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"खून का असर" (copied)
#10
यार बिरजू तूने देखा फिल्म मे विलेन ने कैसे हेरोइन को चोदा बिरजू

हाँ यार कितना नखरा कर रही थी लेकिन विलेन ने क्या आइडिया लगाया और हेरोइन खुद अपनी चूत

मरवाने को तैयार हो गई, तभी राजू बोला यार बिरजू इस पिक्चर को देख कर मेरे दिमाग़ मे एक

आइडिया आया है, बिरजू वो भला क्या राजू यार अगर सुधिया काकी को हम इस तरह बंद कर उसकी

चूत चाते तो वह हमसे खुद चुदने को तैयार हो जाएगी, और यदि हम उससे ज़ोर ज़बरदस्ती

करेंगे तो वह पूरे गाँव मे हल्ला कर सकती है और हम मुसीबत मे आ सकते है, बिरजू भी

राजू की बात से सहमत हो गया और दोनो भाई अपनी योजना के लिए खुश हो गये, फिर दोनो

अपनी बहन शीला के घर की ओर चल दिए, जब वह घर पंहुचे तो एक घाघरा चोली पहने

औरत ने दरवाजा खोला तो दोनो भाई एक पल के लिए तो उसे पहचान नही पाए लेकिन तभी वह

औरत भैया कहते दोनो भाइयो से चिपक गई और उसकी कसी हुई मोटी मोटी चुचिया दोनो

भाई के सीने से दब गई, दोनो भाइयो के तो जैसे होश उड़ गये ऐसी मादक जनाना

खुश्बू की महक उन्हे पहली बार मिल रही थी और अपनी बहन के गदराए बदन से उठती

मादक गंध ने दोनो की नसो मे खून की रफ़्तार को एक दम बढ़ा दिया और उन्होने बिना

मोका गवाए अपनी बहन के चूतादो के पीछे हाथ ले जाकर दोनो भाइयो ने अपने एक एक

हाथ से उसके दोनो चूतादो को दबाते हुए अपनी और खीच कर ओह मेरी प्यारी बहना तू कितनी

बड़ी हो गई हम तो तुझे 4-5 महीने बाद ही देख रहे है लेकिन इन चार पाँच महीने मे तू

कितनी बदल गई कि तुझे देख कर एक पल के लिए तो हम पहचान ही नही पाए और उसके दोनो

और से अपना मूह लगा कर उसके गोरे गोरे गदराए गालो को दोनो भाई चूम लेते है, फिर

शीला दोनो का हाथ पकड़ एक अंदर लेकर आती है और उन्हे बैठा कर भैया आप दोनो

बैठो मैं आपके लिए पानी लेकर आती हू और अंदर की तरफ जाने लगती है दोनो भाइयो के लंड

बिल्कुल खड़े हो चुके थे लेकिन रही सही कसर शीला को अपनी मोटी गंद हिलाकर अंदर जाते

हुए देखते ही उनके लंड ने झटके मारना शुरू कर दिया

उसके अंदर जाते ही यार राजू शीला के

चूतड़ देख कितने गदरा गये है चार महीने पहले तो इतने गदराए नही थे और उसके

दूध देखे कैसे पपितो की तरह बड़े बड़े हो गये है और उसके जिस्म की गंध कितनी

मादक है जब इसके जिस्म की गंध इतनी मादक है तो इसकी चूत और मोटी गंद की गंध कितनी

मादक होगी, राजू अपना लंड मसलता हुआ अरे बिरजू मुझे लगता है ये जीजा जी का खूब कस कस

कर अपनी चूत मे लंड लेती होगी और अपनी गंद भी खूब मरवाती होगी तभी तो इतनी गदरा गई

है, हमे तो पता ही नही था क़ि हमारे घर का माल इतना तगड़ा होगा नही तो हम पहले ही इसकी

चूत और मोटी गंद मार मार के सूजा देते, बिरजू अरे तो अभी क्या बिगड़ा है अभी तो असली फूल

खिला है इसकी गदराई जवानी का रस तो अब भरा है इसके बदन मे, अब अगर हमे ये चोदने

को मिल जाए तो मज़ा आ जाएगा और दोनो भाई अपनी बहन की गदराई जवानी का रस लेने की

कल्पना करते हुए अपने मोटे काले लंड को मसल्ने लगे,

तभी उधर से शीला अपने हाथो मे पानी लेकर आई और मुस्कुराती हुई अपने दोनो भाइयो को

पानी पिलाया फिर धम से दोनो के बीच बैठ गई, अच्छा भैया मा कैसी है और गाँव मे

सब ठीक है ना, बिरजू शीला की मोटी चुचियो को देखता हुआ अरे मा ठीक है और गाँव मे भी

सब ठीक है पर हम देख रहे है तू कितनी बड़ी हो गई है, राजू भी शीला की मोटी जाँघो पर

अपना हाथ फेरता हुआ, शीला अब तो तू औरतो की तरह दिखने लगी है, शीला थोड़ा शरमाने के

बाद अरे भैया शादी के बाद लड़किया औरतो की तरह ही दिखने लगती है, राजू हाँ वही तो हम

देख रहे हैकि हमारी प्यारी बहन पूरी औरत बन चुकी है और शीला के गालो को अपने हाथो

से सहला देता है और दोनो भाई उसे अपनी बाँहो मे कस लेते है, तभी बिरजू अरे शीला जीजाजी

कहाँ है, शीला भैया वो तो काम पर गये है और रात को देर से ही आते है, चलो आप दोनो

हाथ पाँव धो लो मैं आप दोनो के लिए खाना बना देती हू, राजू अरे नही शीला हम गाँव से

खाना लाए थे तो हमने रास्ते मे खा लिया है अब हम जीजा जी के साथ रात को ही खाएगे, शीला

जैसी आप दोनो की मर्ज़ी, बिरजू अच्छा तू हमारे साथ गाँव चलेगी ना मा ने कहा था कि शीला

को भी साथ लेते आना बहुत दिन हो गये है, शीला वो तो ठीक है भैया लेकिन इनसे बोलना तो

पड़ेगा ना, बिरजू अरे शीला तू फिकर ना कर मैं जीजा जी से बात कर लूँगा और फिर दोनो भाई हाथ

पाँव धोने चले गये, जब वापस आए तो शीला बैठी बैठी सब्जिया काट रही थी और उसके

मोटे मोटे दूध बिल्कुल चोली फड़कर बाहर आने को बेताब दिख रहे थे, दोनो भाइयो की

कामुक निगाहे अपनी बहन के मोटे खरबूजो पर लगी हुई थी, लेकिन वह दोनो नही जानते थे कि

शीला अपने कमिने भाइयो की नज़रो को ताड़ चुकी थी और उसे भी कुछ कुछ मज़ा आने लगा
था, तब शीला खड़ी होकर चलो भैया मैं खाना बनाउन्गि आप दोनो रसोई मे ही मेरे पास

रहना और अपनी मोटी गंद मतकाते हुए चलने लगी दोनो भाई अपना अपना लंड मसल्ते हुए

अपनी बहन की मोटी गंद देखते हुए उसके पीछे चल दिए, किचन मे जाकर शीला खाना

बनाने लगी और दोनो भाई अपनी बहन से सॅट कर खड़े हो गये, तभी शीला ने देखा की

दोनो पागल भेड़िए की तरह उसकी मोटी मोटी चुचीयोको बिल्कुल खा जाने की नज़र से देख रहे

थे, तभी शीला ने अपनी चोली का एक बटन खोलते हुए भैया यहाँ बड़ी गर्मी लग रही है

आप चाहो तो बाहर चले जाओ मैं खाना बना कर आती हू, दोनो भाई नही नही तू आराम से

खाना बना हम यही खड़े है और अपनी बहन की चुचियो को प्यासी नज़रो से देखने लगे,

शीला ने हल्के से मुस्कुराते हुए अपनी बहन को इतने दिनो बाद देख रहो हो इसी लिए दूर जाने

का दिल नही कर रहा है आप दोनो का है ना,


राजू और बिरजू ने अपनी बहन के गालो को चूमते

हुए हमारी रानी बहना कितनी सयानी हो गई है, अब तो शायद तुझे हम याद ही नही आते

होंगे जीजा जी जो मिल गये है, शीला नही भैया जीजा जी तो बाद मे है पहले तो आप दोनो ही है

जिसे मैं प्यार करती हू और फिर आप की गोद मे तो दिन रात खेली हू फिर आप दोनो को कैसे भूल

जाउन्गि, बिरजू अरे शीला वो तो पहले की बात थी जब तेरी शादी नही हुई थी अब तो तू जीजा जी को पा गई है

अब तू क्या हमारी गोदी मे बैठेगी, और अपने मोटे लंड को हल्के से मसल्ने लगा, रश्मि

दोनो भाइयो की लूँगी मे उठे उनके लंड को देख कर सिहर गई और फिर अपनी चूत का पानी

अपने घाघरे से पोंछती हुई, नही भैया आज भी आप दोनो जब मुझे अपनी गोद मे आने को

कहोगे मैं अपने प्यारे भैया की गोद मे चढ़ कर बैठ जाउन्गि, फिर आप जितना चाहे अपनी

बहन से प्यार कर लेना , और मैं ये भी जानती हू कि आप अब मुझसे पहले से भी ज़्यादा प्यार

करने लगे है, और बिरजू के सीने से चिपक जाती है जिससे बिरजू का लूँगी के अंदर खड़ा लंड

शीला के घाघरे से धकि चूत पर सीधे टकराता है और शीला का उठा हुआ लहसुन का दाना

उसके लंड के टोपे से रगड़ खा जाता है, तभी राजू से सहन नही होता और वह शीला के

पीछे से उसकी गंद से सॅट जाता है जिससे उसका मोटा लंड सीधे अपनी बहन की गुदा से

टकरा जाता है और शीला अपनी चूत और गंद से सटे दो दो मोटे लंड की चुभन से सनसना

जाती है और जब दोनो भाई आगे पीछे से उसकी गंद और चूत पर ज़ोर लगा कर उसके शरीर को

अपने शरीर से चिपका लेते है ओह मेरी प्यारी बहना तू आज भी अपने भाइयो को कितना चाहती

है, और दोनो भाई अपनी बहन को भींच लेते है और शीला की चूत से पानी बहता हुआ उसकी

जाँघो पर रिसने लगता है, तभी कोई बाहर का दरवाजा खटखटाता है और तीनो अलग हो जाते

है और बाहर आ जाते है फिर शीला जाकर दरवाजा खोलती है तो उसका पति आ चुका था, दोनो

भाई अपने जीजा जी से मिलते है फिर तीनो लोग बैठ कर बाते करने लगते है और फिर बिरजू शीला

को कुछ दिनो के लिए अपने साथ गाँव ले जाने की बात कहता है तब शीला का पति रमेश कहता

है साले साहेब आज रात आप हमारे साथ ही रुकिये दारू सारू पीते है फिर सुबह सुबह हम

आप तीनो को गाँव की बस मे बैठा देंगे, तब राजू बिल्कुल ठीक जीजा जी वैसे भी आज हमारा

पहला मोका होगा आपके साथ बैठने का मज़ा आ जाएगा, और फिर रमेश शराब की बोतल

लेने चला जाता है, फिर तीनो जीजा सालो की बैठक जमती है और शराब का दोर शुरू हो जाता है

बीच बीच मे शीला नमकीन और चिप्स आदि लेकर उन्हे लाकर देती है, करीब रात को 12 बजे


तक तीनो दारू पीते है, फिर रमेश खूब नशे मे आ जाता है और वह अपनी लड़खड़ाती

आवाज़ मे अक्च्छा साले साहेब अब मैं तो सोने जा रहा हू आप लोग चलने दो, और रमेश अपने

रूम मे घुस जाता है,
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RE: "खून का असर" (copied) - by abhi_mastlaunda - 17-12-2024, 09:59 PM



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