10-12-2024, 03:35 PM
एक दिन मैं घर पर बैठ हुआ था तो दरवाजे पर आवाज आई कि घर के बाहर कोई आया हुआ है.
मैंने बाहर जाकर देखा तो भैया भाभी आए हुए थे.
ये जो भैया भाभी आए थे, वो मेरे चाचा के लड़के थे और अंजलि भाभी साथ में थीं.
मैंने उन्हें अन्दर बुलाया और कुछ ही देर में सबने चाय पी. बहुत बातें भी हुईं.
भाभी मुझसे बोलीं- आप तो हमारे घर का पता ही भूल गए हो. एक साल से ज्यादा हो गया, घर के सब लोग आ गए पर आप नहीं आए.
मैंने कहा- भाभी क्या करूं, मन तो बहुत करता है, पर जब भी जाने की सोचता, तो कोई न कोई काम आ जाता था. जिस वजह से मैं वहां नहीं आ पाता.
भाभी- बहाना बनाना तो कोई आपसे सीखे.
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मैंने कहा- नहीं भाभी बहाना नहीं बना रहा हूँ. चलो अब कभी जल्दी ही आता हूं.
भाभी बोलीं- कभी क्या आता हूँ … नवम्बर में मेरी बहन निशा की शादी है, तो आपको तो दो हफ्ते पहले ही आना है क्योंकि आपके भैया तो दूसरे काम में बिजी होंगे, तो मुझे भी आपकी हेल्प चाहिए होगी न.
मैंने कहा- ठीक है.
शादी के दो हफ्ते पहले ही मैं भाभी के मायके वाले घर आ गया.
बाहर से अभी तो लग ही नहीं रहा था कि कोई शादी है. भाभी का घर यूपी में है और जिस जगह घर है, वहां का एरिया बहुत अच्छा है.
मैंने भाभी के घर के बेल बजाई, तो अन्दर से ‘आती हूँ …’ की आवाज आई.
जब दरवाजा खुला, तो कोई एकदम मस्त माल सामने था.
उस लड़की का नाम शिल्पा था और वो भाभी की कोई रिश्तेदार थी, जो कि मुझे बाद में पता चला.
उसका फिगर बहुत सेक्सी था. उसने उस टाइम नीले रंग की जींस और बहुत से मिक्स रंग वाला टॉप पहना हुआ था. वो टॉप और जींस दोनों ही उसके पूरे शरीर से चिपके हुए थे. उसका फिगर कुछ 32-28-34 का था.
शिल्पा- आप कौन, किससे मिलना है आपको?
मैंने उससे मस्ती करते हुए कहा- मैडम, यहां कोई अंजलि नाम से मैम रहती हैं, मुझे उनसे मिलना है.
शिल्पा- अच्छा तो आपको दीदी से मिलना है. आप यहीं रुको, मैं दीदी को बुला कर लाती हूँ.
ये कहती हुई शिल्पा जैसे ही पीछे मुड़ी, तो उसकी सेक्सी गांड देख कर मन किया कि पीछे से ही इसकी गांड में लंड डाल दूँ.
मैं जानबूझ कर दरवाजे पर ही खड़ा रहा.
थोड़ी ही देर में अंजलि भाभी ने मुझे देखा और बोलीं- तुम दरवाजे पर क्यों खड़े हो, अन्दर आओ.
शिल्पा सकपका गई और मैं हंस पड़ा.
फिर जैसे ही मैं अन्दर गया तो देखा कि पहले के मुकाबले घर अब और भी अच्छा हो गया था.
मैं बस भाभी की शादी में ही भाभी के घर गया था.
भाभी के घर में उनके मम्मी पापा और उनकी एक बहन यानि निशा थी.
निशा से छोटा एक भाई भी था.
भाभी की सगी छोटी बहन निशा थी, जिसकी शादी थी. उससे मेरा हंसी मजाक भी अच्छा खासा चलता था और हम दोनों आपस में किसी भी तरह की बात को शेयर कर लिया करते थे.
वैसे निशा भी देखने में किसी से कम नहीं थी. एकदम गोरी, काली आंखें, गोल गोल गाल … जिनको दांतों से काटने का मन करे.
उसके फिगर का साइज़ 34-28-34 का था. वो ऊपर से भी मस्त और नीचे से भी मस्त माल थी. उसकी गांड और चूचियों का आकार पूरी तरह से गोल गोल था.
निशा योग और एक्सरसाइज करती थी तो उसकी बॉडी में फालतू का फैट था ही नहीं.
मेरा मन तो बहुत किया कि अगर ये राज़ी हो जाए तो इसको चोदने के लिए कोई बहाना नहीं बनाना पड़ेगा क्योंकि घर में आने जाने की कोई रोक टोक तो थी नहीं.
उसने पहले ही सब साफ बोल दिया था कि हम दोस्त बन सकते हैं, उससे आगे कुछ नहीं.
उसने बताया भी कि उसका बॉयफ्रेंड भी है, उसके साथ उसने सेक्स भी किया है. उसने सब कुछ मुझसे शेयर किया हुआ था.
पर कहते है ना कि जब कामदेव की कृपा होती है, तो कुछ भी हो सकता है.
उसे ये शादी नहीं करनी थी क्योंकि उसकी शादी उसके बॉयफ्रेंड से नहीं हो रही थी. उसके घर में ये बात सबको पता चल गई थी इसलिए जल्दी से शादी करवाई जा रही थी.
मैं घर के अन्दर आया, सबसे मिला.
जब मैं निशा से मिला तो उससे बोला- तुझसे कुछ काम है.
निशा बोली- हां बोलो.
मैंने कहा- अभी नहीं, बाद में बताऊंगा.
उसके बाद मैं सबसे मिला, चाय पी.
भाभी के और भी रिश्तेदार आए हुए थे.
ऐसे ही थोड़ा टाइम हुआ तो मैं सीधा रसोई में आ गया. वहां भाभी और शिल्पा ही थीं.
मैंने भाभी के पास जाकर कहा- ये मोहतरमा कौन हैं, भाभी जी जरा हमसे भी तो मिलवाओ.
अंजलि भाभी बोलीं- हां हां क्यों नहीं, ये मेरी बहन है और इसका नाम शिल्पा है.
मैंने हाथ आगे करते हुए शिल्पा को हैलो बोला और शिल्पा ने भी मुझसे हाथ मिलाया.
जैसे ही उसका मुलायम और मखमली हाथ मेरे हाथ से छुआ, मेरे लंड में जैसे कोई करंट लग गया और वो झटके से खड़ा हो गया हो.
‘मेरा नाम यश है.’
वो मुस्करा दी.
मैंने भाभी से कहा- ये आपकी सगी बहन हैं?
भाभी बोलीं- नहीं, ये मेरे चाचा की लड़की है और गांव से मेरी मम्मी के साथ आई है.
मैंने बाहर जाकर देखा तो भैया भाभी आए हुए थे.
ये जो भैया भाभी आए थे, वो मेरे चाचा के लड़के थे और अंजलि भाभी साथ में थीं.
मैंने उन्हें अन्दर बुलाया और कुछ ही देर में सबने चाय पी. बहुत बातें भी हुईं.
भाभी मुझसे बोलीं- आप तो हमारे घर का पता ही भूल गए हो. एक साल से ज्यादा हो गया, घर के सब लोग आ गए पर आप नहीं आए.
मैंने कहा- भाभी क्या करूं, मन तो बहुत करता है, पर जब भी जाने की सोचता, तो कोई न कोई काम आ जाता था. जिस वजह से मैं वहां नहीं आ पाता.
भाभी- बहाना बनाना तो कोई आपसे सीखे.
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मैंने कहा- नहीं भाभी बहाना नहीं बना रहा हूँ. चलो अब कभी जल्दी ही आता हूं.
भाभी बोलीं- कभी क्या आता हूँ … नवम्बर में मेरी बहन निशा की शादी है, तो आपको तो दो हफ्ते पहले ही आना है क्योंकि आपके भैया तो दूसरे काम में बिजी होंगे, तो मुझे भी आपकी हेल्प चाहिए होगी न.
मैंने कहा- ठीक है.
शादी के दो हफ्ते पहले ही मैं भाभी के मायके वाले घर आ गया.
बाहर से अभी तो लग ही नहीं रहा था कि कोई शादी है. भाभी का घर यूपी में है और जिस जगह घर है, वहां का एरिया बहुत अच्छा है.
मैंने भाभी के घर के बेल बजाई, तो अन्दर से ‘आती हूँ …’ की आवाज आई.
जब दरवाजा खुला, तो कोई एकदम मस्त माल सामने था.
उस लड़की का नाम शिल्पा था और वो भाभी की कोई रिश्तेदार थी, जो कि मुझे बाद में पता चला.
उसका फिगर बहुत सेक्सी था. उसने उस टाइम नीले रंग की जींस और बहुत से मिक्स रंग वाला टॉप पहना हुआ था. वो टॉप और जींस दोनों ही उसके पूरे शरीर से चिपके हुए थे. उसका फिगर कुछ 32-28-34 का था.
शिल्पा- आप कौन, किससे मिलना है आपको?
मैंने उससे मस्ती करते हुए कहा- मैडम, यहां कोई अंजलि नाम से मैम रहती हैं, मुझे उनसे मिलना है.
शिल्पा- अच्छा तो आपको दीदी से मिलना है. आप यहीं रुको, मैं दीदी को बुला कर लाती हूँ.
ये कहती हुई शिल्पा जैसे ही पीछे मुड़ी, तो उसकी सेक्सी गांड देख कर मन किया कि पीछे से ही इसकी गांड में लंड डाल दूँ.
मैं जानबूझ कर दरवाजे पर ही खड़ा रहा.
थोड़ी ही देर में अंजलि भाभी ने मुझे देखा और बोलीं- तुम दरवाजे पर क्यों खड़े हो, अन्दर आओ.
शिल्पा सकपका गई और मैं हंस पड़ा.
फिर जैसे ही मैं अन्दर गया तो देखा कि पहले के मुकाबले घर अब और भी अच्छा हो गया था.
मैं बस भाभी की शादी में ही भाभी के घर गया था.
भाभी के घर में उनके मम्मी पापा और उनकी एक बहन यानि निशा थी.
निशा से छोटा एक भाई भी था.
भाभी की सगी छोटी बहन निशा थी, जिसकी शादी थी. उससे मेरा हंसी मजाक भी अच्छा खासा चलता था और हम दोनों आपस में किसी भी तरह की बात को शेयर कर लिया करते थे.
वैसे निशा भी देखने में किसी से कम नहीं थी. एकदम गोरी, काली आंखें, गोल गोल गाल … जिनको दांतों से काटने का मन करे.
उसके फिगर का साइज़ 34-28-34 का था. वो ऊपर से भी मस्त और नीचे से भी मस्त माल थी. उसकी गांड और चूचियों का आकार पूरी तरह से गोल गोल था.
निशा योग और एक्सरसाइज करती थी तो उसकी बॉडी में फालतू का फैट था ही नहीं.
मेरा मन तो बहुत किया कि अगर ये राज़ी हो जाए तो इसको चोदने के लिए कोई बहाना नहीं बनाना पड़ेगा क्योंकि घर में आने जाने की कोई रोक टोक तो थी नहीं.
उसने पहले ही सब साफ बोल दिया था कि हम दोस्त बन सकते हैं, उससे आगे कुछ नहीं.
उसने बताया भी कि उसका बॉयफ्रेंड भी है, उसके साथ उसने सेक्स भी किया है. उसने सब कुछ मुझसे शेयर किया हुआ था.
पर कहते है ना कि जब कामदेव की कृपा होती है, तो कुछ भी हो सकता है.
उसे ये शादी नहीं करनी थी क्योंकि उसकी शादी उसके बॉयफ्रेंड से नहीं हो रही थी. उसके घर में ये बात सबको पता चल गई थी इसलिए जल्दी से शादी करवाई जा रही थी.
मैं घर के अन्दर आया, सबसे मिला.
जब मैं निशा से मिला तो उससे बोला- तुझसे कुछ काम है.
निशा बोली- हां बोलो.
मैंने कहा- अभी नहीं, बाद में बताऊंगा.
उसके बाद मैं सबसे मिला, चाय पी.
भाभी के और भी रिश्तेदार आए हुए थे.
ऐसे ही थोड़ा टाइम हुआ तो मैं सीधा रसोई में आ गया. वहां भाभी और शिल्पा ही थीं.
मैंने भाभी के पास जाकर कहा- ये मोहतरमा कौन हैं, भाभी जी जरा हमसे भी तो मिलवाओ.
अंजलि भाभी बोलीं- हां हां क्यों नहीं, ये मेरी बहन है और इसका नाम शिल्पा है.
मैंने हाथ आगे करते हुए शिल्पा को हैलो बोला और शिल्पा ने भी मुझसे हाथ मिलाया.
जैसे ही उसका मुलायम और मखमली हाथ मेरे हाथ से छुआ, मेरे लंड में जैसे कोई करंट लग गया और वो झटके से खड़ा हो गया हो.
‘मेरा नाम यश है.’
वो मुस्करा दी.
मैंने भाभी से कहा- ये आपकी सगी बहन हैं?
भाभी बोलीं- नहीं, ये मेरे चाचा की लड़की है और गांव से मेरी मम्मी के साथ आई है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.