04-12-2024, 01:09 PM
(This post was last modified: 05-12-2024, 02:49 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मुझे ऐसा लगा जैसे वो चाहती है मैं छत पे ही लेट जाऊ उसके बगल गद्दा लगा के। तो मैं बोला, “देखता हूं कहीं जगह मिले तो।“ और फिर वो रजाई ओढ़ ली। मैं नीचे गया लेकिन कही जगह न मिली तो वापस एक गद्दा और रजाई लेके ऊपर आ गया।
सब गहरी नींद में सो गए थे हम दोनों को छोड़ के।मैं टेंट के बाहर गद्दा लगाने लगा तो वो उठ के मेरे पास आई। बोली, “ठंड में बाहर क्यों लगा रहे? टेंट में लगाओ वरना बीमार हो जाओगे।“
वैसे मैं भी बस यही चाहता था मन ही मन और वही सब हो रहा था।
वो मेरा गद्दा उठा के अपने बगल लगा दी। मैं उसको थैंक्स बोला और बोला कि मैं कपड़े बदलके आता हूं। महिमा वो बोली, “ठीक है और ऊपर छत की लाइट भी ऑफ कर देना प्लीज़।“ मै कपड़े बदल के लाइट ऑफ करके ऊपर आ गया और मोबाइल की टोर्च जलाके अपनी जगह पे लेट गया।
रात काफी हो गई थी। अब वो मेरे बगल थी और मेरी समझ मे नही आ रहा था आज मैं सो भी पाऊंगा या नही। उसने बोला रजाई पतली है रात में ठंड लगने लगेगी तो मैं बोला मेरी ले लेना। वो बोली आप क्या ओढोगे।मेरे मुह से निकल गया दोनों एक साथ ओढ़ लेंगे। तो वो शरमा गई।
मेरी हिम्मत जैसे बढ़ने लगी थी मैं अपनी रजाई भी मैं उसके ऊपर डाल दिया सच मे। वो बोली थैंक्स और रजाई उठा के मेरी तरफ बढ़ा दी। मैं भी सरक के अब उसके साथ मे हो लिया।अब मैं समझ गया कि आग बदन में बराबर की लगी है। वरना इतनी जल्दी इतना कुछ नही होता।
मैं उंसके कान में बोला कि, “महिमा उस टाइम हमने तुम दोनों को ऊपर सुसु करते देखा था।” तो वो चुटकी काट ली बोली, “बेसरम कहाँ से देख लिए।“ तब मैंने पूरी बात बताई उसको वो सरमा गई कसम से। बोली, “कितने गन्दे हो आप बोल नही सकते थे तो हम लोग रुक जाते न।“
मैं बोला, “मुझे कोई प्रॉब्लम नही थी मैं क्यों बोलता।“ तो वो फिर से चिकोटी काटी। इस बार मैं हिम्मत करके उसके गाल पे चूम लिया। वो जैसे शॉक्ड रह गई बोली ये क्या किये। मैं बोला,
“सॉरी गलती से हुआ।“
2 मिनट चुप थी फिर बोली कि फिर से गलती करो। तो मैं फिर से चूम लिया। वो खुस हो गई सच मे। तब वो बोली कि कल मैं चली जाऊंगी। मैं बोला शादी तक रुक लो।बोली कि पेपर है दादी रुकेंगी हमको जाना पड़ेगा।
फिर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और चूम लिया अब वो एकदम मेरे वस में थी जैसे। मैं उंसके ओंठो पे उंगली रखा तो वो काटने लगी दांत से। मैं धीरे से गाल पे मार के हाथ अब उसके नीचे करने लगा उंसके स्तन पे जैसे ही हाथ लगा वो तेज तेज सांसे लेने लगी।
और बोली, “मत करो प्लीज़।” पर मैं दोनों स्तनों को ठीक से दबाया और उसके निप्पल को चुटकी काटा। वो ब्रा नही पहनी थी ये समझ गए हम। तो वो मचलने लगी मैं धीरे से अब हाथ उसके पेट पे ल गया वो मेरा हाथ पकड़ ली। पर मैं नही रुका हमसे नही रुका गया क्या करते।
मैं पेट को सहलाते सहलाते एक झटके में अचानक से हाथ को उसकी चूत पे रख दिया।बता नही सकते दोस्तों कपड़े के ऊपर से ही कितना सॉफ्ट लगा। वो जोर जोर से सांसे लेने लगी। मुझे लगा कोई जाग न जाये तो उसके मुह को दबा दिया। वो समझ गई तो अब शांत हो गई।
करीब 5 मिनट तक ऐसे ही ऊपर से सहलाते सहलाते मैं अब अचानक से उंसके सलवार में हाथ डालने लगा। वो मुझे रोक नही पाई।अब मेरे हाथ उसकी फूली हुई चूत को जो कि एकदम गर्म हो गई थी ,फील करने लगे।
सब गहरी नींद में सो गए थे हम दोनों को छोड़ के।मैं टेंट के बाहर गद्दा लगाने लगा तो वो उठ के मेरे पास आई। बोली, “ठंड में बाहर क्यों लगा रहे? टेंट में लगाओ वरना बीमार हो जाओगे।“
वैसे मैं भी बस यही चाहता था मन ही मन और वही सब हो रहा था।
वो मेरा गद्दा उठा के अपने बगल लगा दी। मैं उसको थैंक्स बोला और बोला कि मैं कपड़े बदलके आता हूं। महिमा वो बोली, “ठीक है और ऊपर छत की लाइट भी ऑफ कर देना प्लीज़।“ मै कपड़े बदल के लाइट ऑफ करके ऊपर आ गया और मोबाइल की टोर्च जलाके अपनी जगह पे लेट गया।
रात काफी हो गई थी। अब वो मेरे बगल थी और मेरी समझ मे नही आ रहा था आज मैं सो भी पाऊंगा या नही। उसने बोला रजाई पतली है रात में ठंड लगने लगेगी तो मैं बोला मेरी ले लेना। वो बोली आप क्या ओढोगे।मेरे मुह से निकल गया दोनों एक साथ ओढ़ लेंगे। तो वो शरमा गई।
मेरी हिम्मत जैसे बढ़ने लगी थी मैं अपनी रजाई भी मैं उसके ऊपर डाल दिया सच मे। वो बोली थैंक्स और रजाई उठा के मेरी तरफ बढ़ा दी। मैं भी सरक के अब उसके साथ मे हो लिया।अब मैं समझ गया कि आग बदन में बराबर की लगी है। वरना इतनी जल्दी इतना कुछ नही होता।
मैं उंसके कान में बोला कि, “महिमा उस टाइम हमने तुम दोनों को ऊपर सुसु करते देखा था।” तो वो चुटकी काट ली बोली, “बेसरम कहाँ से देख लिए।“ तब मैंने पूरी बात बताई उसको वो सरमा गई कसम से। बोली, “कितने गन्दे हो आप बोल नही सकते थे तो हम लोग रुक जाते न।“
मैं बोला, “मुझे कोई प्रॉब्लम नही थी मैं क्यों बोलता।“ तो वो फिर से चिकोटी काटी। इस बार मैं हिम्मत करके उसके गाल पे चूम लिया। वो जैसे शॉक्ड रह गई बोली ये क्या किये। मैं बोला,
“सॉरी गलती से हुआ।“
2 मिनट चुप थी फिर बोली कि फिर से गलती करो। तो मैं फिर से चूम लिया। वो खुस हो गई सच मे। तब वो बोली कि कल मैं चली जाऊंगी। मैं बोला शादी तक रुक लो।बोली कि पेपर है दादी रुकेंगी हमको जाना पड़ेगा।
फिर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और चूम लिया अब वो एकदम मेरे वस में थी जैसे। मैं उंसके ओंठो पे उंगली रखा तो वो काटने लगी दांत से। मैं धीरे से गाल पे मार के हाथ अब उसके नीचे करने लगा उंसके स्तन पे जैसे ही हाथ लगा वो तेज तेज सांसे लेने लगी।
और बोली, “मत करो प्लीज़।” पर मैं दोनों स्तनों को ठीक से दबाया और उसके निप्पल को चुटकी काटा। वो ब्रा नही पहनी थी ये समझ गए हम। तो वो मचलने लगी मैं धीरे से अब हाथ उसके पेट पे ल गया वो मेरा हाथ पकड़ ली। पर मैं नही रुका हमसे नही रुका गया क्या करते।
मैं पेट को सहलाते सहलाते एक झटके में अचानक से हाथ को उसकी चूत पे रख दिया।बता नही सकते दोस्तों कपड़े के ऊपर से ही कितना सॉफ्ट लगा। वो जोर जोर से सांसे लेने लगी। मुझे लगा कोई जाग न जाये तो उसके मुह को दबा दिया। वो समझ गई तो अब शांत हो गई।
करीब 5 मिनट तक ऐसे ही ऊपर से सहलाते सहलाते मैं अब अचानक से उंसके सलवार में हाथ डालने लगा। वो मुझे रोक नही पाई।अब मेरे हाथ उसकी फूली हुई चूत को जो कि एकदम गर्म हो गई थी ,फील करने लगे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.