05-12-2024, 11:16 PM
जब फिर उफान पर आ गया तो मैने अपनी साली से कहा “पेट के बल लेट जाओ.” उसने कहा, “क्यूँ जीजू? मैने कहा, “इस बार तेरी गांद मारनी है.” वह सकपका गयी और कहने लगी, “कल मार लेना.” मैने कहा, “आअज सब को मार लेने दो कल पता नही में रहूं कि ना आ रहूं.” यह सुनते ही उसने मेरा मूह बंद कर लिया और कहा, “आप नही रहेंगे तो मैं जीकर क्या करूँगी?” वह पेट के बल लेट गयी. मैने उसकी चूतर के होल पर वसलीन लगाया और अपने लंड पर भी, और धीरे से उसकी नाज़ुक गांद के होल मे डाल दिया. वह दर्द के मारे चिल्लाने लगी और कहने लगी, “निकालिए बहुत दर्द हो रहा है”. मैने कहा, “स्सबर करो दर्द थोड़ी देर मे गायब हो जाएगा.” उसकी गांद फॅट चुकी थी और खून भी बह रहा था. लेकिन मुझपर तो वासना की आग लगी थी. मैने एक और झटका मारा और मेरा पूरा लंड उसकी गांद मे घुस गया .. मैं अपने लंड को आगे पीछे करने लगा. उसका दर्द भी कम होने लगा. फिर हम मस्ती मे खो गये. कुछ देर बाद हम झाड़ गये. मैने लंड को उसकी गांद से निकालने के बाद उसको बाँहो मे लिया और लेट गया . हम दोनो काफ़ी थक गये थे. बहुत देर तक हम जीजा साली एक दूसरे को चूमते-चाटते और बाते करते रहे और कब नींद के आगोश मे चले गये पता ही नही चला. सुबह जब मेरी आँखें खुली मैने देखा साली मेरे नंगे जिस्म से चिपकी हुई है. मैने उसको धीरे से हटा कर सीधा किया, उसकी फूली हुई चूत और सूजी हुई गांद पर नज़र पड़ी, रात भर की चुदाई से दोनो काफ़ी फूल गयी थी. बिस्तर पर खून भी पड़ा था जो साली की चूत और गांद से निकाला था. मैं समझ गया वो शादी के बाद भी वर्जिन ही थी. मेरी साली अब वर्जिन नही रही. नंगे बदन को देखते ही फिर मेरी काम अग्नि बढ़ गयी. धीरे से मैने उसके गुलाबी चूत को अपने होटो से चूमने लगा. चूत पर मेरे मूह का स्पर्श होते ही वह धीरे धीरे नींद से जागने लगी. उसने मुझे चूत को बेतहासा चूमता देख शरम से आँखें बंद कर ली और कहा, “समझ गयी फिर रात का खेल होगा फिर जीजा साली का प्यार होगा. मैं उसे फिर चोदने लगा.इस बात से अंजान की द्वार पर खड़ी मेरी सास ओर बीवी दोनो इस चुदाई को देख रही थी.इस बार मैने करीबन1 घंटे उसकी जबरदस्त चुदाई की तब कही मेरा वीर्य निकल पाया. उसकी चूत ओर गांद दोनो सूज कर लाल हो चुकी थी.ललिता मस्ती से इस चुदाई को देख रही थी.मैं जब झाड़ कर उसके उपर से उठा तो वो बिल्कुल लस्त पड़ी हुई हाँफ रही थी.उसकी उठने की हिम्मत नही हो रही थी. मैं उठ कर बाथरूम चला गया.रूपा अपनी बेटी को समझा रही थी पर वो अब भी डर रही थी.ललिता बे सक डॉली से नाज़ुक थी ओर उमर भी क्या थी? अभी वो कमसिन ही तो थी.जब मैं लौटा बाथरूम से तो वो ललिता की चूंचियों को दबाते हुए उसे चूम रही थी.मैने कहा ये क्या कर रही हो? वो बोली राज तुम्हारे लिए तुम्हारी बीवी को तैयार कर रही हूँ.इसे पहेले ओरल सेक्स का मज़ा दूँगी फिर जब उसका डर निकल जाएगा तब तुम दोनो की सुहागरात करवाउंगी.अभी तुम डॉली को ही.. मैं वापस अंदर आ गया.वो दोनो भी अंदर आकर बैठ गए ओर हम दोनो की चुदाई देखने लगे.ललिता काफ़ी हद तक गरम हो चुकी थी.मैने उन दोनो के सामने बहोत बुरी तरह से डॉली को चोदा.उसकी किल्कारी ओर मस्ती से ललिता का डर दूर होता जा रहा था.वो भी मस्ती मे आकर रूपा की चुन्चिओ को चूसने लगी. रूम मे हम चारों की मस्ती भरी किलकरियाँ गूंजने लगी.ललिता ओर रूपा दोनो झार कर थक चुकी थी ओर अपने कमरे मे चली गई पर मैं अब भी डॉली को चोद रहा था.उसकी हालत बहोत बुरी हो चुकी थी.फिर भी उसमे अजीब सी मस्ती थी.आख़िर हम एक दूसरे से लिपट कर सो गए.दो दिन तक मैं डॉली ओर ऱूपा को ही चोद्ता रहा ओर ललिता हमारी चुदाई देखती रही.पर अब भी वो मेरे हलब्बी लंड को लेने की हिम्मत नही जुटा पा रही थी. अचानक 3सरे दिन मुझे पिताजी ने बुलवा लिया.मुझे कुछ दिनो के लिए दूसरे शहर जाना था ओर वहाँ एक बड़ी कंपनी का एक्सपोर्ट का ऑर्डर मिलने वाला था.पिताजी जा नही सकते थे इस लिए मुझे जाना था.मैं उस दिन ही चला गया ओर जाते हुए मैं ललिता से मिला.वो मुझसे लिपट कर रोने लगी.मैने कहा रानी मैं 15-20 दिन मे ही लौट आउन्गा.तब तक अपने आप को तैयार कर लेना.नही तो तेरे बदले तेरी बहन को ले जाउन्गा समझी.रूपा ने भी कहा दामाद जी मैं हू ना टेन्षन मत रखना.काफ़ी समय है. मैं वान्हा 20 दिन रहा.सारा काम अच्छे से पूरा हो चुका था.इस बीच मैने ललिता से भी बात की ओर रूपा से भी.डॉली को म्सी नही आई थी.उसे शायद मेरा गर्भ रह गया था.उसके पति ने अपना इलाज करवा लिया था ओर जब रूपा को सन्तुस्ति मिली कि वो डॉली को खुस रखेगा तो उसे जाने दिया.जो कि डॉली ने मुझे बताया कि उसे सेक्स मे वो मज़ा नही आता जो के मेरे साथ आया था पर ओर कोई चारा भी नही. मैने उसे आस्वासन दिया मैं हू ना जब मन करे आ जाया करना.ललिता भी अब नही रोकेगी.रूपा ने कहा ललिता मेरा बेसब्री से वेट कर रही है.मैं आने के साथ फ़ौरन अपने ससुराल चला आया.20 दिन से मैं प्यासा था.मुझे देखते ही रूपा मुझ पर टूट पड़ी.ललिता घर पर नही थी.मैने उसे बहोत बुरी तरह से चोदा ओर गांद भी मारी.वो बहोत खुस हो गई. मैने उनके मम्मे चूमते हुए कहा मेरी प्यारी सासू अब तो इनाम देंगी नाआअ. या अब भी इंतेजर करना होगा तुम्हारे इस भक्त को? वो बोली हां मेरे प्यारे जमाई राजा ललिता बस अभी आती ही होगी.वो अपनी सहेली की शादी मे गई हुई है.आज उसे जी भर कर चोद्लेना.इस वजह से तो मैने अभी चुदवा लिया तुमसे.वो कुछ नखरे करेगी.पर मैं सहयता करूँगी.ओर जो भी करना हो कर लेना. मन चाहे वैसे चोदना.उसके रोने धोने की कोई फिकर मत करना.वैसे चुदवाते हुए वो अब ज़्यादा नही रोएगि हां उसकी नाज़ुक गांद मे लंड घुसेगा तब वो ज़रूर चीखेगी चिल्लाएगी.उसकी बातों से मेरा लंड फिर से तन गया ओर रूपा को चोदने के लिए तड़पने लगा पर उसने रोक दिया ओर कहा राजा आज रात तुम्हारी सुहागरात है.इसे मस्त रखना.आख़िर कुँवारी चूत चोदनि है बहोत कसी हुई होगी. मैने कहा ओर सासू गांद भी तो मारनी है ? वो मेरे लंड पर हल्की थप्पी लगाते हुए बोली हां राजाआ उसके लिए भी तो कड़ा लंड चाहिए.खैर तुम जवान ओर ताक़त वर भी हो..तुम्हारा लंड वैसे भी कड़ा ही रहेता है.मार लेना गांद भी लौंडिया की अलत पलट कर जैसे भी.फिर वो कपड़े पहेन कर उपर के कमरे मे जाने लगी.उपर दूसरे माले पर रूम बाँध ही रहेता था.मैने कहा उपर क्यों जेया रही हो? वो बोली लड़की बहोट चीखेगी चिल्लाएगी इस लिए उपर वाला कमरा सही रहेगा.उसने उपर जाकर रूम सज़ा दिया.शाम पड़ने वाली थी.