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Misc. Erotica द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism}
अध्याय - 2



अपडेट  - 18


राज अपने पिता के साथ गाड़ी से नीचे उतरता है और अपना सारा सामान भी साथ ले आता है। गिरधारी घर के दरवाजे की बेल बजाता है। बेल बजने के कुछ ही समय बाद सरिता दरवाजा खोल कर गिरधारी और राज का स्वागत करती है।




राज भी घर आकर और अपनी माँ सरिता से मिलकर खुश था। तभी अंदर से सोनिया और रानी भी दरवाजे के पास आकर खड़ी हो जाती है। 


गिरधारी: लो लाड़साहब को ले आया हूँ । अपनी नानी के आंचल मैं छिपा बैठा था। राज अपने पापा की ऐसी बात सुन कर थोड़ा सा नाराज हो जाता है। वो पहले से ही उदास था क्योंकि उसे बिना अपने दोस्तों से मिले ही लौटना पड़ा। राज पेर पटकता हुआ अपने कमरे में चला जाता है।


राज के घर के अंदर जाते ही सरिता गिरधारी की तरफ आंख निकाल कर डांटती है। और घूम कर किचन की तरफ चली जाती है। वहीं रानी और सोनिया दोनो एक दूसरे को ताली देते हुए हंसने लगती है। तभी गिरधारी उन दोनो की तरफ सीरियस देखता है तो रानी और सोनिया दोनो सीरियस हो जाते है । तभी तीनों एक दूसरे की आंखों में झांक कर देखते है और फिर हँसने लग जातें है। तभी रानी अपने होंठों पर उंगली रख कर उन्हें शांत होने का इशारा करती है जिसे देख कर सब धीमे धीमे हँसने लगते है।


करीब 15 मिनट बाद राज की माँ सरिता राज को खाने के लिए आवाज देती है। राज अपने बाथरूम में था। राज अपना हाथ मुह धो कर बाहर आने ही वाला था कि राज को पेशाब लगने लगता है। जिसके लिए वो वापस से बाथरूम में चल जाता है। ठीक उसी वक़्त सरिता राज को आवाज देती है। लेकिन वो आवाज इतनी मध्यम थी कि राज को सुनाई ही नही दी।


राज अपने कपड़े बदल कर शार्ट और टी-शर्ट पहन चुका था। राज पेशाब करने के लिए जैसे ही अपना शार्ट नीचे करता है राज चोंक जाता है। उसका लन्ड पिछले कई दिनों से ज्यादा बड़ा लग रहा था। और मोटा भी अच्छा खासा था।




यहाँ तक कि उसका लन्ड खड़ा ना भी हो तो हमेशा ऐसा दिखता था जैसे सेमी इरेक्ट (हल्का कड़ा) हो। राज उसे जैसे ही हाथ मे लेता है राज के पूरे बदन में झुरझुरी दौड़ जाती है। 


राज के सुपडे में भयंकर दर्द हो रहा था और वो हल्का हल्का सूजा हुआ भी था। फिर राज को वो लम्हा याद आता है जब वो लता के साथ सेक्स कर रहा था। 




राज के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान आ जाती है। फिर राज अपने लन्ड को कमोड की तरफ करके पेशाब करने लगता है। पेशाब करते करते राज को बार बार लता और सेक्स याद आ रहा था। राज आंखें बंद करके वो लम्हा याद कर रहा था जब उसने लता के साथ सेक्स किया था। राज अभी पेशाब करने के बाद अपने लन्ड को आगे पीछे करके पेशाब की आखिरी बून्द भी बाहर निकाल रहा था और लता को याद करके मुस्कुरा ही रह था की अचानक से उसके ख्वाबों में लता की जगह रानी आ जाती है। 




राज को अब लग रहा था कि वो लता की नही रानी की चुदाई कर रहा है। राज का लन्ड धीरे धीरे कड़ा होने लगता है। तभी राज को ख्याल आता है कि वो ये क्या सोच रहा है राज झटके से अपना लन्ड छोड़ देता है। लेकिन अब तक काफ़ि देर हो चुकी थी। राज का लन्ड एक दम कड़ा हो चुका था। राज अपने लन्ड को देख कर मन ही मन गाली देता है " साले हराम खोर" और लन्ड को अपने दाहिने हाथ की चारों उंगलियों से हल्के से झापड़ लगाता है कि राज को बुरी तरह से लन्ड मैं दर्द होने लगता है। 


राज वही बाथरूम में बैठ जाता है। बड़ी मुश्किल से राज अपना लन्ड शार्ट मैं डाल कर अपना शार्ट ऊपर कर पाता है। अभी 1मिनट भी नहीं गुजरा था कि गिरधारी राज के बाथरूम के दरवाजे के पास आकर जोर से बाथरूम का दरवाजा पिटता है और राज से बोलता है.....


गिरधारी: अरे लाड़साहब जल्दी बाहर आ कर खाना खाले ये तेरी नानी का घर नहीं है मेरा है। 2 मिनट में नीचे आजा नहीं तोssss...... समझ गया ना।


राज: जsssss पा...पा आता हूँ । (दर्द में कराहते हुए)


गिरधारी राज की कराहट ना तो सुनता है ना ही समझता है। क्योंकि गिरधारी का ध्यान राज की बात पर था ही नहीं। गिरधारी अपनी बात खत्म करके तुरंत वहां से निकल गया था।


बड़ी मुश्किल से राज अपने आप को संभाल पाता है । राज आराम से बाहर निकल कर जैसे ही सीढ़ियों की तरफ बढ़ता है कि लाइट चली जाती है। लाइट के जाते ही गिरधारी.....


गिरधारी: लो पहले तो ये नहीं था अब लाइट नहीं है। आजा अब ओर धीरे धीरे आना। तभी सरिता अपने मोबाइल से टोर्च जला कर राज को रास्ता दिखाती है और उसे खाने की टेबल पर बैठने को बोलती है। 


राज जैसे ही टेबल पर बैठता है तुरंत लाइट आ जाती है। और राज के सर पर जोर से चमकीले कागज बरसने लगते है। उसके सर पर एक बलून लगा हुआ था बड़ा सा वो भी फट जाता है और उसमें से बहुत सारी चॉकलेट निकल कर आसपास के आंगन में बिखर जाती है।





राज को कुछ समझ ही नही आ रहा था कि क्या हो रहा है। राज तो ऊपर और आज बाजू जो कुछ घट रहा था उसे देख कर ही शॉक था। 



तभी रानी सोनिया और गिरधारी और सरिता की मिली जुली एक सुर मैं आवाज आती है। हैप्पी बर्थ डे टू यू, हैप्पी बर्थ डे टू यू, हैप्पी बर्थ डे डिअर राज , हैप्पी बर्थ डे टू यू।


अब राज को समझ आया कि आज तो 21 जुलाई है। और आज उसका जन्म दिन है। राज जब सामने टेबल पर नज़र डालते है तो सामने एक केक रखा था। 



राज सरिता और गिरधारी के साथ मिलकर केक काटता है। बारी बारी से राज सरिता, गिरधारी और सोनिया को केक खिलाता है। और फिर जब केक खाने की बारी रानी की आती है तो राज बैचैन हो जाता है। एक अजीब सा डर उसके मन मे उठने लगता है। राज डरते डरते रानी को केक खिलता है। जैसे ही केक खाते वक़्त रानी के मुह में राज की उंगली आती है। राज बैचैन हो जाता है । राज से ज्यादा राज का लन्ड बैचैन हो जाता है और वो एक दम कड़ा हो कर राज के पेंट मैं से पोक कर रहा था।


राज जल्दी से केक खिला कर टेबल पर बैठ जाता है । राज के बैठते ही सोनिया और रानी राज के साथ कुछ सेल्फ़ी फ़ोटो लेती है और तुरंत अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अपलोड कर देती है। कुछ फोटोज उस वक़्त की भी थी जो सोनिया ने निकाल ली जब राज ने केक काटा और खिलाया था। 


रानी और सोनिया की ये फोटोज़ किसी का दिल जला रही थी तो किसी के दिल में बदले की आग लगा रही थी। कोई था जो रानी और सोनिया की इस खुशी से ना खुश था।


सब लोग खाना खा कर अपने अपने रूम में चले जाते है। रूम में जाने से पहले गिरधारी अपने आज के व्यवहार के लिए राज से माफी मांगता है। लेकिन राज बहुत खुश था अपने इस सरप्राइज को लेकर तो उसने अपने पाप से माफी मांगी उन्हें गलत समझने के लिए।


तभी राज को ख्याल आता है कि वो आईना...... 12 बजे बाद फिर से कुछ देना पड़ेगा। राज जल्दी से गिरधारी और सरिता को गुड़ नाईट विश करके अपने कमरे में जाने लगता है। राज जैसे ही कमरे में जाने के लिए मुड़ता है है रानी और सोनिया राज के पास आ जाती है।


राज: गुड नाईट दी! (अपनी दोनों बहनों की तरफ देख कर राज बोलता है।


रानी: क्यों तुझे आजकल डर नहीं लगता क्या जो अकेला सोयेगा। गांव जाने से पहले तक तो मेरे साथ सोता था।


राज: नहीं दी ऐसी कोई बात नहीं है।


रानी: तक फिर क्यों बकवास कर रहा है इतनी चल आजा। 


(रानी जबरदस्ती राज का हाथ पकड़ कर अपने कमरे की और जाने के लिए मुड़ती है कि राज तुरंत अपना हाथ छुड़ा कर अपने कमरे की और जल्दी से बढ़ जाता है। तभी बीच में सोनिया आ जाती है। 


सोनिया: क्या हुआ बचू कहाँ चले?


राज: दी मुझे नींद नहीं आ रही। आप लोगो के साथ रहूंगा तो आप लोग भी डिस्टर्ब होंगे।


रानी: तुझे किसने कहा हम सो रहे है?


( रानी इतना बोल कर राज को आंख मार देती है।)



सोनिया और रानी दोनो राज का एक-एक हाथ पकड़ कर रानी के कमरे में ले जाती है। रानी और सोनिया दोनो ने अपना एक कॉमन रूम बना लिया था।


रूम में डबल बेड लगा हुआ था। ये बेड बोलने को तो डबल था लेकिन वास्तविकता में 4 लोग भी इस बेड पर आराम सो सकते है। रानी और सोनिया राज को बीच में सुला कर इधर उधर की बातें करती रहती है।


इस दौरान राज का पूरा ध्यान उस आईने की तरफ ही था। राज का ध्यान बिल्कुल भी रानी और सोनिया की बातों की तरफ नही था। रानी और सोनिया को राज से बातें करते करते काफी समय गुजर चुका था।


तभी हॉल में लगी घड़ी रात के 12 बजने का घंटा बोल पड़ता है। जिसे सुनकर राज को सोनिया और रानी पर इतना गुस्सा नही आया जितना घड़ी पर आ रहा था।तभी रानी अचानक से एक और बम राज पर फोड़ती है।


रानी: राज कल तुम हमारे साथ कॉलेज चलेगा। 


राज: क्यों???? (चोंकते हुए)


रानी: अरे बाबा कॉलेज में कल वैसे कुछ क्लास वगैरा नही है। लेकिन जब तू गांव था तब हमारे कॉलेज की सभी लड़कियों ने अपने अपने भाइयों से अपनी फ्रेंड्स को इंट्रोड्यूस करवाया था। अब हमारी बारी है। 


राज: लेकिन दी....


सोनिया: एक दिन मैं क्या हो जाएगा। चल ना!


राज दोनो बहनो के मूड को खराब नही करना चाहता था इस लिए चुप चाप हाँ बोल देता है।


राज रानी और सोनिया के साथ सोने के लिए बिस्तर पर लेट जाता है। रानी और सोनिया दोनो अपनी आंखें बंद कर के लेट जाती है। राज उन दोनों के बीच मे सो रहा था। राज के मन मे इस वक़्त रानी या सोनिया दोनो में से किसी के लिए भी कोई भी ऐसा वैसा विचार नहीं था। फिलहाल तो नही। 


राज केवल उस आईने के बारे में सोच रहा था। राज सोच रहा था की कैसे इस आईने की हक़ीक़त का मालूम हो। मेरी पसंदीदा एक ड्रेस भेंट चढ़ा ने के बाद भी में इसे ठीक से इस्तेमाल नहीं कर सका। अगर आज दीदी नही रोकती मुझे तो शायद में सब कुछ मालूम कर लेता।


तभी राज के मन मे एक ख्याल आता है कॉलेज। हाँ मेरा कॉलेज है। अगर मैं घर पर कुछ नही कर सकता तो कॉलेज में कर सकता हूँ। लेकिन कॉलेज में आईने से बात करना............. नहीं नहीं लड़के लड़कियां मुझे पागल समझेंगे।


ये सब विचार करते करते अचानक ही राज के मन में उस लड़की की बात आती है जो उसने नदी में कही थी " अपने नाना जी की किताब पढ़ो" मतलब मेरे सवालों के जवाब आईने ना भी दे सके तो उन किताबों में मेरे सवालों का जवाब होगा। ओह सिट मैंने तो ये सोचा ही नहीं। 


राज एक नज़र रानी और सोनिया की तरफ देख कर धीरे से बेड से उठने की कोशिश करता है लेकिन जैसे ही उठता है राज वापस लेट जाता है। क्योंकि राज ने ये ध्यान नहीं दिया कि सोते वाट सोनिया राज का हाथ अपने सर के नीचे लगा कर सो गई थी।


राज में ही मन सोचता है के अब क्या करूँ। सोचा रात में पढलूँगा लेकिन... कोई बात नही आज आज की ही तो बात है कल से पढ़ाई करूँगा अपने कमरे में तो कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा। हैं ये सही रहेगा। और कॉलेज में भी मैं किताबें पढ़ सकता हूँ । अरे हाँ में तो भूल ही गया था कि कॉलेज में लाइब्रेरी भी होती है। मुझे वह भी किताबें पढ़ने से कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा। लेकिन वहां इतनी अजीब से किताबें कैसे पढ़ सकता हूँ। किसी ने देख लिया और कुछ पूछ लिया तो क्या कहूंगा।इसी तरह के विचार करते करते राज को भी नींद आ जाती है। 






सुबह 6 बजे सबसे पहले सरिता और गिरधारी उठ कर फ्रेश हो जाते है और अपने अपने काम मे लग जाते है। सरिता किचन में और राज बैडरूम में तैयार होने लगता है । थोड़ी ही देर में रानी की आंख खुलती है। रानी बिस्तर से उठ कर फ्रेश होने चली जाती है।


जब रानी लौट कर आती है तो देखती है सोनिया भी उठ गई है। रानी जैसे ही बाहर आती है सोनिया रानी की तरफ देख कर गुड़ मोर्निंग वीश करती है। रानी गुड़ मोर्निंग बोल कर राज को उठाती है। राज को बार बार उठाने पर राज अखिर उठ जाता है।


रानी: राज आमने रूम में जाओ फ्रेश हो कर तैयार हो जाओ। अपने को कॉलेज भी चलना है भूलना मत। और मुझे भी तैयार होना है। चल अब जल्दी जा। 


राज अपनी आंखें मलता हुआ अपने रूम में चला जाता है।राज अपने रूम में आते ही ऐसा हो जाता है जैसे उसे नींद आना तो दूर वो सालों तक सोये ही नहीं। वो एनरजेटिक हो जाता है। राज तुरंत अपने एक बैग में कुछ अपने नाना की किताबें और वो आईना और कुछ सामान डाल कर रख देता है। उसके बाद राज फ्रेश होकर तैयार हो जाता है और नीचे आ जाता है।


नीचे रानी और सोनिया पहले से बैठी थी। वहीं सरिता और गिरधारी भी नीचे ही थे। गिरधारी अखबार पढ़ रहा था। जैसे ही राज नीचे आता है। सरिता, रानी और सोनिया और राज के लिए दूध ले आती है और साथ मे थोड़ा बहुत नाश्ता ।





नाश्ता करने के बाद रानी , सरिता और गिरधारी को बताती है कि राज उसके साथ उसके कॉलेज जा रहा है। गिरधारी और सरिता दोनो इस बात पर मुस्कुरा कर ठीक है का साइन दे देते है।


थोड़ी देर में नाश्ता करके गिरधारी अपने आफिस को निकल जाता है और राज, रानी और सोनिया के साथ उनके कॉलेज। वहीं सरिता भी नाश्ता करके घर को ताला लगाती है और अपने क्लिनिक के लिए निकल जाती है।


रानी और सोनिया के पास कार थी तो कार में तीनों भाई बहन कॉलेज के लिए निकल गए थे। रास्ते में तीनों के बीचक कोई खास बात चीत नहीं हुई। करीब 30 मिनट में रानी कॉलेज के साइड में पार्किंग में अपनी कार पार्क कर देती है। कार पार्क करते ही कॉलेज के गेट से कुछ लड़कियां बाहर निकलती है और सीधे रानी की कार की तरफ निकल बढ़ जाती है। शायद उन्होंने रानी की कार को पहले ही पहचान लिया होगा।





रानी और सोनिया अभी कार से अपने पर्स और बेग वगैरा ले ही रही थी। रानी अपनी गाड़ी का गेट खोल कर झुकी हुई थी जिसे उसकी गांड की शेप उसकी टाइट लेग्गिंगस से साफ झलक रही थी जिसे कोई और देख कर कुछ विचार कर रहा था।





ये वही शख्स है जो कल रानी के सोशल मीडिया पर पिक्स देख कर जल भून रहा था। खेर रानी अपना सामान निकाल ही रही थी कि सभी लड़कियां रानी का वेलकम करते हुए उसके गले मिल रही थी तभी एक लड़की की नज़र कार में गयी तो उसे पता चला कि रानी अकेली नही आई बल्कि कोई और भी है उसके साथ। 


वो लड़की पहले तो सोनिया के गले मिलती है फिर रानी के गले लगती है। रानी के गले लगते हुए वो रानी से कान में पूछती है " हे ये हैंडसम कोन है?"






रानी अपनी दोस्त के ऐसे सवाल पर उसके कंधे पर मारते हुए बोलते है " हट पगली देखे जहां शुरू हो जाती है, ये मेरा छोटा भाई है राज"


तभी वो लड़की थोड़ा जोर से अनाउंस करते हुए बोलती है " हे गर्ल्स लुक हु कम विद रानी एंड सोनिया, थिस हैंडसम बॉय इस हर ब्रॉदर,"


सभी लड़कियां राज की तरफ देखती है। तभी कुछ सीनियर लड़कियां भी उधर आती है जिन्हें देख कर सभी लड़कियां चुप हो जाती है और चुप चाप उन्हें रास्ता दे देती है ताकि वो रानी तक आसानी से पहुंच जाए।

सीनियर लड़कियों में तकरीबन 8-10 लड़कियां थी।(मैं केवल उन्हीं लड़कियों के बारे में बताऊंगा जो इस कहानी में अपना रोल प्ले करेंगी ताकि कंफ्यूजन ना हो) उन लड़कियों की भी एक हेड गर्ल थी। उसका नाम था चंचल। और उन्हीं लड़कियों के साथ एक लड़की और भी थी जिसका नाम है प्रिया। 





चंचल: हेलो सोनिया , हाई रानी, हाऊ आर यू?।




रानी: हेलो मेम(दोनों बहनें एक साथ)


चंचल: तो आज तुम अकेली नहीं हो? कौन है स्मार्ट गाए ? (राज की तरफ इशारा करते हुए) 





(अब तक राज भी कार से उतर चुका था राज सबको हाई हेलो कर रहा था।)


रानी: ये मेरा छोटा भाई है। (प्रिया की तरफ देखते हुए) पिछली बार जब मेरी सभी क्लास मेट्स अपने भाइयों का इंट्रोडक्शन करवा रही थी तब किसी ने मेरे भाई को चूजा बोल कर मेरा और मेरी बहन का मज़ाक बनाया था तो सोचा एक बार सबको मिलवा ही दूँ।


चंचल : ( राज से हाथ मिलाते हुए) वेलकम राज, तुम्हारा स्वागत है एस एम एस मेडिकल कॉलेज में।


राज: थैंक यू मेम


रानी: राज ये चंचल है हमारी सीनियर , 


और ये है प्रिया मेरी क्लास मेट्स, 




और ये है सुहानी, निकिता, आँचल, प्रीति, स्नेहा, साक्षी, श्रुति, योगिता। प्रिया को छोड़ सब हमारी सीनियर्स है।


सोनिया: और ये है हमारी क्लास मेट्स आरोही, ऋषिका, ऋतु, सुहानी, दिव्या, आकांक्षा, और रोहिणी।


राज सभी को हाई हेलो बोलता है।


प्रिया: ई एम सॉरी रानी! 


रानी : चोंकते हुए( किस बात के लिए)


प्रिया: उस दिन जो कुछ भी हुआ वो मेरे गुस्से और नासमझी से हुआ उस के लिए।


रानी: (प्रिया के कंधे पर हाथ रखते हुए) जस्ट चिल यार। मैंने कोई बुरा नही माना।


प्रिया: पक्का ना


रानी: हाँ पक्का


प्रिया: तो फिर में आज राज के साथ रहूंगी। तुम और सोनिया और बाकी फ्रेंड्स पार्टी एन्जॉय करो।


रानी: व्हाट?????? लेकिन


प्रिया: लेकिन वेकिन कुछ नही अगर तुम मेरी ये बात नही मानी तो में समझूँगी की तुमने मुझे दिल से माफ नही किया।


रानी: इट्स ओके बाबा , लेकिन इसे संभालना इतना आसान नही है।


प्रिया: (मुस्कुराते हुए राज की तरफ देखती है) इसे तो मैं झेल लुंगी लेकिन क्या ये मुझे झेल लेगा।


रानी: (हंसते हुए) हाँ ये बात भी सही है। ठीक है मैं और सोनिया 1 घंटे में वापस आते है तब तक तुम राज के साथ रहो। (राज की तरफ देखते हुए) राज तुम्हे चलेगा ना।


राज: (कुछ देर सोचते हुए) हाँ आपके फ्रेंड्स मेरे भी फ्रेंड्स है सो आई विल बी फाइन विद हर।


रानी: ओक हेव फन, ( रानी , सोनिया और बाकी फ्रेंड्स पार्टी के लिए निकल जाती है)


रानी और सोनिया के जाते ही प्रिया चंचल की तरफ देखती है। और कुछ इशारा करती है।


चंचल: राज तुम मेरे साथ चलो, प्रिया तुम भी पार्टी एन्जॉय करो! ( चंचल राज का हाथ पकड़ कर कॉलेज में अंदर एक रूम में ले जाती है)


प्रिया भी पार्टी में जाने की बजाय उसी रूम में आ जाती है। 


प्रिया और राज एक दूसरे को देख कर स्माइल करते है। तभी चंचल के पास एक और लड़की आ जाती है जिसके हाथ मे एक इंच टेप था। उसका नाम प्रीति था। 





ये राज को तब पता चल गया था जब रानी ने इंट्रोड़क्श करवाया था।


चंचल: (इंचटेप लेते हुए) थैंक यू प्रीति


चंचल: (चलते हुए राज के पास आती है और ) हे हीरो चलो अब अपनी पेंट उतारो।


राजअचानक से चोंक जाता है) क्या???????


चंचल: सुनाई नहीं देता क्या? चल पेंट उतार।


राज: आप पागल है क्या? आप ऐसे कैसे बात कर रही है? और आपने सोच भी कैसे लिया कि मैं ऐसा करूँगा?


प्रिया: राज जो ये बोल रही है चुप चाप कर लो। वरना ये लोग तुम्हारी बहनों को पूरे साल परेशान करेंगी। रानी ने मेरे साथ भी ऐसा ही किया था।


राज: क्या बकवास कर रही हो आप?
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html

Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
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RE: द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism} - by Rocksanna999 - 27-06-2019, 09:17 AM



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