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"खून का असर" (copied)
#12
पूरी ताक़त लगा कर अपने बंधन छुड़ाने की कोशिश करने लगी लेकिन असफल रही तभी बिरजू ने एक झटके मे सुधिया काकी का घाघरा उसके पेट तक चढ़ा दिया और सुधिया काकी पाँव से लेकर पेट तक पूरी नंगी उनके सामने थी सुधिया काकी शायद अपने झांत के बाल बना लेती थी इसी लिए उसकी चूत लाफ़ी फूली और चिकनी नज़र आ रही थी दोनो भाई सुधिया काकी की चिकनी चूत देख कर पागल हो गये राजू तुरंत सुधिया काकी की चूत से भिड़ गया और उसको अपने हाथो से फैला कर चाटने लगा, तभी बिरजू ने सुधिया काकी की चोली को खोल दिया और सुधिया काकी के मोटे मोटे पपीते उसके सामने थे और वह उन दोनो पपितो को कस कस कर दबाते हुए उनके मोटे मोटे निप्पल को अपने मूह मे भर कर चूसने लगा, सुधिया काकी अपनी चूत और दूध की ऐसी चुसाइ से एक दम सनसना चुकी थी और उसकी बुर ने ना चाहते हुए भी पानी छ्चोड़ना शुरू कर दिया दोनो भाई जानते थे कि इस कुतिया को जब तक 4-5 बार नही झाड़ा दिया यह कभी भी मा चुदवा सकती थी इसलिए दोनो भाइयो ने सुधिया काकी की रसीली चूत और दूध को लगातार चूस्ते रहे और सुधिया काकी शुरू शुरू मे तो काफ़ी ताक़त अपने हाथ पाँव को छुड़ाने मे लगा रही थी लेकिन लगभग आधे घंटे की चूत और दूध चुसाइ के बाद उसके हाथ पाव ढीले पड़ गये और वह अब चुपचाप पड़ी अपनी चूत और दूध चूसा रही थी और उसका चेहरा बिल्कुल लाल हो चुका था अब जैसे जैसे दोनो भाई चूस्ते जा रहे थे वैसे वैसे सुधिया काकी की सिसकिया महसूस होने लगी थी
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RE: "खून का असर" (copied) - by abhi_mastlaunda - 17-12-2024, 10:04 PM



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