10-12-2024, 03:59 PM
थोड़ी ही देर में मैंने शिल्पा की पैंटी और अपना अंडरवियर उतार दिया.
हम दोनों ही चुदाई की मस्ती में लग गए थे और दोनों ही गर्म हो रहे थे.
शिल्पा की चूत भी हद से ज्यादा गीली होने लगी थी.
मैंने शिल्पा को नीचे घुटने के बल बैठा दिया और उसके मुँह में लंड डाल दिया.
शिल्पा ने झट से मेरे लंड को पकड़ लिया और जीभ से सुपारा चाटने लगी.
कभी वो लंड को अन्दर लेकर चूसती तो कभी लंड को ऊपर से चाटती.
इससे मुझे बहुत मजा आ रहा था.
फिर मैंने उसका सर दोनों हाथों से पकड़ा और उसके मुँह को चोदने लगा.
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं उसकी चूत चुदाई का मजा ले रहा हूँ.
थोड़ी देर मुँह चोदने के बाद मैंने शिल्पा को खड़ा किया और उसकी टांगों को फैला दिया.
वो समझ गई.
मैं नीचे बैठ गया, शिल्पा की चूत पर अपनी जीभ को लगा कर उसकी चूत के दाने को जीभ से चाटने लगा.
शिल्पा को अपनी चूत का दाना चटवाने में बड़ा आ रहा था और वो अपनी गांड आगे पीछे करके मेरे मुँह पर चूत रगड़ रही थी- आह यश … और जोर जोर से चाटो हां हां ऊऊऊ ओहह … बहुत मजा आ रहा है मेरी जान!
कुछ देर तक मैं उसकी चूत चाटता रहा.
उसकी आवाजें लगातार निकल रही थीं ‘आहह …. हअअ ओह …’
इसी बीच मैंने शिल्पा की चूत में एक उंगली करना चालू कर दी तो उसका मुँह सिसकारी लेते हुए खुल गया.
मेरी उंगली आराम से चूत में चली गई. मैं चूत में अन्दर बाहर करने लगा.
अब जब मैं उसकी सिसकारियां सुनता तो और जोर जोर से अपनी उंगली को चूत के अन्दर बाहर करने लगता जिससे शिल्पा को मजा भी आ रहा था और उसकी चूत काफी गीली भी हो गई थी.
मेरा लंड पूरी तरह से तैयार हो चुका था पर मैंने सोचा कि क्यों न उसे थोड़ा और तड़पाया जाए.
ये सोच कर मैंने शिल्पा की चूत में दो उंगली डाल दीं.
शिल्पा एकदम से कराह उठी- आआह.
मैंने उसकी ऊंह आह को सुनकर चूत में और तेजी से उंगली को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
इस तरह से अब काफी देर हो गई थी.
मेरा लंड एकदम तैयार था और उसकी चूत से काफी मात्रा में पानी नीचे टपकने लगा था.
वो कहने लगी- अब पेल भी दे.
मैं खड़ा हुआ और उसको दीवार के कोने पर ले गया.
मैंने शिल्पा की टांगों को खोल दिया और उसकी चूत पर लंड रख कर तेज धक्का दे मारा.
शिल्पा की तेज आवाज निकलने वाली थी लेकिन मैंने झट से उसके मुँह को अपने होंठों से दबा दिया.
मैं अपने होंठों को उसके होंठों पर रख कर चूसने लगा.
शिल्पा की चूत ने अन्दर से मेरे लंड को जकड़ रखा था.
उसकी चूत में भी अभी कसावट थी.
अभी शिल्पा की चूत में आधे से कम लंड ही गया होगा. इतनी गीली चूत होने के बाद भी मैं अपने लंड को हल्के हल्के से अन्दर बाहर कर रहा था.
मैं उसके कान के पीछे चूमने लगा तो शिल्पा ने अपने दोनों हाथों से मुझे पकड़ लिया और वो लंड तेजी से पेलने का इशारा करने लगी.
मगर मैंने अपनी गति नहीं बढ़ाई.
थोड़ी ही देर में शिल्पा अपनी गांड हिलाने लगी. मैंने देखा कि हॉट न्यूड गर्ल फक का मजा ले रही थी. बस वो लंड तेज तेज करने की कह रही थी.
मैंने भी एक जोर का झटका दे मारा. शिल्पा फिर से जोर से चीख पड़ी ‘आआह … आआह …’
इस बार शिल्पा की चूत में मेरा आधा से ज्यादा लंड चला गया था.
शिल्पा की चूत अभी भी काफी टाइट थी.
कुछ देर रुक कर मैंने शिल्पा के होंठों को चूमना शुरू कर दिया और साथ ही मैं उसके चुचे भी दबा रहा था.
कुछ पल बाद जैसे ही शिल्पा ठीक हुई, वैसे ही मैंने लंड को शिल्पा की चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया था.
मेरे तेज धक्के में शिल्पा की हालत खराब हो गई थी और साथ में ही मेरा लंड भी उसकी चूत में एकदम जकड़ा हुआ था.
कुछ देर बाद लंड ने आगे पीछे सरकना शुरू कर दिया था.
अब शिल्पा की मस्त आवाजें मेरे कानों में गूँजने लगीं- आहह ओह … अम्मम … ओहहह!
शिल्पा अपनी गांड को भी हिला रही थी और लंड को भी अन्दर ले रही थी.
मैं उसकी चूत में धक्का देता जा रहा था, शिल्पा की आवाज लगातार निकल रही थी.
थोड़ी देर यूं ही आराम आराम से चोदने के बाद मैंने अपनी स्पीड थोड़ी तेज़ कर दी और जोर जोर से उसकी चूत में अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा.
जब मेरा लंड उसकी चूत में अन्दर खिन टकराता तो फच फच की आवाज आती जो मुझे और भी ज्यादा उत्तेजित कर रही थी.
थोड़ी ही देर मैं मैंने शिल्पा की एक टांग को ऊपर उठा कर अपने हाथ से पकड़ ली, उसकी टांग को मैंने अपनी कमर के ऊपर तक उठा दी.
शिल्पा ने अपने एक हाथ को दीवार पर लगा दिया और अपने को रोक रखा था.
मेरा लंड अभी भी शिल्पा की चूत में ही घुसा था … पोजीशन बनते ही मैंने शिल्पा की ताबड़तोड़ चुदाई करना शुरू कर दी.
साथ ही मैंने एक हाथ से शिल्पा की गर्दन को पकड़ कर उसे अपने पास खींच लिया और उसके होंठों को चूमने लगा.
अब शिल्पा के होंठों के चुम्बन के साथ ही साथ मैं जोर जोर से उसकी चुदाई कर रहा था.
शिल्पा की मादक आवाजें बदस्तूर निकल रही थीं- आहह यश आह … और जोर से और जोर से करो.
मैं भी पूरे जोर जोर से उसकी चुदाई करने में लगा हुआ था.
अब हम दोनों ही पसीने में डूब गए थे.
मैंने शिल्पा को दीवार से लगा कर सहारा लिया और उसको अपनी गोद में ले लिया.
शिल्पा ने भी अपने दोनों हाथों को मेरी गर्दन में डाल कर मुझे पकड़ लिया था.
जैसे ही मैंने उसको उठाया, मेरा लंड पूरा अन्दर तक शिल्पा की चूत में चला गया जिससे शिल्पा को एकदम से तेज दर्द हुआ.
उसने कराहते हुए अपनी गांड को ऊपर उठा लिया.
वो बोली- आह मर गई … क्या कर रहे हो यश … धीरे से पेलो न.
मैंने कहा- हां तुम भी आराम आराम से लंड पर आओ.
उसे समझ आ गया था और अब वो भी अब आराम आराम से नीचे ऊपर होने लगी.
इस तरह की चुदाई में शिल्पा की हालत ज्यादा खराब हो रही थी क्योंकि लंड पूरा जड़ तक जा रहा था जिससे उसको दर्द हो रहा था.
शिल्पा इस पोज़ में अपनी मादक सिसकारियां कम निकाल पा रही थी.
उसकी दर्द भरी चीखें ज्यादा निकल रही थीं.
थोड़ी देर तक इसी पोज़ में चुदाई करने से हम दोनों थक गए थे.
मैंने शिल्पा की चूत से लंड को निकाले बिना ही उसको बेड के बीचों बीच लेटा दिया.
उसके पैर अभी भी बेड से नीचे लटके थे. बेड के किनारे पर उसकी गांड लगी थी. वो पीठ के बल चित लेटी हुई थी.
अगले ही पल मैंने उसकी टांगों को और फैला दिया. इससे उसकी चूत एकदम खुल कर चिर सी गई थी.
मैंने उसी पोज में उसकी चुदाई करना शुरू कर दी.
अब शिल्पा भी मेरा साथ अच्छे से देने लगी.
वो अपनी गांड को जोर जोर से पीछे करती, जिससे जब दोनों के जिस्म एक साथ टकरा जाते. तेज फच फच की आवाज आती और हम दोनों को इस आवाज से नशा सा चढ़ जाता.
अब शिल्पा लगातार बोले जा रही थी- आह और जोर से करो यश … जोर जोर से चोदो मुझे … आह और जोर जोर से!
मुझे उसकी अच्छी पकड़ मिल रही थी जिससे शिल्पा की चूत में जोर जोर के धक्के मारने में मुझे कोई दिक्कत नहीं हो रही थी.
ऐसे ही मैं उसको हचक कर चोदता रहा. कुछ ही देर में शिल्पा की सिसकारियां एकदम से तेज हो गई थीं.
अब मेरे हर धक्के पर उसकी आवाजें जोर जोर से ऐसे निकल रही थीं कि अगले ही पल वो झड़ जाएगी.
फिर हुआ भी यही … शिल्पा अपने बदन को ऐंठती हुई और जोर से आंह आह की आवाज करती हुई शांत हो गई.
वो झड़ गई थी और अभी भी मद्धिम आवाजें निकाली जा रही थी. उसकी चूत का गर्म पानी मेरे लंड को महसूस हो रहा था.
मैंने भी समझ लिया था कि अब मुझसे भी ज्यादा देर नहीं रुका जाएगा. मैंने उसकी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और कुछ ही देर में मुझे लगा कि अब मेरा भी होने वाला है.
मैंने शिल्पा से पूछा- कहां निकालूं?
शिल्पा बोली- बाहर ही निकालना.
मैंने जल्दी जल्दी से कुछ धक्के लगाए और लंड चूत से खींच कर सारा माल उसके पेट पर निकाल दिया.
झड़ने के बाद मैं उसके पास ही लेट गया.
शिल्पा की चुदाई के बाद उसकी चूत से मेरा मन नहीं भरा था.
मुझे उसकी मखमली !!!!!!!
हम दोनों ही चुदाई की मस्ती में लग गए थे और दोनों ही गर्म हो रहे थे.
शिल्पा की चूत भी हद से ज्यादा गीली होने लगी थी.
मैंने शिल्पा को नीचे घुटने के बल बैठा दिया और उसके मुँह में लंड डाल दिया.
शिल्पा ने झट से मेरे लंड को पकड़ लिया और जीभ से सुपारा चाटने लगी.
कभी वो लंड को अन्दर लेकर चूसती तो कभी लंड को ऊपर से चाटती.
इससे मुझे बहुत मजा आ रहा था.
फिर मैंने उसका सर दोनों हाथों से पकड़ा और उसके मुँह को चोदने लगा.
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं उसकी चूत चुदाई का मजा ले रहा हूँ.
थोड़ी देर मुँह चोदने के बाद मैंने शिल्पा को खड़ा किया और उसकी टांगों को फैला दिया.
वो समझ गई.
मैं नीचे बैठ गया, शिल्पा की चूत पर अपनी जीभ को लगा कर उसकी चूत के दाने को जीभ से चाटने लगा.
शिल्पा को अपनी चूत का दाना चटवाने में बड़ा आ रहा था और वो अपनी गांड आगे पीछे करके मेरे मुँह पर चूत रगड़ रही थी- आह यश … और जोर जोर से चाटो हां हां ऊऊऊ ओहह … बहुत मजा आ रहा है मेरी जान!
कुछ देर तक मैं उसकी चूत चाटता रहा.
उसकी आवाजें लगातार निकल रही थीं ‘आहह …. हअअ ओह …’
इसी बीच मैंने शिल्पा की चूत में एक उंगली करना चालू कर दी तो उसका मुँह सिसकारी लेते हुए खुल गया.
मेरी उंगली आराम से चूत में चली गई. मैं चूत में अन्दर बाहर करने लगा.
अब जब मैं उसकी सिसकारियां सुनता तो और जोर जोर से अपनी उंगली को चूत के अन्दर बाहर करने लगता जिससे शिल्पा को मजा भी आ रहा था और उसकी चूत काफी गीली भी हो गई थी.
मेरा लंड पूरी तरह से तैयार हो चुका था पर मैंने सोचा कि क्यों न उसे थोड़ा और तड़पाया जाए.
ये सोच कर मैंने शिल्पा की चूत में दो उंगली डाल दीं.
शिल्पा एकदम से कराह उठी- आआह.
मैंने उसकी ऊंह आह को सुनकर चूत में और तेजी से उंगली को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
इस तरह से अब काफी देर हो गई थी.
मेरा लंड एकदम तैयार था और उसकी चूत से काफी मात्रा में पानी नीचे टपकने लगा था.
वो कहने लगी- अब पेल भी दे.
मैं खड़ा हुआ और उसको दीवार के कोने पर ले गया.
मैंने शिल्पा की टांगों को खोल दिया और उसकी चूत पर लंड रख कर तेज धक्का दे मारा.
शिल्पा की तेज आवाज निकलने वाली थी लेकिन मैंने झट से उसके मुँह को अपने होंठों से दबा दिया.
मैं अपने होंठों को उसके होंठों पर रख कर चूसने लगा.
शिल्पा की चूत ने अन्दर से मेरे लंड को जकड़ रखा था.
उसकी चूत में भी अभी कसावट थी.
अभी शिल्पा की चूत में आधे से कम लंड ही गया होगा. इतनी गीली चूत होने के बाद भी मैं अपने लंड को हल्के हल्के से अन्दर बाहर कर रहा था.
मैं उसके कान के पीछे चूमने लगा तो शिल्पा ने अपने दोनों हाथों से मुझे पकड़ लिया और वो लंड तेजी से पेलने का इशारा करने लगी.
मगर मैंने अपनी गति नहीं बढ़ाई.
थोड़ी ही देर में शिल्पा अपनी गांड हिलाने लगी. मैंने देखा कि हॉट न्यूड गर्ल फक का मजा ले रही थी. बस वो लंड तेज तेज करने की कह रही थी.
मैंने भी एक जोर का झटका दे मारा. शिल्पा फिर से जोर से चीख पड़ी ‘आआह … आआह …’
इस बार शिल्पा की चूत में मेरा आधा से ज्यादा लंड चला गया था.
शिल्पा की चूत अभी भी काफी टाइट थी.
कुछ देर रुक कर मैंने शिल्पा के होंठों को चूमना शुरू कर दिया और साथ ही मैं उसके चुचे भी दबा रहा था.
कुछ पल बाद जैसे ही शिल्पा ठीक हुई, वैसे ही मैंने लंड को शिल्पा की चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया था.
मेरे तेज धक्के में शिल्पा की हालत खराब हो गई थी और साथ में ही मेरा लंड भी उसकी चूत में एकदम जकड़ा हुआ था.
कुछ देर बाद लंड ने आगे पीछे सरकना शुरू कर दिया था.
अब शिल्पा की मस्त आवाजें मेरे कानों में गूँजने लगीं- आहह ओह … अम्मम … ओहहह!
शिल्पा अपनी गांड को भी हिला रही थी और लंड को भी अन्दर ले रही थी.
मैं उसकी चूत में धक्का देता जा रहा था, शिल्पा की आवाज लगातार निकल रही थी.
थोड़ी देर यूं ही आराम आराम से चोदने के बाद मैंने अपनी स्पीड थोड़ी तेज़ कर दी और जोर जोर से उसकी चूत में अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा.
जब मेरा लंड उसकी चूत में अन्दर खिन टकराता तो फच फच की आवाज आती जो मुझे और भी ज्यादा उत्तेजित कर रही थी.
थोड़ी ही देर मैं मैंने शिल्पा की एक टांग को ऊपर उठा कर अपने हाथ से पकड़ ली, उसकी टांग को मैंने अपनी कमर के ऊपर तक उठा दी.
शिल्पा ने अपने एक हाथ को दीवार पर लगा दिया और अपने को रोक रखा था.
मेरा लंड अभी भी शिल्पा की चूत में ही घुसा था … पोजीशन बनते ही मैंने शिल्पा की ताबड़तोड़ चुदाई करना शुरू कर दी.
साथ ही मैंने एक हाथ से शिल्पा की गर्दन को पकड़ कर उसे अपने पास खींच लिया और उसके होंठों को चूमने लगा.
अब शिल्पा के होंठों के चुम्बन के साथ ही साथ मैं जोर जोर से उसकी चुदाई कर रहा था.
शिल्पा की मादक आवाजें बदस्तूर निकल रही थीं- आहह यश आह … और जोर से और जोर से करो.
मैं भी पूरे जोर जोर से उसकी चुदाई करने में लगा हुआ था.
अब हम दोनों ही पसीने में डूब गए थे.
मैंने शिल्पा को दीवार से लगा कर सहारा लिया और उसको अपनी गोद में ले लिया.
शिल्पा ने भी अपने दोनों हाथों को मेरी गर्दन में डाल कर मुझे पकड़ लिया था.
जैसे ही मैंने उसको उठाया, मेरा लंड पूरा अन्दर तक शिल्पा की चूत में चला गया जिससे शिल्पा को एकदम से तेज दर्द हुआ.
उसने कराहते हुए अपनी गांड को ऊपर उठा लिया.
वो बोली- आह मर गई … क्या कर रहे हो यश … धीरे से पेलो न.
मैंने कहा- हां तुम भी आराम आराम से लंड पर आओ.
उसे समझ आ गया था और अब वो भी अब आराम आराम से नीचे ऊपर होने लगी.
इस तरह की चुदाई में शिल्पा की हालत ज्यादा खराब हो रही थी क्योंकि लंड पूरा जड़ तक जा रहा था जिससे उसको दर्द हो रहा था.
शिल्पा इस पोज़ में अपनी मादक सिसकारियां कम निकाल पा रही थी.
उसकी दर्द भरी चीखें ज्यादा निकल रही थीं.
थोड़ी देर तक इसी पोज़ में चुदाई करने से हम दोनों थक गए थे.
मैंने शिल्पा की चूत से लंड को निकाले बिना ही उसको बेड के बीचों बीच लेटा दिया.
उसके पैर अभी भी बेड से नीचे लटके थे. बेड के किनारे पर उसकी गांड लगी थी. वो पीठ के बल चित लेटी हुई थी.
अगले ही पल मैंने उसकी टांगों को और फैला दिया. इससे उसकी चूत एकदम खुल कर चिर सी गई थी.
मैंने उसी पोज में उसकी चुदाई करना शुरू कर दी.
अब शिल्पा भी मेरा साथ अच्छे से देने लगी.
वो अपनी गांड को जोर जोर से पीछे करती, जिससे जब दोनों के जिस्म एक साथ टकरा जाते. तेज फच फच की आवाज आती और हम दोनों को इस आवाज से नशा सा चढ़ जाता.
अब शिल्पा लगातार बोले जा रही थी- आह और जोर से करो यश … जोर जोर से चोदो मुझे … आह और जोर जोर से!
मुझे उसकी अच्छी पकड़ मिल रही थी जिससे शिल्पा की चूत में जोर जोर के धक्के मारने में मुझे कोई दिक्कत नहीं हो रही थी.
ऐसे ही मैं उसको हचक कर चोदता रहा. कुछ ही देर में शिल्पा की सिसकारियां एकदम से तेज हो गई थीं.
अब मेरे हर धक्के पर उसकी आवाजें जोर जोर से ऐसे निकल रही थीं कि अगले ही पल वो झड़ जाएगी.
फिर हुआ भी यही … शिल्पा अपने बदन को ऐंठती हुई और जोर से आंह आह की आवाज करती हुई शांत हो गई.
वो झड़ गई थी और अभी भी मद्धिम आवाजें निकाली जा रही थी. उसकी चूत का गर्म पानी मेरे लंड को महसूस हो रहा था.
मैंने भी समझ लिया था कि अब मुझसे भी ज्यादा देर नहीं रुका जाएगा. मैंने उसकी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और कुछ ही देर में मुझे लगा कि अब मेरा भी होने वाला है.
मैंने शिल्पा से पूछा- कहां निकालूं?
शिल्पा बोली- बाहर ही निकालना.
मैंने जल्दी जल्दी से कुछ धक्के लगाए और लंड चूत से खींच कर सारा माल उसके पेट पर निकाल दिया.
झड़ने के बाद मैं उसके पास ही लेट गया.
शिल्पा की चुदाई के बाद उसकी चूत से मेरा मन नहीं भरा था.
मुझे उसकी मखमली !!!!!!!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.