04-12-2024, 03:17 PM
मौसेरी बहन को शादी वाले दिन चोदा
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एक दिन कल्पना ने बताया कि उसकी शादी तय हो गयी है, पर वो मेरे अलावा किसी से भी शादी नहीं करना चाहती है. मैंने उसे बहुत समझाया कि शादी कर लो, लेकिन वो मना करती रही.
मेरे बहुत समझाने पर उसने शादी के लिए हां कर दी, पर शादी करने की एक शर्त रखी. वो अपने पति से पहले मेरे साथ सुहागरात मनाएगी और अगर ऐसा नहीं हुआ, तो वो शादी वाले दिन ही शादी के लिए मना कर देगी.
मैंने उससे कहा- ये सब कैसे हो सकेगा?
उसने बोला- आप वो सब मुझ पर छोड़ दो … बस आप शादी से एक दिन पहले आ जाना.
मैंने इस पर हाँ बोल दिया.
उसके बाद उसकी शादी से एक दिन पहले मैं उसके घर पहुँच गया. मुझे देखते ही वो भाग कर मेरे पास आई और सबके सामने मेरे गले से लग गयी.
लोगों ने इस बात को लेकर ज्यादा कुछ नहीं सोचा … क्योंकि वो रिश्ते में बहन लगती थी.
उसने खुद मुझे पानी दिया, खाना खिलाया और वहीं मेरे पास बैठ कर मेरी ही थाली में मेरे साथ खाना खाया. खाना लाकर देने वाली उसकी सहेली मीना थी और वहां ये सब देखने वाला कोई नहीं था. इसलिए मुझे भी इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा.
खाना खाते हुए उसने मुझसे कहा- आज रात सोना मत … मैं आपको मिस कॉल दूंगी, आप बाहर जो नहर के पास खेत है, वहां आ जाना.
मैंने बोला- किस टाइम?
तो उसने कहा- रात को 9 से 10 के बीच में फोन करूंगी.
मैंने बोला- तुम अकेली कैसे आओगी?
उसने बताया- उसकी सहेली मेरे साथ आएगी, वो हल्दी वाले दिन से ही मेरे साथ ही सोती है.
मैंने कहा- ठीक है.
वो सर्दियों के दिन थे और वैसे भी गांव में सब जल्दी ही सो जाते हैं. इसके चलते बाहर किसी के होने का कोई डर नहीं था.
मैं अपनी खाट पर लेटा हुआ था कि मेरे फ़ोन पर मेरी बहन की मिस कॉल आयी. मैं उठ कर नहर वाले खेत पर आ गया. वहां वो पहले से ही आ चुकी थी और उसके साथ उसकी एक सहेली भी थी.
मैंने उसके पास जाकर उससे उसकी सहेली के बारे में पूछा, तो उसने कहा- पहले मेरे साथ चलो, फिर मैं सब बताती हूँ.
मैं उसके साथ उस खेत में चला गया, जहां उस समय गन्ने की फसल खड़ी थी. उस खेत के अन्दर हम दोनों आ गए. वो अपने साथ एक चादर भी लेकर आयी थी.
खेत के अन्दर जाकर उसने चादर बिछा दी और खुद उस पर बैठ कर बोली- आप भी बैठ जाओ.
मैं बैठ गया.
उसने अपनी सहेली को खेत के बाहर ही खड़ा किया और उससे कह दिया कि अगर कोई आए तो बता देना.
इस बात से मैं भी निश्चिंत हो गया.
उसके हाथ में मेहंदी लगी थी. उसके मेहंदी लगे हाथ बहुत सुन्दर लग रहे थे. फिर उसने मुझे नीचे बैठने के लिए बोला. मैं नीचे बैठ गया.
फिर मेरी बहन कल्पना मुझे किस करने लगी. मैं भी उसका साथ देने लगा.
उसने मुझे देखा और रोने जैसी शक्ल बना कर बोली- देव … मैं आपसे शादी करना चाहती हूं.
मैंने उसे फिर से समझाया.
उसने बोला- ठीक है, मैं शादी तो करूंगी … लेकिन आज अपना सब कुछ आपको सौंपने बाद ही शादी करूंगी. आज मैं अपना सब कुछ आपको दे दूंगी. आप आज मुझसे यहीं शादी करो.
मैंने भी हां कर दी. इसके बाद उसने अपने हाथ में ली हुई सिंदूर की डिब्बी को दिखाया और मुझसे कहा कि लो आप आज मेरी मांग भर दो.
मैंने उसकी मांग भरी, फिर उसने मेरे पैर छुए और कहा- अब मेरी शादी कहीं भी हो, मुझे कोई चिंता नहीं.
अब वो मुझे किस करने लगी. मैं भी उसे किस करने लगा. थोड़ी देर बाद उसने मेरे पजामे का नाड़ा खोला और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी. मुझे लंड चुसवाने में मजा आने लगा. उस वक्त मुझे जो मजा रहा था, मैं उसे शब्दों में नहीं बता सकता. मेरे मुँह से अपने आप ही ‘अहह …’ निकलने लगी.
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैंने उसे खड़ा किया और किस करते हुए उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया. नाड़ा खोलते ही उसकी सलवार नीचे गिर गई. मैंने नीचे बैठ कर उसकी चुत पर चुम्मी की. चूत पर मेरे होंठों का चुम्बन पाते ही वो पागल सी हो गई और अपनी चुत को मेरे मुँह पर पैर खोल कर रख दिया.
मेरे बहुत समझाने पर उसने शादी के लिए हां कर दी, पर शादी करने की एक शर्त रखी. वो अपने पति से पहले मेरे साथ सुहागरात मनाएगी और अगर ऐसा नहीं हुआ, तो वो शादी वाले दिन ही शादी के लिए मना कर देगी.
मैंने उससे कहा- ये सब कैसे हो सकेगा?
उसने बोला- आप वो सब मुझ पर छोड़ दो … बस आप शादी से एक दिन पहले आ जाना.
मैंने इस पर हाँ बोल दिया.
उसके बाद उसकी शादी से एक दिन पहले मैं उसके घर पहुँच गया. मुझे देखते ही वो भाग कर मेरे पास आई और सबके सामने मेरे गले से लग गयी.
लोगों ने इस बात को लेकर ज्यादा कुछ नहीं सोचा … क्योंकि वो रिश्ते में बहन लगती थी.
उसने खुद मुझे पानी दिया, खाना खिलाया और वहीं मेरे पास बैठ कर मेरी ही थाली में मेरे साथ खाना खाया. खाना लाकर देने वाली उसकी सहेली मीना थी और वहां ये सब देखने वाला कोई नहीं था. इसलिए मुझे भी इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा.
खाना खाते हुए उसने मुझसे कहा- आज रात सोना मत … मैं आपको मिस कॉल दूंगी, आप बाहर जो नहर के पास खेत है, वहां आ जाना.
मैंने बोला- किस टाइम?
तो उसने कहा- रात को 9 से 10 के बीच में फोन करूंगी.
मैंने बोला- तुम अकेली कैसे आओगी?
उसने बताया- उसकी सहेली मेरे साथ आएगी, वो हल्दी वाले दिन से ही मेरे साथ ही सोती है.
मैंने कहा- ठीक है.
वो सर्दियों के दिन थे और वैसे भी गांव में सब जल्दी ही सो जाते हैं. इसके चलते बाहर किसी के होने का कोई डर नहीं था.
मैं अपनी खाट पर लेटा हुआ था कि मेरे फ़ोन पर मेरी बहन की मिस कॉल आयी. मैं उठ कर नहर वाले खेत पर आ गया. वहां वो पहले से ही आ चुकी थी और उसके साथ उसकी एक सहेली भी थी.
मैंने उसके पास जाकर उससे उसकी सहेली के बारे में पूछा, तो उसने कहा- पहले मेरे साथ चलो, फिर मैं सब बताती हूँ.
मैं उसके साथ उस खेत में चला गया, जहां उस समय गन्ने की फसल खड़ी थी. उस खेत के अन्दर हम दोनों आ गए. वो अपने साथ एक चादर भी लेकर आयी थी.
खेत के अन्दर जाकर उसने चादर बिछा दी और खुद उस पर बैठ कर बोली- आप भी बैठ जाओ.
मैं बैठ गया.
उसने अपनी सहेली को खेत के बाहर ही खड़ा किया और उससे कह दिया कि अगर कोई आए तो बता देना.
इस बात से मैं भी निश्चिंत हो गया.
उसके हाथ में मेहंदी लगी थी. उसके मेहंदी लगे हाथ बहुत सुन्दर लग रहे थे. फिर उसने मुझे नीचे बैठने के लिए बोला. मैं नीचे बैठ गया.
फिर मेरी बहन कल्पना मुझे किस करने लगी. मैं भी उसका साथ देने लगा.
उसने मुझे देखा और रोने जैसी शक्ल बना कर बोली- देव … मैं आपसे शादी करना चाहती हूं.
मैंने उसे फिर से समझाया.
उसने बोला- ठीक है, मैं शादी तो करूंगी … लेकिन आज अपना सब कुछ आपको सौंपने बाद ही शादी करूंगी. आज मैं अपना सब कुछ आपको दे दूंगी. आप आज मुझसे यहीं शादी करो.
मैंने भी हां कर दी. इसके बाद उसने अपने हाथ में ली हुई सिंदूर की डिब्बी को दिखाया और मुझसे कहा कि लो आप आज मेरी मांग भर दो.
मैंने उसकी मांग भरी, फिर उसने मेरे पैर छुए और कहा- अब मेरी शादी कहीं भी हो, मुझे कोई चिंता नहीं.
अब वो मुझे किस करने लगी. मैं भी उसे किस करने लगा. थोड़ी देर बाद उसने मेरे पजामे का नाड़ा खोला और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी. मुझे लंड चुसवाने में मजा आने लगा. उस वक्त मुझे जो मजा रहा था, मैं उसे शब्दों में नहीं बता सकता. मेरे मुँह से अपने आप ही ‘अहह …’ निकलने लगी.
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैंने उसे खड़ा किया और किस करते हुए उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया. नाड़ा खोलते ही उसकी सलवार नीचे गिर गई. मैंने नीचे बैठ कर उसकी चुत पर चुम्मी की. चूत पर मेरे होंठों का चुम्बन पाते ही वो पागल सी हो गई और अपनी चुत को मेरे मुँह पर पैर खोल कर रख दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.