05-12-2024, 03:50 PM
(This post was last modified: 06-12-2024, 02:05 PM by neerathemall. Edited 10 times in total. Edited 10 times in total.)
केक काटने के बाद बच्चे अपने कमरे में सोने के लिए चले गए. मैं प्रिया और मेरी पत्नी शिवानी गेस्ट रूम में बैठकर ही बातें करने लगे. बातें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी. मेरी पत्नी बोली- लगता है आप दोनों की बातें खत्म नहीं होगी. मैं जा रही हूं सोने! आपकी बातें जब खत्म हो जायें तो आ जाना सोने के लिए! मुझे नींद बहुत आ रही है. मैं दिनभर की थकी हुई हूँ.
इतना बोल कर वह चली गई. हम दोनों के चेहरे पर हवस की मुस्कान आ गई. थोड़ी देर बाद मैं पेशाब करने के बहाने उठा और आश्वस्त हो गया कि मेरी पत्नी सो चुकी है या नहीं! उसके बाद मैं प्रिया के रूम में आया. वह तो जैसे इंतजार में ही बैठी थी.
जैसे ही उसके रूम का दरवाजा लगाया, वो मुझसे चिपक गई और मुझे किस करने लगी, कहने लगी- मेरी जीजा राजा … मेरी प्यास बुझा दो. मैं तो कब से इस इंतजार में थी. तुम ही नहीं बात को आगे बढ़ा रहे थे. मेरे बार बार तुम्हारे यहां आने का मकसद यही था कि मैं तुमसे चुदूं!
प्रिया मुझसे पूरा चिपक रही थी. हम दोनों एक दूसरे में समा जाना चाहते थे. मुझे भी आज एक नई चूत मिल रही थी चोदने के लिए! मैं किस करते हुए उसके होंठों को जोर से चूसने लगा. मैं जीजा साली की सेक्सी हरकतों का पूरा मजा लेना चाहता था. वह कहती जा रही थी- मैं अब सिर्फ तुम्हारी हूं, मुझे चोद दो. मेरी प्यास बुझा दो, मुझे और ज्यादा प्यासी नहीं रहना है.
मैं भी धीरे करके मैं उसे नंगी करने लगा, उसकी चूची को जोर जोर से सहलाने लगा. वह भी मुझे पूरा मजा लेने दे ले रही थी. अब मैं अपने आप को भी नंगा कर चुका था, उसकी चूत को अपने हाथ से सहला रहा था. किस करते हुए मैंने उसे ले जाकर बिस्तर पर लेटा दिया.
अब मैंने नीचे आकर उसकी चूची को मुंह में भर लिया और जोर से चूसने लगा. एक चूची को मैं जोर जोर से दबाने लगा. वह भी अब और ज्यादा तड़पने लगी.
वो कहने लगी- चोदो … मुझे चोदो! तड़पकर प्रिया बोली- मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूं. यह सब बाद में भी करना. बहुत दिनों से मेरी चूत की प्यास नहीं बुझी है. अब तुम मुझे जब चाहो जहां चाहो जैसे चाहो भरपूर चोद सकते हो. लेकिन अभी के लिए मेरी चुदाई जल्दी कर दो. बाद में ही तुम्हें जो करना होगा जैसे करना होगा करना.
मैं भी वक्त की नजाकत को समझते हुए साली की चूत पर लंड रगड़ने लगा. जैसे ही लंड उसके चूत पर रगड़ने लगा, वह तो मानो पागल हो गई और मुझसे चुदाई की भीख मांगने लगी. मुझे जोर से बांहों में भरने लगी, मेरे होठों पर फिर से अपने होंठ रखकर किस करने लगी, बोलने लगी- जल्दी करो ना!
मैंने अब अपने लंड को उसकी चूत की फांकों पर फंसाया, उसकी कमर को पकड़ा और उसके होठों पर होंठ रखकर एक जोर का धक्का दिया. मेरा लंड उसके चूत में समा गया. वह तो जोर से चीखने वाली थी लेकिन मैंने उसकी चीख दबा दी. नहीं तो शिवानी जाग जाती.
उसके चेहरे पर एक मदहोशी और एकाएक धक्के से उत्पन्न दर्द उसकी आंखों में साफ देखा जा सकता था.
लेकिन फिर भी वह मुझे अपनी ओर खींच रही थी, अपनी कमर हिला रही थी और दर्द के बावजूद मुझे अपनी चुदाई करने के लिए आमंत्रण कर रही थी. अब मैं उसकी चूत में लंड रखे हुए ही थोड़ा सीधा हुआ तो उसने मेरा हाथ अपनी चूची पर रख दिया, बोली- इसे भी चुदाई करते हुए दबाओ. मैंने भी उसके आज्ञा का पालन करते हुए उसकी चुदाई अब चालू कर दी और उसकी चूची को दबाने लगा.
वह चुदाई का आनंद लेने लगी भरपूर … कहने लगी- मुझे भरपूर मजा आ रहा है. उसकी चुदाई करते हुए मुश्किल से 4 से 5 मिनट हुए होंगे वह झर गई. लेकिन मैंने धक्के देने चालू रखें. थोड़ी देर बाद वह भी फिर से मजे लेने लगी और मेरा साथ देने लगी. मैं भी उसे किस करने लगा जोर-जोर से! साथ में उसकी चुदाई करने लगा.
इस तरह चुदाई करते करते करीब हम दोनों को 20 मिनट गुजर गए. मेरा भी पानी छोड़ने की कगार पर था, मैंने कहा- मेरा पानी निकलने वाला है मेरी जान! वह बोली- अंदर ही निकाल लो. मैं इसे महसूस करना चाहती हूं. मैं बाद जोर जोर से धक्के मारने लगा, ऐसा लग रहा था कि मैं उसकी चूत को फाड़ दूंगा. वह भी मुझे अपने में समा लेना चाह रही थी.
चूत मारते मारते मैं उसकी चूत में झरने लगा और साथ में वह भी एक अजीब अकड़न के साथ झरने लगी. हम दोनों एक साथ झड़ गए. उसके बाद मैंने उसके चेहरे पर संतुष्टि का भाव देखा था. वह अपनी आँखें बंद किए हुए थी.
मैं उसके ऊपर झुका और उसके गाल पर किस करते हुए कहा- कैसा लगा?
वह अपनी आंखें बहुत ही प्यार से खोलते हुए मुझे उम्मीद की नजरों से देखते हुए बोली- मैं बहुत खुश हूँ.
मैं उसके बालों को सहलाने लगा और आंखों में देखने लगा और होठों पर एक प्यारी सी किस करते हुए पूछा- प्रिया, अब कैसे फील कर रही हो?
तो उसने कहा- मेरे चेहरे से तुम्हें मेरी खुशी नहीं झलक रही है क्या?
साली ने मेरे होठों पर एक किस किया और मुझे कहा- बहुत बहुत धन्यवाद तुम्हारा अमन! तुमने आज मुझे पूरा खुश कर दिया अब से मैं तुम्हारी हूं. और तुम अभी समझना कि तुम्हारी एक नहीं दो-दो बीवियां हैं.
मैं भी मजे में उसकी चूची दबाते हुए कहा- अच्छा जी?
उसने कहा- हां.
वो बोली- मेरी चूत की चुदाई अब तुम्हें ही करनी है.
मैंने उसके हाथ को पकड़ा और उसकी आंखों में देखते हुए बोला- ठीक है. हमें जब भी मौका मिलेगा, मैं तुम्हारी चुदाई अवश्य करूंगा. अभी मैं जाता हूं. तुम भी सो जाओ … नहीं तो कहीं शिवानी उठ गई तो तुम जानती हो क्या होगा!
वह बोली- ठीक है.
मैं उठ कर चलने लगा तो मैंने उसे एक बार मुड़ कर देखा तो प्रिया कपड़े पहनने लगी थी. उसके बाद वो अपने रूम का दरवाजा लगा कर सो गई. मैं भी शिवानी के बगल में लेट गया शिवानी को पकड़कर! शिवानी तो जैसे से नींद में बेसुध पड़ी थी. मैंने उसे डिस्टर्ब करना उचित नहीं समझा और सो गया.
इस तरह मेरी पत्नी की बड़ी बहन के साथ मैंने पहली चुदाई की. वह मुझसे संपूर्ण संतुष्ट हो गई थी और थक भी गई थी. मुझे भी उस रात उसकी जुदाई करके भरपूर मजा आया. उसकी बड़ी बड़ी चूची को चूस कर मैंने भरपूर मजा लिया. उसके चेहरे पर संतुष्टि की भाव स्पष्ट दिख रहा था.
इतना बोल कर वह चली गई. हम दोनों के चेहरे पर हवस की मुस्कान आ गई. थोड़ी देर बाद मैं पेशाब करने के बहाने उठा और आश्वस्त हो गया कि मेरी पत्नी सो चुकी है या नहीं! उसके बाद मैं प्रिया के रूम में आया. वह तो जैसे इंतजार में ही बैठी थी.
जैसे ही उसके रूम का दरवाजा लगाया, वो मुझसे चिपक गई और मुझे किस करने लगी, कहने लगी- मेरी जीजा राजा … मेरी प्यास बुझा दो. मैं तो कब से इस इंतजार में थी. तुम ही नहीं बात को आगे बढ़ा रहे थे. मेरे बार बार तुम्हारे यहां आने का मकसद यही था कि मैं तुमसे चुदूं!
प्रिया मुझसे पूरा चिपक रही थी. हम दोनों एक दूसरे में समा जाना चाहते थे. मुझे भी आज एक नई चूत मिल रही थी चोदने के लिए! मैं किस करते हुए उसके होंठों को जोर से चूसने लगा. मैं जीजा साली की सेक्सी हरकतों का पूरा मजा लेना चाहता था. वह कहती जा रही थी- मैं अब सिर्फ तुम्हारी हूं, मुझे चोद दो. मेरी प्यास बुझा दो, मुझे और ज्यादा प्यासी नहीं रहना है.
मैं भी धीरे करके मैं उसे नंगी करने लगा, उसकी चूची को जोर जोर से सहलाने लगा. वह भी मुझे पूरा मजा लेने दे ले रही थी. अब मैं अपने आप को भी नंगा कर चुका था, उसकी चूत को अपने हाथ से सहला रहा था. किस करते हुए मैंने उसे ले जाकर बिस्तर पर लेटा दिया.
अब मैंने नीचे आकर उसकी चूची को मुंह में भर लिया और जोर से चूसने लगा. एक चूची को मैं जोर जोर से दबाने लगा. वह भी अब और ज्यादा तड़पने लगी.
वो कहने लगी- चोदो … मुझे चोदो! तड़पकर प्रिया बोली- मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूं. यह सब बाद में भी करना. बहुत दिनों से मेरी चूत की प्यास नहीं बुझी है. अब तुम मुझे जब चाहो जहां चाहो जैसे चाहो भरपूर चोद सकते हो. लेकिन अभी के लिए मेरी चुदाई जल्दी कर दो. बाद में ही तुम्हें जो करना होगा जैसे करना होगा करना.
मैं भी वक्त की नजाकत को समझते हुए साली की चूत पर लंड रगड़ने लगा. जैसे ही लंड उसके चूत पर रगड़ने लगा, वह तो मानो पागल हो गई और मुझसे चुदाई की भीख मांगने लगी. मुझे जोर से बांहों में भरने लगी, मेरे होठों पर फिर से अपने होंठ रखकर किस करने लगी, बोलने लगी- जल्दी करो ना!
मैंने अब अपने लंड को उसकी चूत की फांकों पर फंसाया, उसकी कमर को पकड़ा और उसके होठों पर होंठ रखकर एक जोर का धक्का दिया. मेरा लंड उसके चूत में समा गया. वह तो जोर से चीखने वाली थी लेकिन मैंने उसकी चीख दबा दी. नहीं तो शिवानी जाग जाती.
उसके चेहरे पर एक मदहोशी और एकाएक धक्के से उत्पन्न दर्द उसकी आंखों में साफ देखा जा सकता था.
लेकिन फिर भी वह मुझे अपनी ओर खींच रही थी, अपनी कमर हिला रही थी और दर्द के बावजूद मुझे अपनी चुदाई करने के लिए आमंत्रण कर रही थी. अब मैं उसकी चूत में लंड रखे हुए ही थोड़ा सीधा हुआ तो उसने मेरा हाथ अपनी चूची पर रख दिया, बोली- इसे भी चुदाई करते हुए दबाओ. मैंने भी उसके आज्ञा का पालन करते हुए उसकी चुदाई अब चालू कर दी और उसकी चूची को दबाने लगा.
वह चुदाई का आनंद लेने लगी भरपूर … कहने लगी- मुझे भरपूर मजा आ रहा है. उसकी चुदाई करते हुए मुश्किल से 4 से 5 मिनट हुए होंगे वह झर गई. लेकिन मैंने धक्के देने चालू रखें. थोड़ी देर बाद वह भी फिर से मजे लेने लगी और मेरा साथ देने लगी. मैं भी उसे किस करने लगा जोर-जोर से! साथ में उसकी चुदाई करने लगा.
इस तरह चुदाई करते करते करीब हम दोनों को 20 मिनट गुजर गए. मेरा भी पानी छोड़ने की कगार पर था, मैंने कहा- मेरा पानी निकलने वाला है मेरी जान! वह बोली- अंदर ही निकाल लो. मैं इसे महसूस करना चाहती हूं. मैं बाद जोर जोर से धक्के मारने लगा, ऐसा लग रहा था कि मैं उसकी चूत को फाड़ दूंगा. वह भी मुझे अपने में समा लेना चाह रही थी.
चूत मारते मारते मैं उसकी चूत में झरने लगा और साथ में वह भी एक अजीब अकड़न के साथ झरने लगी. हम दोनों एक साथ झड़ गए. उसके बाद मैंने उसके चेहरे पर संतुष्टि का भाव देखा था. वह अपनी आँखें बंद किए हुए थी.
मैं उसके ऊपर झुका और उसके गाल पर किस करते हुए कहा- कैसा लगा?
वह अपनी आंखें बहुत ही प्यार से खोलते हुए मुझे उम्मीद की नजरों से देखते हुए बोली- मैं बहुत खुश हूँ.
मैं उसके बालों को सहलाने लगा और आंखों में देखने लगा और होठों पर एक प्यारी सी किस करते हुए पूछा- प्रिया, अब कैसे फील कर रही हो?
तो उसने कहा- मेरे चेहरे से तुम्हें मेरी खुशी नहीं झलक रही है क्या?
साली ने मेरे होठों पर एक किस किया और मुझे कहा- बहुत बहुत धन्यवाद तुम्हारा अमन! तुमने आज मुझे पूरा खुश कर दिया अब से मैं तुम्हारी हूं. और तुम अभी समझना कि तुम्हारी एक नहीं दो-दो बीवियां हैं.
मैं भी मजे में उसकी चूची दबाते हुए कहा- अच्छा जी?
उसने कहा- हां.
वो बोली- मेरी चूत की चुदाई अब तुम्हें ही करनी है.
मैंने उसके हाथ को पकड़ा और उसकी आंखों में देखते हुए बोला- ठीक है. हमें जब भी मौका मिलेगा, मैं तुम्हारी चुदाई अवश्य करूंगा. अभी मैं जाता हूं. तुम भी सो जाओ … नहीं तो कहीं शिवानी उठ गई तो तुम जानती हो क्या होगा!
वह बोली- ठीक है.
मैं उठ कर चलने लगा तो मैंने उसे एक बार मुड़ कर देखा तो प्रिया कपड़े पहनने लगी थी. उसके बाद वो अपने रूम का दरवाजा लगा कर सो गई. मैं भी शिवानी के बगल में लेट गया शिवानी को पकड़कर! शिवानी तो जैसे से नींद में बेसुध पड़ी थी. मैंने उसे डिस्टर्ब करना उचित नहीं समझा और सो गया.
इस तरह मेरी पत्नी की बड़ी बहन के साथ मैंने पहली चुदाई की. वह मुझसे संपूर्ण संतुष्ट हो गई थी और थक भी गई थी. मुझे भी उस रात उसकी जुदाई करके भरपूर मजा आया. उसकी बड़ी बड़ी चूची को चूस कर मैंने भरपूर मजा लिया. उसके चेहरे पर संतुष्टि की भाव स्पष्ट दिख रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.