04-12-2024, 03:13 PM
(This post was last modified: 05-12-2024, 03:10 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
जगह बहुत कम थी और हम दोनों का चेहरा आमने-सामने था. उसको सहज नहीं लगा तो वो बोली कि शरद तुम जरा ये लाइट बंद कर दो. मैं भी यही चाह रहा था. मैंने फटाक से उठ कर लाइट ऑफ कर दी.
अभी मैं किसी तरह की पहल करने से डर रहा था क्योंकि मुझे भरोसा नहीं था कि श्वेता का रिएक्शन क्या होगा. सोचते सोचते मुझे नींद आ गयी. रात को 3 बजे के करीब अचानक से मेरी आंख खुल गई.
मैंने देखा कि श्वेता ने अपने पैरों को मेरे पैरों के ऊपर रखा हुआ था. उसकी नाइट ड्रेस जोकि एक गाउन जैसी थी, नीचे से उठ कर उसकी जांघों तक आ गयी थी. उसकी कोमल जांघें देख कर मेरा खुद पर कंट्रोल करना भारी हो गया.
धीरे से मैंने अपने हाथ को उसकी कोमल जांघों पर रख दिया. जगह कम होने के कारण हम दोनों लगभग एक दूसरे के साथ सटे हुए थे. कुछ देर तक मैंने अपने हाथ को उसकी कोमल जांघ पर ऐसे ही रखा. मेरे लंड का तन कर बुरा हाल होने लगा.
अब मैंने उसके गाऊन को धीरे से ऊपर खिसका लिया. उसकी कमर तक ले गया मैं उसके गाऊन को. उसकी कमर पर हाथ ले जाकर मैंने हाथ को वहीं पर रख दिया. मैं मन ही मन खुश हो रहा था कि मैं अपनी कोशिश में कामयाब हो रहा हूं. साथ ही इस बात की खुशी भी थी कि उसकी तरफ से कोई विरोध नहीं हो रहा था.
श्वेता अब धीरे से मेरे बदन के और करीब आ गयी और मेरे बदन के साथ चिपकने लगी. हम दोनों इतने पास आ गये कि उसका चेहरा मेरे चेहरे के करीब आ गया. मुझे उसकी सांसें अपने चेहरे पर महसूस होने लगीं. हमारे होंठ एक दूसरे के नजदीक थे.
मगर अचानक ही उसकी नींद खुली और उसने मेरे हाथों को अपने बदन से अलग कर दिया. वो उठ गयी और बाथरूम की तरफ जाने लगी. मैं सोने का नाटक करने लगा. कुछ देर के बाद वो आयी और दोबारा से मेरे पास आकर लेट गयी.
मैं अभी भी आंखें बंद करके लेटा हुआ था. मेरी गांड फट रही थी कि कहीं इसको मेरी हरकत का बुरा न लग गया हो. मैं ऐसे ही लेटा रहा. फिर कुछ देर के बाद उसका हाथ मेरे सीने पर आ गया. अब मेरी जान में जान आयी. मैंने सोचा कि वो सो रही है.
दोबारा से कोशिश करते हुए मैंने उसके गाऊन में हाथ डाला और अपने हाथों को उसके बूब्स तक ले गया. मेरे हाथ उसके बूब्स को छूने लगे. मेरा लंड एकदम से उछलने लगा. उसकी टाइट चूचियों को छूने से ही मेरा 6 इंच का लंड फनफना उठा.
मेरी वासना बढ़ रही थी और साथ ही हिम्मत भी. मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी चूत पर रख कर देखा. अब तो मुझसे किसी हाल में भी रहा न गया. मैंने उसकी चूत पर हाथ रख कर उसकी चूत को धीरे से सहलाना चालू कर दिया.
वैसे सभी लोग सो रहे थे, फिर भी मुझे थोड़ा सा डर लग रहा था कि किसी ने देख लिया तो मुसीबत हो जायेगी. फिर भी वासना के वश होकर मैं उसकी चूत को सहलाता रहा. कुछ देर के बाद मुझे उसकी चूत में कुछ गीला सा लगने लगा.
मौसी की लड़की की चूत से पानी बहना शुरू हो गया था. उसकी चूत चिकनी हो चली थी. नंगी चूत पर हाथ फिराते हुए मुझे इतना मजा आ रहा था कि मेरे लिए अब यहीं पर ही रुक जाना संभव नहीं था
अभी मैं किसी तरह की पहल करने से डर रहा था क्योंकि मुझे भरोसा नहीं था कि श्वेता का रिएक्शन क्या होगा. सोचते सोचते मुझे नींद आ गयी. रात को 3 बजे के करीब अचानक से मेरी आंख खुल गई.
मैंने देखा कि श्वेता ने अपने पैरों को मेरे पैरों के ऊपर रखा हुआ था. उसकी नाइट ड्रेस जोकि एक गाउन जैसी थी, नीचे से उठ कर उसकी जांघों तक आ गयी थी. उसकी कोमल जांघें देख कर मेरा खुद पर कंट्रोल करना भारी हो गया.
धीरे से मैंने अपने हाथ को उसकी कोमल जांघों पर रख दिया. जगह कम होने के कारण हम दोनों लगभग एक दूसरे के साथ सटे हुए थे. कुछ देर तक मैंने अपने हाथ को उसकी कोमल जांघ पर ऐसे ही रखा. मेरे लंड का तन कर बुरा हाल होने लगा.
अब मैंने उसके गाऊन को धीरे से ऊपर खिसका लिया. उसकी कमर तक ले गया मैं उसके गाऊन को. उसकी कमर पर हाथ ले जाकर मैंने हाथ को वहीं पर रख दिया. मैं मन ही मन खुश हो रहा था कि मैं अपनी कोशिश में कामयाब हो रहा हूं. साथ ही इस बात की खुशी भी थी कि उसकी तरफ से कोई विरोध नहीं हो रहा था.
श्वेता अब धीरे से मेरे बदन के और करीब आ गयी और मेरे बदन के साथ चिपकने लगी. हम दोनों इतने पास आ गये कि उसका चेहरा मेरे चेहरे के करीब आ गया. मुझे उसकी सांसें अपने चेहरे पर महसूस होने लगीं. हमारे होंठ एक दूसरे के नजदीक थे.
मगर अचानक ही उसकी नींद खुली और उसने मेरे हाथों को अपने बदन से अलग कर दिया. वो उठ गयी और बाथरूम की तरफ जाने लगी. मैं सोने का नाटक करने लगा. कुछ देर के बाद वो आयी और दोबारा से मेरे पास आकर लेट गयी.
मैं अभी भी आंखें बंद करके लेटा हुआ था. मेरी गांड फट रही थी कि कहीं इसको मेरी हरकत का बुरा न लग गया हो. मैं ऐसे ही लेटा रहा. फिर कुछ देर के बाद उसका हाथ मेरे सीने पर आ गया. अब मेरी जान में जान आयी. मैंने सोचा कि वो सो रही है.
दोबारा से कोशिश करते हुए मैंने उसके गाऊन में हाथ डाला और अपने हाथों को उसके बूब्स तक ले गया. मेरे हाथ उसके बूब्स को छूने लगे. मेरा लंड एकदम से उछलने लगा. उसकी टाइट चूचियों को छूने से ही मेरा 6 इंच का लंड फनफना उठा.
मेरी वासना बढ़ रही थी और साथ ही हिम्मत भी. मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी चूत पर रख कर देखा. अब तो मुझसे किसी हाल में भी रहा न गया. मैंने उसकी चूत पर हाथ रख कर उसकी चूत को धीरे से सहलाना चालू कर दिया.
वैसे सभी लोग सो रहे थे, फिर भी मुझे थोड़ा सा डर लग रहा था कि किसी ने देख लिया तो मुसीबत हो जायेगी. फिर भी वासना के वश होकर मैं उसकी चूत को सहलाता रहा. कुछ देर के बाद मुझे उसकी चूत में कुछ गीला सा लगने लगा.
मौसी की लड़की की चूत से पानी बहना शुरू हो गया था. उसकी चूत चिकनी हो चली थी. नंगी चूत पर हाथ फिराते हुए मुझे इतना मजा आ रहा था कि मेरे लिए अब यहीं पर ही रुक जाना संभव नहीं था
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.