04-12-2024, 03:12 PM
(This post was last modified: 05-12-2024, 03:09 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
शादी में मौसी की लड़की की चूत चुदाई
.
!!!!
Zएक दूर के रिश्तेदार की शादी में गया हुआ था. उस वक्त मैं कॉलेज में अपने द्वितीय वर्ष के एग्जाम देकर शादी में गया था. शादी में मेरी मौसी की लड़की भी आई हुई थी जिसका नाम था श्वेता.
श्वेता अपने कॉलेज के फर्स्ट इयर में पढ़ रही थी. उसकी उम्र 20 के करीब थी और उसकी हाइट लगभग 5’ 2″ रही होगी. मैंने उसके बदन को देखा तो वो काफी हॉट लग रही थी. उसका साइज 34-26-36 का था. शरीर का रंग गेहुंआ था मगर देखने में सेक्सी लग रही थी.
शादी वाले दिन की बात है. आपको तो पता ही है कि शादी में बहुत सारे रिश्तेदार इकट्ठा हो जाते हैं और सबको कहीं न कहीं एडजस्ट करना होता है. सब लोग रात को सोने के लिए जगह देख रहे थे. मैंने अपनी जगह छत पर देख ली थी.
गर्मियों के दिन थे और मौसम सुहावना था. मैं छत पर जाकर लेट गया. छत पर काफी रोशनी थी. कुछ देर के बाद श्वेता ऊपर आई. उसको भी कहीं पर सोने के लिए जगह नहीं मिल रही थी.
वो मुझसे आकर कहने लगी- शरद, मैं तुम्हारे पास ही सो रही हूं. मुझे कहीं और जगह नहीं दिखाई दे रही है.
मैंने कहा- ठीक है. सो जाओ.
उसके पास आते ही मेरा पप्पू राजा मेरी पैंट में मुंह उठाने लगा था.
श्वेता ने अपनी नाइट ड्रेस पहन रखी थी जो उसके बदन से बिल्कुल चिपकी हुई थी. वैसे तो हम दोनों में काफी खुले तौर पर बात हो रही थी लेकिन अभी तक इतने भी नहीं खुले थे कि बात सेक्स तक पहुंच जाये.
इससे पहले जब मैं और वो मिले थे तो मुझे मौसी की लड़की की तरफ इतना आकर्षण नहीं हुआ था. मगर आज तो मेरा मूड ऐसा कर रहा था कि उसकी चूचियों को मसल ही दूं. मेरा लंड मेरी पैंट को फाड़ने के लिए उतारू था.
एक कारण यह भी था कि इससे पहले श्वेता कभी मेरे इतने करीब नहीं आई थी. वो मेरे पास ही आकर लेट गई. कुछ देर तक हम दोनों में इधर-उधर की बातें होती रहीं. उसने बताया कि उसके कॉलेज के एग्जाम महीने भर बाद शुरू होने वाले हैं.
मैंने उससे पूछा कि तुम यहां पर क्यों सो रही हो. उसने बताया कि नीचे सब जगह हाउस फुल हो गया.
यही सवाल उसने मुझसे किया तो मैंने भी कह दिया कि जिस तरह तुम्हें जगह नहीं मिली, उसी तरह मुझे भी नीचे सोने की नहीं मिली.
वो बोली- तो एक बार दोबारा से ट्राई करते हैं. क्या पता नीचे सोने की जगह मिल जाये! यहां पर बहुत मच्छर हैं. रात को नींद नहीं आयेगी.
उसकी बात मुझे सही लगी. मैं भी उसके साथ चलने के लिए तैयार हो गया.
हम नीचे दूसरे कमरे में गये, जहां सामान भरा हुआ था. उस कमरे में थोड़ी सी जगह दिख रही थी कि एक व्यक्ति लेट सके. वहां पर कुछ फालतू गद्दे चादर वगैरा भी पड़े थे.
मैंने उससे कहा कि तुम्हारे लिये तो जगह मिल गई है. तुम तो यहाँ जमीन पर बिस्तर बिछा कर सो जाओ.
इतना बोल कर मैं जाने लगा तो वो बोली- फिर तुम कहां पर जा रहे हो?
मैंने कहा- मैं वापस छत पर चला जाता हूं. यहां पर एक ही के सोने की जगह दिखाई दे रही है.
वो बोली- अरे अब रात के 1 बज गये हैं. थोड़ी ही देर की तो बात है. मेरे साथ ही लेट जाओ. हम दोनों यहीं पर एडजस्ट कर लेंगे.
उसकी बात सुन कर मेरे मन में भी हवस सी जाग गई. सोचने लगा कि शायद किस्मत भी यही चाहती है. इसलिए मैं उसकी बात पर सहमत हो गया.
श्वेता अपने कॉलेज के फर्स्ट इयर में पढ़ रही थी. उसकी उम्र 20 के करीब थी और उसकी हाइट लगभग 5’ 2″ रही होगी. मैंने उसके बदन को देखा तो वो काफी हॉट लग रही थी. उसका साइज 34-26-36 का था. शरीर का रंग गेहुंआ था मगर देखने में सेक्सी लग रही थी.
शादी वाले दिन की बात है. आपको तो पता ही है कि शादी में बहुत सारे रिश्तेदार इकट्ठा हो जाते हैं और सबको कहीं न कहीं एडजस्ट करना होता है. सब लोग रात को सोने के लिए जगह देख रहे थे. मैंने अपनी जगह छत पर देख ली थी.
गर्मियों के दिन थे और मौसम सुहावना था. मैं छत पर जाकर लेट गया. छत पर काफी रोशनी थी. कुछ देर के बाद श्वेता ऊपर आई. उसको भी कहीं पर सोने के लिए जगह नहीं मिल रही थी.
वो मुझसे आकर कहने लगी- शरद, मैं तुम्हारे पास ही सो रही हूं. मुझे कहीं और जगह नहीं दिखाई दे रही है.
मैंने कहा- ठीक है. सो जाओ.
उसके पास आते ही मेरा पप्पू राजा मेरी पैंट में मुंह उठाने लगा था.
श्वेता ने अपनी नाइट ड्रेस पहन रखी थी जो उसके बदन से बिल्कुल चिपकी हुई थी. वैसे तो हम दोनों में काफी खुले तौर पर बात हो रही थी लेकिन अभी तक इतने भी नहीं खुले थे कि बात सेक्स तक पहुंच जाये.
इससे पहले जब मैं और वो मिले थे तो मुझे मौसी की लड़की की तरफ इतना आकर्षण नहीं हुआ था. मगर आज तो मेरा मूड ऐसा कर रहा था कि उसकी चूचियों को मसल ही दूं. मेरा लंड मेरी पैंट को फाड़ने के लिए उतारू था.
एक कारण यह भी था कि इससे पहले श्वेता कभी मेरे इतने करीब नहीं आई थी. वो मेरे पास ही आकर लेट गई. कुछ देर तक हम दोनों में इधर-उधर की बातें होती रहीं. उसने बताया कि उसके कॉलेज के एग्जाम महीने भर बाद शुरू होने वाले हैं.
मैंने उससे पूछा कि तुम यहां पर क्यों सो रही हो. उसने बताया कि नीचे सब जगह हाउस फुल हो गया.
यही सवाल उसने मुझसे किया तो मैंने भी कह दिया कि जिस तरह तुम्हें जगह नहीं मिली, उसी तरह मुझे भी नीचे सोने की नहीं मिली.
वो बोली- तो एक बार दोबारा से ट्राई करते हैं. क्या पता नीचे सोने की जगह मिल जाये! यहां पर बहुत मच्छर हैं. रात को नींद नहीं आयेगी.
उसकी बात मुझे सही लगी. मैं भी उसके साथ चलने के लिए तैयार हो गया.
हम नीचे दूसरे कमरे में गये, जहां सामान भरा हुआ था. उस कमरे में थोड़ी सी जगह दिख रही थी कि एक व्यक्ति लेट सके. वहां पर कुछ फालतू गद्दे चादर वगैरा भी पड़े थे.
मैंने उससे कहा कि तुम्हारे लिये तो जगह मिल गई है. तुम तो यहाँ जमीन पर बिस्तर बिछा कर सो जाओ.
इतना बोल कर मैं जाने लगा तो वो बोली- फिर तुम कहां पर जा रहे हो?
मैंने कहा- मैं वापस छत पर चला जाता हूं. यहां पर एक ही के सोने की जगह दिखाई दे रही है.
वो बोली- अरे अब रात के 1 बज गये हैं. थोड़ी ही देर की तो बात है. मेरे साथ ही लेट जाओ. हम दोनों यहीं पर एडजस्ट कर लेंगे.
उसकी बात सुन कर मेरे मन में भी हवस सी जाग गई. सोचने लगा कि शायद किस्मत भी यही चाहती है. इसलिए मैं उसकी बात पर सहमत हो गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.