04-12-2024, 03:20 PM
(This post was last modified: 05-12-2024, 12:19 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैंने उसके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया.. ताकि कहीं हमारी आवाज़ उसकी बहन ना सुन ले।
बहन की चूत चिकनी
फिर मैंने उसकी सलवार उतार दी और मैंने महसूस किया कि उसने आपने चूत बाल आज ही साफ़ किए थे।
क्या चिकनी चूत थी उसकी..
मैंने अपने होंठ सीधा उसकी चूत पर रख दिए और जीभ से उसको चूसने लगा।
दोस्तो.. वो तो जैसे बिल्कुल पागल ही हो गई थी।
उसने एक ‘आह’ की आवाज़ निकाली और मैंने तुरंत उसके मुँह पर हाथ रख दिया और उसकी चूत चाटने लगा।
थोड़ी देर बाद उसने मुझसे कहा- अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है.. जल्दी से कुछ करो।
मैंने भी देर ना करते हुए उसके ऊपर आकर उसकी चूत पर अपना लंड रख दिया और होंठों पर अपने होंठों रख दिया ताकि वो आवाज़ ना करे और धीरे से धक्का लगाया।
अभी लंड का टोपा ही चूत के अन्दर गया था कि उसने बहुत ज़ोर की चीख मारी क्योंकि हम दोनों का पहली बार था।
मेरी चोट से उसकी सील टूट गई थी क्योंकि मेरे होंठों पहले से ही उसके होंठों के ऊपर थे, तो उसकी चीख मुँह में ही घुट कर रह गई।
मैंने धीरे-धीरे उसके मम्मों को सहलाया और उसको किस करता रहा।
जब वो थोड़ा सामान्य हो गई.. तब धीरे-धीरे आगे-पीछे करने लगा।
इस तरह धीरे-धीरे पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर चला गया।
अब उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी नीचे से गाण्ड उठा कर मेरा साथ देने लगी।
काफी देर तक उसकी चुदाई करने बाद जब मेरा निकलने वाला था.. तो मैंने उससे पूछा- कहाँ निकालूँ?
तो उसने कहा- जहाँ भी आपका मन करे.. अब तो मैं आपकी ही हूँ।
फिर मैंने अपना माल उसकी चूत में ही निकाल दिया और फिर थोड़ी देर लेटे रहने के बाद उसने उठकर वो खून से सनी हुई चादर पानी में भिगो दी, क्योंकि कपड़े वही धोती थी इसलिए किसी को कुछ पता नहीं चला।
दो दिन वहाँ रहने के बाद मैं अपने घर आ गया।
बहन की चूत चिकनी
फिर मैंने उसकी सलवार उतार दी और मैंने महसूस किया कि उसने आपने चूत बाल आज ही साफ़ किए थे।
क्या चिकनी चूत थी उसकी..
मैंने अपने होंठ सीधा उसकी चूत पर रख दिए और जीभ से उसको चूसने लगा।
दोस्तो.. वो तो जैसे बिल्कुल पागल ही हो गई थी।
उसने एक ‘आह’ की आवाज़ निकाली और मैंने तुरंत उसके मुँह पर हाथ रख दिया और उसकी चूत चाटने लगा।
थोड़ी देर बाद उसने मुझसे कहा- अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है.. जल्दी से कुछ करो।
मैंने भी देर ना करते हुए उसके ऊपर आकर उसकी चूत पर अपना लंड रख दिया और होंठों पर अपने होंठों रख दिया ताकि वो आवाज़ ना करे और धीरे से धक्का लगाया।
अभी लंड का टोपा ही चूत के अन्दर गया था कि उसने बहुत ज़ोर की चीख मारी क्योंकि हम दोनों का पहली बार था।
मेरी चोट से उसकी सील टूट गई थी क्योंकि मेरे होंठों पहले से ही उसके होंठों के ऊपर थे, तो उसकी चीख मुँह में ही घुट कर रह गई।
मैंने धीरे-धीरे उसके मम्मों को सहलाया और उसको किस करता रहा।
जब वो थोड़ा सामान्य हो गई.. तब धीरे-धीरे आगे-पीछे करने लगा।
इस तरह धीरे-धीरे पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर चला गया।
अब उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी नीचे से गाण्ड उठा कर मेरा साथ देने लगी।
काफी देर तक उसकी चुदाई करने बाद जब मेरा निकलने वाला था.. तो मैंने उससे पूछा- कहाँ निकालूँ?
तो उसने कहा- जहाँ भी आपका मन करे.. अब तो मैं आपकी ही हूँ।
फिर मैंने अपना माल उसकी चूत में ही निकाल दिया और फिर थोड़ी देर लेटे रहने के बाद उसने उठकर वो खून से सनी हुई चादर पानी में भिगो दी, क्योंकि कपड़े वही धोती थी इसलिए किसी को कुछ पता नहीं चला।
दो दिन वहाँ रहने के बाद मैं अपने घर आ गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.