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"खून का असर" (copied)
#7
फिर कमला ने अपने साथ लाई हुई रोटिया और साग निकालकर दोनो बेटो को दिया और खुद भी खाने लगी, खाना खाने

के बाद एक पेड़ की छाया के नीचे कमला लेट गई और दोनो बेटे उसके पैरो की ओर पेड़ से टिक

कर बैठ गये, कुछ देर पेड़ की छाँव मे लेटे लेटे कमला ने आँखे बंद करते हुए बेटा

मैं थोड़ा थक गई हू तो एक घंटा सो जाती हू तुम दोनो कही जाना नही, ठीक राजू बोला ठीक है

मा तुम सो जाओ हम यही बैठे है और कमला ने अपनी आँखे बंद कर ली, कमला की आँखो

मे नींद कहाँ थी वह आँखे बंद किए लेटी थी लेकिन उसकी आँखो के सामने तो अपने बेटो

के काले लंड लहरा रहे थे और उसकी बुर चिपचिपा रही थी.

कुछ देर अपने दोनो पैरो को मोड़ कर पीठ के बल लेटी हुई थी तभी राजू ने बिरजू की ओर इशारा

करते हुए जो कि कमला के पैरो के बिल्कुल पास बैठा था को अपनी मा के घाघरे की ओर इशारा

किया और बिरजू उसका इशारा समझते ही अपनी मा के दोनो पैरो के बीच मे लटके घाघरे को

धीरे से उठा कर उसके घुटनो पर चढ़ा देता है, जिससे कमला के पैरो के बीच की जगह से

पूरा घाघरा उठ जाता है अब दोनो भाई चुपके से एक एक कर के अपनी मूह अपनी मा की दोनो

टाँगो के बीच घुसा कर अपनी मा का फूला हुआ भोसड़ा देखने लगते है और उनका मूह

खुला का खुला रह जाता है उनकी मा का भोसड़ा बिल्कुल पाव रोटी की तरह और फूला हुआ

था जिसके बीच एक लंबी लकीर उसकी चूत को बीच से चीर कर गंद के छेद से मिल रही थी

यह सीन देख कर उनके लंड झटके मारने लगे और दोनो ने अपने अपने लंड अपनी लूँगी से

निकालकर अपने हाथ मे ले लिए और वही बैठे बैठे हिलाने लगे,

राजू धीरे से यार बिरजू अपनी

मा की चूत कितनी गदराई हुई है मेरा लंड देख अपनी मा की चूत को फाड़ने के लिए मचल

रहा है, जंगल के शांत वातावरण मे उन दोनो की कामुक बाते कमला को स्पस्ट सुनाई दे

रही थी और उसने धीर से अपनी आँखो को थोड़ा खोल कर देखा तो दोनो के काले काले मोटे

लंबे लंड देख कर कमला के मूह मे पानी आने लगा और उससे रहा नही गया वह अपनी

चूत खूब नंगी कर के अपने बेटो को दिखाना चाहती थी तभी उसने धीरे से अपनी जाँघो को

थोड़ा फैला दिया जिससे उसकी फूली हुई चूत की फांके पूरी तरह खुल गई और उसकी चूत का

गुलाबी रस से भरा छेद दोनो भाइयो के सामने खुल गया जिसे देख कर दोनो भाइयो की

आँखो मे लाल डोरे तेरने लगे और उन दोनो ने अपने लंड को अपनी मा की फटी हुई चूत देख

कर तबीयत से मुठियाना चालू कर दिया, कमला उनके लंड देख देख कर बैचैन हो रही थी

और उसका मन कर रहा था कि अभी के अभी इन दोनो के मोटे लंड उसकी चूत को फाड़ फाड़ कर

खूब कस कस कर चोदे, तभी बिरजू ने धीरे से मा मा कहते हुए उसकी दोनो जाँघो को और

खोल दिया कमला ने भी अब अपने पैरो को पूरा फैला कर पसार दिया जिससे उसकी फटी फांके

बिल्कुल अलग हो कर अपनी चूत का पूरा गुलाबी कटाव और काफ़ी तना हुआ लहसुन अपने बेटो को

दिखाने लगी, उसकी जाँघो के बीच इतना गेप हो चुका था कि पूरा भोसड़ा साफ दिखाई दे रहा

था तभी राजू धीरे से अपने घुटनो के बल आकर अपनी मा के घाघरे मे अपना मूह डालता

हुआ अपनी नाक को अपनी मा की फूली हुई खुली चूत के बिल्कुल पास ले गया और बहुत तेज़ी से सास

खीच कर अपनी मा की फटी हुई चूत को सूंघने लगा और बिल्कुल मदहोश हो गया और खूब

ज़ोर ज़ोर से सास ले ले कर अपनी मा की फूली हुई चूत की मादक गंध को सूंघने लगा, राजू जब

अपनी नाक से सास लेकर अपनी मा की फूली हुई चूत सुन्घ्ता फिर जब उसकी सास भर जाती तो वह

अपनी नाक से सास छ्चोड़ता जिससे कमला की खुली हुई चूत पर जब गरम गरम सांसो की हवा

पड़ने लगी तो वह समझ गई कि उसका बेटा उसकी चूत के बिल्कुल नज़दीक अपनी नाक लगा कर उसकी

चूत की मादक गंध को सूंघ रहा है तो वह इतनी चुदासी हो गई कि उसकी चूत से पानी बह

बह कर उसकी गंद के छेद तक पहुच गया, फिर बिरजू ने पीछे से हाथ लगा कर राजू को

इशारा किया तो राजू ने अपनी मा के घाघरे से अपना मूह बाहर निकाल और फिर बिरजू ने अपना

मूह अपनी मा के घाघरे के अंदर डाल कर उसकी चूत की मादक गंध को अपनी नाक से

सूंघना शुरू कर दिया,

करीब आधे घंटे तक दोनो भाई बारी बारी से अपनी मा की चूत

सूंघ सूंघ कर उसे चोदने के लिए मरे जा रहे थे, और दोनो कहते जा रहे थे यार हमारी

मा की भोसड़ी कितनी मस्त और फूली हुई है अगर यह एक एक बार हम दोनो भाइयो का लंड अपनी

चूत मे घुसवाकर मरवा ले तो फिर हम इसे दिन रात अपने घर मे नंगी रख कर दिन रात इसकी

फूली हुई चूत मारेंगे, कमला अपने बेटो द्वारा खुद की चूत मारने की बात सुन कर सनसना

गई और उसे लगा जैसे पड़े पड़े ही उसकी चूत से पेशाब निकल जाएगा, दोनो भाई अपनी मा को

चोदने की खुली बाते कर कर के पागल हो रहे थे और फिर जब उनसे बर्दास्त नही हुआ तो वही

अपनी मा की फूली हुई बुर को देखते हुए दोनो भाइयो ने तबीयत से अपना लंड हिलाया और अपना

सारा माल छ्चोड़ कर हाफने लगे, जब कमला को एहसास हो गया कि दोनो ने उसकी चूत को देख

देख कर मूठ मार ली है तब थोड़ा कसमसा कर सोए से उठने का नाटक करती हुई उठ बैठी,

तुम दोनो कही गये तो नही थे नही मा हम दोनो तो तेरे पैरो के पास ही बैठे थे, अच्छा

चलो अब लड़किया रस्सी से बांधो और चलने की तैयारी करो फिर नही तो शाम हो जाएगी और

दोनो भाई अपनी लूँगी ठीक करते हुए लकड़ियो के गत्थे बनाने लगे और फिर सबसे छ्होटा

गत्था अपनी मा के सर पे लड़ दिया और बड़े बड़े गटते अपने सर पर लड़ कर अपनी मा को

आयेज चलने का कह कर पीछे पीछे चलते हुए अपनी मा के गदराए चूतादो को देखते

हुए घर की ओर चलने लगे.

रात को कमला अपनी खाट पर पड़ी पड़ी अपने बेटो की बातो को याद कर कर के अपनी चूत को सहला रही थी उसकी चूत खूब फूल चुकी थी, तभी उसका मन अपने बेटो की बाते सुनने का होने लगा और वह चुपचाप दरवाजे के पास कान लगा कर सुनने लगी, अंदर बिरजू और राजू अपना लंड अपने हाथ से सहलाते हुए यार क्या चूत है हमारी मा की इतनी फूली चूत देख कर मेरा लंड तो पागल हो रहा था हाँ यार राजू और अपनी मा की मोटी गंद देखी कितनी मस्तानी गंद है यार राजू अपनी मा की चूत और गंद मारने का मज़ा ही कुछ और होगा कितना पानी छोड़ती होगी हमारी मा की फूली हुई चूत, राजू मैने तो जब से उसकी मोटी गंद और पेशाब करते हुए उसकी चूत से निकलती पेशाब की मोटी धार देखी तब से मेरा लंड तो उसके मोटे गुलाबी चूत के छेद मे घुसने के लिए तड़प रहा है, हाँ यार राजू अपनी मा को पूरी नंगी करके देखने का इतना मन कर रहा है कितनी गदराई और मोटी जंघे है उसकी, और चूतड़ तो इतने मोटे है जब चलती है तो ऐसे मटकते है की सीधा जा कर अपना मोटा लंड उसकी मोटी गंद मे डाल दू और मार मार के उसकी गंद का छेद ढीला कर दू,
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RE: "खून का असर" (copied) - by abhi_mastlaunda - 11-12-2024, 01:48 PM



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