05-12-2024, 03:49 PM
(This post was last modified: 06-12-2024, 02:02 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
बीवी की बड़ी बहन से
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मेरी पत्नी का नाम शिवानी है. मेरी उम्र अभी वर्तमान में 33 साल है और मेरी पत्नी की उम्र में 31 साल है. हम लोगों की शादी बहुत पहले हो गई थी. आज मेरे शादी को कोई 11 साल हो गए हैं. हम लोग जब अपनी जवानी की दहलीज पर कदम रख रहे थे तो उसी उम्र में मेरी शादी हो गई. हमने अपनी जवानी का एक पल भी बर्बाद नहीं किया और हम पति पत्नी ने भरपूर चुदाई का मजा लिए.
मैं देखने में भी अच्छा खासा हेंडसम और स्मार्ट हूँ. मेरी पत्नी भी चुदाई में हर वक्त मेरा साथ देती है और भरपूर चुदाई का मजा लेती है. यह कहानी मेरी और मेरी पत्नी की नहीं, मेरी पत्नी की एक बड़ी बहन प्रिया की है. उसकी उम्र 35 साल है, तो वो मेरी पत्नी से बड़ी है. कहते हैं कि छोटी साली हो तो मजाक करने में बहुत मजा आता है. लेकिन मेरी पत्नी की बहन प्रिया मुझे कभी अहसास नहीं होने दिया कि मेरी कोई छोटी साली नहीं है.
वह भी मुझे छोटी साली की तरह ही मजाक करती और कभी-कभी तो उससे ज्यादा! आगे बढ़कर मजाक करती … वह मुझे टच करके मजाक करती. और मैं भी कभी-कभी मजाक में जब उसकी नशीली आंखों को देखकर उत्तेजित हो जाता तो उसे भी टच करता. लेकिन आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं हुई क्योंकि कहीं ना कहीं मेरे मन में यह बात थी कि मेरी पत्नी की बड़ी बहन है; अगर मैं कुछ करूंगा तो बात कहीं बनने की जगह बिगड़ ना जाए. और जो यह नयनसुख और हल्की छेड़छाड़ होती है वह भी ना बंद हो जाए.
लेकिन पता नहीं क्यों मुझ से बात करने का हर बहाना ढूंढती रहती; कोई भी मौका जाने नहीं देती; चाहे वह फोन पर हो चाहे आमने सामने!
उसे जब भी मौका मिलता कोई न कोई बहाना करके मेरे यहां आ जाती. वह इतनी खुली हुई थी कि शिवानी के सामने ही कभी-कभी मुझे मजाक करती … मेरा चेहरा शर्म से पानी पानी हो जाता. बाद में मैं अगर शिवानी से शिकायत करता तो शिवानी बोलती- देखिए प्रिया दीदी आप की साली है और आप जीजा साली के बीच में मुझे नहीं पड़ना! मेरी कोई छोटी बहन नहीं है तो समझना प्रिया मेरी बड़ी बहन भी है और छोटी बहन भी! तो थोड़ा मजाक करती है मजाक कर लेने दीजिए और मजा लीजिए.
फिर मेरी पत्नी बोली- आपको प्रिया दीदी अच्छी नहीं लगती?
मैंने कहा- ऐसी बात नहीं है … फिर भी!
धीरे धीरे मुझे भी उसकी मौजूदगी अच्छी लगती और मेरे मन में भी कहीं ना कहीं यह बात उफान मरने लगी कि कुछ ना कुछ तो बात है. अगर थोड़ा सा भी आगे बढ़ा जाए तो इसकी चूत की चुदाई करने को भी मिल सकती है. जब मन में यह बात आने लगी तो मैं भी अब कोई ना कोई जुगाड़ करता किसी तरह उससे बात करूं अकेले में … और घुमा फिरा कर पूछूं कि क्या मुझसे चुदाई करेगी या नहीं. मैं उसे कुछ ज्यादा टच करने लगा. इसका जवाब भी हो बहुत ही नशीली अंदाज में देती.
इसी तरह वक्त बीतता गया और हम दोनों के मन में दूसरे से शारीरिक सुख पाने की लालसा बहुत ज्यादा होने लगी थी. लेकिन पहल हम दोनों में से कोई भी करने से डरता था. इसी तरह वक्त बीतते हुए जब मेरा बेटा 4 साल का हुआ तो उसका जन्मदिन आया. इस बार भी वो अकेली ही आई.
जन्मदिन से 1 दिन पहले तो मैं उसे बस स्टैंड पर लेने के लिए गया. इस बार मैं थोड़ा ज्यादा बन ठन कर गया था. मुझे देखते ही प्रिया बोली- क्या बात है … बहुत ज्यादा स्मार्ट लग रहे हैं आप! कहीं बिजली गिराने का इरादा तो नहीं?
तो मैं भी बोला- आप तो मेरी पत्नी की बड़ी बहन हैं … छोटी साली होती तो बिजली की जगह बहुत कुछ गिरा देता!
उसने मेरी कही बात को समझ लिया और बोली- अच्छा जी! बड़ी हूँ तो क्या हुआ … हूँ तो आपकी साली ही ना! तो फिर आइए कोशिश कीजिए गिराने का बिजली के अलावा भी! वो आगे बोली- जो भी गिराइएगा, मैं भी उसे बड़े प्यार से लूंगी और आपको गिराने में भरपूर मजा दूंगी.
रास्ते में आते वक्त वो मुझसे मस्ती और ज्यादा चिपकने लगी. मुझे भी अच्छा लगा, मैं भी मजाक में बोला- लगता है इस बार आप बहुत कुछ करवा ही लोगी.
उन्होंने शर्माते हुए कहा- चल हट!
उसके बाद हम घर आए. शाम का टाइम था तो मैं, मेरी पत्नी और प्रिया तीनों छत पर टहल रहे थे. हम तीनों का चाय पीने का मन करने लगा तो प्रिया ने कहा- तुम दोनों ऊपर पर ही रहो, मैं चाय बना कर लाती हूं.
इस पर मेरी पत्नी बोली- आप भी जाइये, दीदी को मदद कर दीजिए.
मैं तो इसी मौका की तलाश में ही था पर मैंने उससे बनते हुए कहा- तुम तुम जानती हो कि वे कितना मजाक करती हैं. अकेले में और ज्यादा मजाक करती हैं तो मुझे शर्म आती है. तो प्रिया ने कहा- अरे साली है आपकी … वह मजाक नहीं करेगी तो कौन करेगी? और उस पर आपका भी तो हक है हक लीजिए और मजा कीजिए.
मैं भी उसके पीछे पीछे चल दिया. वह अपनी गांड मटकाती हुई नीचे आ गई. उसके चलने के अन्दाज़ से लगता था कि मुझे चुदाई का ऑफर दे रही है. वह चाय बनाने के लिए लगी. हम दोनों बात करने लगे. बातों बातों में उसकी सेक्स लाइफ के बारे में बात में बात चली तो वो थोड़ा मायूस हो गई. मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो उन्होंने कहा- मेरे हस्बैंड कुछ करते तो है नहीं … ऊपर से शराब पीते हैं और रात को चुदाई करते वक्त भी तुरंत झर जाते हैं. मै प्यासी ही रह जाती हूँ तो उनके साथ सोने का मन भी नहीं करता!
उसके चेहरे पर उदासी आ गई पर आंखों में एक चमक थी. मैंने उनके चेहरे पर हंसी लाने के लिए बोला- तू मेरी साली है, आखिर मैं किस काम आऊंगा. वह अपने उनके चेहरे पर कामुकता वाली शर्मा गई और आपने चेहरा को झुकाते हुए मुझे बोली- चल हट … ऐसा कैसे हो सकता है? शिवानी को मालूम चलेगा तो वह क्या सोचेगी?
मैं तुरंत ही बात को पकड़ते हुए कहा- मतलब आपको दिक्कत नहीं है ना?
तो उसने झट से कहा- तुम बात को बहुत ज्यादा पकड़ते हो!
फिर भी दबे शब्दों में कहा- शिवानी?
एक बार फिर मैं आप लोगों को बता देना चाहता हूं मेरी पत्नी बहुत ही खुले विचारों वाली है. गांव में रहकर भी उसकी सोच चुदाई के मामले में शहर की लड़कियों से बहुत ज्यादा खुला और आगे की है. उसके लिए पति पत्नी के रिश्ते का मतलब होता है की चुदाई में मैं उसे संतुष्ट करूं और वो मुझे! शिवानी मुझे कभी रोकती नहीं है कुछ करने के लिए … पर मैंने इसका कभी भी गलत फायदा नहीं उठाया. लेकिन आज लगता है उठा लेता … अब उठा लूंगा.
मैंने उसे कहा- शिवानी को कुछ पता ही नहीं चलने देंगे. और आपके चेहरे पर भी खुशी ला देंगे, आपकी प्यास भी बुझा देंगे.
इतना बोलते करते मैं उसके पास चला गया. वो अपने आप मेरे होठों से लग गई, उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया. उधर गैस पर चाय उबल रही थी, इधर हम एक दूसरे में समा आने को बेताब थे, हमारे जज्बातों का सैलाब उफान पर था. मैं तो उसी समय चुदाई करने के मूड में था. लेकिन उसी ने मुझे रोकते हुए बोला- शिवानी को शक हो जाएगा. मौक़ा मिलते ही करेंगे.
मैंने उसकी चूची को ऊपर से दबाया, उसकी चूत को साड़ी के ऊपर से सहलाते हुए बोला- इसकी प्यास मैं बुझा कर रहूंगा.
उसने भी मेरा मजा लेते हुए कहा- अच्छा जी, देखते हैं बुझा पाओगे कि नहीं.
मैंने सोचा था कि उसी रात में हमारे बीच कुछ ना कुछ हो जाएगा.
लेकिन उस रात कुछ नहीं हुआ.
अगले दिन मेरे बेटे का जन्मदिन था. हमने बेटे का जन्मदिन भी मनाया और दिनभर एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते रहे. मुझे लग गया कि आज इसकी चुदाई करने का पूरा मौका मिलेगा रात में!
मैं देखने में भी अच्छा खासा हेंडसम और स्मार्ट हूँ. मेरी पत्नी भी चुदाई में हर वक्त मेरा साथ देती है और भरपूर चुदाई का मजा लेती है. यह कहानी मेरी और मेरी पत्नी की नहीं, मेरी पत्नी की एक बड़ी बहन प्रिया की है. उसकी उम्र 35 साल है, तो वो मेरी पत्नी से बड़ी है. कहते हैं कि छोटी साली हो तो मजाक करने में बहुत मजा आता है. लेकिन मेरी पत्नी की बहन प्रिया मुझे कभी अहसास नहीं होने दिया कि मेरी कोई छोटी साली नहीं है.
वह भी मुझे छोटी साली की तरह ही मजाक करती और कभी-कभी तो उससे ज्यादा! आगे बढ़कर मजाक करती … वह मुझे टच करके मजाक करती. और मैं भी कभी-कभी मजाक में जब उसकी नशीली आंखों को देखकर उत्तेजित हो जाता तो उसे भी टच करता. लेकिन आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं हुई क्योंकि कहीं ना कहीं मेरे मन में यह बात थी कि मेरी पत्नी की बड़ी बहन है; अगर मैं कुछ करूंगा तो बात कहीं बनने की जगह बिगड़ ना जाए. और जो यह नयनसुख और हल्की छेड़छाड़ होती है वह भी ना बंद हो जाए.
लेकिन पता नहीं क्यों मुझ से बात करने का हर बहाना ढूंढती रहती; कोई भी मौका जाने नहीं देती; चाहे वह फोन पर हो चाहे आमने सामने!
उसे जब भी मौका मिलता कोई न कोई बहाना करके मेरे यहां आ जाती. वह इतनी खुली हुई थी कि शिवानी के सामने ही कभी-कभी मुझे मजाक करती … मेरा चेहरा शर्म से पानी पानी हो जाता. बाद में मैं अगर शिवानी से शिकायत करता तो शिवानी बोलती- देखिए प्रिया दीदी आप की साली है और आप जीजा साली के बीच में मुझे नहीं पड़ना! मेरी कोई छोटी बहन नहीं है तो समझना प्रिया मेरी बड़ी बहन भी है और छोटी बहन भी! तो थोड़ा मजाक करती है मजाक कर लेने दीजिए और मजा लीजिए.
फिर मेरी पत्नी बोली- आपको प्रिया दीदी अच्छी नहीं लगती?
मैंने कहा- ऐसी बात नहीं है … फिर भी!
धीरे धीरे मुझे भी उसकी मौजूदगी अच्छी लगती और मेरे मन में भी कहीं ना कहीं यह बात उफान मरने लगी कि कुछ ना कुछ तो बात है. अगर थोड़ा सा भी आगे बढ़ा जाए तो इसकी चूत की चुदाई करने को भी मिल सकती है. जब मन में यह बात आने लगी तो मैं भी अब कोई ना कोई जुगाड़ करता किसी तरह उससे बात करूं अकेले में … और घुमा फिरा कर पूछूं कि क्या मुझसे चुदाई करेगी या नहीं. मैं उसे कुछ ज्यादा टच करने लगा. इसका जवाब भी हो बहुत ही नशीली अंदाज में देती.
इसी तरह वक्त बीतता गया और हम दोनों के मन में दूसरे से शारीरिक सुख पाने की लालसा बहुत ज्यादा होने लगी थी. लेकिन पहल हम दोनों में से कोई भी करने से डरता था. इसी तरह वक्त बीतते हुए जब मेरा बेटा 4 साल का हुआ तो उसका जन्मदिन आया. इस बार भी वो अकेली ही आई.
जन्मदिन से 1 दिन पहले तो मैं उसे बस स्टैंड पर लेने के लिए गया. इस बार मैं थोड़ा ज्यादा बन ठन कर गया था. मुझे देखते ही प्रिया बोली- क्या बात है … बहुत ज्यादा स्मार्ट लग रहे हैं आप! कहीं बिजली गिराने का इरादा तो नहीं?
तो मैं भी बोला- आप तो मेरी पत्नी की बड़ी बहन हैं … छोटी साली होती तो बिजली की जगह बहुत कुछ गिरा देता!
उसने मेरी कही बात को समझ लिया और बोली- अच्छा जी! बड़ी हूँ तो क्या हुआ … हूँ तो आपकी साली ही ना! तो फिर आइए कोशिश कीजिए गिराने का बिजली के अलावा भी! वो आगे बोली- जो भी गिराइएगा, मैं भी उसे बड़े प्यार से लूंगी और आपको गिराने में भरपूर मजा दूंगी.
रास्ते में आते वक्त वो मुझसे मस्ती और ज्यादा चिपकने लगी. मुझे भी अच्छा लगा, मैं भी मजाक में बोला- लगता है इस बार आप बहुत कुछ करवा ही लोगी.
उन्होंने शर्माते हुए कहा- चल हट!
उसके बाद हम घर आए. शाम का टाइम था तो मैं, मेरी पत्नी और प्रिया तीनों छत पर टहल रहे थे. हम तीनों का चाय पीने का मन करने लगा तो प्रिया ने कहा- तुम दोनों ऊपर पर ही रहो, मैं चाय बना कर लाती हूं.
इस पर मेरी पत्नी बोली- आप भी जाइये, दीदी को मदद कर दीजिए.
मैं तो इसी मौका की तलाश में ही था पर मैंने उससे बनते हुए कहा- तुम तुम जानती हो कि वे कितना मजाक करती हैं. अकेले में और ज्यादा मजाक करती हैं तो मुझे शर्म आती है. तो प्रिया ने कहा- अरे साली है आपकी … वह मजाक नहीं करेगी तो कौन करेगी? और उस पर आपका भी तो हक है हक लीजिए और मजा कीजिए.
मैं भी उसके पीछे पीछे चल दिया. वह अपनी गांड मटकाती हुई नीचे आ गई. उसके चलने के अन्दाज़ से लगता था कि मुझे चुदाई का ऑफर दे रही है. वह चाय बनाने के लिए लगी. हम दोनों बात करने लगे. बातों बातों में उसकी सेक्स लाइफ के बारे में बात में बात चली तो वो थोड़ा मायूस हो गई. मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो उन्होंने कहा- मेरे हस्बैंड कुछ करते तो है नहीं … ऊपर से शराब पीते हैं और रात को चुदाई करते वक्त भी तुरंत झर जाते हैं. मै प्यासी ही रह जाती हूँ तो उनके साथ सोने का मन भी नहीं करता!
उसके चेहरे पर उदासी आ गई पर आंखों में एक चमक थी. मैंने उनके चेहरे पर हंसी लाने के लिए बोला- तू मेरी साली है, आखिर मैं किस काम आऊंगा. वह अपने उनके चेहरे पर कामुकता वाली शर्मा गई और आपने चेहरा को झुकाते हुए मुझे बोली- चल हट … ऐसा कैसे हो सकता है? शिवानी को मालूम चलेगा तो वह क्या सोचेगी?
मैं तुरंत ही बात को पकड़ते हुए कहा- मतलब आपको दिक्कत नहीं है ना?
तो उसने झट से कहा- तुम बात को बहुत ज्यादा पकड़ते हो!
फिर भी दबे शब्दों में कहा- शिवानी?
एक बार फिर मैं आप लोगों को बता देना चाहता हूं मेरी पत्नी बहुत ही खुले विचारों वाली है. गांव में रहकर भी उसकी सोच चुदाई के मामले में शहर की लड़कियों से बहुत ज्यादा खुला और आगे की है. उसके लिए पति पत्नी के रिश्ते का मतलब होता है की चुदाई में मैं उसे संतुष्ट करूं और वो मुझे! शिवानी मुझे कभी रोकती नहीं है कुछ करने के लिए … पर मैंने इसका कभी भी गलत फायदा नहीं उठाया. लेकिन आज लगता है उठा लेता … अब उठा लूंगा.
मैंने उसे कहा- शिवानी को कुछ पता ही नहीं चलने देंगे. और आपके चेहरे पर भी खुशी ला देंगे, आपकी प्यास भी बुझा देंगे.
इतना बोलते करते मैं उसके पास चला गया. वो अपने आप मेरे होठों से लग गई, उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया. उधर गैस पर चाय उबल रही थी, इधर हम एक दूसरे में समा आने को बेताब थे, हमारे जज्बातों का सैलाब उफान पर था. मैं तो उसी समय चुदाई करने के मूड में था. लेकिन उसी ने मुझे रोकते हुए बोला- शिवानी को शक हो जाएगा. मौक़ा मिलते ही करेंगे.
मैंने उसकी चूची को ऊपर से दबाया, उसकी चूत को साड़ी के ऊपर से सहलाते हुए बोला- इसकी प्यास मैं बुझा कर रहूंगा.
उसने भी मेरा मजा लेते हुए कहा- अच्छा जी, देखते हैं बुझा पाओगे कि नहीं.
मैंने सोचा था कि उसी रात में हमारे बीच कुछ ना कुछ हो जाएगा.
लेकिन उस रात कुछ नहीं हुआ.
अगले दिन मेरे बेटे का जन्मदिन था. हमने बेटे का जन्मदिन भी मनाया और दिनभर एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते रहे. मुझे लग गया कि आज इसकी चुदाई करने का पूरा मौका मिलेगा रात में!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.