04-12-2024, 03:17 PM
मैंने भी अपनी जीभ उसकी चूत में लगा दी. मैं अपनी जीभ उसकी चूत में अन्दर डाल कर चाटने लगा. वो भी ‘उह आह आह ओह..’ की आहें भर रही थी और बोल रही थी कि देव मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है … प्लीज़ अब अपना लंड डाल कर मेरी चूत को चोद दो.
मैंने भी देर करना सही नहीं समझा और उससे चादर के ऊपर चित लिटा कर उसके दोनों पैर खोल दिए. मैं उसकी दोनों टांगों के बीच में आ गया और अपने लंड को उसकी चूत पर सही जगह सैट कर दिया. उसकी चुदास उसे बहुत गर्म कर रही थी, तो वो नीचे से अपनी चूत ऊपर उठा कर लंड को चूत में लेने की कोशिश करने लगी.
मैंने भी देर ना करते हुए लंड एक ही धक्के में सीधा उसकी चूत में जड़ तक घुसा दिया. उसे इस हमले का कोई अंदाजा नहीं था, तो वो एकदम से चीख पड़ी. लेकिन उसकी चीख सुनने वाला यहां कोई नहीं था … जिस वजह से मुझे कोई डर नहीं था.
फिर उसने कराहते हुए बोला- देव आज मैं आपकी हो गई हूं … आज आप मुझे अपनी पत्नी बना कर प्यार करो.
मैंने कहा- अब तो तुम मेरी पत्नी हो ही गई हो, मैंने तुमसे दिल से शादी कर ली है.
ये कह कर मैं तेज तेज धक्के मारने लगा.
वो मेरे हर धक्के पर कराह उठती और बोलती- आह देव और तेज … और तेज करो … आज मैं अपना सब कुछ आपको दे कर जाऊंगी … मुझे कुछ भी कर देना … आपको पूरी छूट है.
मैंने उसे चोदते हुए कहा- आह … तुमने अपना सब कुछ तो दे दिया … अब क्या बाकी रह गया.
मैं लंड से धक्के लगातार लगा रहा था और वो चूत उठा कर चुदाई के मजे ले रही थी.
कल्पना मेरे हर धक्के पर जोर से बोलती- आह मेरे राजा … और तेज … आज फाड़ दो मेरी चूत को … ताकि वहां मैं सुकून से रह सकूं.
मैं भी उसको धकापेल चोदे जा रहा था. जिस लड़की को एक दिन बाद शादी के मंडप में बैठना हो उसको उसकी शादी से एक दिन पहले चोदना मेरे लिए एक सपने जैसा था.
उसकी चूत की चुदाई करते हुए मुझे बीस मिनट हो चुके थे. वो इस दौरान शायद एक बार झड़ चुकी थी.
अब मेरा वीर्य निकलने वाला हो गया था. मैंने उससे पूछा- मेरी जान रस कहां निकालूं?
उसने कहा- एक बूंद भी खराब मत करना. सारा रस मेरे अन्दर ही निकालो … मैं अभी पिछले हफ्ते ही पीरियड से खत्म हुई हूं. मैं आपके बच्चे की मां बनना चाहती हूं, आप बेखौफ मेरे अन्दर ही निकालो.
मैंने भी 8 से 10 तेज धक्के और मारे और उसकी चूत में ही अपना बीज डाल दिया.
वो फिर से झड़ गई थी. थोड़ी देर हम ऐसे ही पड़े रहे. फिर थोड़ी देर बाद उसने दुबारा मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया. मैं ये देख कर हैरान था.
मैंने उससे बोला- घर चलें?
वो बोली- अभी एक चीज और है आपके लिए.
वो मेरा लंड चूसती रही. थोड़ी देर में लंड फिर खड़ा हो गया, तो उसने बोला कि मैं आज आपको अपना सब कुछ देना चाहती हूं.
मैंने भी देर करना सही नहीं समझा और उससे चादर के ऊपर चित लिटा कर उसके दोनों पैर खोल दिए. मैं उसकी दोनों टांगों के बीच में आ गया और अपने लंड को उसकी चूत पर सही जगह सैट कर दिया. उसकी चुदास उसे बहुत गर्म कर रही थी, तो वो नीचे से अपनी चूत ऊपर उठा कर लंड को चूत में लेने की कोशिश करने लगी.
मैंने भी देर ना करते हुए लंड एक ही धक्के में सीधा उसकी चूत में जड़ तक घुसा दिया. उसे इस हमले का कोई अंदाजा नहीं था, तो वो एकदम से चीख पड़ी. लेकिन उसकी चीख सुनने वाला यहां कोई नहीं था … जिस वजह से मुझे कोई डर नहीं था.
फिर उसने कराहते हुए बोला- देव आज मैं आपकी हो गई हूं … आज आप मुझे अपनी पत्नी बना कर प्यार करो.
मैंने कहा- अब तो तुम मेरी पत्नी हो ही गई हो, मैंने तुमसे दिल से शादी कर ली है.
ये कह कर मैं तेज तेज धक्के मारने लगा.
वो मेरे हर धक्के पर कराह उठती और बोलती- आह देव और तेज … और तेज करो … आज मैं अपना सब कुछ आपको दे कर जाऊंगी … मुझे कुछ भी कर देना … आपको पूरी छूट है.
मैंने उसे चोदते हुए कहा- आह … तुमने अपना सब कुछ तो दे दिया … अब क्या बाकी रह गया.
मैं लंड से धक्के लगातार लगा रहा था और वो चूत उठा कर चुदाई के मजे ले रही थी.
कल्पना मेरे हर धक्के पर जोर से बोलती- आह मेरे राजा … और तेज … आज फाड़ दो मेरी चूत को … ताकि वहां मैं सुकून से रह सकूं.
मैं भी उसको धकापेल चोदे जा रहा था. जिस लड़की को एक दिन बाद शादी के मंडप में बैठना हो उसको उसकी शादी से एक दिन पहले चोदना मेरे लिए एक सपने जैसा था.
उसकी चूत की चुदाई करते हुए मुझे बीस मिनट हो चुके थे. वो इस दौरान शायद एक बार झड़ चुकी थी.
अब मेरा वीर्य निकलने वाला हो गया था. मैंने उससे पूछा- मेरी जान रस कहां निकालूं?
उसने कहा- एक बूंद भी खराब मत करना. सारा रस मेरे अन्दर ही निकालो … मैं अभी पिछले हफ्ते ही पीरियड से खत्म हुई हूं. मैं आपके बच्चे की मां बनना चाहती हूं, आप बेखौफ मेरे अन्दर ही निकालो.
मैंने भी 8 से 10 तेज धक्के और मारे और उसकी चूत में ही अपना बीज डाल दिया.
वो फिर से झड़ गई थी. थोड़ी देर हम ऐसे ही पड़े रहे. फिर थोड़ी देर बाद उसने दुबारा मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया. मैं ये देख कर हैरान था.
मैंने उससे बोला- घर चलें?
वो बोली- अभी एक चीज और है आपके लिए.
वो मेरा लंड चूसती रही. थोड़ी देर में लंड फिर खड़ा हो गया, तो उसने बोला कि मैं आज आपको अपना सब कुछ देना चाहती हूं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.