10-12-2024, 04:03 PM
कुछ पल बाद मैंने एक कपड़े से उसके पेट को साफ किया और उसको कसके अपनी बांहों में ले लिया.
मैं उसको चूमने लगा. गालों पर, होंठों पर उसकी चुम्मियां लेने लगा.
वो भी ऐसा ही करती हुई मेरे साथ चिपक गई थी.
फिर मैंने पूछा- कैसा रहा मेरे साथ पहली बार?
शिल्पा बोली- यार … तुमने तो मजा ही दिला दिया.
इतना कहते हुए वो मुझे फिर से चूमने लगी.
थोड़ी देर में दोनों ही साफ होकर कम्बल में घुस गए और अभी भी हम दोनों ने कपड़े नहीं पहने थे.
ये सब होने के बाद मेरी घड़ी पर नजर गई, तो देखा 2 बजने वाले थे.
मैंने उससे पूछा- तुम्हारा बॉयफ्रेंड भी ऐसे ही मजे देता है क्या?
शिल्पा बोली- हां देता है, पर जैसे तुमने अभी मजा दिया, वो तो अलग ही था.
मैंने कहा- एक और राउंड हो जाए!
शिल्पा बोली- अभी नहीं, अभी थोड़ा आराम कर लेने दो.
मैंने कहा- एक बात बोलूं?
तो शिल्पा बोली- हां बोलो न.
मैंने कहा- तुम्हारी गांड बहुत मस्त है. मुझे तुम्हारी गांड मारनी है.
शिल्पा बोली- देखो अभी आगे किया है ना … तो अभी तो कुछ नहीं मिलने वाली. पीछे में दर्द बहुत होता है … मगर मजा भी आता है.
मैंने पूछा- तुमने पहले अपनी गांड में करवाया है क्या?
शिल्पा बोली- हां किया है और दर्द भी बहुत हुआ था. उसके बाद मैंने 2 बार और किया था.
उसकी गांड खुली होने की खबर ने मेरे लंड में झनझनी पैदा कर दी थी.
फिर मैंने कहा- तो बताओ क्या करना होगा?
शिल्पा बोली- तुम मेरे गांव में जब आओगे, तब तुमको मेरी गांड मारने को मिलेगी, पर अभी नहीं. और अगर तुमने जबरदस्ती से पेला, तो फिर मैं तुमसे कभी भी सेक्स करूंगी ही नहीं.
मैंने कहा- अभी मुझे तुम्हारी चूत कितने दिन तक मिलेगी?
शिल्पा बोली- वो मेरे मन के ऊपर है.
मैंने कहा- तुम्हारी बात से तो मुझे ऐसा लग रहा है कि मजा सिर्फ मुझे ही आया है. तुमने तो मेरे लौड़े पर अहसान किया है.
वो मेरी बात सुनकर हंस पड़ी.
वो बोली- तुम बात ही ऐसी कर रहे हो यश. मुझे तुम्हारे साथ बहुत मजा आया है और मैं खुद भी तुमसे बार बार मिलना चाहूँगी.
शिल्पा की बात सुनकर मुझे बड़ा अच्छा लगा.
फिर शिल्पा ने मुझे वो सब बातें भी बताई जिससे मुझे मालूम हुआ कि वो मुझे शुरू से ही पसंद करने लगी थी.
जब उसने मुझे निशा के साथ सेक्स करते देखा था तो वही पर अपना पानी भी निकाला था.
उसका मुझसे चुदाई करवाने का बहुत मन था पर वो डरती थी कि कहीं मुझको अच्छा ना लगे.
फिर मैं भाभी को न बता दूँ. इसी वजह से शिल्पा मेरे साथ सेक्स करने की हिम्मत भी नहीं कर पा रही थी.
मैंने पूछा- फिर कैसे हिम्मत हुई?
वो- जब तुमने मुझे बिना कपड़ों के देखा, तो मेरे मन में भी यही बात चल रही थी कि तुमको सब बताऊं या नहीं. फिर मैंने हिम्मत करके तुमसे वो सब किया. बहुत बहुत धन्यवाद तुमने मुझे इतना प्यार किया.
मैंने कहा- ठीक है. अब दूसरा खेला होबे?
वो बोली- मेरी फाड़ कर रख दी और पूछ रहे हो खेला होबे … जरा चैन तो ले लेने दो … तुम पूरे कसाई हो.
मैं हंस दिया.
फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर सो गए.
करीब एक घंटा के बाद मेरी नींद खुली तो मेरा लंड खड़ा हो गया था.
नंगी शिल्पा की चूत से लंड रगड़ खा रहा था और इसी कारण से लंड गर्म हो गया था.
शिल्पा अभी भी सो रही थी.
मैंने कम्बल के अन्दर से ही शिल्पा को सीधा किया और उसकी टांगों के बीच में आ गया. मैंने उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया.
कुछ ही देर में उसकी नींद खुलने लगी और उसके मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं.
अब उसकी आंखें खुलीं तो उसने कम्बल हटा दिया. वो मेरी ओर देखने लगी कि मैं उसकी चूत को चाट रहा हूँ.
शिल्पा बोली- यश ये क्या कर रहे हो. मैंने कहा- प्यार कर रहा हूँ.
इतना बोल कर मैंने फिर से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
शिल्पा भारी भारी आवाज में बोल रही थी- अभी सोने दो ना … कल कर लेना!
मैंने उसकी बात को सुना, पर अपना काम जारी रखा.
थोड़ी ही देर में शिल्पा का मूड भी बन गया और अब वो मेरे बालों को सहला रही थी.
उसकी गर्म आवाजें निकलने लगी थीं.
कुछ ही देर में हम दोनों 69 की पोज़ में आ गए थे.
मैंने उसको अपने ऊपर बैठा लिया और उसकी गांड मेरे मुँह पर लग गई थी.
मेरा लंड उसके हाथ में आ गया था.
शिल्पा मेरे ऊपर पेट के बल लेटी हुई थी और उसका मुँह मेरे लंड को चूस रहा था.
मैं शिल्पा की चूत को चाट रहा था.
फिर मैंने शिल्पा की चूत में एक उंगली डाल दी.
शिल्पा ने एक हल्की सी आह निकाली और अगले ही पल वो फिर से मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.
मैं मजे से उसकी चूत में उंगली को अन्दर बाहर कर रहा था.
कुछ देर बाद मैंने उसकी चूत में अपनी दो उंगलियां डाल दीं.
उसकी चूत में मेरी दोनों उंगलियां बड़े आराम से चली गई थीं.
शिल्पा की मादक सिसकारियां मेरे कानों में शहद घोल रही थीं.
मैंने अपनी दोनों उंगलियां को उसकी चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया था.
शिल्पा ने अपने मुँह से लंड को बाहर निकाल लिया और ‘अअअ अअ ओऊ … आआह …’ की आवाज करने लगी.
काफी देर तक मैंने शिल्पा की चूत में उंगली भी की और उसकी चूत के रस को चाटता रहा.
कुछ ही देर में उसकी चूत एकदम लाल हो गई थी और मेरे लंड की हालत भी कुछ ऐसी ही थी.
हम दोनों ही फिर से गर्म हो गए थे.
कुछ देर ऐसे ही करने से शिल्पा और मैं दोनों ही पानी पानी हो गए थे.
अब मैंने शिल्पा को पीठ के बल लेटा दिया और फिर से उसकी टांगों के बीच में आ गया. मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और जोर से धक्का दे मारा.
इस झटके से मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में घुस गया था.
शिल्पा ने भी एक आह भरी और अपने हाथ से चूत के दाने को रगड़ने लगी थी.
लंड चूत में चलते ही उसने जोर जोर से सिसकारियां लेना शुरू कर दी थीं.
मैंने भी उसकी चूत की चुदाई और तेज कर दी और दोनों ही मस्ती के सागर में गोते खाने लगे.
शिल्पा- ओह यश … और जोर से … आह और जोर से चोदो.
मैंने उसकी एक टांग को उठा कर अपने कंधे पर रख लिया और उसकी चुदाई को जारी रखी.
मुझे उसे चोदने में पहले से ज्यादा मजा आ रहा था.
शिल्पा अपनी गांड ठेलती हुई बड़ी जोर जोर से सिसकारी ले रही थी.
इस पोज में मुझे शिल्पा को चोदने में कुछ ज्यादा ही आसानी हो रही थी और बहुत मजा भी आ रहा था.
मैंने उसकी चुदाई के इस बीच कभी कभी रुक कर उसके चूचों को चूसने लगता, तो कभी उसके होंठों को चूमने लगता.
इससे वो भी मेरे मुँह में अपनी जीभ देने की कोशिश करने लगती थी.
रूम में फिर से हम दोनों की चुदाई की मधुर आवाजें गूंजने लगी थीं.
हम दोनों पसीने में भीग गए थे लेकिन फिर भी मैं शिल्पा की चुदाई किए जा रहा था.
फिर मैंने लंड को हल्का सा बाहर किया और एक जोरदार धक्का दे दिया.
इससे मेरा पूरा लंड अन्दर तक घुसता चला गया.
धक्का इतनी जोर का लगा था कि शिल्पा भी पीछे की तरफ सरक गई थी.
इस धक्के से उसे दर्द भी हुआ था जो उसकी आवाज ने बता दिया था.
मैंने 4-5 बार ऐसे ही लंड को बाहर निकाल कर धक्का मारा.
इससे शिल्पा की हालत और भी खराब होती जा रही थी.
कुछ ही देर ऐसे चुदाई करने के बाद मैंने शिल्पा को पेट के बल लेटा दिया.
मैं भी पेट के बल ही उसके ऊपर लेट गया और उसकी चूत में लंड को डाल कर जोर जोर से उसकी चुदाई करने लगा.
‘आआह्ह हम्म्म हम्मह यश आह इस्स्स … कितना रगड़ रहे हो आह …’
मैंने- हां साली जी, रगड़वा लो मेरे लौड़े से … आह मजा आ रहा है न!
वो- हां बड़ा मजा आ रहा है यश … मस्त चुदाई करते हो यार … एकदम गांड से रगड़ कर चूत में लंड पेल रहे हो … आह.
मैंने अब लंड को हल्का सा बाहर किया और एक और जोरदार धक्का दे दिया.
मेरा लौड़ा पूरा अन्दर तक घुस गया और शिल्पा आगे की तरफ सरक गई.
इस तरह के धक्के से उसे दर्द भी हो रहा था. मगर उसे मजा भी आ रहा था.
ऐसे ही लंड को बाहर निकाल निकाल कर धक्के मारता रहा जिससे शिल्पा की हालत और भी खराब हो गई थी.
जब भी मैं धक्का देता तो उसके चूतड़ों से रगड़ कर मेरा लंड चूत के अन्दर जा रहा था.
उसके चूतड़ लंड से टकरा रहे थे जिससे ठप ठप ठप ठप की मस्त आवाजें निकल रही थीं.
शिल्पा बस आंखें बंद किए अपनी चुदाई का मजा लिए जा रही थी.
उसके मुँह से निरंतर आवाजें निकल रही थीं ‘आंह बस कर यश … आहह … ओह … अहहह …’
काफी देर तक मैं उसकी ऐसे ही चुदाई करता रहा.
फिर मैंने उसको उठाया तो वो पसीने से भीगी हुई थी.
मेरी और उसकी हालत खराब हो रही थी.
अब मैं नीचे पीठ के बल लेट गया और शिल्पा मेरे ऊपर आ गई.
उसने अपनी दोनों टांगें मेरे दोनों बाजू कर दीं और अपने हाथों से लंड पकड़ कर अपनी चूत में अन्दर रख लिया.
वो खड़े लौड़े के ऊपर चूत फंसा कर बैठ गई और हल्के हल्के से ऊपर नीचे होने लगी.
इसमें उसको मजा तो आ रहा था पर दर्द भी हो रहा था.
ऐसे ही ऊपर नीचे करते हुए उसने मेरा पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया और थोड़ी ही देर में जल्दी जल्दी ऊपर नीचे होने लगी.
उसकी चूत में लंड ने मस्ती करना शुरू कर दी तो वो जोर जोर से उछलने लगी.
उसको लौड़े की सवारी करने में काफी मजा आने लगा था, वो और जोर जोर से ऊपर नीचे होने लगी, इससे उसके दूध हवा में उछल रहे थे.
मैं भी उसकी कमर को पकड़ कर पूरा नीचे तक दबा देता, जिससे शिल्पा की चूत में पूरा अन्दर तक लंड टक्कर खा जाता.
वो एकदम से दर्द के मारे जल्दी से ऊपर को हो जाती.
कुछ ही देर में उसने अपनी उछलने की स्पीड को तेज कर दिया और उसकी आवाजें भी जोर जोर से निकलने लगीं.
कुछ ही पल बाद वो स्खलित होने लगी.
‘अअह हहह …’ करती हुए उसका पानी निकल गया और वो शान्त होकर लंड अपनी चूत में लेकर बैठ गई.
उसका गर्म पानी मेरे लंड पर लगने लगा. उसकी चूत बहुत ही गर्म हो गई थी.
उसको मैंने आगे की तरफ झुका लिया जिससे उसकी गांड उठ गई.
मैंने भी जल्दी जल्दी से उसकी चुदाई करनी शुरू कर दी. जिससे उसको अब ज्यादा मजा नहीं आ रहा था लेकिन फिर भी मैं उसकी चुदाई करे जा रहा था.
मैंने उसको जल्दी से पीठ के बल लेटा दिया और उसकी चूत में लंड को डाल कर उसकी ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा.
शिल्पा की चीखें निकल रही थीं.
थोड़ी ही देर ऐसे ही चोदने पर मेरा पानी निकलने वाला था. मैंने लंड को बाहर निकाला और वो अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर जल्दी जल्दी आगे पीछे करने लगी.
थोड़ी देर में मेरा सारा माल शिल्पा के पेट पर गिर गया. मैं उसके बगल में लेट गया.
शिल्पा भी ऐसे ही लेटी रही.
वो मुझसे बोलने लगी- तुमने तो आज मेरी जान ही निकाल दी.
मैंने मजे लेते हुए कहा- तो फिर से हो जाए.
शिल्पा बोली- ना जी ना … तुम तो मेरी पूरी ही जान निकालने में लगे हुए हो … अब नहीं.
मैंने उसका पेट साफ़ किया और उसके होंठों को आराम आराम से चूसने लगा.
कुछ ही देर में शिल्पा उठ कर बाथरूम में चली गई. मैंने भी उठ कर अपने लंड को साफ किया और घड़ी की तरफ नजर डाली.
अभी 5 बजने वाले थे.
शिल्पा कमरे में आकर कपड़े पहन ही रही थी.
मैंने उससे कहा- कपड़े क्यों पहन रही हो, ऐसे ही सोते है ना.
शिल्पा बोली- नहीं, अब ऐसे सोये तो एक घंटे बाद तुम फिर से चालू हो जाओगे.
मैंने कहा- अब नहीं होगा, ऐसे ही सोने में मजा बहुत आ रहा था.
शिल्पा मान गई और बोली- अब नहीं करना ओके … और सुबह भी होने वाली है यार. तुमने सोने भी नहीं दिया.
फिर हम दोनों ही बिना कपड़ों के एक दूसरे से चिपक कर सो गए.
जल्द ही गहरी नींद आ गई क्योंकि इतनी मेहनत जो की थी.
सुबह मेरी नींद खुली तो देखा निशा मुझे गालों पर चूम रही थी.
वो हंस कर बोली- क्या हुआ … लगता है रात में ज्यादा ही मेहनत कर ली.
मैंने कहा- हां जी, तुम्हारी बहन को खुश करना था तो मेहनत तो करनी ही पड़ेगी न!
निशा बोली- चलो अब उठो. कुछ सामान आने वाला है, उसको रखवाना है.
मैंने कहा- अभी नहीं … अब तुम्हारी बारी है … चलो करते हैं.
निशा बोली- अभी कुछ नहीं … वो सब बाद में!
मैं भी कौन सा चुदाई करने जा रहा था.
हॉट गर्ल फक करने में रात भर से लगा हुआ था तो मेरी हालत भी पतली थी.
इस तरह से दोस्तो … निशा की शादी होने तक मैंने निशा और शिल्पा को बाथरूम में, स्टोर रूम में … और निशा के रूम में बहुत बार चोदा. शिल्पा भी बहुत खुश थी.
मैं उसको चूमने लगा. गालों पर, होंठों पर उसकी चुम्मियां लेने लगा.
वो भी ऐसा ही करती हुई मेरे साथ चिपक गई थी.
फिर मैंने पूछा- कैसा रहा मेरे साथ पहली बार?
शिल्पा बोली- यार … तुमने तो मजा ही दिला दिया.
इतना कहते हुए वो मुझे फिर से चूमने लगी.
थोड़ी देर में दोनों ही साफ होकर कम्बल में घुस गए और अभी भी हम दोनों ने कपड़े नहीं पहने थे.
ये सब होने के बाद मेरी घड़ी पर नजर गई, तो देखा 2 बजने वाले थे.
मैंने उससे पूछा- तुम्हारा बॉयफ्रेंड भी ऐसे ही मजे देता है क्या?
शिल्पा बोली- हां देता है, पर जैसे तुमने अभी मजा दिया, वो तो अलग ही था.
मैंने कहा- एक और राउंड हो जाए!
शिल्पा बोली- अभी नहीं, अभी थोड़ा आराम कर लेने दो.
मैंने कहा- एक बात बोलूं?
तो शिल्पा बोली- हां बोलो न.
मैंने कहा- तुम्हारी गांड बहुत मस्त है. मुझे तुम्हारी गांड मारनी है.
शिल्पा बोली- देखो अभी आगे किया है ना … तो अभी तो कुछ नहीं मिलने वाली. पीछे में दर्द बहुत होता है … मगर मजा भी आता है.
मैंने पूछा- तुमने पहले अपनी गांड में करवाया है क्या?
शिल्पा बोली- हां किया है और दर्द भी बहुत हुआ था. उसके बाद मैंने 2 बार और किया था.
उसकी गांड खुली होने की खबर ने मेरे लंड में झनझनी पैदा कर दी थी.
फिर मैंने कहा- तो बताओ क्या करना होगा?
शिल्पा बोली- तुम मेरे गांव में जब आओगे, तब तुमको मेरी गांड मारने को मिलेगी, पर अभी नहीं. और अगर तुमने जबरदस्ती से पेला, तो फिर मैं तुमसे कभी भी सेक्स करूंगी ही नहीं.
मैंने कहा- अभी मुझे तुम्हारी चूत कितने दिन तक मिलेगी?
शिल्पा बोली- वो मेरे मन के ऊपर है.
मैंने कहा- तुम्हारी बात से तो मुझे ऐसा लग रहा है कि मजा सिर्फ मुझे ही आया है. तुमने तो मेरे लौड़े पर अहसान किया है.
वो मेरी बात सुनकर हंस पड़ी.
वो बोली- तुम बात ही ऐसी कर रहे हो यश. मुझे तुम्हारे साथ बहुत मजा आया है और मैं खुद भी तुमसे बार बार मिलना चाहूँगी.
शिल्पा की बात सुनकर मुझे बड़ा अच्छा लगा.
फिर शिल्पा ने मुझे वो सब बातें भी बताई जिससे मुझे मालूम हुआ कि वो मुझे शुरू से ही पसंद करने लगी थी.
जब उसने मुझे निशा के साथ सेक्स करते देखा था तो वही पर अपना पानी भी निकाला था.
उसका मुझसे चुदाई करवाने का बहुत मन था पर वो डरती थी कि कहीं मुझको अच्छा ना लगे.
फिर मैं भाभी को न बता दूँ. इसी वजह से शिल्पा मेरे साथ सेक्स करने की हिम्मत भी नहीं कर पा रही थी.
मैंने पूछा- फिर कैसे हिम्मत हुई?
वो- जब तुमने मुझे बिना कपड़ों के देखा, तो मेरे मन में भी यही बात चल रही थी कि तुमको सब बताऊं या नहीं. फिर मैंने हिम्मत करके तुमसे वो सब किया. बहुत बहुत धन्यवाद तुमने मुझे इतना प्यार किया.
मैंने कहा- ठीक है. अब दूसरा खेला होबे?
वो बोली- मेरी फाड़ कर रख दी और पूछ रहे हो खेला होबे … जरा चैन तो ले लेने दो … तुम पूरे कसाई हो.
मैं हंस दिया.
फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर सो गए.
करीब एक घंटा के बाद मेरी नींद खुली तो मेरा लंड खड़ा हो गया था.
नंगी शिल्पा की चूत से लंड रगड़ खा रहा था और इसी कारण से लंड गर्म हो गया था.
शिल्पा अभी भी सो रही थी.
मैंने कम्बल के अन्दर से ही शिल्पा को सीधा किया और उसकी टांगों के बीच में आ गया. मैंने उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया.
कुछ ही देर में उसकी नींद खुलने लगी और उसके मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं.
अब उसकी आंखें खुलीं तो उसने कम्बल हटा दिया. वो मेरी ओर देखने लगी कि मैं उसकी चूत को चाट रहा हूँ.
शिल्पा बोली- यश ये क्या कर रहे हो. मैंने कहा- प्यार कर रहा हूँ.
इतना बोल कर मैंने फिर से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
शिल्पा भारी भारी आवाज में बोल रही थी- अभी सोने दो ना … कल कर लेना!
मैंने उसकी बात को सुना, पर अपना काम जारी रखा.
थोड़ी ही देर में शिल्पा का मूड भी बन गया और अब वो मेरे बालों को सहला रही थी.
उसकी गर्म आवाजें निकलने लगी थीं.
कुछ ही देर में हम दोनों 69 की पोज़ में आ गए थे.
मैंने उसको अपने ऊपर बैठा लिया और उसकी गांड मेरे मुँह पर लग गई थी.
मेरा लंड उसके हाथ में आ गया था.
शिल्पा मेरे ऊपर पेट के बल लेटी हुई थी और उसका मुँह मेरे लंड को चूस रहा था.
मैं शिल्पा की चूत को चाट रहा था.
फिर मैंने शिल्पा की चूत में एक उंगली डाल दी.
शिल्पा ने एक हल्की सी आह निकाली और अगले ही पल वो फिर से मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.
मैं मजे से उसकी चूत में उंगली को अन्दर बाहर कर रहा था.
कुछ देर बाद मैंने उसकी चूत में अपनी दो उंगलियां डाल दीं.
उसकी चूत में मेरी दोनों उंगलियां बड़े आराम से चली गई थीं.
शिल्पा की मादक सिसकारियां मेरे कानों में शहद घोल रही थीं.
मैंने अपनी दोनों उंगलियां को उसकी चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया था.
शिल्पा ने अपने मुँह से लंड को बाहर निकाल लिया और ‘अअअ अअ ओऊ … आआह …’ की आवाज करने लगी.
काफी देर तक मैंने शिल्पा की चूत में उंगली भी की और उसकी चूत के रस को चाटता रहा.
कुछ ही देर में उसकी चूत एकदम लाल हो गई थी और मेरे लंड की हालत भी कुछ ऐसी ही थी.
हम दोनों ही फिर से गर्म हो गए थे.
कुछ देर ऐसे ही करने से शिल्पा और मैं दोनों ही पानी पानी हो गए थे.
अब मैंने शिल्पा को पीठ के बल लेटा दिया और फिर से उसकी टांगों के बीच में आ गया. मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और जोर से धक्का दे मारा.
इस झटके से मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में घुस गया था.
शिल्पा ने भी एक आह भरी और अपने हाथ से चूत के दाने को रगड़ने लगी थी.
लंड चूत में चलते ही उसने जोर जोर से सिसकारियां लेना शुरू कर दी थीं.
मैंने भी उसकी चूत की चुदाई और तेज कर दी और दोनों ही मस्ती के सागर में गोते खाने लगे.
शिल्पा- ओह यश … और जोर से … आह और जोर से चोदो.
मैंने उसकी एक टांग को उठा कर अपने कंधे पर रख लिया और उसकी चुदाई को जारी रखी.
मुझे उसे चोदने में पहले से ज्यादा मजा आ रहा था.
शिल्पा अपनी गांड ठेलती हुई बड़ी जोर जोर से सिसकारी ले रही थी.
इस पोज में मुझे शिल्पा को चोदने में कुछ ज्यादा ही आसानी हो रही थी और बहुत मजा भी आ रहा था.
मैंने उसकी चुदाई के इस बीच कभी कभी रुक कर उसके चूचों को चूसने लगता, तो कभी उसके होंठों को चूमने लगता.
इससे वो भी मेरे मुँह में अपनी जीभ देने की कोशिश करने लगती थी.
रूम में फिर से हम दोनों की चुदाई की मधुर आवाजें गूंजने लगी थीं.
हम दोनों पसीने में भीग गए थे लेकिन फिर भी मैं शिल्पा की चुदाई किए जा रहा था.
फिर मैंने लंड को हल्का सा बाहर किया और एक जोरदार धक्का दे दिया.
इससे मेरा पूरा लंड अन्दर तक घुसता चला गया.
धक्का इतनी जोर का लगा था कि शिल्पा भी पीछे की तरफ सरक गई थी.
इस धक्के से उसे दर्द भी हुआ था जो उसकी आवाज ने बता दिया था.
मैंने 4-5 बार ऐसे ही लंड को बाहर निकाल कर धक्का मारा.
इससे शिल्पा की हालत और भी खराब होती जा रही थी.
कुछ ही देर ऐसे चुदाई करने के बाद मैंने शिल्पा को पेट के बल लेटा दिया.
मैं भी पेट के बल ही उसके ऊपर लेट गया और उसकी चूत में लंड को डाल कर जोर जोर से उसकी चुदाई करने लगा.
‘आआह्ह हम्म्म हम्मह यश आह इस्स्स … कितना रगड़ रहे हो आह …’
मैंने- हां साली जी, रगड़वा लो मेरे लौड़े से … आह मजा आ रहा है न!
वो- हां बड़ा मजा आ रहा है यश … मस्त चुदाई करते हो यार … एकदम गांड से रगड़ कर चूत में लंड पेल रहे हो … आह.
मैंने अब लंड को हल्का सा बाहर किया और एक और जोरदार धक्का दे दिया.
मेरा लौड़ा पूरा अन्दर तक घुस गया और शिल्पा आगे की तरफ सरक गई.
इस तरह के धक्के से उसे दर्द भी हो रहा था. मगर उसे मजा भी आ रहा था.
ऐसे ही लंड को बाहर निकाल निकाल कर धक्के मारता रहा जिससे शिल्पा की हालत और भी खराब हो गई थी.
जब भी मैं धक्का देता तो उसके चूतड़ों से रगड़ कर मेरा लंड चूत के अन्दर जा रहा था.
उसके चूतड़ लंड से टकरा रहे थे जिससे ठप ठप ठप ठप की मस्त आवाजें निकल रही थीं.
शिल्पा बस आंखें बंद किए अपनी चुदाई का मजा लिए जा रही थी.
उसके मुँह से निरंतर आवाजें निकल रही थीं ‘आंह बस कर यश … आहह … ओह … अहहह …’
काफी देर तक मैं उसकी ऐसे ही चुदाई करता रहा.
फिर मैंने उसको उठाया तो वो पसीने से भीगी हुई थी.
मेरी और उसकी हालत खराब हो रही थी.
अब मैं नीचे पीठ के बल लेट गया और शिल्पा मेरे ऊपर आ गई.
उसने अपनी दोनों टांगें मेरे दोनों बाजू कर दीं और अपने हाथों से लंड पकड़ कर अपनी चूत में अन्दर रख लिया.
वो खड़े लौड़े के ऊपर चूत फंसा कर बैठ गई और हल्के हल्के से ऊपर नीचे होने लगी.
इसमें उसको मजा तो आ रहा था पर दर्द भी हो रहा था.
ऐसे ही ऊपर नीचे करते हुए उसने मेरा पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया और थोड़ी ही देर में जल्दी जल्दी ऊपर नीचे होने लगी.
उसकी चूत में लंड ने मस्ती करना शुरू कर दी तो वो जोर जोर से उछलने लगी.
उसको लौड़े की सवारी करने में काफी मजा आने लगा था, वो और जोर जोर से ऊपर नीचे होने लगी, इससे उसके दूध हवा में उछल रहे थे.
मैं भी उसकी कमर को पकड़ कर पूरा नीचे तक दबा देता, जिससे शिल्पा की चूत में पूरा अन्दर तक लंड टक्कर खा जाता.
वो एकदम से दर्द के मारे जल्दी से ऊपर को हो जाती.
कुछ ही देर में उसने अपनी उछलने की स्पीड को तेज कर दिया और उसकी आवाजें भी जोर जोर से निकलने लगीं.
कुछ ही पल बाद वो स्खलित होने लगी.
‘अअह हहह …’ करती हुए उसका पानी निकल गया और वो शान्त होकर लंड अपनी चूत में लेकर बैठ गई.
उसका गर्म पानी मेरे लंड पर लगने लगा. उसकी चूत बहुत ही गर्म हो गई थी.
उसको मैंने आगे की तरफ झुका लिया जिससे उसकी गांड उठ गई.
मैंने भी जल्दी जल्दी से उसकी चुदाई करनी शुरू कर दी. जिससे उसको अब ज्यादा मजा नहीं आ रहा था लेकिन फिर भी मैं उसकी चुदाई करे जा रहा था.
मैंने उसको जल्दी से पीठ के बल लेटा दिया और उसकी चूत में लंड को डाल कर उसकी ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा.
शिल्पा की चीखें निकल रही थीं.
थोड़ी ही देर ऐसे ही चोदने पर मेरा पानी निकलने वाला था. मैंने लंड को बाहर निकाला और वो अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर जल्दी जल्दी आगे पीछे करने लगी.
थोड़ी देर में मेरा सारा माल शिल्पा के पेट पर गिर गया. मैं उसके बगल में लेट गया.
शिल्पा भी ऐसे ही लेटी रही.
वो मुझसे बोलने लगी- तुमने तो आज मेरी जान ही निकाल दी.
मैंने मजे लेते हुए कहा- तो फिर से हो जाए.
शिल्पा बोली- ना जी ना … तुम तो मेरी पूरी ही जान निकालने में लगे हुए हो … अब नहीं.
मैंने उसका पेट साफ़ किया और उसके होंठों को आराम आराम से चूसने लगा.
कुछ ही देर में शिल्पा उठ कर बाथरूम में चली गई. मैंने भी उठ कर अपने लंड को साफ किया और घड़ी की तरफ नजर डाली.
अभी 5 बजने वाले थे.
शिल्पा कमरे में आकर कपड़े पहन ही रही थी.
मैंने उससे कहा- कपड़े क्यों पहन रही हो, ऐसे ही सोते है ना.
शिल्पा बोली- नहीं, अब ऐसे सोये तो एक घंटे बाद तुम फिर से चालू हो जाओगे.
मैंने कहा- अब नहीं होगा, ऐसे ही सोने में मजा बहुत आ रहा था.
शिल्पा मान गई और बोली- अब नहीं करना ओके … और सुबह भी होने वाली है यार. तुमने सोने भी नहीं दिया.
फिर हम दोनों ही बिना कपड़ों के एक दूसरे से चिपक कर सो गए.
जल्द ही गहरी नींद आ गई क्योंकि इतनी मेहनत जो की थी.
सुबह मेरी नींद खुली तो देखा निशा मुझे गालों पर चूम रही थी.
वो हंस कर बोली- क्या हुआ … लगता है रात में ज्यादा ही मेहनत कर ली.
मैंने कहा- हां जी, तुम्हारी बहन को खुश करना था तो मेहनत तो करनी ही पड़ेगी न!
निशा बोली- चलो अब उठो. कुछ सामान आने वाला है, उसको रखवाना है.
मैंने कहा- अभी नहीं … अब तुम्हारी बारी है … चलो करते हैं.
निशा बोली- अभी कुछ नहीं … वो सब बाद में!
मैं भी कौन सा चुदाई करने जा रहा था.
हॉट गर्ल फक करने में रात भर से लगा हुआ था तो मेरी हालत भी पतली थी.
इस तरह से दोस्तो … निशा की शादी होने तक मैंने निशा और शिल्पा को बाथरूम में, स्टोर रूम में … और निशा के रूम में बहुत बार चोदा. शिल्पा भी बहुत खुश थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.