में आ गया।
"अनुप्रिया। तुम भी जानती हो और मैं भी जानता हूं कि यहां इस वीरान गांव में कोई नहीं रहता। अकेले जिंदगी गुजारने से अच्छा है उमर और रंग का भेद छोड़ दोनों एक दूसरे के हो जायें।"
"आखिर बात मनवा ही ली तुमने। लेकिन जग्गा का क्या ? वो भी तेरे पीछे पड़ा है।"
"तुम्हारी बहन तो है उसके लिए। अब जल्दी से तुम दोनों बहने हम दोनों को हो जाओ। ताकि हमारा परिवार आगे बढ़े।" अनुप्रिया के होठ पर होठ रखकर माली चूमने लगा।
अनुप्रिया पूछी "परिवार आगे बढ़े ?"
"और नहीं तो क्या। शादी के बाद हमारे बच्चों की मां बनकर हमारे खानदान को तुम दोनों बहने ही आगे बढ़ाएंगी।"
"वाह रे मेरे आशिक। अभी से ही बच्चे पैदा करने की बात कर रहे हो ?"
"तो फिर। दोनों जवान बहने इतनी खूबसूरत हो और हम तुम्हे अपने साथ रखकर शादी करेंगे और तुम्हारे पेट से मैं अपने बच्चे पैदा करवाऊंगा।" माली अनुप्रिया के पेट को चूमने लगा।
दोनों बदन पानी में भीगकर खुद के प्रेम अग्नि को ठंडा कर रहे थे लेकिन उनका ये प्रयास असफल रहा। आग बढ़ रही थी और इसका एक ही उपाय था और वो था संभोग।
अनुप्रिया का हाथ पकड़ माली पास में एक झोपडी के अंदर ले गया। उस झोपडी में गाय का खाद्य सामान था। झोपडी में पड़ी खटिया पर अनुप्रिया को लिटाया और दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया।
"आप बहुत बदमाश है। आपको पता था कि इस चुंबन से मैं बहक जाऊंगी। मेरी जवानी को लूटने का ये कैसा बहना है।"
अपने बदन से सारे कपड़े उतार माली बोला "तुम्हारी जवानी का मजा अब से रोज लूटूँगा। अब भूल जाओ ये दूरी क्योंकि अब से हम एक ही घर और एक कमरे और एक ही बिस्तर पर रहेंगे।"
अनुप्रिया की योनि में अपना मुंह डालकर काम रस का आनंद लेने लगा माली। कामुकता से तड़प उठी अनुप्रिया की आवाजें जोर जोर से झोपडी में गूंजने लगी। अनुप्रिया के योनि का सेवन माली ने खूब मजे से किया। लेकिन अब वक्त आ गया था अनुप्रिया की जवानी पर अपने मुहर लगाने का। अनुप्रिया ने आजतक संभोग नहीं किया। हालांकि कई लड़कों के साथ चुम्बन जरूर किया लेकिन खुद को उनके साथ संभोग से दूर रखा। वो डरती थी कि वो लड़के उसके साथ धोखा न करे।
लेकिन माली का मामला अलग था। अनुप्रिया को यकीन था कि ये बूढ़ा उसका दीवाना है और तो और एक हो घर में दोनों रहते है। भरोसा भी था माली पर उसे तो आज वो संभोग करेगी और माली को पहला मर्द बनाएगी जो उसके यौवन में वृद्धि लाएगा उसकी वर्जिनिटी को भंग करके।
अनुप्रिया की योनि बहुत साफ और सुंदर थी। अनुप्रिया के होठ को चूमने लगा माली ताकि लिंग डालते वक्त दर्द से अनुप्रिया छटपटाए नहीं। अपने काले और सुडौल लिंग को कोमल सी योनि में डालने की शुरुवात की। अनुप्रिया दर्द से कांपने लगी और चिल्लाने लगी।
"नहीं। छोड़ो मुझे। मर जाऊंगी aaaaahhhhh"
अनुप्रिया को कसके नहीं के भरकर माली बोला "बस कुछ देर और फिर तुम मेरी हो जाओगी। घबराओ मत। आगे चलकर तुम्हे इससे आनंद ही आनंद मिलेगा।"
दर्द से छटपटा रही अनुप्रिया की योनि से रक्त बहने लगा। अनुप्रिया दर्द के कारण रोने लगी। इतना चिल्ला रही थी कि आवाज दूर दूर तक गूंज रही थी। लेकिन माली अपने संभोग में व्यस्त था। धीरे धीरे दर्द कम होने लगा और अनुप्रिया की जान में जान आने लगी। फिर वो दर्द जैसे आनंद में बदलने लगा।
"Hmmm माली जरा और तेज।"
"क्यों मेरी रानी अब अच्छा लग रहा है न ?"
"हां लेकिन दर्द से तो अआह मेरी जान जा रही थी।"
दोनों एक दूसरे को आंखों में आंखे डालकर देखने लगे। माली जोर जोर से धक्का दे रहा था। खटिया पूरी हिलने लगी। माली ने योनि में अपना वीर्य डाल दिया। दोनों पसीने से भीगे थके हुए एक दूसरे से लिपटकर सो गए। माली पूरी तरह से अनुप्रिया के ऊपर लेटा था और उसका चेहरा अनुप्रिया के स्तन के बीचों बीच था। अनुप्रिया ने कसकर माली को बाहों में भरा हुआ था।
यहां दोनों अपने प्रेमवासना में डूबे थे तो दूसरी तरफ पूरा घर दोनों के ना होने परसोच में पड़ा था। सुप्रिया ढूंढते ढूंढते जग्गा के साथ नदी के पास पहुंची। वहां देखा तो अनुप्रिया के कपड़े थे। देखते देखते दोनों की नजर झोपडी पर पड़ी। दोनों झोपडी के पास पहुंचे और एक खिड़की जो थोड़ी खुली थी। वहां से दोनों ने दो प्रेमियों को निर्वस्त्र हालत में देखा। सुप्रिया और जग्गा दोनों मुस्कुरा कर एक दूसरे कूड़ेखने लगे और चल दिए।
"देखा जग्गा तो यह थे दोनों। तुम्हारे भाई ने मेरी कोमल सी बहन को प्यार में ला दिया। बेचारी वो तो गई काम से। आशिकी का सैलाब उसे अपने साथ ले लिया।"
जग्गा हंसते हुए कहा "मेरे भाई की गलती नहीं। तुम्हारी बहन की भी है। ऐसी जवान और खूबसूरत लड़की अगरसमने हो तो उसे कौन न पाने की कोशिश करे ?"
"देखो जाग अब दोनों हो गए एक दूसरे के प्यार में गिरफ्तार। अब सोचो कि इन दोनों प्रेमी को एक दूसरे का कैदी कैसे बनाए ?"
"अब जो वो दोनों चाहे।" जग्गा मुंह लटकाकर आगे बढ़ा।
सुप्रिया से रहा नहीं गया और जग्गा का हाथ पकड़कर उसे रोकते हुए कहा "ये क्या हो गया तुम्हे ? सुबह से तुम्हे उदास देख रही हूं। कुछ बोलो भी।"
जग्गा से रहा नहीं गया और उसने अपनी बात बता दी। उसने बताया कि वो सुप्रिया को अपनी पत्नी बनाना चाहता है। वो उसे दूर के साथ नहीं देख सकता। सुप्रिया और जग्गा में बहुत बातचीत हुई और आखिर में सुप्रिया मान गई कि वो जग्गा के पास रहेगी। जग्गा ने कहा कि वो सुप्रिया को न ही सिर्फ पत्नी परन्तु अपने बच्चों की मां भी बनाना चाहता है ताकि उसका भी परिवार हो।
सुप्रिया ने वक्त गवाए बिना अंतू और हरिया के पास चली गई और अपने दिल को बात बताई। दोनों बूढ़े बहस करने लगे लेकिन आखिर में दिल पर पत्थर रखकर सुप्रिया को आजाद कर दिया। सुप्रिया ने दोनों को गले से लगाया और चली गई अपने जग्गा के पास। दोनों बूढ़े4फिर से दुखी हुए लेकिन सुप्रिया के साथ बिताए रात को याद करके दोनों पहले से खुश थे।
झोपडी में दोनों प्रेमी नींद से उठे। नींद से उठते ही अनुप्रिया ने माली को धक्का दिया और घबराकर कपड़े ढूंढने लगी।
"Umm क्या हुआ ?" माली ने पूछा।
"उठो। ये हमने क्या कर दिया ? दोपहर हो गई और हम दोनों अभी भी घर नहीं पहुंचे। लोगों को शक हो जाएगा। चलो जल्दी घर चलो।"
दोनों फटाफट घर पहुंचे। घर पहुंचते ही दोनों के सामने सुप्रिया और जग्गा थे। दोनों नए प्रेमी की खबर जो लेनी थी।
हड़बड़ाते हुए अनुप्रिया बोली " दीदी। माफ करना देर हो गई वो क्या है न वो मैं देर से आई हूं।"
सुप्रिया पूछ "क्यों देर लगी तुम्हे ?"
अनुप्रिया बोली " वो...... वो ....... वो माली बताएगा ।"
माली घबराकर बोला "क्या ? मतलब मै..... मैं ......"
जग्गा बोला "अब बस भी करो। सच बता भी दो। दोनों प्रेमियों।"
सुप्रिया अनुप्रिया के कान को कसकर पकड़ते हुए बोली "अगर तुम्हे जग्गा से प्यार था तो पहले बोल देती।"
"Aaahhh दीदी ये सब कैसे हुआ पता न चला।"
"तो अब हमें पता चल गया। तो बताओ सुप्रिया दोनों का क्या किया जाए ?" जग्गा ने पूछा।
"अब तो दोनों की शादी करवा देनी चाहिए।"
अनुप्रिया शर्मा गई और बोली "आप भी न दीदी।"
जग्गा पूछा "लेकिन कब ?"
"इनकी शादी हमारे साथ होगी। हम दोनों भी उसी शादी करेंगे।"
अनुप्रिया पूछा "क्या दीदी ? आप भी शादी करोगी। मतलब जग्गा जी के साथ ?"
"हां। अब हम एक दूसरे के होना चाहते है।" सुप्रिया ने कहा।
माली खुश होकर जग्गा को गले लगाकर बोला "वह भाई हमारी शादी होनेवाली है।"
जग्गा बोला "बिल्कुल सही। अनुप्रिया अब तुम्हारी जिम्मेदारी है मेरे भाई को खुश रखने की। अब जल्दी से एक बच्चे की किलकारी ला दो और मेरे भाई को बाप बनाने का सुख दो।"
माली भी बोला "लेकिन भैया ये बात भाभी सुप्रिया पर भी लागू होती है। जल्दी से भाभी आप भी बच्चा ल दो ताकि हमारा घर लोगो से भर जाए। इस वीराने गांव में हमारा बड़ा सा परिवार हो।"
सभी लोग जोर जोर से हंसने लगे।
जग्गा बोला "अरे सुनो सभी लोग। मैं बहुत जल्द दो और सदस्य को लाने वाला हूं।"
"कौन भाई ?"
"अपने गांव में लल्लन हमारा दोस्त जो था उनकी एक बेटी और भतीजी यहां हमेशा के लिए आ रही है। लल्लन से मरने के बाद अब वो हमारे साथ ही रहेंगी।"
तो दोस्तो वैसे आपको दो नए किरदार के बारे में बता दूं। ये दो चचेरी बहन है। एक का नाम कीर्ति जिसकी उम्र 22 साल है और दूसरी सुकीर्ति जिसकी उम्र 21 साल है। दोनों बहुत ज्यादा खूबसूरत है। यह दोनों बहन अंतू और हरिया की होनेवाली प्रेमिका हैं। लल्लन के मारने के बाद घर जमीन बेचकर दोनों चचेरी बहन इस वीरान गांव में आएंगी। रही बात उनके पैसे को तो वो उनके पास रहेगा। सुप्रिया ने दोनों बहनों की नौकरी कॉलेज में करवा ली।
अगले हफ्ते दोनों बहने आ गई और दोनों परिवार में खूब गुलमिल गई। सुप्रिया ने दोनों बहनों को दोनों बूढ़े भाई के हवाले करने का सोचा ताकि अंतू और हरिया भी जिंदगी में खुश रहे। अगले महीने सुप्रिया की जग्गा से और अनुप्रिया की माली से शादी हो गई। शादी के अगले महीने दोनों बहन गर्भवती हो गई। तो अब कुछ दिनों के लिए कहानी कीर्ति सुकीर्ति के इर्द गिर्द रहेगी।
गांव में अब कुल मिलकर 9 लोग रहते है। अगले साल 2 और सदस्य आ जाएंगे।