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शादी में चुदाई की कहानियाँ
#38
रात में अचानक मेरी नींद खुली देखा, तो निशा मेरे लंड को सहला रही थी.
फिर उसने जैसे ही मेरे लंड को अपने मुँह में लिया, मेरी आवाज निकलने वाली हो गई थी.

जैसे तैसे मैंने मुँह पर अपना हाथ रख कर खुद को रोका.
अब निशा जोर जोर से मेरे लंड को चूस रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मन कर रहा था बस ये ऐसे ही चूसती रहे.

मैंने निशा को हाथ से पकड़कर अपने पास खींचा और उसके कान में बोला कि बेड के नीचे आओ.
निशा नीचे आकर कपड़े उतारने लगी.

मैंने कहा- शिल्पा ने देख लिया तो?
निशा बोली- उसकी फिक्र मत करो और मुझे प्यार करो, जितना कर सकते हो.

मैंने भी देर न करते हुए उसको पीछे से पकड़ कर उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़ लिया. उसे अपनी तरफ खींचा, इससे उसकी गांड और मेरा लंड बहुत जोर से रगड़ने लगा था.
मैं पीछे से उसके चूचों को दोनों हाथों से दबाने लगा.

निशा का हाथ मेरे लोअर के अन्दर था और वो मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थी.

कुछ पल ऐसे ही करने के बाद मैंने निशा को पीठ के बल लेट गया और उसकी शर्ट को उतार कर उसके चूचों को जोर जोर से दबाने लगा.

इसी के साथ मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और जोर जोर से चूसने लगा. निशा मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर मैंने उसका पजामा भी उतार दिया.

जैसे ही पजामे को निकाला तो देखा एकदम सफ़ेद और चिकनी चूत सामने थी.

मैं देर न करते हुए उसके चूचों को जोर जोर से चूसने लगा.

अब निशा सिसकारियां लेने लगी थी- अअअ आआ आह ऊऊऊ ओह्ह … और जोर जोर से चूसो … ऊओहह बहुत अच्छा लग रहा है.

मैं बिना रुके उसके एक चुचे को जोर जोर से मसले जा रहा था.
निशा काफी गर्म हो रही थी.

मैं अब निशा की टांगों के बीच में आ गया.
उसकी चिकनी टांगें बड़ी सुडौल थीं. मैं बारू बारी से दोनों जांघों को किस कर रहा था.

कुछ पल बाद मैं हल्का सा ऊपर हुआ और उसकी नाभि पर अपनी जीभ को गोल गोल घुमाने लगा.

निशा की मादक आवाजें मेरे सुरूर को बढ़ा रही थीं- ऊओह ह्ह ऊओ ह्हह आअह्ह आःह्ह्ह आःह आआहह!
फिर निशा बोली- यश डाल दो ना!

मैं दुबारा से उसकी टांगों के बीच आ गया और उसके चूत के दाने को चाटने लगा.

निशा- आअह ऊओह्ह ह्हह ऊओ ह्ह आआ ह्ह्ह और जोर से चाटो … आह जोर जोर से चाटो आहह!

मैं जोर जोर से उसकी चूत के दाने को चाटने लगा.
उसकी चूत गीली हो गई थी.

मैं उसकी चूत को चाटने में लगा रहा. निशा जोर जोर से सांस लेने लगी और सिसकारियां ले रही थी- ‘ऊऊह हह्ह आआ आह्ह ह्हह ह्हह!

अपनी दो उंगलियां मैं निशा की चूत में डालने लगा, उसकी चूत काफी टाइट थी … तो पहले दो उंगलियां एक साथ अन्दर नहीं जा रही थीं.

फिर मैंने एक उंगली जैसे ही उसकी चूत में डाली, निशा की आवाज निकल गई- ओओह्ह.

मैंने उंगली को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया. फिर जल्दी ही मैंने दो उंगलियां डाल दीं और वो और जोर से ओओ ह्ह्ह करने लगी.

कुछ पल तक मैं ऐसे ही उंगलियां चूत में अन्दर बाहर करता रहा.
उसकी चूत रस छोड़ने लगी थी.

फिर मैंने उसकी चूत में ढेर सारा थूक लगाया और अपने लंड पर भी थूक लगा लिया.

मैं लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
कुछ देर रगड़ने पर निशा बोली- यश अब डाल भी दो यार … कितना तरसाते हो तुम!

मैंने निशा की चूत पर अपना लंड रख कर हल्के से धक्का मारा. निशा की दर्द भरी कराह निकल गई- ओओ आह्ह ऊऊह!
उसकी आवाज कुछ तेज निकली थी. मुझे डर था कि कहीं शिल्पा की नींद न खुल जाए.

मेरा लंड निशा की चूत में अभी थोड़ा सा गया था. मैं ऐसे ही बिना कुछ करे कुछ पल के लिए रुक गया ताकि निशा शांत हो जाए.

कुछ पल बाद जब लगा कि उसको अच्छा लगा रहा है तो मैंने देर ना की और हल्के से धक्के मारते हुए लंड को अन्दर करने लगा दिया.
जब जब लंड निशा की चूत में अन्दर जाता, उसको दर्द होता.

फिर मैं कुछ पल रुक कर ऐसे ही उसके चूचों को चूसने लगा.
निशा भी मस्ती से अपनी गांड हिला रही थी.

मैंने भी धीरे धीरे धक्के मारने शुरू कर दिए और साथ ही उसके चूचों को भी दबा रहा था.

मेरे लंड के अन्दर बाहर होते ही निशा ‘ऊओह ह्ह आअ ह्ह्ह ऊओईई …’ की जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी.

उसकी आवाज तेज होने की स्थिति में आ सकती थी इसलिए मैंने पहले ही निशा का मुँह अपने एक हाथ से दबा दिया कि आवाज न निकले.

फिर लंड को बाहर निकाल कर पूरी दम से निशा की चूत में धक्का मार दिया.

‘उई मम्मी मीआहह … ऊईई ईई मर गईई ऊऊईईई ….’
निशा की चूत में लंड पूरा अन्दर चला गया था. उसकी चूत की धज्जियां उड़ गई थीं.

कुछ पल रुकने के बाद मैंने अपनी स्पीड थोड़ी तेज कर दी और जोर जोर से निशा की चुदाई करने लगा.

वो ‘ह्हाआ ह्ह्ह ऊओह्ह ह्ह आअह ह्ह्ह्ह …’ की मादक आवाजें निकाली जा रही थी.
जब वो ऐसी आवाज निकालती तो मैं और जोर जोर से उसकी चुदाई करने लगता.

ऐसे ही चुदाई करने के बाद अब मैंने निशा की एक टांग को ऊपर अपने कंधे पर किया और फिर से उसकी जोर से चुदाई करना शुरू कर दिया.

अब वो लंड का मजा ले रही थी- आह ऊऊईई ईईह ऊओह आअह्ह ह्हहा … ऐसे ही और चोदो और जोर से ऊह हह्ह!

फिर कुछ देर में मैं रुका और लंड निकाल कर निशा को घोड़ी बना दिया.

उसके पीछे से मैंने लंड लगाया.
उसकी कमर इतनी मस्त लग रही थी कि लंड गांड की तरफ देखने लगा. उसकी गोरी गोरी गांड को देख कर मुझे और भी जोश आ रहा था.

मैंने उसकी चूत पर लंड रखा और एक जोर के धक्के में आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में पेल दिया था.

मैं हल्के हल्के लंड को अन्दर बाहर करने लगा और उसकी चुदाई जोर जोर से करने लगा.
निशा की कामुक आवाजें ‘ऊऊऊह हह्ह्ह ह्ह श्श्ह आह्हू ऊओ हहह्ह् चोदो और जोर जोर से ऊऊह्ह …’ मुझे मजा दे रही थीं.

मैं उसके ऊपर चढ़ा था और उसकी चूचियां पकड़ कर धकापेल चुदाई कर रहा था.

काफी देर तक चुदाई होने के बाद निशा अपने हाथ से इशारा करने लगी कि वो शांत होने वाली है पर मैं उसकी बात समझे बिना उसकी चुदाई किए जा रहा था.
कुछ धक्के मारने के बाद निशा ने अपना मुँह दबा लिया और वो हिलती हुई शांत हो गई.

उसका गर्म रस मेरे लंड पर पड़ा तो कुछ धक्के मारने के बाद मुझे भी लगा कि मेरा होने वाला है.
मैं भी और जोर जोर से चुदाई करने लगा और जोर जोर से धक्के मारने लगा. मैं और निशा पूरे पसीने से नहाए हुए थे. वो अपना मुँह दबाये रखी थी.

कुछ धक्के मारने के बाद मैंने सारा पानी उसकी गांड के ऊपर गिरा दिया और शांत हो गया.

हम दोनों नीचे कुछ पल के लिए लेट गए. फिर निशा ने कपड़े उठाए और बाथरूम में फ्रेश होकर कपड़े पहन कर बाहर आ गई.

उसके बाद मैं भी फ्रेश होकर आ गया और हम दोनों साथ में लेट गए.

निशा बोली- यार, तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी.
मैंने कहा- ये तो आराम से किया है ताकि तेरी आवाज ना निकले. अभी तो काफी दिन है, कभी मौका मिलेगा तो असली चुदाई करूंगा.

निशा ने मेरे होंठों को चूमा.
मैंने उससे कहा- शिल्पा की भी दिलवा दो यार!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: शादी में चुदाई की कहानियाँ - by neerathemall - 10-12-2024, 03:43 PM



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