06-12-2024, 11:09 AM
मैं खूबसूरत पढ़ी लिखी औरत हूँ। मैं बिंदास लड़की हूँ। मुझे दोस्त बनाना रील बनाना बहुत ही अच्छा लगता है। तीन साल मेरी ज़िंदगी नर्क हो गयी थी। एक साल तो मैं दुःख में रही फिर अपने आप को संभालते हुए अपनी ज़िंदगी शुरू की। पर विधवा का ठप्पा था मेरे माथे पर इसलिए मैं अपने ससुराल से मायके आ गयी। माँ और पापा बोले तुम्हारी शादी करा देंगे। मुझे भी लगा की ज़िंदगी फिर से शुरू करने चाहिए। पर इस बार मैंने प्रण किया की अब मैं अपने पैर पर खड़ी होकर ही शादी करुँगी। क्यों की दुबारा शादी में डर भी रहता है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
