04-12-2024, 03:18 PM
मैं उसे हैरानी से देख रहा था.
वो मेरे सामने घोड़ी वाले पोज में आकर बोली- आज आप मेरी गांड भी मार लो.
मैंने बोला- उसके लिए तो तेल की जरूरत होगी … वरना तुमको बहुत दर्द होगा.
वो बोली- आप दर्द की चिंता मत करो … वो मैं सब संभाल लूँगी.
मैं सोच रहा था कि अगर इससे मेरी शादी हो सकती, तो मैं इससे ही शादी करता.
जब मैंने उसके पास जाकर देखा, तो वो पहले से ही अपनी गांड में तेल लगा कर आयी थी. ये देख कर मेरी आंखों में भी आंसू आ गए कि ये मेरे लिए क्या क्या कर रही है.
वो बोली- देव जल्दी करो … वरना कोई आ गया, तो मैं नहीं कर पाऊंगी, जल्दी करो.
मैंने भी देर ना करते हुए अपना लंड उसकी गांड पर लगा दिया और धीरे से धक्का दे दिया. मेरे लंड का टोपा उसकी गांड में घुस गया.
उसे दर्द हुआ, पर वो बर्दाश्त कर गई और मुझसे बोली- आह … देव … आज मेरे जिस्म पर कोई भी रहम मत करो … आज मेरे साथ ऐसे करो कि मैं ठीक से चल भी न सकूं.
फिर क्या था … मैंने भी पूरा जोर लगा कर एक धक्का दे मारा और मेरा आधा लंड उसकी गांड में घुस गया.
उसकी तेज चीख निकल गई- ओह मां मररर गईईईई..
इस आवाज को सुन कर उसकी सहेली भी खेत के अन्दर आ गई. जब उसने हम दोनों को देखा, तो पूछा कि क्या हुआ?
तो कल्पना बोली- कुछ नहीं … तू बाहर देख … मेरे चिल्लाने पर ध्यान मत दे.
मैंने पूछा- क्या इसे सब पता है?
उसने बताया कि हां अब तक जो भी हमारे बीच में हुआ है, इसे सब पता है. इसलिए ही तो वो मेरे साथ आई है.
फिर मैंने ज्यादा बात करना सही नहीं समझा और कल्पना की मस्त चूचियों को जकड़ कर उसकी गांड में एक और तेज धक्का दे मारा. इस बार मेरा पूरा लंड उसकी गांड में घुस गया.
वो फिर से चिल्ला उठती, अगर मैंने उसके मुँह पर हाथ ना रखा होता.
पूरा लंड उसकी गांड में ठोकने के बाद थोड़ी देर तक मैं यूं ही रुका रहा और उसके मुँह से हाथ हटा कर उसे किस करने लगा. उसकी चूचियों के निप्पलों को अपनी दोनों हाथों की उंगलियों में दबा कर मींजता रहा.
जब उसको थोड़ी राहत मिली, तब मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने चालू किए.
करीब 8 या 10 धक्कों के बाद उसे भी मजा आने लगा और वो और तेज करने को बोलने लगी- आह देव … तेज प्लीज … उम्म्ह… अहह… हय… याह… देव अच्छा लग रहा है … आज मेरी गांड फाड़ दो … ओह देव जोर से चोदो मेरी इस गांड को … आह … ओह जोर सेईई … आह आई लव यू देव.
वो मुझे उत्तेजित करने के लिए ये सब बोले रही थी. मैं भी उसे जोरों से चोदे जा रहा था. मुझे उसकी गांड में मेरा लंड फंसा हुआ सा लग रहा था. करीब आधे घंटे बाद उसकी गांड मारने के बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था.
मैंने फिर से उससे पूछा- अब कहां निकालूं?
उसने बोला- मैं आपका दही पीना चाहती हूं, प्लीज़ मेरे मुँह में निकाल दो.
मैंने जल्दी से उसकी गांड से लंड निकाल कर उसके मुँह में दे दिया. वो मेरे लंड को बड़े चाव से चूसने लगी. थोड़ी देर बाद मेरा माल निकल गया, जिसे वो पूरा पी गई. एक एक बूंद उसने चाट ली.
दो मिनट बाद वो खड़ी हुई और हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर एक दूसरे के दिलों की धड़कन को सुनने लगे. इसके बाद मैंने उससे चलने के लिए कहा. तो वो बड़े बेमन से हां भरते हुए उठने लगी. हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने और खेत बाहर गए, फिर अपने अपने कपड़े पहने और घर आ गए.
दूसरे दिन वो शादी करके अपनी ससुराल चली गई. फिर करीब महीने बाद उसका फोन आया और उसने बताया कि वो पेट से है और उसमें पलने वाला मेरा बच्चा है.
मुझे भी ये जान कर बहुत खुशी हुई.
वो मेरे सामने घोड़ी वाले पोज में आकर बोली- आज आप मेरी गांड भी मार लो.
मैंने बोला- उसके लिए तो तेल की जरूरत होगी … वरना तुमको बहुत दर्द होगा.
वो बोली- आप दर्द की चिंता मत करो … वो मैं सब संभाल लूँगी.
मैं सोच रहा था कि अगर इससे मेरी शादी हो सकती, तो मैं इससे ही शादी करता.
जब मैंने उसके पास जाकर देखा, तो वो पहले से ही अपनी गांड में तेल लगा कर आयी थी. ये देख कर मेरी आंखों में भी आंसू आ गए कि ये मेरे लिए क्या क्या कर रही है.
वो बोली- देव जल्दी करो … वरना कोई आ गया, तो मैं नहीं कर पाऊंगी, जल्दी करो.
मैंने भी देर ना करते हुए अपना लंड उसकी गांड पर लगा दिया और धीरे से धक्का दे दिया. मेरे लंड का टोपा उसकी गांड में घुस गया.
उसे दर्द हुआ, पर वो बर्दाश्त कर गई और मुझसे बोली- आह … देव … आज मेरे जिस्म पर कोई भी रहम मत करो … आज मेरे साथ ऐसे करो कि मैं ठीक से चल भी न सकूं.
फिर क्या था … मैंने भी पूरा जोर लगा कर एक धक्का दे मारा और मेरा आधा लंड उसकी गांड में घुस गया.
उसकी तेज चीख निकल गई- ओह मां मररर गईईईई..
इस आवाज को सुन कर उसकी सहेली भी खेत के अन्दर आ गई. जब उसने हम दोनों को देखा, तो पूछा कि क्या हुआ?
तो कल्पना बोली- कुछ नहीं … तू बाहर देख … मेरे चिल्लाने पर ध्यान मत दे.
मैंने पूछा- क्या इसे सब पता है?
उसने बताया कि हां अब तक जो भी हमारे बीच में हुआ है, इसे सब पता है. इसलिए ही तो वो मेरे साथ आई है.
फिर मैंने ज्यादा बात करना सही नहीं समझा और कल्पना की मस्त चूचियों को जकड़ कर उसकी गांड में एक और तेज धक्का दे मारा. इस बार मेरा पूरा लंड उसकी गांड में घुस गया.
वो फिर से चिल्ला उठती, अगर मैंने उसके मुँह पर हाथ ना रखा होता.
पूरा लंड उसकी गांड में ठोकने के बाद थोड़ी देर तक मैं यूं ही रुका रहा और उसके मुँह से हाथ हटा कर उसे किस करने लगा. उसकी चूचियों के निप्पलों को अपनी दोनों हाथों की उंगलियों में दबा कर मींजता रहा.
जब उसको थोड़ी राहत मिली, तब मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने चालू किए.
करीब 8 या 10 धक्कों के बाद उसे भी मजा आने लगा और वो और तेज करने को बोलने लगी- आह देव … तेज प्लीज … उम्म्ह… अहह… हय… याह… देव अच्छा लग रहा है … आज मेरी गांड फाड़ दो … ओह देव जोर से चोदो मेरी इस गांड को … आह … ओह जोर सेईई … आह आई लव यू देव.
वो मुझे उत्तेजित करने के लिए ये सब बोले रही थी. मैं भी उसे जोरों से चोदे जा रहा था. मुझे उसकी गांड में मेरा लंड फंसा हुआ सा लग रहा था. करीब आधे घंटे बाद उसकी गांड मारने के बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था.
मैंने फिर से उससे पूछा- अब कहां निकालूं?
उसने बोला- मैं आपका दही पीना चाहती हूं, प्लीज़ मेरे मुँह में निकाल दो.
मैंने जल्दी से उसकी गांड से लंड निकाल कर उसके मुँह में दे दिया. वो मेरे लंड को बड़े चाव से चूसने लगी. थोड़ी देर बाद मेरा माल निकल गया, जिसे वो पूरा पी गई. एक एक बूंद उसने चाट ली.
दो मिनट बाद वो खड़ी हुई और हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर एक दूसरे के दिलों की धड़कन को सुनने लगे. इसके बाद मैंने उससे चलने के लिए कहा. तो वो बड़े बेमन से हां भरते हुए उठने लगी. हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने और खेत बाहर गए, फिर अपने अपने कपड़े पहने और घर आ गए.
दूसरे दिन वो शादी करके अपनी ससुराल चली गई. फिर करीब महीने बाद उसका फोन आया और उसने बताया कि वो पेट से है और उसमें पलने वाला मेरा बच्चा है.
मुझे भी ये जान कर बहुत खुशी हुई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.