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"खून का असर" (copied)
#13
तभी बिरजू ने सुधिया काकी की चूत पर मूह लगा दिया और राजू उसके मोटे मोटे दूध पीने लगा, उनकी इस जोरदार चटाई से सुधिया काकी की गंद धीरे धीरे उपर की ओर कूदने लगी थी, तब बिरजू ने राजू को इशारा किया तो राजू ने धीरे से सुधिया काकी के मूह से बँधा कपड़ा हटा दिया तब सुधिया काकी आह आह मदर्चोदो ये क्या किया तुम दोनो ने बहन्चोद ज़ोर से चाट कुत्ते, और ज़ोर से चाट और सुधिया काकी दूसरी बार झाड़ चुकी थी उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी उसके गाल लाल टमाटर की तरह हो गये थे और राजू उसके रसीले होंठो को चूसने लगा और साथ ही उसके मोटे मोटे दूध दबाता हुआ बिरजू काकी के दूध अपनी मा से कम नही है बहन्चोद की गंद भी तो हमारी मा की तरह ही गदराई हुई है क्यो काकी हम सही कह रहे है ना, सुधिया काकी आह आह ओह ओह हाँ बेटा तुम ठीक कह रहे हो पर अब मत तड़पाव और अपनी काकी को चोद दो बेटा चोद दो, बिरजू अरे काकी सब्र करो अभी तो हमने चूत चाटना चालू ही किया है, अभी अपना रस हमे पिलाती रहो जब तक की हमारा पेट ना भर जाए, फिर दोनो भाइयो ने सुधिया की दोनो टाँगो को खोल दिया और बिरजू ने सुधिया काकी की जाँघो को उसके कंधो तक मोड़ कर सुधिया काकी की फूली बुर का रस खूब कस कस कर दबोचते हुए पीते रहे, करीब 10 मिनिट के बार सुधिया काकी तीसरी बार झाड़ चुकी थी और वह ओह ओह आह आह की आवाज़ निकालने लगी और ज़ोर से अरे मदर्चोदो अब मुझे चोद भी दो,

तभी बिरजू ने सुधिया काकी के बदन से घाघरा और चोली को

पूरी तरह अलग कर दिया अभी भी सुधिया काकी के हाथ खाट के

सिरहाने पर बँधे थे उसकी नंगी मदमस्त जवानी देख कर

दोनो भाई का हाल बहाल हो गया और दोनो ने अपनी जीभ से

काकी के एक एक अंग को चूसना चाटना शुरू कर दिया

और सुधिया काकी आह आह ओह ओह आह आह ओह मा मर जाउन्गि और

ज़ोर से चट को चूस मेरे राजा और ज़ोर से ये सुधिया काकी कितने

बरसो से लंड खाने को तरस रही है तुम दोनो के मोटे लंड

को बेटा अब मेरी चूत मे डाल दो नही तो मैं मर जाउन्गि, अब देर

ना करो बेटा आह आह तभी बिरजू ने सुधिया काकी की गंद के

मोटे छेद मे अपनी दो उंगलिया अपने थूक से गीला करके

घुसेड दिया सुधिया काकी की गंद का छेद एक दम भूरे रंग

का और काफ़ी कसा हुआ लग रहा था और बिरजू की उंगलिया बहुत

टाइट घुस रही थी, सुधिया काकी को मज़ा भी आ रहा था और

दर्द भी हो रहा था लेकिन राजू और बिरजू उसकी गंद मारने के

मूड मे दिख रहे थे तभी बिरजू ने अपना काला लंड सुधिया

काकी की गंद मे लगाकर एक झटका मारा तो सुधिया काकी चीख

पड़ी ओह ओह एयाया..आआआआ...आआ राजू ने बैठे बैठे ही

अप्नी दो उंगलिया सुधिया काकी की चूत मे घुसेड दी तभी बिरजू

ने दूसरा झटका मारा और सुधिया काकी की गंद फॅट गई और

सुधिया काकी की आँखे उपर की ओर उलट गई तभी राजू ने

सुधिया काकी के मोटे मोटे दूध को कस कस कर दबोचना

शुरू कर दिया इधर बिरजू अपने लंड को सुधिया काकी की मोटी

गंद मे ज़ोर लगा कर अपना लंड पेल रहा था और सुधिया काकी

दर्द के तड़प रही थी सुधिया काकी की गंद का छेद इतना टाइट

था कि वह बिरजू के लंड को बिल्कुल अपनी जाकड़ मे जकड़े हुए

था और बहुत मुश्किल से आगे पीछे हो रहा था इतनी कसी

हुई गंद मार मार कर बिरजू ने अपना रस सुधिया काकी की गंद

मे छ्चोड़ दिया और जब लंड बाहर निकाला तो सुधिया काकी की

गंद उसके माल से भर गई थी तभी राजू ने सुधिया काकी के

दूध दबोचते हुए एक कस कर धक्का सुधिया काकी की गंद

मे मारा तो उसका लंड फिसलता हुआ सीधे सुधिया काकी की मोटी

गंद को चीरता हुआ पूरा एक ही बार मे अंदर तक फिट हो गया

और सुधिया काकी ओह ओह आ आ करके अपने पाँव उठा उठा कर

पटकने लगी मदर्चोद मार डालेगा क्या धीर चोद कुत्ते इतनी

बेरहमी से अपनी मा की गंद मारना हरामी उसकी गंद तो मेरी

गंद से बहुत मोटी है कामीने धीरे चोद रे हरामी, राजू को

उसे दर्द से तड़प्ता देख कर मज़ा आगेया और वह सतसट

लंड सुधिया काकी की कसी हुई गंद मे ठोक ठोक कर सुधिया

काकी की गंद मारने लगा इधर बिरजू सुधिया काकी की चूत को

फैला फैला कर अप्नी चार चार उंगलियाँ उसकी चूत मे पेलने

लगा सुधिया काकी की चूत मूतने लगी और फिर एक तगड़े झटके

के साथ ही राजू का पानी भी सुधिया काकी की गंद मे भर गया

तब तक बिरजू का काला लंड फिर खड़ा हो गया और राजू के लंड

निकालते ही बिरजू ने फिर अपना लंड सुधिया काकी की गंद मे पेल

दिया और फिर उसकी गंद की ठुकाई चालू करदी, इस बार बिरजू ने

करीब आधे घंटे तक सुधिया काकी की गंद मारी उसके बाद जब

बिरजू ने अपना लंड निकाला तो राजू फिर अपना लंड लेकर खड़ा हो

गया तब बिरजू ने कहा और चोदेगा क्या तब राजू ने कहा कि यार

तू दो बार गंद मार चुका है मैने तो अभी एक ही बार मारी है

अब मेरी बारी है, सुधिया काकी उन दोनो की बाते सुन कर घबरा

गई और उनसे विनती करने लगी नही बेटा अब नही मुझे बहुत

दर्द हो रहा है राजू मदर्चोद बहुत मा चुदति है तुझे

मालूम नही हम तेरी मोटी गंद के कब से दीवाने है आज जी

भर कर तेरी गंद कूट कूट कर लाल कर देंगे और फिर राजू ने

भी लगभग आधे घंटे तक सुधिया काकी की गंद को कस कर

ठोका, दोनो भाई सुधिया काकी की गंद ठोक ठोक कर मस्त हो

चुके थे, सुधिया काकी अपनी गंद मरवा मरवा कर पस्त हो

चुकी थी तभी बिरजू ने कहा काकी एक राउंड और हो जाए तब

शुधिया काकी नही बेटा अब मुझे छ्चोड़ दो नही तो मैं मर

जाउन्गि, तब बिरजू काकी हम तुझे एक ही शर्त पर छ्चोड़ सकते

है अगर तू हमे रोज अपनी चूत और गंद मारने देगी नही तो

समझ ले कि हम आज तेरी गंद को पूरी फाड़ डालेंगे और तू

घर जाने लायक नही बचेगी, सुधिया हाँ बेटा मैं वादा करती

हू तुम जब चाहोगे मैं तुमसे अपनी चूत और गंद मर्वौन्गि

लेकिन अभी मुझे छ्चोड़ दो बेटा मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हू,

तब राजू चल काकी तू कहती है तो तुझे छ्चोड़ देते है पर अब

हमे तुझ पर दया आ रही है और अब हम तुझे थोड़ा आराम

पहुचाना चाहते है और फिर राजू एक बाल्टी मे पानी लेकर

आया और फिर दोनो भाइयो ने सुधिया काकी की गंद को पानी डाल

डाल कर हल्के हाथो से रगड़ते हुए उसे धोना शुरू कर

दिया वह दोनो थोड़ा थोड़ा पानी डाल डाल कर बड़े प्यार से

सुधिया कई की गंद और चूत पर ठंडा ठंडा पानी डाल रहे

थे जिससे सुधिया काकी की चूत से गरम गरम पानी बहने लगा

और सुधिया काकी ने अपनी दोनो जाँघो को अच्छे से फैला दिया

तब बिरजू ने सुधिया काकी की चूत को चाटना शुरू कर दिया और

सुधिया काकी सीसीयाने लगी 10 मिनिट तक बिरजू ने सुधिया काकी

की चूत चाती उसके बाद राजू ने भी सुधिया काकी की चूत को

चटा फिर दोनो भाइयो ने सुधिया काकी की चूत को इतने प्यार से

चोदा कि सुधिया काकी मस्त हो गई और उसकी चूत ने बहुत दिन

बाद इतने तगड़े और मोटे लंड का स्वाद चख कर उसकी आत्मा

तृप्त हो गई, फिर दोनो ने सुधिया काकी के हाथ खोल दिए लेकिन

सुधिया काकी नंगी ही खाट पर पड़ी रही उसके शरीर मे उठने

की शक्ति नही बची थी, राजू और बिरजू अपने कपड़े पहनकर

लूँगी लगाकर सुधिया काकी के पास आए और उसके गालो को

चूमते हुए काकी तेरी चूत और गंद ने आज हमे अपना गुलाम

बना लिया है इतनी कसी गंद आज तक हमने कभी नही मारी

उनकी बाते सुन कर सुधिया काकी हल्के से मुस्कुरा दी और फिर

दोनो भाइयो ने सुधिया काकी को हाथ पकड़कर उठा दिया, फिर

धीरे धीरे सुधिया काकी ने अपने कपड़े पहने और राजू और

बिरजू को कहा तुम दोनो अब यहा से जाओ नही तो कोई देख लेगा

मैं थोड़ी देर बाद आती हू, और दोनो भाई खेत से अपने घर की

ओर चल दिए
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RE: "खून का असर" (copied) - by abhi_mastlaunda - 17-12-2024, 10:06 PM



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