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"खून का असर" (copied)
#11
अंदर जाकर रमेश शीला को बाँहो मे भर लेता है, इधर यार राजू हमारी बहन की मोटी गंद कितनी मस्त है यार मेरा तो पूरा लंड उसकी गंद फाड़ने के लिए मरा जा रहा है, बिरजू यार 4 महीने मे ही चुदवा चुदवा कर कैसी मस्त हो गई है साली इसको एक बार पूरी नंगी देखने का मन हो रहा है, तभी यार कही हमारा जीजा अंदर जाकर हमारी बहन को चोद तो नही रहा है चल अंदर झाँक कर देखते है और दोनो दरवाजे के पास की दरार से अंदर देखने लगते है, और उनका अंदाज़ा सही होता है उसका जीजा उनकी बहन की चोली खोल कर उसके मोटे मोटे चुचे को पकड़ कर दोनो हाथो से कस कस कर मसल रहा था दोनो भाई अपनी बहन की गदराई चुचि देख कर अपना लंड सहलाने लगे तभी रमेश ने शीला के घाघरे का नाडा खोल कर उसे नीचे गिरा दिया और शीला पूरी नंगी हो गई अपनी बहन की फूली हुई चूत और गदराई गंद देखकर दोनो भाई के होश उड़ गये उन्हे यकीन नही हो रहा था कि उनकी बहन घाघरे चोली के अंदर इतनी गदराई और गोरी है दोनो भाई उसकी मस्त बुर और गंद को सूंघने और चाटने के लिए तड़पने लगे

तभी रमेश ने शीला की दोनो टाँगो को फैलाकर उसकी फूली हुई बुर को चाटना शुरू कर दिया और शीला तड़पने लगी इधर दोनो भाई अपने अपने लंड को मसल मसल कर अपनी बहन की नंगी जवानी का लुफ्त उठा रहे थे तभी रमेश ने अपना लंड निकाल कर शीला की चूत मे डाल दिया और शीला आह आह कर के सीसीयाने लगी रमेश तेज तेज उसकी चूत मे धक्के मार रहा था और एक तेज झटके के साथ रमेश का लावा शीला की चूत मे फुट पड़ा रमेश ज़्यादा नशे मे होने के कारण ज़्यादा लंबी पारी खेल नही सका और शीला तड़पति रह गई और फिर रमेश सो गया, अब दोनो भाई अपनी अपनी जगह पर आकर बैठ गये और दोनो ने फिर शराब का गिलास उठाकर पीना शुरू कर दिया उनका लंड अपनी बहन को नंगी देख कर तना हुआ था, और दोनो मन ही मन सोच रहे थे कि चूत हमे क्यो नही मिल पा रही है तभी राजू ने कहा यार बिरजू मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया है बिरजू वह क्या राजू यार अभी शीला काफ़ी गरम है और हमारा जीजा उसे लगता है प्यासी ही छ्चोड़ कर झाड़ गया है यह बड़ा ही अच्छा मोका है अपनी बहन को चोदने का, वह अभी बाते कर ही रहे थे कि अचानक शीला के कमरे का दरवाजा खुला और वह बाहर आ गई,

आज शायद दोनो भाइयो की किस्मत भी उन पर मेहरबान थी, शीला अपना घाघरा चोली पहन चुकी थी और वह अपने भाइयो जो कि चटाई बिच्छा कर शराब पी रहे थे, अरे भैया अभी तक सोए नही और कब तक पीओगे, और शीला उनके पास आकर बैठ गई, राजू अरे शीला नींद ही नही आ रही थी और फिर अभी भी काफ़ी दारू बची है सो हमने सोचा इसे ख़तम करके ही सोते है, पर तू क्यो नही सोई अभी तक और जीजा जी सो गये क्या, शीला हाँ भैया वो तो कब के सो गये है, तभी अचानक शीला की नज़र दोनो की लूँगी मे बने तंबू पर पड़ी तो उसके रोंगटे खड़े हो गये क्यो कि दोनो के लंड अपनी बहन को देख कर ऐसे खड़े हो गये थे जैसे अभी उसकी चूत मे घुस जाना चाहते हो शीला पहले से ही गरम थी और अपने भाइयो का मोटे लंड के एहसास ने उसकी चूत को फिर से पानी पानी कर दिया था, तभी बिरजू ने घाघरे के उपर से अपनी बहन की गदराई जाँघ पर हाथ फेरते हुए, शीला तू खुस तो है ना यहाँ, शीला हाँ भैया मैं खुस हू लेकिन मुझे आप दोनो की याद बहुत सताती है, और मुझे अपने बचपन के दिन बहुत याद आते है जब आप दोनो मुझे अपनी गोद मे बैठा कर प्यार किया करते थे, बिरजू ने अपनी बहन की नंगी कमर मे हाथ डाल कर अपनी और खिचते हुए अरे पगली तू फिकर क्यो करती है और तू जब भी अपने दोनो भाइयो को याद करेगी तेरे भाई तुझसे मिलने चले आया करेंगे, शीला ओह भैया कहते हुए अपने भाई के गले लग गई, तब बिरजू ने उसे अपनी ओर खींच कर उसके मोटे-मोटे दूध को अपनी छाती से कस कर दबा दिया और शीला के मूह से एक हल्की सी आह निकल गई, तब बिरजू ने चुपके से राजू की ओर आँख मार दी तब राजू ने अपनी बहन शीला के मोटे चूतादो को अपनी और दबोचते हुए उससे कहा मेरी प्यारी बहना जितना तुम हमे याद करती हो ना उससे कही ज़्यादा हम तुम्हे याद कर कर के मतलब तुम्हे याद करते थे
शीला दोनो भाइयो के बीच मे बैठी थी और राजू ने शीला की पीठ पर हाथ फेर कर उसे सहला रहा था और बिरजू आगे से शीला की मोटी जाँघो पर हाथ रख कर उसे अपने गले से लगाए हुए था, तभी शीला ने देखा कि बिरजू का लंड इतना कड़ा था कि उसके लंड वाली जगह से उसकी लूँगी हिल रही थी वह समझ गई कि उसके भाई का लंड झटके मार रहा है, तभी शीला भैया आप नही जानते मैं आप दोनो भाइयो की गोद मे बैठने के लिए कितना तरसती हू, तभी बिरजू ने शीला को अपने उपर खिचते हुए उसे अपनी गोद मे बैठा लिया और अचानक उसके खिचने से शीला का हाथ लूँगी के उपर से अपने भाई के खड़े लंड पर पड़ गया और उसकी चूत फड़फड़ने लगी तभी बिरजू ने शीला को थोड़ा उठाकर अपना लंड उसकी गंद के नीचे अड्जस्ट करके उसे अपने लंड पर बैठा लिया उसका मोटा लंड शीला की गंद मे ज़ोर से चुभने लगा शीला की चूत पानी पानी हो गई और उसका घाघरा उसकी गंद के नीचे से पूरा गीला हो चुका था तभी राजू उसके और करीब आ गया और अपनी बहन के दोनो पैरो को अपनी जाँघो पर रख लिया अब शीला अपनी पीठ बिरजू के पेट से सताए उसके खड़े लंड पर बैठी थी और उसके दोनो पैर राजू की जाँघो के उपर रखे थे, बिरजू ने शीला के आगे हाथ लाकर उसकी मोटी चुचियो पर हल्के से रख कर उसे अपनी छाती से दबाते हुए कितनी बड़ी हो गई है हमरी प्यारी बहना ऐसा लगता है जैसे किसी जवान औरत को मैं अपनी गोद मे बैठा कर प्यार कर रहा हू, शीला हाँ भैया अब तुम्हारी बहन एक जवान औरत हो गई है, और अगर तुम्हारी बहन जवान हो गई है तो क्या उसे प्यार नही करोगे, बिरजू ने शीला के गालो पर अपने गाल रगड़ते हुए उसके जिस्म से उठती मादक गंध को सूंघते हुए अरे मेरी प्यारी बहना तू जवान क्या चार बच्चो की अम्मा भी बन जाएगी तब भी मैं तुझे ऐसे ही अपनी गोद मे चढ़ा कर रखूँगा और उसकी मोटी मोटी दोनो चुचियो को अपने दोनो हाथो मे भर कर हल्के हल्के बड़े प्यार से दबाने लगता है शीला ओह भैया अपनी बहन को खूब प्यार करो मैं तुम्हारे प्यार के लिए तरस रही हू, आह ओह भैया आप दोनो मुझे कितना प्यार करते है, मुझे हमेशा ऐसे ही प्यार करते रहना तभी शीला के एक पैर के पंजे के नीचे राजू का लंड जो लूँगी को उपर उठाए खड़ा था आ गया और शीला राजू का लंड अपने पैरो से दबा दबा कर महसूस करने लगी और राजू सिहर गया और उसने शीला को प्यार जताते हुए धीरे से उसका घाघरा उसकी जाँघो तक चढ़ा दिया राजू अपनी जवान बहन की गतीली गोरी गोरी मोटी जंघे देख कर अपने होश खोने लगा और उसकी गदराई मोटी जाँघो पर अपना हाथ फेरने लगा, अब शीला से बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था तो उसने कहा भैया आज हम यही पर आपके साथ लेट कर बाते करते है

तब दोनो भाइयो ने शीला को बीच मे लिटा दिया और आस पास दोनो भाई उसी चिपक कर लेट गये दोनो के लंड शीला की दोनो और से उसकी मोटी मोटी जाँघो पर चुभ रहे थे और शीला से अब नही रहा गया और उसने अपने एक एक हाथ से दोनो की लूँगी मे हाथ डाल कर दोनो के लंड को पकड़ लिया उनके मोटे तगड़े लंड का स्पर्श पाकर शीला पागल हो गई और अपने हाथो से कस कस कर अपने दोनो बड़े भाइयो के लंड को दबोच दबोच कर दबाने लगी इधर शीला की इस हरकत से राजू और बिरजू ने झट से अपनी बहन की एक एक चुचि को अपने हाथो मे कस लिया और जितना तेज शीला उनका लंड मसल्ति उतना ही तेज दोनो भाई अपनी बहन की चुचि को मसल्ने लगे, और फिर उन दोनो ने अपनी बहन की चोली को खोल कर अलग कर दिया और उसको कसी हुई मोटी मोटी चुचियो को कस कस कर दबाने लगे शीला हाय भैया हाय ये क्या कर दिया भैया मैं मर जाउन्गि और दबाओ ना रूको मत खूब कर कर दबाओ भैया सारा रस निकाल लो अपनी बहन की चुचियो का आह आह आह हाय सी सी अह्ह्ह्ह आहह हाँ भैया ऐसे ही और ज़ोर से मस्लो आ बहुत मज़ा आ रहा है ओह ओह आह आह ओ मेरे प्यारे भैया आह आह तभी राजू ने शीला के घाघरे का नाडा खोल दिया और उसे पूरी नगी कर दिया और दोनो भाई ने अपनी अपनी लूँगी खोल कर अलग कर दी शीला ओह बाप रे कितने बड़े लंड हैं भैया आप दोनो के और उनके लंड को मूह मे भर भर कर चूसने लगी दोनो भाइयो ने अपनी बहन की चुचि को कस कस कर दबाना शुरू कर दिया दोनो इतनी ज़ोर से अपनी बहन की चुचिया दबा रहे थे कि वह लाल पड़ चुकी थी फिर दोनो भाइयो ने उसकी एक एक चुचि को अपने मूह मे भर कर पीना शुरू कर दिया शीला आह आह ओह भैया आ आ और चूसो और चूसो अपनी बहन की चुचियो को खा जाओ पूरी आह आह ओ भीया मैं मर जाउन्गि, ओह ओह कितना प्यारा लंड है आपका मैने ऐसा लंड कभी नही चूसा ओह ओह और खूब कस कस कर शीला अपने भाइयो का लंड पी रही थी,
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RE: "खून का असर" (copied) - by abhi_mastlaunda - 17-12-2024, 10:03 PM



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