Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
ससुराल में सुहागरात (c)
#8
ललिता तभी आ गई.मुझे देखते ही वो शर्मा गई ओर रूपा से लिपट गई.पर उसे अब भी दर लग रहा था.वो उस से लिपट के बोली मम्मी आज थोड़ा सा उपर से ही प्लीज़.वो बोली देखते हैं मैं हूना.उन्होने मुझे उपर के कमरे मे जाने का इशारा किया.कुछ देर बाद वो वाइग्रा ओर गरम दूध ले आई. मुझे देते हुए बोली आज पूरी रात… इसे ले लो.हम अभी आते हैं.करीब 1 घंटे के बाद वो दोनो आ गई.मेरा लंड एक दम टत्टर हो चुका था.मैं लूँगी उतार कर नंगा ही अपने लंड को मसल रहा था.दोनो ने आते ही रूम बंद कर के कपड़े उतार दिए ओर एक दूसरे से लिपट कर चुम्मा चाती करने लगी.जब ललिता की नज़र मेरे लंड पर पड़ी तो वो बोली हाअ मम्मी देखो इनका लंड कितनी ज़ोर से खड़ा है? लगता है आज रात फिर तुम्हारी गांद मारने वाले हैं.रूपा हंस पड़ी कुछ बोली नही.रूपा ओर ललिता काफ़ी देर एक दूसरे की चूत चाटती रही.ललिता की कुँवारी कमसिन चूत देख कर मैं पागल हो रहा था.फिर रूपा हट गई ओर मैं उसकी सकरी कमसिन चूत को चूमने लगा.उसकी चूत चूस्ते हुए मन तो कर रहा था कि अभी लॉडा घुसा कर फाड़ दूं.फिर रूपा बोली जमाई जी अब ललिता को बाहों मे भर कर प्यार करो. मैं भी तो देखूं तुम दोनो की जोड़ी कैसी लग रही है.मैं उसे बाहों मे भर कर चूंचियों को दबाते हुए चूमने लगा.वो शर्मा रही थी पर बड़े प्यार से चुम्मा दे रही थी.वो काफ़ी गरमा चुकी थी ओर मेरे लंड को मुठिया रही थी.रूपा हमारे पास बैठ कर प्रेमलाप देखने लगी.मैने अब देर नही की ओर उठ कर उसकी गांद के नीचे तकिया रख दिया.अब वो थोड़ा घबरा गई ओर बोली ये क्या कर रहे हो?. रूपा ने जब उस से कहा अब उसकी चुदाई होगी तो वो नखरा करने लगी.रूपा बोली चल अब नखरे मत कर.फिर उन्होने प्यार से समझाया तो उसने जंघे फैला दी.मैं उसकी टाँगो के बीच अपना लंड संभाल कर बैठ गया.मैने फिर रूपा को आँख मारी ओर उन्होने उसके दोनो हाथ उसके सिर से उपर कर के कस लिए ओर उसके उपर बैठ गई. . ललिता घबरा कर रोने लगी ओर बोली ये क्या कर रही हो मम्मी छोड़ो मुझे.मैने सूपड़ा उसकी नाज़ुक चूत पर टीकाया ओर दबाना सुरू कर दिया.रूपा बोली थोड़ा दुखेगा बेटी तू ज़्यादा छ्ट पटा नही इस लिए तेरे हाथों को पकड़ा है.तू डरना मत.पहेली बार दर्द होगा पर मज़ा भी आएगा.मैने सूपड़ा फँसते ही मैने कस कर धक्का मार दिया.फॅस से सूपड़ा उसकी नाज़ुक चूत मे घुस गया ओर ललिता दर्द से बिलबिला उठी .वो चीखने वाली ही थी कि रूपा ने अपने हाथ से उसके मुँह को दबोच लिया. उसने मुझे आँख मारी ओर मैं तड़पति हुई ललिता की परवाह ना करते हुए फिर धक्का मारा.ललिता च्चटपटाते हुए बंद मुँह से गोंगियाने लगी.उस कुँवारी मक्खमली चूत ने मेरे लंड को ऐसे पकड़ रखा था जैसे किसी ने कस कर मुट्ठी मे पकड़ा हो.ललिता की आँखों से आँसू निकलने लगे.मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. मैं उस से करीब 1 महीने के बाद सुहागरात मना रहा था ओर उसकी तड़प देख कर ओर भी उत्तेजित हो गया था.मैने उसे ओर तड़पाने के लिए जान बुझ कर कहा रूपा रानी मज़ा आ गया ललिता की चूत तो आज फट जाएगी मेरे मोटे लंड से.पर मैं छोडने वाला नही इसे, चोद चोद कर फुकला कर दूँगा इस नाज़ुक म्यान को.वो ओर भी च्चटपटाते हुए रोने लगी.रूपा बोली अब राज जैसी भी करो तुम्हे ही सारी उमर चोदनी है इसे . मैने भी सोचा ज़्यादा डराना ठीक नही होगा.अभी गांद भी मारनी थी इस लिए तडपा तडपा कर चोदना ठीक नही होगा. इस लिए झुक कर उसकी निपल मुँह मे भर ली ओर चूसने लगा.रूपा भी प्यार से उसकी दूसरी चूंची को मसल्ने लगी.धीरे धीरे ललिता नॉर्मल होने लगी.मेरा लंड अभी 4इंच ही घुसा था उसकी नाज़ुक चूत मे.कुछ देर मे वो बिल्कुल शांत हो गई.मैं अब भी रुका हुवा उसकी चूंची को बारी बारी चूस रहा था.रूपा ने अब हाथ उसके मुँह से हटा लिया तो वो रोते स्वर मे बोली ” मम्मी बहोत दर्द हो रहा है इनसे कहोना बस करें बाद मे .रूपा बोली तुम चोदो राज ये ज़रा ज़्यादा ही नाज़ुक है.देखना अभी किलकरियाँ भरेगी.ललिता के सिर पर हाथ फेरते हुए बोली ललिता बेटी अभी थोड़ा दर्द ओर होगा फिर बहोत मज़ा आएगा.देखा नही था डॉली कैसे चुदवा रही थी उस दिन.अब वो शांत हो चली थी. उसकी चूत भी थोड़ी गीली होने लगी थी.मैने बचा लंड धीरे धीरे करके पेलना सुरू कर दिया.करीब करीब 5इंच लंड चूत मे घुस गया.मैं आधे लंड से ही धीरे धीरे धक्के मारने लगा.उसे मज़ा आने लगा ओर वो सिसकारियाँ भरने लगी.रूपा बोली शाबास मेरी बिटिया अब मज़ा आ रहा हायनाआअ.वो शर्मा कर आँसू भरी नज़रों से मेरी ओर देखने लगी.वो मुझे आँख मारते हुए बोली राज तुम अपना काम पूरा करो मैं अपनी चूत की सेवा इस से करवाती हूँ.रूपा उठ कर मेरी ओर पीठ करके ललिता के मुँह पर अपनी चूत जमाकर बैठ गई ओर उसके मुँह पर चूत रगड़ने लगी.मैने धीरे धीरे पेल्ना सुरू कर ही दिया था.मेरा लंड बड़ी मुस्किल से अंदर बाहर हो रहा था.मैने उसकी क्लिट को पेलते हुए रगड़ना सुरू किया.उसकी चूत कुछ देर मे ही पसीज गई.फिर मैने रूपा की दोनो चूंचियों को कस लिया ओर ज़ोर से दबाया. वो समझ गई अब मैं पूरा लंड घुसा दूँगा.उसने अपने चूतड़ को उसके मुँह पर कस लिया ओर मैने करारा धक्का मार दिया.एक कट की आवाज़ के साथ मेरा पूरा लॉडा उसकी कमसिन चूत को फाड़ता हुवा जड़ तक पहुँच गया.वो हाथ पैर पचछाड़ते हुए तड़पने लगी.पर उसके मुँह पर तो रूपा की चूत का ताला पड़ा था.वो तड़पति रही ओर मैं ज़ोर ज़ोर से चोद्ता रहा.उसकी चूत अब झड़ने लगी तो मैने कहा सासू अब मुझसे रहा नही जाता तुम हट जाओ मैं ज़ोर ज़ोर से चोदना चाहता हूँ. वो हट गई ओर ललिता चीखने लगी ओह्ह्ह्ह मर जाउन्गि हटाओ इसे.मैं उस से लिपट गया ओर चूमते हुए ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.उसकी साँसे ज़ोर ज़ोर से चलने लगी.मैने ललिता की जीभ मुँह मे ले ली ओर कस कस कर चोदने लगा.आख़िर उसे कस कर मैने करारा धक्का मारा ओर अपना सारा वीर्य चूत मे उंड़ेल दिया.साथ साथ वो भी झरने लगी.उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड झरने के बाद भी कसा हुवा था. चूत लॅप लापाने लगी थी.मुझे झरने मे भी बड़ा मज़ा आया.पूरा झरने के बाद मैने उसे प्यार से चूमा ओर उठ कर लंड खींच लिया.उसके साथ ही जैसे चूत से वीर्य ओर खून की पिचकारी निकली हो.सारा बेड खून से लाल हो गया.रूपा ने मेरे लंड को पहेले सॉफ किया फिर उठ कर ब्रांडी की बॉटल ले आई ओर उसे चूत पर डालते हुए सॉफ करने लगी. फिर उसकी चूत सहेलाते हुए बोली क्यों मज़ा आया कि नही.
[+] 1 user Likes abhi_mastlaunda's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: ससुराल में सुहागरात (c) - by abhi_mastlaunda - 06-12-2024, 07:51 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)